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March 19, 2024

Kumaon University-Administration : कुमाऊं विवि में बाहरी विषय विशेषज्ञों के लिये नया निदेशालय, प्रो. तिवारी बने पहले निदेशक…

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Kumaon University-Administration

Jaiv Vividhta

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 नवंबर 2023 (Kumaon University-Administration) कुमाऊं विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को बाहरी विषय विशेषज्ञों की सेवायें देने एवं शोध को बढावा देने के लिए कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने नया विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय बनाया है और प्रो. ललित तिवारी को इसका पहला निदेशक नियुक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि प्रो. तिवारी कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर में वनस्पति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर हैं। इससे पहले वह कुमाऊं विवि के शोध एवं प्रसार निदेशक, ओएसडी यानी ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी, एनएसएस यानी राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक, आईपीआर सेल व एंटी ड्रग सेल के समन्वयक, उप परीक्षा नियंत्रक के साथ सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा एलुमनी सेल के महासचिव रह चुके है।

उन्हें वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री के हाथों बेस्ट डायरेक्टर पुरुस्कार, 2020 में टीचर ऑफ द इयर अवार्ड के साथ उत्तराखंड रत्न पुरुस्कार मिल चुके हैं साथ ही वह राष्ट्रीय सेवा योजना में दो बार उत्तराखंड के राज्यपाल से सम्मानित किए जा चुके है तथा लिन्नियन सोसायटी लंदन, इंडियन बोटेनिकल सोसायटी के फेलो भी है। 

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यह भी पढ़ें : Kumaon University-Administration : बलिदानी मेजर राजेश अधिकारी के नाम से जाना जायेगा कुमाऊं विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय, राज्यपाल ने वर्चुअल माध्यम से किया नामांकरण

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवंबर 2023। कुमाऊं विश्वविद्यालय (Kumaon University-Administration) नैनीताल के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम महावीर चक्र विजेता बलिदानी मेजर राजेश अधिकारी के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने राजभवन देहरादून से इसका वर्चुअली शुभारंभ किया।

(Kumaon University-Administration) RememberingOurHeroes : 30 मई 1999 कारगिल युद्ध के महावीर मेजर राजेश सिंह  अधिकारी की शौर्यगाथा - Jammu Kashmir Now | The facts and information about  J&Kअपने वर्चुअल संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष एवं गर्व का विषय है कि राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कुमाऊँ विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई करने वाले स्वर्गीय मेजर राजेश अधिकारी के नाम पर केंद्रीय पुस्तकालय का नाम रखे जाने के ऐतिहासिक पलों के हम सभी साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि हम सभी शहीद मेजर राजेश अधिकारी के देश प्रेम से ओत-प्रोत जीवन से प्रेरणा लेते हुए देश की एकता व अखंडता को कायम रखने में अपना अधिकाधिक योगदान देंगे।

बलिदानी मेजर राजेश अधिकारी के नाम से जाना जायेगा कुमाऊं विश्वविद्यालय का केंद्रीय  पुस्तकालय - हिन्दुस्थान समाचारराज्यपाल ने माँ भारती के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले कारगिल के बलिदानी मेजर राजेश अधिकारी के बलिदान को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम और इस पुनीत सोच के लिए कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति और पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि यह कुमाऊँ विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि मेजर राजेश अधिकारी ने अपनी कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल से की थी।

राज्यपाल ने कहा कि कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान उत्तराखंड के 75 जांबाजों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। इनमें शामिल नैनीताल के मेजर राजेश अधिकारी की वीरता की कहानी सुनकर सभी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

राजेश अधिकारी ने जहाँ खुद गोली से छलनी होकर भी दुश्मनों के बंकर तबाह कर दिए थे वहीं अदम्य साहस से प्वाइंट 4590 पर कब्जा कर बलिदान दिया। मेजर राजेश अधिकारी को असाधारण वीरता एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया जो पूरे उत्तराखण्ड के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि आज के दिन हम देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले अपने जांबाज सैनिकों के बलिदान को कभी न भूलने की प्रतिज्ञा करें। कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सभी अमर बलिदानियों के साथ-साथ बलिदानी मेजर राजेश अधिकारी को पुनः नमन करते हुए वह विश्वास व्यक्त करते हैं कि देश के शहीद वीर जवानों का शौर्य और अदम्य साहस सभी युवाओं को अपने राष्ट्र के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता रहेगा।

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यह भी पढ़ें : Kumaon University-Administration : कुमाऊँ विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो. रावत ने संभाला कार्यभार..

नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जुलाई 2023। (Kumaon University-Administration) प्रो. दीवान सिंह रावत के शुक्रवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के नये कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस अवसर पर कूटा यानी कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने नवनियुक्त कुलपति का पुष्पगुच्छ भेंटकर तथा शॉल पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर मिष्ठान्न भी वितरण किया गया।

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नैनीताल: कुमाऊँ विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रो. रावत का अभिनंदन करते कूटा के पदाधिकारी।

इसके साथ ही कूटा ने निवर्तमान कुलपति प्रो. आरएस चौहान को भी पुष्पगुच्छ भेंटकर तथा शॉल ओढ़ाकर कर विदाई दी और प्रो.चौहान के उनके छोटे से कार्यकारी कार्यकाल में किए गए कार्यों की प्रशंसा की। कूटा की ओर से कुलपति से मिलने वालों में अध्यक्ष प्रो.ललित तिवारी, उपाध्यक्ष, डॉ. दीपक कुमार, महासचिव डॉ.विजय कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ.दीपिका गोस्वामी, डॉ. उमंग, डॉ.सीमा चौहान, डॉ.दीपाक्षी जोशी, डॉ.उमंग सैनी, प्रो. अनिल बिष्ट, डॉ. पैनी जोशी व डॉ. ललित मोहन इत्यादि शामिल रहे।

इसके अलावा कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के एलुमनी सेल तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र नेताओं ने भी नवागत कुलपति प्रो. रावत का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : Kumaon University-Administration : कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर हुई नियुक्ति, लगातार दूसरी बार कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र व कुमाऊं मंडल निवासी बनेंगे कुलपति

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जुलाई 2023। (Kumaon University-Administration) दिल्ली विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान के वरिष्ठ प्रोफेसर दीवान रावत कुमाऊं विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे। उत्तराखंड के राज्यपाल व कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सेवानिवृत्त ले. जनरल गुरमीत सिंह की ओर से बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं।

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प्रोफेसर दीवान रावत कुमाऊं विश्वविद्यालय के नए कुलपति

प्रो. रावत उत्तराखंड के ही कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं तथा बागेश्वर जनपद के मूल निवासी हैं। यह लगातार दूसरी बार होगा कि प्रो. एनके जोशी के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं कुमाऊं मंडल निवासी ही कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति बनने जा रहे हैं।

प्रो. रावत की नियुक्ति पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कूटा के अध्यक्ष प्रो.ललित तिवारी, डॉ.नीलू लोधियाल उपाध्यक्ष, डॉ.दीपक कुमार, डॉ.विजय कुमार महासचिव, डॉ.संतोष कुमार उपसचिव, डॉ.दीपिका गोस्वामी, डॉ.सीमा चौहान, डॉ.दीपाक्षी जोशी, डॉ.उमंग सैनी, डॉ.अनिल बिष्ट डॉ.पैनी जोशी, डॉ.दीपिका पंत, डॉ.रितेश साह, डॉ.नागेंद्र शर्मा व डॉ.युगल जोशी सहित समस्त पदाधिकारियों एवं उनके विद्यालय रहे नगर के भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के पूर्व छात्र संगठन के अध्यक्ष डॉ. मनोज बिष्ट सहित अनेकों लोगों ने उन्हें बधाई दी है।

पूर्ण पारदर्शिता से ऐसे हुआ चयन
राजभवन की ओर से बताया गया है कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति पद हेतु शासन द्वारा गठित सर्च कमेटी को 114 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से सर्च कमेटी ने 5 नामों की संस्तुति की थी। राजभवन में सर्च कमेटी द्वारा संस्तुत किए गए पांचों अभ्यर्थियों से राज्यपाल ने अलग-अगल उनके विश्वविद्यालय से संबंधित दृष्टिकोण, रणनीति और विचारों के संबंध में वार्तालाप किया और वार्तालाप के उपरांत प्रो. दीवान सिंह रावत को कुलपति पद हेतु चयनित किया। संपूर्ण प्रक्रिया की पारदर्शिता और शुचिता सुनिश्चित करने के लिए वार्तालाप की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है।

उपलब्धियों की लंबी शृंखला 

उल्लेखनीय है कि प्रो. रावत ने 1993 में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान एवं योग्यता प्रमाण पत्र के साथ एमएससी की डिग्री और 1998 में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ से औषधीय रसायन विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। आगे उन्होंने फार्मास्युटिकल उद्योग में दो साल काम करने के उपरांत इंडियाना यूनिवर्सिटी (1999-2001) और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी यूएसए (2001-2002) में पोस्टडॉक्टरल कार्य किया।

इसके बाद वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर) मोहाली में औषधीय रसायन विज्ञान के सहायक प्रोफेसर (2002-2003) रहे और 2003 में दिल्ली विश्वविद्यालय में शामिल हुए। 2010 में उन्हें पूर्ण प्रोफेसर के रूप में पदोन्नत किया गया। प्रोफेसर रावत ने 165 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उनकी एक पुस्तक को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डीएचआर बार्टन ने अग्रेषित किया था। इसके अलावा भी पांच पुस्तक अध्याय और सात पेटेंट उनके नाम हैं।

उनके काम को 47 के एच-इंडेक्स और आई-10 इंडेक्स 127 के साथ 6570 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। उनकी अनुसंधान रुचि कैंसर विरोधी, मलेरिया-रोधी, रोगाणुरोधी और पार्किंसंस विरोधी एजेंट और नैनो-कैटलिसिस छोटे कार्बनिक अणुओं के विकास के क्षेत्रों में है। उनके एक यौगिक को पार्किंसन रोग यानी भूलने की बीमारी के उपचार के लिए एक दवा के रूप में विकसित करने के लिए नूरऑन फार्मास्यूटिकल्स बोस्टन यूएसए को लाइसेंस दिया गया है, और नेचर कम्युनिकेशंस द्वारा उनके कार्य को स्वीकार कर लिया गया है।

इसके अलावा प्रोफेसर रावत को 2021 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो के रूप में चुना गया है। वह यह सम्मान पाने वाले दिल्ली विवि के तीसरे प्रोफेसर हैं। उन्हें औषधि अनुसंधान में आईएससीबी उत्कृष्टता पुरस्कार (2022), वासविक अनुसंधान पुरस्कार (2021), अनुकरणीय सेवाओं के लिए विशेष प्रशंसा पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय (2021), प्लेटिनम जुबली व्याख्यान पुरस्कार, भारतीय विज्ञान कांग्रेस (2021), प्रोफेसर एसपी हिरेमथ मेमोरियल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।

इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट (2016), गोल्ड बैज और डिप्लोमा, इंटरनेशनल साइंटिफिक पार्टनरशिप फाउंडेशन, रूस (2015), प्रोफेसर आरसी शाह मेमोरियल लेक्चर अवार्ड, भारतीय विज्ञान कांग्रेस (2015), आईएससीबी युवा वैज्ञानिक पुरस्कार (2010), सीआरएसआई युवा वैज्ञानिक पुरस्कार (2007), प्रो. डीपी चक्रवर्ती 60वीं जयंती स्मृति पुरस्कार व इंडियन केमिकल सोसाइटी (2007) पुरस्कार भी प्राप्त हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के 97वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में 1.78 लाख डिजिटल डिग्रियां जारी करके एक इतिहास भी रचा था।

(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें, यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से जुड़ें और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें।

यह भी पढ़ें : Kumaon University-Administration : कुमाऊं विवि में एक माह के भीतर एक और प्रोफेसर ने दिया परीक्षा नियंत्रक पद से त्याग पत्र

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 अक्तूबर 2022। कुमाऊं विवि में एक माह में ही एक और प्रोफेसर ने मुख्य परीक्षा नियंत्रक के दायित्व का त्याग कर दिया है। सोमवार को विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत ने त्याग पत्र दे दिया और कुलपति प्रो. एनके जोशी ने उनके त्यागपत्र को स्वीकार करते हुए कुलसचिव दिनेश चंद्रा को इस पद का अतिरिक्त दायित्व दे दिया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बीते माह 13 सितंबर को तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो. एचसीएल बिष्ट ने इस पत्र से त्याग पत्र दे दिया था, तब डीआईसी निदेशक का पदभार देख रहे डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग के प्रो. संजय पंत को इस पद का अतिरिक्त दायित्व दे दिया गया था।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के पद पर स्थायी नियुक्ति न होने के कारण कई बार गफलत होती रहती हैं। रविवार को बीते तीन दिनों से लगातार वर्षा होने और इस कारण सड़कें बंद होने के कारण कई विद्यार्थियों ने सोमवार को प्रस्तावित परीक्षाएं दे पाने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद रात्रि आठ बजे के बाद परीक्षाएं निरस्त की गईं। इसकी बहुत से परीक्षार्थियों को जानकारी नहीं लगी। इस कारण कई परीक्षार्थी तमाम परेशानियां झेलते हुए परीक्षा केंद्र पहुंच भी गए थे। लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।

यही निर्णय यदि दिन में समय से हो जाता और यह सूचना परीक्षार्थियों तक पहंुच जाती तो इस समस्या से बचा जा सकता था। इससे पूर्व कुछ परीक्षाओं में दूसरे प्रश्न पत्र आने व कई बार प्रश्न पत्र न पहुंचने जैसी समस्याओं के कारण परीक्षा रद्द होने जैसी स्थितियां भी आती रहती हैं। माना जा रहा है कि ऐसी ही स्थितियों के कारण परीक्षा नियंत्रक के पद पर प्रोफेसर सहज नहीं रह पाते हैं। विद्यार्थियों की ओर से भी कई बार परीक्षा नियंत्रक सहित प्रोफेसरों के भरोसे चल रहे पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की जाती रही है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध तीन कॉलेजों में सामूहिक नकल की पुष्टि के बाद बड़ी कार्रवाई…

-एक वर्ष के लिए परीक्षा केंद्र हटाए, संबंधित परीक्षा भी रद्द
नवीन समाचार, रुद्रपुर, 8 सितंबर 2022। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने सामूहिक नकल करने की पुष्टि होने पर ऊधमसिंह नगर जनपद के तीन कालेजों-गदरपुर के एसआइएमटी कालेज, जसपुर के आरएलएस डिग्री कालेज एवं साईं शिक्षण संस्थान पर बड़ी कार्रवाई की है। इन तीनों कॉलेजों को एक साल तक परीक्षा केंद्र बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही नकल किए गए विषयों की परीक्षा भी रद्द कर दी है। इसका अर्थ यह है कि इन कॉलेजों के परीक्षार्थियों को अन्य केंद्रों पर जाकर परीक्षा देनी होगी। इससे इन कॉलेजों की छवि पर जो बट्टा लगेगा वह अलग।

यह भी दिलचस्प बात है कि इन कॉलेजों में नकल होने का खुलासा यहां परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के सही नहीं, बल्कि गलत उत्तरों से हुई। दरअसल हुआ यह कि अधिकांश बच्चों ने प्रश्नों के एक जैसे गलत उत्तर लिखे थे। यह तो संभव है कि किसी प्रश्न के सही उत्तर सभी परीक्षार्थी एक जैसे दें, पर यदि अनेक परीक्षार्थी किसी प्रश्न का एक जैसा गलत उत्तर दें तो सवाल उठता है। यही हुआ भी।

अनेक परीक्षार्थियों के एक जैसे गलत उत्तर लिखे मिलने पर जब जांच की गई तो गदरपुर के एसआइएमटी कालेज में बीसीए गणित प्रथम प्रश्नपत्र, जसपुर के आरएलएस डिग्री कालेज एवं साईं शिक्षण संस्थान में रसायन विज्ञान व वनस्पति विज्ञान की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में परीक्षक एक समान सही व गलत उत्तर देख चौंक पड़े। इसके बाद जांच कराई गई तो सामूहिक नकल की पुष्टि हो गई। कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए नकलविहीन परीक्षाएं कराने का संकल्प जताया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय ने परीक्षा कार्यक्रम में किया बदलाव, घोषित किया परीक्षाफल…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 जुलाई 2022। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने बीए के छठे सेमेस्टर की मुख्य व बैक परीक्षा से संबंधित परीक्षा कार्यक्रम में गुरुवार को बदलाव कर दिया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कुछ महाविद्यालयों से प्राप्त प्रत्यावेदनों के आधार पर परीक्षा कार्यक्रम में यह बदलाव किया गया है।

उन्होंने बताया कि 15 जुलाई को प्रस्तावित गृह विज्ञान के प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा 12 अगस्त को, 20 जुलाई को प्रस्तावित शिक्षाशास्त्र के पहले प्रश्न पत्र की परीक्षा 13 अगस्त को होगी। इसी तरह गृह विज्ञान के दूसरे प्रश्न पत्र की परीक्षा 16 जुलाई की जगह 16 अगस्त को, शिक्षा शास्त्र के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा 29 जुलाई की जगह 19 अगस्त व इतिहास के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा 27 जुलाई की जगह 20 अगस्त को शाम के सत्र में होंगी।

कुमाऊं विश्वविद्यालय ने घोषित किया परीक्षाफल
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने गुरुवार को मुख्य परीक्षा सत्र 2021 के बीएससी-जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि परीक्षाफल विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर देखे जा सकते हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि के कुलपति को बड़ी राहत: राज्यपाल ने खारिज किये उनकी नियुक्ति के विरुद्ध दायर सभी प्रत्यावेदन

-विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने जाहिर की प्रसन्नता

कुमाऊं विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रो. एनके जोशी।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मई 2022। प्रदेश के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जरनल गुरमीत सिंह ने कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी की नियुक्ति के विरुद्ध देहरादून निवासी भाजपा नेता रविंद्र जुगरान द्वारा दिए गए सभी प्रत्यावेदनों को खारिज कर दिया है।

बताया गया है कि याचिकाकर्ता जुगरान ने प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति को प्रेषित अपने प्रत्यावेदनों में कुमाऊं.ववि के कुलपति प्रो० जोशी की योग्यता एवं अनुभव पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उनकी नियुक्ति को रद्द करने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने प्रत्यावेदनों को निराधार एवं बलहीन होने के कारण खारिज कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता जुगरान ने पूर्व में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी कुलपति प्रो. जोशी की नियुक्ति के विरुद्ध जनहित याचिका दायर की थी। वह याचिका भी कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने यह कहते हुए निस्तारित कर दिया था कि याचिकाकर्ता का प्रत्यावेदन कुलाधिपति के पास लंबित है।

इस पर राजभवन से इस मामले का अंतिम तौर पर निस्तारण व खारिज होने के निर्णय पर जहाँ विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल है वहीं कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद कुमाऊं विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के शीर्ष केंद्र के रूप में जगह बना रहा है। उनका प्रयास है कि वह विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें और विद्यार्थी केंद्रित अभिनव योजनाओं को लागू कर सकें। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय की बीएड काउंसिलिंग 21 से…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जनवरी 2022। कुमाऊं विश्वविद्यालय की शैक्षणिक सत्र 2021-22 के बीएड पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु परिसर, महाविद्यालय व संस्थान के आवंटन के लिए काउंसिलिंग 21 से 31 जनवरी के बीच विश्वविद्यालय की वेबसाइट kunainital.ac.in पर आयोजित होगी। काउंसिलिंग में विश्वविद्यालय की बीएड प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकेंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : संविदा-अतिथि प्राध्यापकों को मिलेगा यूजीसी के नियमानुसार अनुसार वेतन, कूटा ने जताया आभार

Dainik uttarakhand,उत्तराखंड, देहरादून, धन सिंह रावत, एप, बारिशडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 6 जनवरी 2022। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को नगर के हरमिटेज परिसर में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की कार्यशाला का वर्चुअल शुभारंभ करतेे हुए उच्च शिक्षा में कार्यरत संविदा तथा अतिथि प्राध्यापकों का वेतन यूजीसी के नियमानुसार 57 हजार 700 रुपए करने की बात कही।

इस पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-कूटा नैनीताल ने इस पर डॉ. रावत का आभार व्यक्त किया है। कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने बताया कि इस मांग के लिए उनके द्वारा अनेकों बार मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात तथा ज्ञापन देकर अनुरोध किया गया था। आगे उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के 5 वर्षों से अधिक कार्य कर रहें प्राध्यापकेां को नियमतिकरण अथवा तदर्थ करने की मांग भी की है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति को उच्च न्यायालय से मिली बड़ी राहत

कुमाऊं विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रो. एनके जोशी।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 दिसंबर 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कुलपति को बड़ी राहत दी है। पीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता का प्रत्यावेदन कुलाधिपति के पास लंबित है। इस आधार पर याचिका निस्तारित की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि देहरादून के राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने कुलपति प्रो. जोशी की नियुक्ति को जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि जोशी ने कुलपति के पद के आवेदन पत्र के साथ संलग्न बायोडाटा में गलत जानकारियां दी थीं और वह कुलपति के पद पर तैनाती के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और यूपी यूनिवर्सिटीज एक्ट के नियमों के अनुरूप योग्यता नहीं रखते हैं।

कोर्ट के आदेश से उत्साहित कुलपति प्रो जोशी ने कहा कि 1973 में स्थापित कुमाऊँ विवि के लिए 2021 का साल विवि के लिए उपलब्धि से भरा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए किये जा रहे प्रयासों के कारण इस बार उच्च शैक्षिक संस्थानों की नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021 में कुमाऊँ विश्वविद्यालय को फार्मेसी कैटेगिरी में 58वां, क्यूएस एशिया रैंकिंग में भी 551-600 के बीच एवं इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से कराए गए सर्वे में प्रदेश में पहला एवं देश में 27वां स्थान मिला है।

विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के साथ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस सिस्टम लागू करने, प्लेसमेंट एंड कॉउंसलिंग सेल का पुनर्गठन, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर (नवोन्मेष व उद्भवन केंद्र) की स्थापना, कॉम्पिटिटिव एग्जामिनेशन सेंटर (प्रतियोगी परीक्षा केंद्र) की स्थापना, शिक्षकों, लैब-लाईब्रेरी व अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं के फीडबैक हेतु ऑनलाइन फॉर्म, अकादमिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने हेतु ईआरपी सॉफ्टवेयर सिस्टम को विकसित करने, एग्रोनोमी, एनवायरनमेंट, बायोकेमिस्ट्री, बायोइन्फार्मेटिक्स एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में एमएससी पाठ्यक्रम, बीसीआई की मान्यता के पश्चात पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-एलएलबी पाठ्यक्रम, डीएसबी परिसर नैनीताल में बीएफए एवं एमएफए पाठ्यक्रम, क्रिमिनोलॉजी एवं साइबर सिक्योरिटी में स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम व फॉरेंसिक साइंस, बायोमेडिकल साइंस एवं मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी के परास्नातक पाठ्यक्रम आरम्भ किए गए हैं।

इसके अलावा आईक्यूएसी सेल का पुनर्गठन एवं विस्तार किया गया है, तथा राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर 8 पेटेंट हासिल किये गए हैं। इसके अलावा कुलपति प्रो. जोशी को राज्य में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु पाठ्यक्रम निर्माण समिति के चेयरमैन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्राप्त हुई है। राज्य के राज्यपाल एवं कुलाधिपति गुरमीत सिंह ने भी कुलपति के प्रयासों को सराहा है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : प्रो. सती सेवानिवृत्त, प्रो. यशवंत विभागाध्यक्ष व प्रो. मेलकानी संकायाध्यक्ष बने…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 2 दिसंबर 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल के विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. एससी सती को उनके अवकाश प्राप्त होने पर भावभीनी विदाई दी गई। उल्लेखनीय है कि प्रो.सती के 151 शोध पत्र, 6 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं। उनके निर्देशन में 15 शोध छात्र पीएचडी कर चुके हैं। उन्होंने पद्म वृक्ष की 8 नई प्रजातियों की खोज भी की है। वह दर्जनों राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में प्रतिभाग किया है।

इसके बाद प्रोफेसर यशवंत सिंह रावत ने विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके अलावा कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-कूटा की ओर से अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, डॉ. सुषमा टम्टा, डॉ. नीलू लोधियाल, डॉ. हर्ष चौहान, डॉ. नवीन पांडे, डॉ. प्रभा पंत, डॉ. विजय कुमार, डॉ. सोहेल जावेद, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. युगल जोशी, डॉ. रितेश शाह, डॉ. गगन होती, डॉ. पेनी जोशी, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. ललित मोहन सहित अन्य पदाधिकारियों ने प्रो. एबी मेलकानी को विज्ञान संकायाध्यक्ष नियुक्त होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय में निकली 47 एसोसिएट प्रोफेसरों सहित 74 पदों पर नियुक्तियां

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 24 नवंबर 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने बुधवार को असिस्टेंट प्रोफेसर के 47, एसोसिएट प्रोफेसर के 15, प्रोफेसर के 10 एवं असिस्टेंट लाइब्रेरियन व डिप्टी लाइब्रेरियन के 1-1 यानी कुल 74 पदों के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित कर दिये हैं। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 23 दिसंबर 2021 तथा ऑनलाइन आवेदन के प्रिंटआउट को अन्य प्रपत्रों के साथ जमा करने की अंतिम तिथि 5 जनवरी 2022 है। पदों के लिए योग्यता का आधार यूजीसी द्वारा तय मानकों को रखा गया है। नियुक्तियों से संबंधित जानकारी यहाँ क्लिक कर के देख सकते हैं।

प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां अर्थशास्त्र, हिंदी, संस्कृत, समाजशास्त्र, भूगर्भ विज्ञान, भौतिकी, फार्मक्यूटिकल साइंस, बायो टेक्नोलॉजी विभागों में, एसोसिएट पद पर नियुक्तियां अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, भूगोल, संस्कृत, वाणिज्य, वनस्पति विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, सांख्यिकी, वानिकी, कम्प्यूटर साइंस, प्रबंधन अध्ययन, फार्मक्यूटिकल साइंस, बायोटेक्नोलॉजी विभागों में तथा असिस्टेंट पद पर नियुक्तियां अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, भूगोल, हिंदी, इतिहास, संगीत, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, वाणिज्य, वनस्पति विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, गणित, भौतिकी, सांख्यिकी, जंतु विज्ञान, वन विज्ञान, प्रबंध अध्ययन विभागों के लिए निकली हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दोहराया गया जैव प्रौद्योगिकी के जरिए राष्ट्र निर्माण की मुहिम में भागीदार बनने का संकल्प

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 1 अगस्त 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में ऑनलाइन माध्यम से राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला के दूसरे दिन जैव प्रौद्योगिकी के विविध आयामों पर उपयोगी चर्चा हुई। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीना पांडेय की अध्यक्षता एवं एसोसिएट प्रोफेसर तपन नैनवाल के संयालन में आयोजित हुए सत्र में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस सम्मेलन में वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने नवीन एवं उपयोगी शोध से जैव विविधता के संरक्षण, कैटलॉगिंग, डाटा-बेस जनरेशन के तहत राष्ट्र निर्माण की मुहिम में भागीदार बनने का संकल्प दोहराया।

इस अवसर पर प्रोटीन जीनोमिक्स, अलबामा, यूएसए के डॉ. मुदित वैद ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया कि कई सब्जियों और फलों के रसायन कैंसर कोशिका के विकास को रोकते हैं। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय यूएसए के डॉ. स्वप्निल पांडेय ने बताया कि उन्होंने लाइकेन के रसायनो का प्रयोग एंटी-एजिंग के क्षेत्र मे किया। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के डॉ. योगेश जोशी ने नए लाइकेनों की पहचान करने का तरीका बताया। डॉ. डीके उप्रेती ने किसी लाइकेन के नए होने कि पुष्टि करने और उसका कोड आवंटित करने का तरीका बताया। इसी तरह मुख्य अतिथि डॉ. दिलीप कुमार उप्रेती तथा अंतरिक्ष विभाग इसरो, अहमदाबाद के डॉ. सीपी सिंह, सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ के डॉ. बीएन सिंह, जीबीपीएनआईएचआइ एसआरसी गंगटोक सिक्किम के डॉ. देवेंद्र कुमार, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. राजेश बाजपेयी ने विचार रखे।

इस मौके पर एस अल्बर्ट, विनोद कुमार, हिमानी तिवारी, डॉ बीना लोहिया, सचिन सिंह, प्रजेश तमांग, प्रदीप कुमार, शर्मा, अवधेश कुमार, भावना कन्याल, लता राणा एवं अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी आदि छात्रों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान प्रजेश तमांग, हिमानी तिवारी व भावना कन्याल को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुए। समारोह के समापन पर डॉ डीके उप्रेती ने डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय, प्रो. ललित तिवारी, डॉ. गीता तिवारी एवं पूरी टीम को कार्यशाला तथा सम्मलेन के सफलता पर बधाई दी गई। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : डीएसबी के चार पूर्व विद्यार्थी बने असिस्टेंट प्रोफेसर, उन्नत भारत अभियान की अब नई समन्वयक

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जुलाई 2021। डीएसबी परिसर के पूर्व विद्यार्थी रहे डॉ. उमा पांडे पडलिया, डॉ. हेमंत कुमार बिनवाल, डॉ. नीरज कांडपाल तथा डॉ. सुनीता जोशी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से शिक्षा शास्त्र विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए चयनित हुए हैं। इसके अलावा कुमाऊं विश्वविद्यालय के ‘उन्नत भारत अभियान’ के समन्वयक पद की जिम्मेदारी डॉ. नीलू लोधियाल को दी गई है। इस उपलब्धि पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। साथ ही कूटा ने पत्रकार जहाँगीर राजू के पिता के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति का मामला राजनीतिक चर्चाओं के उच्च न्यायालय पहुंचा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 06 जुलाई 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी की नियुक्ति का मामला राजनीतिक चर्चाओं के बाद अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहुंच गया है। देहरादून निवासी आम आदमी पार्टी के नेता रवींद्र जुगरान ने उनकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है। याचिका में कुलाधिपति, कुमाऊं विवि, कुलपति का चयन करने वाली सर्च कमेटी के साथ ही प्रो. जोशी को भी पक्षकार बनाया गया है।

याचिका में याचिकाकर्ता का कहना है प्रो. जोशी कुलपति पद के निर्धारित योग्यता और अर्हता नहीं रखते हैं। उन्होंने कुलपति के पद के आवेदन पत्र के साथ गलत और भ्रामक जानकारियां दी हैं। वह कुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और यूपी यूनिवर्सिटीज एक्ट में नियमों के तहत किसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर 10 वर्ष का अनुभव या किसी शोध संस्थान या अकादमिक प्रशासनिक संस्थान में समान पद पर अनुभव नहीं रखते हैं। उन्होंने एमएससी भौतिक विज्ञान से किया है और पीएचडी वन विज्ञान विषय में तथा प्रोफसर पद पर सेवा कम्प्यूटर साइंस विषय में की है। उन्होंने भारतीय वन प्रबंध संस्थान भोपाल में स्वयं को संकाय सदस्य बताया है जबकि वे वहां पर सिस्टम एनालिस्ट थे जो कि एक गैर शैक्षणिक तकनीकी पद है।

इसी तरह उन्होंने 2017 में अपने एक शोध पत्र में स्वयं का पद निदेशक उत्तरांचल विश्वविद्यालय लिखा है जबकि बायोडेटा में उसी समय में स्वयं को उस विश्वविद्यालय का कुलपति बताया है। उन्होंने स्वयं को दो पुस्तकों का लेखक बताया है, लेकिन उन किताबों के नाम, उनके प्रकाशक का नाम आदि की सूचना नहीं दी है। इसलिए उनकी शैक्षिक अर्हता भ्रामक है। दावा किया गया है कि वह किसी भी राजकीय विश्वविद्यालय या संस्था में कभी भी प्रोफेसर नहीं रहे इसलिए वे कुलपति के लिए नियमावली में निर्धारित योग्यता और अर्हता नहीं रखते हैं। इसलिए उनकी नियुक्ति को नियमविरुद्ध घोषित किया जाये। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पंत के अनुसार याचिका पर सुनवाई इसी सप्ताह हो सकती है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : राज्यपाल ने किया विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन प्रवेश हेतु तैयार किए गए ईआरपी पोर्टल का शुभारंभ

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 जून 2021। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को नैनीताल राजभवन में कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन प्रवेश हेतु तैयार किए गए ईआरपी पोर्टल का कुलपति प्रो. एनके जोशी की उपस्थिति में अनावरण किया। इस मौके पर राज्यपाल मौर्य ने कहा कि विश्व भर में व्याप्त कोरोना संकट के बीच विद्यार्थियों की सुविधा हेतु कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा नए सत्र 2021-22 हेतु ऑनलाइन प्रवेश हेतु पोर्टल आरम्भ किया जा रहा है जो सराहनीय है।

शुक्रवार को नैनीताल राजभवन में विश्वविद्यालय के ईआरपी पोर्टल का शुभारंभ करतीं राज्यपाल बेबी रानी मौर्या।

उन्होंने उम्मीद जताई कि विवि के अकादमिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने हेतु ईआरपी सॉफ्टवेयर सिस्टम प्रवेश प्रक्रिया एवं प्रवेश वरीयता सूची, शुल्क जमा एवं वापसी, औपबन्धिक व मूल शैक्षिक उपाधिपत्र की प्राप्ति, छात्रों की प्रतिक्रियायें एवं शिकायतें, सूचना का अधिकार सम्बन्धी आवदेन, वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षा हेतु आवेदन, परीक्षा परिणाम तथा सम्बद्धता प्राप्ति हेतु आवेदन जैसे कार्य वर्तमान में ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा सुगमता से संचालित करने में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने बदलते वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा पूर्ण डिजीटाइशेन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सूचना प्रौद्योगिकी अवस्थापनाओं के सृजन और उन्नयन हेतु प्रयासों की भी सराहना की।

साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय ने नेशनल इंस्टीटूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में स्थान बनाने के प्रयास, प्लेसमेंट एंड कॉउंसलिंग सेल का पुनर्गठन छात्रहित में इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर (नवोन्मेष व उद्भवन केंद्र) तथा कॉम्पिटिटिव एग्जामिनेशन सेंटर (प्रतियोगी परीक्षा केंद्र) की भी स्थापना की है। जिसका अकादमिक लाभ विद्यार्थियों को अवश्य प्राप्त होगा। उन्होंने अपेक्षा जतायी कि कुमाऊं विश्वविद्यालय न केवल देश में बल्कि विश्व में भी अपनी अकादमिक उपलब्धियों के लिए पहचाना जाए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को भी शुभकामना देते हुए कहा कि वे निरंतर उन्नति के पथ पर आगे बढ़े और अपने प्रदेश और देश के कीर्तिमान में वृद्धि करें। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

सुषमा बनीं केयूआईसीसी की निदेशक

प्रो. सुषमा टम्टा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 जून 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के इनोवेशन एवं इन्क्यूवेशन केंद्र-केयूआईसीसी की निदेशक प्रो. शुचि बिष्ट ने निजी कारणों से त्यागपत्र दे दिया है। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग की सह प्राध्यापक डॉ. सुषमा टम्टा को इनोवेशन एवं इन्क्यूवेशन केंद्र-केयूआईसीसी का निदेशक नियुक्त कर दिया है। उनकी नियुक्ति पर कूटा यानी कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों सहित कई प्राध्यापकों ने उन्हें बधाई दी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : हंसने-घूमने से आती है सकारात्मकता, सकारात्मकता से ही चलता है समाज, कुमाऊँ विवि में आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में कहा गया…

-कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध एवं प्रसार निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित हुआ सकारात्मक मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 01 जून 2021। कोविड-19 की वैश्विक महामारी के प्रति जागरूकता एवं बचाव के उद्देश्य से मंगलवार को कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध एवं प्रसार निदेशालय, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, डीएसबी परिसर नैनीताल के इग्नू केंद्र, एस एम डी सी नैनीताल एवम डॉ. वाईपीएस पांगती फाउंडेशन द्वारा ‘नेशनल वेबीनार ऑन पॉजिटिव मेंटल हेल्थ इन कोविड टाइम’ विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया।

वेबीनार का संचालन करते हुए संयोजक एवं शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रोफेसर ललित तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय देहरादून की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने अपने व्याख्यान में कहा कि समाज सकरात्मकता से ही चलता है। हमारे वेदों ने सकारात्मकता की ही सीख दी है। विशेष वक्ता एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मधुलता नयाल ने तनाव एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर अपने व्याख्यान में हंसने, घूमने तथा सकारात्मक रहने के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को समझाया। वेबीनार में डॉ.रश्मि पंत, डॉ. विजय कुमार ने भी विचार रखे। संयुक्त निदेशक डॉ.आशीष तिवारी ने स्वागत एवं सहायक निदेशक डॉ.महेश आर्या ने आभार ज्ञापन किया। वेबीनार में डॉ.गीता तिवारी, डॉ.नवीन पांडे, दीक्षा बोरा, नेहा चोपड़ा, वसुंधरा लोधियाल, डॉ. नंदन मेहरा व गीतांजलि उपाध्याय आदि ने सहयोग किया, जबकि प्रो.अनिल जोशी, डॉ.हरीश नयाल डॉ.संतोष उपाध्याय, डॉ.पैनी जोशी, डॉ.भावना कर्नाटक, डॉ.आशा रानी, डॉ.नंदन बिष्ट, डॉ. शशिबाला उनियाल व डॉ.प्रभा पंत सहित लगभग 100 शोधार्थियों, बुद्धिजीवियों व समाजसेवियों ने प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़ें : लोक बोलियों व जनजातीय साहित्य का संरक्षण तथा अकादमी खोलना जरूरी: महाबीर रंवाल्टा

-कुमाऊं विश्वविद्यालय की रामगढ स्थित महादेवी वर्मा सृजन पीठ में ‘रंवाल्टी लोकसाहित्य: परंपरा और विकास’ विषय पर फेसबुक लाइव के जरिए आयोजित ऑनलाइन चर्चा

रंवाल्टी लोकसाहित्य पर ऑनलाइन चर्चा एवं कविता पाठ करते वरिष्ठ साहित्यकार महाबीर रंवाल्टा।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2021। उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र की लोकबोली रंवाल्टी सहित जौनसारी, जौनपुरी, थारू, बुक्सा, रं आदि अन्य जनजातीय बोलियाँ व उनका साहित्य आज हाशिए पर है। यदि इनके संवर्धन व संरक्षण के लिए शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कुछ समय बाद ही यह लोकबोलियां हमारे अतीत का हिस्सा बन जायेंगी। यह बात लोकसाहित्य के मर्मज्ञ वरिष्ठ साहित्यकार महाबीर रंवाल्टा ने कुमाऊं विश्वविद्यालय की रामगढ स्थित महादेवी वर्मा सृजन पीठ द्वारा ‘रंवाल्टी लोकसाहित्य: परंपरा और विकास’ विषय पर फेसबुक लाइव के जरिए आयोजित ऑनलाइन चर्चा में व्यक्त किए।
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में श्री रंवाल्टा ने कहा कि लोकबोलियों के संरक्षण के लिए विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसके लिए पृथक से पूर्ण साधन सम्पन्न अकादमी की स्थापना के साथ इस क्षेत्र में कार्यरत लोक साहित्यकारों को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि रंवाल्टी उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के पश्चिमोत्तर क्षेत्र यानि रंवाई क्षेत्र के तीन विकासखंडों नौगांव, पुरोला और मोरी के अधिसंख्य लोगों द्वारा बोली जाती है। सर्वप्रथम 50 के दशक में गोविंद चातक ने ‘गढ़वाली भाषा की रंवाल्टी उपबोली: उसके लोकगीत और उसमें अभिव्यक्त लोक संस्कृति’ विषय पर शोध कर आगरा विश्वविद्यालय से डीफिल की उपाधि लेकर इसकी ओर दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया था। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार रंवाई क्षेत्र के तीन विकासखंडों के 315 गांवों के लगभग सवा लाख लोग रंवाल्टी बोलते हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी रंवाल्टी कविताओं डर, कारगिल, मुंई दुखी मुंई उदास, न तॉई जाणी, किन्ना आपुणी हमारी खोज-खबर करी, न मुंई बदलेणु, वाल्या कू सोच्यूं आदि का पाठ भी किया। कार्यक्रम में महादेवी वर्मा सृजन पीठ के निदेशक प्रो. शिरीष कुमार मौर्य, शोध अधिकारी मोहन सिंह रावत सहित वरिष्ठ साहित्यकार नवीन कुमार नैथानी, डॉ. सिद्धेश्वर सिंह, जहूर आलम, केशव तिवारी, दिनेश कर्नाटक, मुकेश नौटियाल, उदय किरौला, संतोष कुमार तिवारी, डॉ. सुवर्ण रावत, चंद्रशेखर तिवारी सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी सम्मिलित हुए।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि के कई पूर्व छात्र व प्राध्यापक उत्तराखंड मुक्त विवि में चयनित

नवीन समाचार, नैनीताल, 14 फरवरी 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. पी. डी.पंत, समाजशास्त्र विभाग की डॉ. रेनू प्रकाश, विधि विभाग के डॉ. अखिलेश नवीन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में प्राध्यापक पद पर एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ. सरस्वती नंदन ओझा, रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. विनोद कुमार, राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. घनश्याम जोशी तथा संगीत विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक पद पर चयनित हुए हैं।
कूटा यानी कुमाऊं विश्विद्यालय शिक्षक संघ ने इन पूर्व छात्रों एवं प्राध्यापकों के विभिन्न पदों पर चयनित होने पर हर्ष व्यक्त किया है तथा उन्हें बधाई दी है। बधाई देने वालों में कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, डॉ. सुचेतन साह, डॉ. विजय कुमार, डॉ. सुहेल जावेद डॉ. दीपक कुमार, डॉ. गीता तिवारी, डॉ. मनोज धूनी, डॉ.गगन होती, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. रितेश साह एवं डॉ. प्रदीप कुमार शामिल हैं।

यह भी पढ़ें : 8 बिंदुओं पर कुलपति से मिला कूटा का शिष्टमंडल​

नवीन समाचार, नैनीताल, 26 नवम्बर 2020। कूटा यानी कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के एक शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को कुलपति प्रो. केएन जोशी से मुलाकात कर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान का आग्रह किया। इस दौरान सातवे वेतनमान के शासनादेश, संविदा शिक्षकों के विनियमितीकरण व उनका मानदेय 50 हजार रुपए करने, परीक्षा मानदेय में वृद्धि का शासनादेश उत्तराखंड में भी लागू करवाने, ओरिएंटेशन एवं रिफ्रेशर कोर्स में छूट के शासनादेश को लागू करने, सत्रांत लाभ हेतु विश्वविद्यालय द्वारा नियम बनाने सहित 8 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का निवेदन किया गया। शिष्टमंडल में कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, डा. सुचेतन साह, डा. विजय कुमार, डा. दीपक कुमार, डा. सोहेल जावेद आदि शामिल रहे। इधर कूटा ने फुटबॉल स्टार डियागो मेराडोना तथा नगर के रंगकर्मी मदन मेहरा के पिता एचएच मेहरा के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।

परीक्षा परिणाम घोषित
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को एमए म्यूजिक, हिंदी व योग, एमएससी कैमिस्ट्री, बीएससी आईटी तथा एमजेएमसी-लेटरल इंट्री के चौथे सेमेस्टर की परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। उप परीक्षा नियंत्रक डा. रितेश साह ने बताया कि एमएससी कैमिस्ट्री के डीएसबी परिसर नैनीताल के परीक्षार्थियों का परीक्षाफल प्रोजेक्ट परीक्षा के अंक प्राप्त न होने के कारण परीक्षाफल रोका गया है। शेष परीक्षार्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट से अपनी अंकतालिका भी डाउनलोड कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें : प्रो. ललित तिवारी बने कुमाऊं विश्वविद्यालय के शोध एवं प्रसार निदेशक

नवीन समाचार, नैनीताल, 01 अक्टूबर 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय के सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ललित तिवारी को विश्वविद्यालय का शोध एवं प्रसार निदेशक बनाया गया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव केआर भट्ट ने कुलपति के अनुमोदन तथा प्रो. एमसी जोशी के इस पद से त्यागपत्र के बाद बृहस्पतिवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रो. तिवारी इससे पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक रह चुके हैं। उनके 150 शोध पत्र, एक दर्जन पुस्तकें तथा 100 लेख प्रकाशित हो चुके हैं। वह उत्तराखंड रत्न तथा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्यपाल के हाथों भी पुरस्कृत हो चुके हैं।

कुमाऊं विवि (Kumaon University) के खेल व परीक्षा परिणाम के 5 महत्वपूर्ण समाचार…

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय में पठन-पाठन शुरू करने को टास्क फोर्स का हुआ गठन

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जून 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों पर कोरोना की महामारी की मौजूदा स्थितियों से निपटने एवं विश्वविद्यालय में अकादमिक क्रियाकलापों को बनाये रखने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. केआर भट्ट ने बताया कि टास्क फोर्स में वे स्वयं तथा विश्वविद्यालय के नैनीताल, भीमताल व अल्मोड़ा परिसरों के निदेशक, निदेशक शोध, परीक्षा नियंत्रक सभी विभागों के अध्यक्ष तथा सभी छात्रावासों के छात्रावास अधीक्षकों को रखा गया है। उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स खास तौर पर विद्यार्थियों की ई-लर्निंग, आवास एवं स्वास्थ्य सुरक्षा पर नजर रखेगी। इसके अलावा परिसरों के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कुमाऊं विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय तथा कम्प्यूटर केंद्र एवं प्रॉक्टर तथा स्वास्थ्य अधिकारी से भी समन्वय करेंगे। डा. भट्ट ने कहा कि यह पूरी कवायद कुमाऊं विश्वविद्यालय में फिर से पठन-पाठन का माहौल बनाने के लिए की जा रही है।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव की प्रतिनियुक्ति समाप्त, मिले नये प्रभारी कुलसचिव

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मई 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. महेश कुमार की प्रतिनियुक्ति बृहस्पतिवार को समाप्त हो गई। इसके बाद वे राज्य सेवा में वापस जाएंगे। इसके बाद कुलपति प्रो. एनके जोशी ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ उप कुलसचिव खेमराज भट्ट को प्रभारी कुलसचिव की जिम्मेदारी दे दी।इस पर बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय में उनके सम्मान में विदाई समारोह एवं नये प्रभारी कुलसचिव खेमराज भट्ट का अभिनंदन किया गया।
का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी की अध्यक्षता में आयोजित हुए कार्यक्रम में कुलपति ने डॉ. महेश कुमार के सहयोग की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। वहीं डॉ महेश कुमार ने अपना अनुभव साझा करते हुए विश्वविद्यालय के प्रगति में बेहतर सामंजस्य के साथ नवनियुक्त कुलपति के नेतृत्व में कार्य करने का आह्वान किया। इस मौके पर कर्मचारी संघ के मुख्य संयोजक भूपाल सिंह करायत, विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी दिनेश कुमार राणा, परीक्षा नियंत्रक प्रो एचसीएस बिष्ट, निदेशक आइक्यूएसी प्रा.े राजीव उपाध्याय, निदेशक डीआईसी प्रो. संजय पंत, सहायक निदेशक रितेश शाह, प्रो. नीता भारती सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के डीएसबी शाखा के अध्यक्ष राम सिंह गुसाईं, सचिव गणेश बिष्ट, प्रशासनिक शाखा के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार, महिला उपाध्यक्ष आशा आर्या, एलडी उपाध्याय, कुलदीप सिंह, दीपक सिंह बिष्ट, अतुल कुमार, रमेश चंद्र जोशी आदि भी मौजूद रहे। संचालन संघ के संयोजक सचिव लक्ष्मण सिंह रौतेला ने किया।

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कुमाऊं विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रो. एनके जोशी।

-बताया ऑनलाइन कक्षाओं व परीक्षा व्यवस्था में सुधार को प्राथमिकता
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 मई 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय के नवनियुक्त-29वें कुलपति प्रो. एनके जोशी ने सोमवार को विश्वविद्यालय में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वे वे इसी संस्था से पढ़े हैं, इसलिये उनकी विशेष कोशिश रहेगी कि इस संस्था के उन्नयन के लिए अपना बेहतर योगदान दे सकें। उन्होंने विवि में ऑनलाइन कक्षाएं बेतहर तरीके से संचालित करने एवं परीक्षाओं की व्यवस्था को ठीक करने को अपनी प्राथमिकता बताया। कहा कि वह कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र हैं, इसलिये सूचना-प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से विवि की व्यवस्थाएं बेहतर करने पर भी उनका जोर रहेगा। इस हेतु उन्होंने कुलसचिव डा. महेश कुमार को निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि बेहतर शोध कार्यों व अनुसंधान के बल पर विवि को उच्च स्तर के विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कराने की भी कोशिश रहेगी। इस हेतु देश के बड़े संस्थानों से करार किये जाएंगे। कहा कि बेहतर शिक्षण के लिए छात्रों से शिक्षकों के बारे में ऑनलाइन गोपनीय फीडबैक भी ली जायेगी। साथ ही पूर्व छात्रों की एलुमिनी मीट के जरिए पूर्व छात्रों को जोड़ने की भी पहल की जाएगी। कहा कि शीघ्र विवि के सभी विभागों के अध्यक्षों एवं अन्य से बैठक कर विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थितियों की समीक्षा करेंगे तथा आवश्यक प्रबंध करेंगे। उन्होंने मीडिया के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने तथा खासकर सभी विभागों की उपलब्धियां नियमित रूप से प्राप्त कर मीडिया को जानकारियां देने की बात भी कही।

कुमाऊं विश्वविद्यालय के नये कुलपति प्रो. जोशी से औपचारिक भेंट करते शिक्षक संघ-कूटा के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी।

इस मौके पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डा. सुचेतन साह, डीएसबी परिसर के निदेशक प्रो एचसी चंदोला, प्रो. पीसी कविदयाल, प्रो. एसपीएस मेहता, प्रो. एमसी पंत, प्रो. राजीव उपाध्याय, डा. महेंद्र राणा, डा. सोहेल जावेद व डा. विजय कुमार सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ सहित कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने उनसे औपचारिक-परिचयात्मक भेंट कीं एवं अपने विभागों की जानकारियां दीं।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मई 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र रहे प्रो. एनके जोशी कुमाऊं विश्वविद्यालय के नए-29वें कुलपति होंगे। प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य ने प्रो. जोशी को कुमाऊं विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति का आदेश हालांकि आठ मई को ही जारी हो चुका है, लेकिन रविवार को यह सार्वजनिक हुआ है। प्रो. जोशी कंप्यूटर साइंस की दुनिया के विद्वान प्रोफेसर हैं, और वर्तमान में पिछले तीन वर्षों से उत्तरांचल विवि देहरादून के कुलपति हैं। लेकिन कुमाऊं विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रो. एनके जोशी मूलतः बागेश्वर जिले के कौसानी के पास ढोलरा गांव के निवासी हैं। वे सोमवार 11 मई यानी नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर अपना पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रो. जोशी 35 वर्षों से से अकादमिक जगत में सक्रिय हैं। वे कुमाऊं विवि के साथ ही मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-एमाआईटी बोस्टन के छात्र भी रहे हैं। उन्होंने 1983 में कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर से भौतिकी से एमएससी की है। वे मुख्यालय स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में छह वर्ष तक उप निदेशक के पद पर तथा एरीज नैनीताल में भी कार्यरत रहे हैं। उत्तरांचल विवि के कुलपति बनने से पहले वे इसी विश्वविद्यालय में संकायाध्यक्ष थे। इसके अलावा वे वैंकटेश्वर विवि में प्रति कुलपति, अमेरिका की मिशौरी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ ही महावीर तीर्थांकर महावीर विवि मुरादाबाद में प्रोफेसर और निदेशक और वनस्थली विवि में निदेशक तथा भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल एवं आईआईएम लखनऊ के संकायाध्यक्ष भी रहे हैं। तीन पुस्तकों के लेखक तथा अनेक छात्रों को शोध उपाधि दिलाने वाले प्रो. जोशी के कई शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनरलों में प्रकाशित हो चुके हैं। वे एफएओ, एफटीपीपी, रोम जैसे प्रसिद्ध संगठनों, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक, एनटीपीसी, जीई कैपिटल, हीरो ग्रुप, मारुति, डाबर, जेनपैक्ट एरिक्सन, इलेक्ट्रोलक्स, एलआईसी, गेल, सेल, ओएनजीसी, एचएएल आदि उद्योगों के लिए भारत और विदेश में 250 से अधिक प्रबंधन विकास कार्यक्रम कर चुके हैं।

स्थायी कुलपति की नियुक्ति पर राज्यपाल का जताया आभार
नैनीताल। कुमाऊं विवि शिक्षक संघ-कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डा. सुचेतन साह, डा. दीपक कुमार, डा. सोहेल जावेद व डा. विजय कुमार आदि ने विवि में स्थायी कुलपति की नियुक्ति करने पर राज्यपाल का आभार जताया है। साथ ही उम्मीद जतायी कि नये कुलपति प्रो. एनके जोशी के अनुभवों का लाभ कुविवि को मिलेगा। 

यह भी पढ़ें : फिर ‘आहत’ कुलपति ने दिया इस्तीफा

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मई 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएस राना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कार्यवाहक कुलपति के तौर पर उनका कार्यकाल हालांकि जल्द ही 14 मई को समाप्त हो रहा है, उनकी स्थायी कुलपति के तौर पर नियुक्ति न होने की स्थिति में उनके इस्तीफा देने का कोई औचित्य भी नहीं है, लेकिन विवि के अगले स्थायी कुलपति के तौर पर भी उनकी सशक्त दावेदारी है। वे राजभवन की भी पसंद हैं। इसलिये उनका इस्तीफा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों से ‘आहत’ होकर इस पद पर बने रहने में अनिच्छा जताई है। उल्लेखनीय है हालिया वर्षों में अपने कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने वाले वे तीसरे कुलपति हैं। उनसे पहले तत्कालीन कुलपति प्रो. राकेश भटनागर व प्रो. डीके नौड़ियाल भी ‘आहत’ होकर इस्तीफा दे चुके हैं।
कुलपति प्रो. राना ने बताया कि वे बीती 31 मार्च को ही अपना लिखित इस्तीफा भेज चुके हैं। इधर पुनः दो दिन पहले उन्होंने पुनः राजभवन को अपनी अनिच्छा से अवगत करा दिया है। इसके पीछे एक व्यक्तिगत कारण उनके परिवार के दिल्ली में रहने की वजह से वे यहां नैनीताल में अकेले रहते हैं, और इस वर्ष अधिक पड़ी ठंड से भी उन्हें समस्या हो रही है। वहीं इससे अधिक वे कुमाऊं विवि के बड़े हिस्से के टूटकर अल्मोड़ा विवि बनने और कुमाऊं विवि के केवल दो जिलों नैनीताल व ऊधमसिंह नगर का विवि रह जाने तथा कुमाऊं विवि में इसकी भरपाई के लिए उनके द्वारा पटावाडांगर की भूमि को पंतनगर विवि से कुमाऊं विवि को हस्तांतरित किये जाने के प्रयासों को अपेक्षित सफलता न मिल पाना है। इधर वह शनिवार को दिल्ली रवाना हो रहे हैं और दो दिन बाद उन्हें राजभवन से बात करनी है। इसके बाद नये कुलपति पर स्थिति साफ होने की उम्मीद है।

कुलपति पद पर इन नामों की है संभावना
नैनीताल। आगामी 14 मई को वर्तमान अस्थायी कुलपति प्रो. केएस राना का दूसरी बार छह माह के लिये बढ़ाया कार्यकाल समाप्त होने के साथ इस तिथि तक विवि का नया स्थायी कुलपति मिलना तय है। इस्तीफा देने के बावजूद प्रो. राना के स्थायी कुलपति बनने की संभावना सबसे प्रबल बताई जा रही है। उनके अलावा गढ़वाल विवि के प्रो. सकलानी एवं तथा कुमाऊं विवि के तीन प्रोफेसरों के नाम भी चर्चा में हैं। इनमें प्रो. एनके जोशी, प्रो. संतोष कुमार व प्रो. एसडी शर्मा के नाम भी प्रमुखता से आ रहे हैं। हालांकि कई अन्य प्रोफेसर भी स्वयं को प्रबल दावेदान बता रहे हैं।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि : राज्यपाल से 14 मई से पहले स्थायी कुलपति की नियुक्ति करने की मांग, हाईकोर्ट जाने की धमकी

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मई 2020। नगर कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश के राज्यपाल से कुमाऊं विवि में शीघ्र स्थायी कुलपति नियुक्त करने की मांग की है, और नियत तिथि 14 मई से पहले स्थायी कुलपति की न होने पर उच्च न्यायालय की शरण लेने की बात कही है। नगर कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम कबडवाल ने कहा कि राज्य के सबसे पुराने एवं देश को कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, प्रोफेसर, अर्थशास्त्री, साहित्यकार, नौकरशाह व राजनीतिज्ञ देने वाला कुविवि एक वर्ष से कार्यवाहक कुलपति बनाये गये गैर अकादमिक व्यक्ति के सहारे चल रहा है। उन्हें छह माह के लिए अस्थायी कुलपति बनाने के बाद छह माह के लिए पुनः दिया गया कार्य विस्तार भी 14 मई को समाप्त हो रहा है। यदि इस तिथि तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं होती है तो यह विवि अधिनियम की धारा 10 का उल्लंघन होगा। नगर कांग्रेस कमेटी के अधिवक्ता कमलेश तिवारी, सूरज पांडे, सुनील मेहरा, कैलाश अधिकारी, एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष पंकज बिष्ट व सुंदर मेहरा ने भी उनकी मांग का समर्थन किया है।

यह भी पढ़ें : आरएसएस के नगर संघचालक डा. चंदोला बने डीएसबी परिसर के निदेशक

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मार्च 2020। कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर के निदेशक बदल गए हैं। बृहस्पतिवार को डीएसबी के परिसर निदेशक पद पर प्रो. ललित मोहन जोशी की जगह भौतिकी विभाग के प्रो. एचसी चंदोला की नियुक्ति कर दी गई है। प्रो. चंदोला तीन वर्ष के लिए इस पद पर रहेंगे। उल्लेखनीय है कि डा. चंदोला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर संघचालक भी हैं। सोशल मीडिया पर प्रो. चंदोला को बधाइयां देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

यह भी पढ़ें : मेधावियों को पैर छूने, नमस्ते करने का शऊर ही नहीं

नवीन समाचार, नैनीताल 7 मार्च 2020। देश में कोरोना संक्रमण के बीच जहां देश ही नहीं दुनिया में देश के पारंपरिक अभिवादन ‘नमस्ते’ के प्रति एक नया जोश दिखाई दे रहा है, वहीं युवा पीढ़ी में बड़ों के सम्मान में पैर छूने व नमस्ते करने की परंपरा छूटती जा रही है। शनिवार को कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में 64 मेधावी छात्र-छात्राओं को 17 श्रेणियों में 53 स्वर्ण, रजत एवं कांश्य पदक प्रदान किये गए। पूर्व वर्षों में पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा पदक प्रदान करने वाले कुलाधिपति, कुलपति एवं मुख्य अतिथियों के सामने नमस्ते करते हुए आते और पदक प्राप्त कर पैर छूते देखे जाते थे, लेकिन इस बार 64 में केवल 5 या 6 को छोड़कर 90 फीसद मेधावियों ने किसी को कोई अभिवादन नहीं किया। अलबत्ता दो-तीन मेधावी मंच से गुजरते हुए मानद उपाधि प्राप्त करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को, संभवतया उनके संक्षिप्त परंतु बेहद प्रेरणास्पद व हृदयस्पर्शी संबोधन को सुनने के बाद अभिवादन करते देखे गए।
पदक विजेताओं में तीन चौथाई रहीं छात्राएं
नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में कुल 64 छात्र-छात्राओं 17 श्रेणियों में पदक दिए गए। खास बात यह रही कि इनमें से 48 यानी तीन चौथाई यानी 75 फीसद छात्राएं रहीं। अपने संबोधन में प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्रों के मुकाबले 50 फीसद अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं।
पहली बार खेल के क्षेत्र में कुलपति की ओर से दिये गए ‘खेलो कुमाऊं’ पदक
नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में पहली बार खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले विवि के खिलाड़ियों को कुलपति की ओर से ‘खेलो कुमाऊं’ पदक दिये गए। पहला ‘खेलो कुमाऊं’ महाराणा पदक कुलपति प्रो. केएस राना फाउंडेशन की ओर से काशीपुर महाविद्यालय की मीनू शर्मा को व रजत पदक हल्द्वानी महाविद्यालय की नेहा अधिकारी को विश्वविद्यालय स्तर पर अंतरमहाविद्यालयी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 5000 व 10 हजार मीटर तथा 800 व 1500 मीटर की दौड़ों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर दिया गया।

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-वरिष्ठता व कम्युनिटी कॉलेज के विवादों के निपटारे के लिए बनी समिति, 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट 
-कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की 143वीं बैठक में लिये गये निर्णय, भविष्य निधि के दायरे में आएंगे विवि के संविदा कर्मचारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 फरवरी 2020। कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. केएस राना की अध्यक्षता में शुक्रवार को देर शाम तक चली 143वीं बैठक में विवि में प्रोन्नति हेतु गठित चयन समिति व मूल्यांकन समिति द्वारा अर्ह अभ्यर्थियों के सील बंद लिफाफे खोले गये। कार्य परिषद् ने उमंग सैनी, डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. प्रीती टम्टा, डॉ. अशोक कुमार आर्या, डॉ. पारूल सक्सेना, डॉ. सुनील कुमार चन्याल, डॉ. महेन्द्र राणा, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. कुमुद उपाध्याय व डॉ. विभाष कुमार मिश्रा की प्रोन्नति का अनुमोदन भी कर दिया। इसके अलावा लम्बे समय से प्रोफेसरों की वरिष्ठता पर लम्बित विवाद का निस्तारण कर दिया गया। इस पर कुलपति ने तीन सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें कुलसचिव, कार्यपिरषद के सदस्य डॉ. केवल सती, भीमताल परिसर के निदेशक प्रो. पीसी कविदयालय होंगे। समिति 15 दिन के भीतर परीक्षणोपरान्त राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम तथा विश्वविद्यालय अनुदान अयोग विनियम 218 का संज्ञान लेकर वरिष्ठता सूची जारी की जायेगी। इसी तरह भीमताल स्थित कम्यूनिटी कॉलेज की वित्तीय अनियमिताओं की जॉच के लिए प्रो. पीसी कविदयाल, कैलाश जोशी, व वित्त नियंत्रक द्वारा नामित की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर कमेटी से 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। इसके अलावा बैठक में संविदा कर्मचारियों को भविष्य निधि के दायरे में लाने के लिए कुलपति ने स्वयं प्रस्ताव रखा। स्ववित्तपोषित पाठयक्रम में काम कर रहे और वैधानिक पदो के सापेक्ष नियुक्ति पाए सभी कार्मिक दायरे में आएंगे। बैठक में कार्यपरिषद ने अब तक जॉच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने वाली समितियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनसे 15 दिनों के भीतर संबंधित जॉच रिपोर्ट विवि को उपलब्ध कराने को कहा गया। सदस्य अरविन्द पडियार के सांख्यिकी सहायक के पद का वेतनमान शासनादेशानुसार पुनरीक्षित किये जाने के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय स्तर पर निस्तारित करने का अनुमोदन प्रदान किया गया। वहीं प्रो. एसडी शर्मा के अन्यत्र सेवा हेतु अवैतनिक अवकाश भी प्रदान कर दिया गया। बैठक में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के सदस्य डॉ. बहादुर सिंह बिष्ट एवं राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् में मनोनीत किए गए सदस्य प्रो. डीडी चौनियाल का प्रथम बार विश्वविद्यालय में आगमन पर स्वागत किया गया, तथा डा. बिष्ट को शासन में वार्ता हेतु भी अधिकृत किया गया। बैठक में प्रो. डीडी चौनियाल, डॉ. बहादुर सिंह बिष्ट, प्रो. एससी जोशी, प्रो. पीसी कविदयाल, प्रो. एमएस मावड़ी, डॉ. नीता भारती, डॉ. कुमुद उपाध्याय, डॉ. नरसिंह बिष्ट, डॉ. बचीराम पंत, अरविंद पडियार, प्रकाश पांडे, केवल सती, कैलाश जोशी, वित्त नियंत्रक दिनेश कुमार व कुलसचिव डॉ. महेश कुमार आदि भी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि में 20 करोड से अधिक के विकास कार्य होंगे, अतिक्रमणकारिणों पर कार्रवाई को एसआईटी…

-विवि में रूसा से 20 करोड से अधिक के जीर्णोद्धार, पुर्ननिर्माण व विकास कार्यों को मंजूरी
-विवि की अतिक्रमण की जद में गई जमीनों के लिए शासन को एसआईटी जांच कराने को लिखा जाएगा
कुमाऊं विवि में 20 करोड़ से होंगे विकास कार्यनवीन समाचार, नैनीताल, 4 फरवरी 2020। कुमाऊं विवि की मंगलवार को कुलपति प्रो. केएस राणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई विकास एवं नियोजन-रूसा की बैठक में अर्गल्स फोर्ट में स्थापित विवेकानंद पीठ में कक्षा कक्षों के जीर्णोद्धार व पुर्ननिर्माण, डीएसबी परिसर के अतिथि गृह को जीर्णोद्धार कर इसे छात्राओं के छात्रावास में बदलने, विवि के अतिथि गृह के जीर्णोद्धार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णोद्धार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जीर्णोद्धार कर इसे छात्राओं के छात्रावास से जोड़ने तथा विवि के बहुउद्देश्यीय सभागार का नवनिर्माण करने को मंजूरी दे दी गईं। बैठक में तय किया गया कि भीमताल परिसर में शिक्षा संकाय तथा नैनो हिमालयन जड़ी बूटी विज्ञान भवन के निर्माण हेतु रूसा से अनुमोदित 20 करोड़ रुपए के सापेक्ष 50ः40ः10 के अनुपात में शीघ्र आंगणन प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। हिमालयन संग्रहालय के पुनरुद्धार कार्य से बचे 50.11 लाख रुपए से संगीत व गणित विज्ञान विभाग में जीर्णोद्धार एवं भू विज्ञान, भौतिकी व जंतु विज्ञान विभाग की छत की मरम्मत तथा भौ की जाएगी। डीएसबी परिसर के तीनों छात्रा छात्रावासों का भी 80 लाख रुपए से एवं परिसर की विभिन्न प्रयोगशालाओं का 1.4 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा तय किया कि विवि की भूमि पर किये गए अतिक्रमण पर शासन को एसआईटी जांच कराने के लिए लिखा जाएगा। वहीं विवि के परिसर निदेशकों, कुलसचिव, वित्त अधिकारी आदि को नये मोबाइल सिम एवं प्रतिमाह 500 रुपए प्रतिमाह व्यय देने के निर्णय भी लिये गये।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय में युवा शोधार्थी हेतु एक पद पर नियुक्ति

कुमाऊं विवि के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में लाइकेन के डीएनए बारकोडिंग व चेमेटोएक्सोनामी युक्त हरबेरियम स्थापित करने के लिए जूनियर प्रोजेक्ट फेलो के एक पद के लिए नियुक्ति निकली हुई है। बताया गया है कि 28 वर्ष से कम आयु के युवा शोधार्थी को करीब एक वर्ष की अवधि के इस पद के लिए करीब 16 हजार रुपए प्रति माह मानदेय मिलेगा।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विवि के 4.5 करोड़ से बनने वाले नये परिसर भवन के निर्माण का कुलपति ने किया भूमि पूजन

भीमताल में शिक्षा संकाय के भवन का भूमि पूजन करते कुलपति प्रो. केएस राणा।

नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जनवरी 2020। भीमताल के सौन गांव में कुमाऊं विवि की पहले से मौजूद 71 नाली भूमि में विवि का सर जेसी बोस तकनीकी परिसर स्थापित किया जाएगा। विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा ने अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप बुधवार को यहां 4.5 करोड़ रुपए से प्रस्तावित शिक्षा संकाय भवन के नये भवन के निर्माण हेतु परिसर निदेशक डा. बीसी कविदयाल एवं संकाय के अवैतनिक निदेशक प्रो. आरएस पथनी के साथ वैदिन मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया। बताया कि शिक्षा संकाय के इस भवन को गुरुवर रवींद्र नाथ टैगोर भवन के नाम से जाना जाएगा।

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इस अवसर पर प्रो. राणा ने बताया कि विवि के अल्मोडा परिसर को अलग विवि बनाए जाने की घोषणा के बाद कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा ने कार्यपरिषद से शिक्षा एवं विधि संकाय भीमतल एवं नैनीताल में खोलने का निर्णय अगस्त में करा लिया था। वहीं इस संकाय भवन के निर्माण हेतु 4.5 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रविधान रूसा के माध्यम से किया गया है। जिसका प्रस्ताव शासन में है। भवन का निर्माण ब्रिडकुल फर्म के द्वाराएक साल में पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही एनसीआरटीई को विवि ने मान्यता हेतु पत्रावली भेज दी है। मान्यता के बाद शासन से वित्तीय अनुमोदन लिया जाएगा और आगे जुलाई माह से मान्यता कराकर सेल्फ फाइनेंस माध्यम से इंटीग्रेटेड बीएड का पाठ्यक्रम पास ही स्थित एक किराए के भवन से शुरू कर दिया जाएगा। बताया कि फैकल्टी खोलने की तैयारी हेतु प्रो. पथनी को जिम्मेदारी देते हुए नए शिक्षकों के चयन हेतु विज्ञापन जारी किया जा रहा है। शिलान्यास के मौके पर फैकल्टी के कई सदस्य भी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें : बड़ा निर्णय : अब एलएलबी-एलएलएम व बीएड के लिए अल्मोड़ा नहीं जाना पड़ेगा, यहीं शुरू होंगे पाठ्यक्रम

-नैनीताल में एलएलबी-एलएलएम व भीमताल में बीएड इंटीग्रेटेल पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे
नवीन समाचार, नैनीताल, 26 दिसंबर 2019। अब क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को विधि एवं शिक्षा शास्त्र विषयों के अंतर्गत एलएलबी, एलएलएम एवं बीएड, एमएड करने के लिए अल्मोड़ा नहीं जाना पड़ेगा। बल्कि अब यह पाठ्यक्रम नैनीताल एवं भीमताल में उपलब्ध होंगे। कुमाऊं विवि के जनसंपर्क अधिकारी डा. महेंद्र राणा ने बताया कि मुख्यालय स्थित स्वामी विवेकानंद भवन में देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम से ‘मॉडल लॉ कॉलेज’ तथा भीमताल परिसर में कम्युनिटी कॉलेज के पीछे बीएड विभाग स्थापित किया जाएगा। ऐसा इन विषयों के अब तक अल्मोड़ा परिसर में संचालित होने तथा अब अल्मोड़ा परिसर के कुमाऊं विवि से अलग होकर प्रस्तावित अल्मोड़ा परिसर में स्थापित होने के कारण माना जा रहा है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि पहले से इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के कारण कुमाऊं विवि को तो इन पाठ्यक्रमों की आसानी से मान्यता मिल जाएगी, जबकि नये अल्मोड़ा विवि में इन पाठ्यक्रमों को आगे जारी रखने के लिए नये सिरे से मान्यता प्राप्त करना व पाठ्यक्रमों को आगे जारी रखना आसान नहीं होगा। इन पाठ्यक्रमों को नैनीताल में स्थापित करने की लंबे समय से मांगें भी चल रही हैं।

कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा ने एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के विधि विभाग के प्रो. एसडी शर्मा को मुख्यालय स्थित स्वामी विवेकानंद भवन स्थित विधि संकाय एवं अल्मोड़ा परिसर के ही शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रो. आरएस पथनी को भीमताल परिसर में शिक्षा संकाय का अवैतनिक निदेशक नियुक्त कर दिया है। प्रो. शर्मा को विधि विभाग में तीन वर्षीय एलएलबी एवं एलएलएम के पाठ्यक्रम तथा शिक्षा शास्त्र विभाग में बीएड इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को संबंधित नियामक संस्थाओं से मान्यता व सम्बद्धता दिलाने एवं संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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-कुमाऊं विवि की डिग्रियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल हुआ शुरू

कुविवि के ‘ऑनलाइन डिग्री पोर्टल’ का विधिवत शुभारंभ करते कुलपति प्रो. केएस राना।

नवीन समाचार, नैनीताल, 3 जनवरी 2019। 1973 में स्थापित कुमाऊं विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा अर्जित स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी की उपाधियों को संबंधित छात्र तक पहुंचाने में आने वाली जटिलताओं को दूर करने के लिए विवि ने ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की है। शुक्रवार को विवि के कुलपति प्रो. केएस राना ने विवि के स्वामी विवेकानंद भवन सभागार मंे विवि के नये ‘ऑनलाइन डिग्री पोर्टल’ का विधिवत शुभारंभ किया। इस पहल की आवश्यकता इसलिए पड़ी कि गत दिनों कुलपति राना द्वारा उपाधि अनुभाग की समीक्षा के दौरान पाया कि विगत वर्षों में विवि में करीब 2 लाख डिग्रियां बन कर तैयार हैं, परंतु उन्हें संबंधित छात्रों तक नहीं पहुंचाया जा सका है। इन उपाधियों से विवि के दो कक्ष भरे पड़े हैं।

कुलपति प्रो. राना की इस पहल के बाद विवि को तुरंत ही डिग्री की फीस मिल जाएगी, वहीं छात्रों को डिग्री लेने के लिए फीस जमा करने हेतु विवि के प्रशासनिक भवन में नहीं आना पड़ेगा। इस मौके पर विवि के कुलसचिव केआर भट्ट ने पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि छात्र अपने मोबाइल नंबर व ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन उपाधि हेतु आवेदन एवं फीस जमा कर पाएंगे। बताया गया कि इस ऑनलाइन पोर्टल को तैयार करने में डा. आशीष मेहता व उनके साथियों तथा एचडीएफसी बैंक के द्वारा सहयोग दिया गया। इस मौके पर परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत, उप परीक्षा नियंत्रक डा. रीतेश साह, वित्त नियंत्रक दिनेश राणा, प्रो. अतुल जोशी, छात्र संघ अध्यक्ष विशाल वर्मा, हरीश राणा, एचडीएफसी बैंक के प्रबंधक आदित्य साह सहित विवि के अन्य शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे।

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-कुलपति प्रो. केएस राणा की अध्यक्षता में आयोजित कुमाऊं विवि की बैठक में लिया गया निर्णय
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 नवंबर 2019। कुमाऊं विवि से संबद्ध सभी महाविद्यालयों में गत 14 नवंबर के शासनादेश संख्या 836 के अनुपालन में स्नातक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय ले लिया गया है। सोमवार को कुलपति प्रो. केएस राणा की अध्यक्षता में हुई विवि की परीक्षा समिति की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सेमेस्टर प्रणाली के स्थान पर केवल सेमेस्टर प्रणाली लागू रखने पर सहमति जताने वाले महाविद्यालयों को छोड़कर अन्य सभी महाविद्यालयों में फिर से वार्षिक परीक्षा प्रणाली बहाल हो जाएगी, तथा वार्षिक प्रणाली की परीक्षाएं मार्च 2020 में आयोजित की जाएंगी। यह व्यवस्था पूर्व में विवि द्वारा पूछे जाने पर सेमेस्टर प्रणाली के विरोध में अपनी राय देने वाले एवं अब तक राय न देने वाले वाले महाविद्यालयों में लागू होगी। केवल सेमेस्टर प्रणाली के पक्ष में राय देने वाले महाविद्यालयों में एवं विवि के तीनों परिसरों में स्नातक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू रहेगी। वहीं स्नातकोत्तर स्तर के सभी पाठ्यक्रमों एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू रहेगी।

कुमाऊं विवि को मिलेगा ‘एशिया’ज एजुकेशन अवार्ड 2019’

नैनीताल। कुमाऊं विवि को आगामी 11 दिसंबर को ‘एशिया‘ज एजुकेशन अवार्ड 2019’ से नवाजा जाएगा। आयोजक संस्था-इंटरनेशन ब्रांड कन्ज्यूमिंग कॉर्पोरेशन यूएसए के सीईओ हेमंत कौशिक हेमंत कौशिक ने कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा को पत्र के जरिये इसकी सूचना दी है। बताया गया है कि कुमाऊं विवि का चयन संस्था के द्वारा ‘कन्ज्यूमर रिपोर्ट 2019’ के आधार पर किया गया है।

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-प्रधानमंत्री के आने के लिए आईजी स्तर के केंद्रीय अधिकारी ने पहुंचकर शुरू की एसपीजी सुरक्षा जांच, तीन हेलीकॉप्टरों के प्रोटोकॉल के लिए तय सुरक्षा मानकों की की जा रही है जांच
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 नवंबर 2019। कुमाऊं विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने पर बात आगे बढ़ चली है। प्रधानमंत्री मोदी कुमाऊं विवि में नव स्थापित विवेकानंद पीठ का भी उद्घाटन कर सकते है। कुमाऊं विवि के कुलपति के साथ ही प्रदेश की राज्यपाल व विवि की कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य के द्वारा प्रधानमंत्री को करीब दो घंटे के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था। इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से पहल शुरू हो गई है। केंद्र सरकार से आईजी स्तर के उच्चाधिकारी प्रधानमंत्री के आगमन के प्रोटोकॉल के तहत आने वाले तीन हैलीकॉप्टरों के उतरने के लिए एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा आवश्यकताओं का जायजा लेने के लिए मुख्यालय पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सप्ताह सुरक्षा पर स्थिति साफ होने के साथ प्रधानमंत्री के आगमन पर भी स्थिति साफ हो सकती है।
कुलपति प्रो. केएस राणा ने बताया कि कुमाऊं विवि में विवेकानंद पीठ की स्थापना किये जाने की बात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी खुशी व्यक्त की थी और इसे कुमाऊं विवि की अच्छी पहल बताते हुए इसके शुभारंभ करने की इच्छा भी जताई थी। इसी कड़ी में अब उनका आगमन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा जांच कराई जा रही है। इसी सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मिलने से प्रधानमंत्री के आगमन पर स्थिति साफ होने और इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से दीक्षांत समारोह हेतु तिथि मिलने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के अतिरिक्त केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ एवं योगगुरु बाबा रामदेव के भी दीक्षांत समारोह में आने की पूरी संभावना है।

जस्टिस चंद्रचूड़, रजत शर्मा व डा. सौमित्र रावत को मानद उपाधि का प्रस्ताव

नैनीताल। कुमाऊं विवि ने 16वें दीक्षांत समारोह में सवोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, इंडिया टीवी के चेयरमैन व एडीटर इन चीफ रजत शर्मा तथा दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक पद्मश्री डा. सौमित्र रावत सहित कुछ हस्तियों को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव किया है। इन हस्तियों को उनकी सहमति के लिए पत्र भी भेज दिये गये हैं।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 सितंबर 2019। कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की गत 14 अगस्त को आयोजित हुई बैठक के लिये गए निर्णयों के अनुसार कुलपति प्रो. केएस राणा के विवि में कई प्रशासनिक संशोधन कर दिए हैं। शनिवार देर शाम जारी आदेशों के अनुसार प्रो. पीसी कविदयाल को भीमताल परिसर का निदेशक बनाये जाने के बाद उनके अतिरिक्त पद कॉउंसलिंग एवं प्लेसमेंट को दायित्व प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट को दे दिया गया है। जबकि प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट से रूसा का अतिरिक्त दायित्व वापस लेते हुए शासन की नीति के अनुरूप रूसा को विकास एवं नियोजन विभाग में समाहित कर दिया गया है। वहीं भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. एससी चंदोला को विवि का शोध निदेशक बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रो चंदोला अब तक क्रय समिति के प्रभारी थे। अब क्रय समिति को भी शासन की नीति के अनरूप विकास एवं नियोजन अनुभाग में समाहित कर दिया गया है। वहीं अब तक शोध निदेशक का दायित्व देख रहे प्रो. राजीव उपाध्याय को अब आईक्यूएसी का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त कर दिया गया है। इनके अतिरिक्त प्रो. एचसीएस बिष्ट के स्थान पर प्रो. नीता बोरा शर्मा को डीएसबी परिसर नैनीताल का प्रॉक्टर नियुक्त कर दिया गया है। प्रो. एचसीएस बिष्ट को परीक्षा विभाग से सम्बद्ध किया गया है। साथ ही उप कुलसचिव केआर भट्ट एवं सहायक कुलसचिव आशा आर्य को भी परीक्षा अनुभाग में अनुभाग के कार्यो में गतिशीलता प्रदान करने हेतु जोड़ा गया है। वहीं प्रो. पद्म सिंह बिष्ट के स्थान पर पूर्व में भी इस पद पर रहे प्रो. देवेंद्र बिष्ट को एक बार पुनः अधिष्ठाता छात्र कल्याण नियुक्त किया गया है, जबकि प्रो. पदम सिंह बिष्ट को कम्युनिटी कॉलेज का प्राचार्य नियुक्त किया गया है। इनके अतिरिक्त प्रो. चंद्रकला रावत को महिला प्रकोष्ठ (जेंडर वेक्सेसन कमेटी) का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
-नियमित कुलपति के चयन समिति हेतु राजस्थान विवि के पूर्व कुलपति डा. देव स्वरूप को कार्य परिषद की ओर से नामित
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 अगस्त 2019। कुमाऊं विवि का नाम नहीं बदला जाएगा। वहीं विवि का एक नया पूर्ण परिसर भीमताल में शीघ्र अस्तित्व में आ जाएगा। वहीं डीएसबी परिसर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से रखा जाएगा। शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में हुई विवि कार्यपरिषद की बैठक में इन विषयों पर प्रमुख रूप से निर्णय लिये गये।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों कांग्रेस पार्टी से जुड़े पूर्व छात्र नेताओं ने पूर्व सीएम पं. एनडी तिवारी के नाम से विवि का नाम बदले जाने के लिए प्रयास शुरू किये थे, इसी कड़ी में शुक्रवार को कार्य परिषद की बैठक में कांग्रेस नेता एवं कार्य परिषद सदस्य केवल सती ने पं. तिवारी के नाम पर विवि का नाम बदले जाने का प्रस्ताव रखा, वहीं भाजपा नेता व कार्य परिषद सदस्य अरविंद पडियार ने एक दिन पूर्व ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा शुरू की गई मुहिम के अनुरूप स्वामी विवेकानंद के नाम पर विवि का नाम किये जाने का प्रस्ताव रखा। आखिर सहमति न जाने पर मामला शासन को संदर्भित किये जाने और नाम यथावत बनाये रखने पर ही विचार हो पाया। वहीं विवि के सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किये जाने का प्रस्ताव परिषद ने अनुमोदित कर दिया। इसके अलावा विवि के नियमित कुलपति के चयन हेतु समिति के लिए राजस्थान विवि के पूर्व कुलपति डा. देव स्वरूप को कार्य परिषद की ओर से नामित किया गया। वहीं भीमताल में नये परिसर के लिए पहले निदेशक के चयन हेतु कुलपति को अधिकृत किया गया। इसके अलावा कुविवि एवं चेक गणराज्य के ब्रोनो विवि के बीच शोध, फैकल्टी एवं छात्रों के आदान-प्रदान हेतु एमओयू करने के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया। कुमाऊं विवि में अध्ययनरत गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को कुलपति प्रो. केएस राणा के प्रस्ताव पर छात्रवृत्ति व मेडल दिये जाएंगे। इस हेतु दो एवं एक लाख की एफडीआर बनाई जाएगी। बैठक में प्रो. एचसी जोशी, प्रो. वीपी सिंघल, प्रो. एचसी चंदोला, डा. दिव्या उपाध्याय जोशी, डा. कुमुद उपाध्याय, डा. नर ंिसंह बिष्ट, डा. संगीता गुप्ता, डा. बची राम पंत तथा कार्य परिषद सदस्य प्रकाश पांडे व कैलाश जोशी, वित्त नियंत्रक दिनेश राणा व कुलसचिव डा. महेश कुमार आदि मौजूद रहे।

तीन शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार

नैनीताल। कार्य परिषद की बैठक में डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग में कार्यरत शिक्षक डा. पीके मिश्रा एवं डा. पीएस नेगी से उन पर लगे अनुशासनहीनता संबंधी आरोपों पर एक माह के अंदर संकायाध्यक्ष एवं विधि संयोजक की समिति से आख्या प्रस्तुत कर आख्या को अगली कार्य परिषद की बैठक में रखने का निर्णय लिया गया। वहीं प्रो. आशा श्रीवास्तव के मामले में विवि द्वारा उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजकर फिर से समीक्षा कर उप समिति से निर्णय कराने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसके अलावा विवि द्वारा शोधार्थियों के शोध मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर अधिकतम 6 माह में मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों को भविष्य के लिए ‘ब्लेक लिस्ट’ करने एवं पीएचडी धारकों को मौखिक परीक्षा की तिथि से ही उपाधि प्रदान करने के निर्णय भी लिये गये।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 9 अगस्त 2019। पूर्व एवं वर्तमान छात्र नेताओं ने कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम पर किये जाने की मांग उठाई है। शुक्रवार को पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डा. गणेश उपाध्याय, राजेंद्र सिंह खनवाल एवं अनुपम कबडवाल की अगुवाई में छात्र नेताओं ने कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा से मिलकर गढ़वाल विवि का नाम पं. हेमवती नंदन बहुगुणा के नाम पर होने की तर्ज पर यह मांग उठाई। उल्लेखनीय है कि यह मांग उठाने वाले सभी छात्र नेता सीधे तौर पर कांग्रेस पार्टी और उसके आनुषांगिक छात्र संगठन-एनएसयूआई से जुड़े हुए हैं।
इन छात्र नेताओं का कहना है कि विगत दिनों दिवंगत हुए उत्तराखंड के महान नेता पंडित तिवारी के नाम पर कुविवि का नाम बदलने की मांग पर गत दिनों प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भी मिल चुके हैं। बकौल उनके राज्यपाल ने भी इस पर अपनी सहमति जताई, तथा जल्द ही इस विषय में कुविवि को प्रस्ताव भेजने की बात कही। उन्होंने राज्यपाल की ओर से इस विषय में तीव्र गति से कार्रवाई किये जाने का दावा करते हुए कुलपति से कुविवि का नाम पं. तिवारी के नाम पर करने के लिए अपने स्तर से भी कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया। ज्ञापन में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुंदर मेहरा, एनएसयूआई के पूर्व जिला महासचिव शिवम बजाज, नगर अध्यक्ष पंकज बिष्ट व सचिव शुभम बिष्ट भी शामिल रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 1 अगस्त 2019। कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा के बृहस्पतिवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलसचिव डा. महेश कुमार की पुस्तक ‘स्टेंडरडाइजेशन ऑफ लीफ सेंपलिंग टेक्नीक्स इन बेल’ का विमोचन किया। डा. कुमार ने बताया कि फल विज्ञान उनका पसंदीदा विषय रहा है और उन्होंने एमएससी के बाद बेलपत्री की पत्तियों की रसायनिक स्थितियों पर शोध किया था। इसी पर यह पुस्तक आधारित है। अनामिका पब्लिकेशन नई दिल्ली के प्रकाशित यह पुस्तक बेल जैसे महत्वपूर्ण औषधीष पौधे के औषधीय व आर्युवैदिक गुणों तथा धार्मिक महत्व सहित टीबी, हेपेटाइटिस, दस्त, एसीडिटी आदि रोगों के उपचार एवं इसकी पत्तियों के प्रयोग आदि के बारे में जानकारी देती है। पुस्तक का आमुख कुलपति प्रो. राणा एवं ग्रामीण विकास आयुक्त रामविलास यादव के द्वारा लिखा गया है। इस अवसर पर कुलसचिव डा. कुमार, उनकी धर्मपत्नी पीसीएस अधिकारी रेखा कोहली, डीएसबी के परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी, प्रो. ललित तिवारी, डा. सुचेतन साह, डा. विजय कुमार, डा. सोहेल जावेद, विधान चौधरी, पीएस बिष्ट, डा. पनेरू, डा. ललित मोहन व डा. जितेंद्र लोहनी आदि मौजूद रहे।

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-दिन में केवल एक खुराक से ही एक-डेढ़ घंटे में ही असर शुरू होने और एक दिन में ही जानलेवा डेंगू पर नियंत्रण होने का दावा
-डेंगू के विषाणु पर नियंत्रण के साथ ही खून में प्लेटलेट्स बढ़ा कर डेंगू पर दो तरफा प्रहार करता है यह फॉर्मूला
-फॉर्मूले पर छात्र प्रीतम दास को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मिला युवा वैज्ञानिक पुरस्कार
नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मई 2019। देश ही नहीं दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए चिंता एवं हर वर्ष सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बने जानलेवा डेंगू बुखार का ऐसा फॉर्मूला फोज लिये जाने का दावा किया गया है, जिसकी केवल एक खुराक खाते ही एक-डेढ़ घंटे के भीतर ही असर शुरू हो जाता है और एक-डेढ़ दिन में ही रोग पर नियंत्रण होने लगता है। वह भी अब तक की केवल 7 मिलीग्राम की गोली से, जबकि अभी डेंगू के उपचार के लिए पैरासिटामॉल की 150 मिलीग्राम की गोली खाने को दी जाती है। यह भी खास बात है कि डेंगू के उपचार का यह फॉर्मूला बेकार की प्लास्टिक से तैयार ग्रेफीन एवं हल्दी से तैयार किया गया है। यानी फॉर्मूला एक हद तक हर्बल भी है। साथ ही इस फॉर्मूले की यह भी खासियत है कि यह डेंगू पर दो तरफा वार करता है। एक ओर यह डेंगू के विषाणु पर चोट करता है, तो दूसरी ओर प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी कार्य करता है। इससे रोगी जल्द डेंगू रोग से मुक्त हो पाते हैं। इस फॉर्मूले की खोज पर कुमाऊं विवि के छात्र प्रीतम दास को मुख्यालय में नैनो साइंस सेंटर के तत्वावधान में आयोजित हुई ‘इनर्जी, फंक्शनल मैटीरियल, नैनो टेक्नोलॉजी एंड सस्टेनेबल इन्वायरमेंट मैनेजमेंट’ विषय पर आयोजित अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में रविवार को उनके ‘ग्रेफीन बेस्ड नैनो-ड्रग डिलीवरी ऑफ करक्यूमिन फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ डेंगू फीवर’ विषय पर बनाये गये पोस्टर पर ‘युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’ से नवाजा गया है।
कुमाऊं विवि के भीमताल परिसर स्थित एम फार्मा विभाग के डा. महेंद्र राणा के निर्देशन में यह फॉर्मूला खोजने वाले छात्र प्रीतम दास ने बताया कि उन्होंने बेकार की प्लास्टिक से तैयार होने वाले नैनो कण ग्राफीन एवं हल्दी में पाये जाने वाले यौगिक ‘करक्यूमिन’ से डेंगू बुखार के इलाज का फॉर्मूला तैयार किया है। आगे इसे फॉर्मूले को पहले कोशिकाओं पर और बाद में प्रयोगशाला से बाहर डेंगू के मरीजों पर प्रयोग करने की अनुमति लेने के लिए आवेदन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नाम का यौगिक पहले ही मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, शरीर के अंदर की सूजन को कम करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। बाजार में इसके कैप्सूल भी आने लगे हैं। वहीं प्रो. राणा ने कहा कि इस शोध से रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ ही डेंगू के विषाणु से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है। बताया कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिमालयन मेडिसिनल प्लांट्स एंड नैनो टेक्नोलॉजी भीमताल तथा नैनो साइंस सेंटर नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में इस तकनीक से अन्य प्राकृतिक औषधियों पर भी शोध किये जा रहे हैं।

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कुमाऊं विवि को 2022 में शीर्ष 20 में आने का लक्ष्य, विद्यार्थियों को राज्य के लिए कार्य करने की सलाह

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नैनीताल, 28 नवंबर 2018। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कुमाऊं विश्वविद्यालय को वर्ष 2022 में देश की स्वतंत्रता की 75वीं एवं अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में कदम रखने के वर्ष में देश के शीर्ष 20 उत्कृष्ट संस्थानों में आने का संकल्प लेकर आगे बढ़ने को कहा। साथ ही विवि के छात्र-छात्राओं को अपने प्रदेश के लिये कार्य करने, बाहर नौकरी करने की जगह ‘स्टार्ट अप’ एवं ‘मेक इन इंडिया’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ उठाकर बाहर वालों को स्वयं नौकरी देने वाला बनने एवं जल संरक्षण जैसे विषयों पर कार्य करने तथा पलायन को रोकने एवं देश को उन्नत राष्ट्र बनाने में जुटने की सलाह दी है। इस संबंध में उन्होंने कुमाऊं विवि की डा. वीना पांडे के स्थानीय पौधे किलमोड़े से मधुमेह की दवा बनाकर अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट हासिल करने की भी सराहना की। इसके अलावा उन्होंने विवि से राज्य में इंवेंस्टर्स समिट के बाद बड़ी मात्रा में आ रहे पूंजीनिवेश एवं उद्योगों को देखते हुए उनकी जरूरत के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित करने तथा सौर ऊर्जा एवं वर्षा जल संग्रहण के प्रबंध कर अपने भवनों को ‘ग्रीन भवन’ बनाने को भी कहा।
राज्यपाल श्रीमती मार्य ने बुधवार को कुमाऊं विवि के 15वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने प्रख्यात लेखक व संगीतकार तथा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पद्मश्री प्रसून जोशी को मानद उपाधि के साथ ही विवि के वर्ष 2017 के लिये 5 को डी लिट, 158 को पीएचडी, 9840 को बीए, 4305 को बीएससी, 2530 को बी कॉम, 397 को एम कॉम, 2504 को एमए, 1602 को एमएससी, 826 को प्रोफेसनल कोर्सों, 29 को स्नातकोत्तर एवं 12 को स्नातक स्तर पर कुलपति स्वर्ण पदक, चार छात्राओं को गौरा देवी स्वर्ण पदक एवं 11 को स्पांसर्ड स्वर्ण पदक तथा दीक्षोपदेश भी दिया। कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षांत यानी शिक्षा का अंत नहीं वरन भविष्य के अनंत आसमान की उड़ान भी है। इससे पूर्व कुलपति प्रो. दिनेश कुमार नौड़ियाल ने विवि की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए इस वर्ष इंडिया टुडे समूह के सर्वेक्षण में कुमाऊं विवि को देश के विवि में 32वां तथा ब्रिक्स देशों के 9500 विवि की क्यूएस रेंकिंग में 301 एवं देश के 83 संस्थानों में 83वां स्थान तथा हिमालयन यूनिवर्सिटीज कंसोर्टियम एवं आईसीमोड काठमांडू से स्थायी सदस्यता मिलने की उपलब्धियां गिनायीं। बताया कि यह उपलब्धि अब तक विश्व के विश्व के 62 चुनिंदा विश्वविद्यालयों को ही हासिल है। कुलसचिव डा. महेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डा. दिव्या उपाध्याय जोशी ने किया। इस मौके पर अतिथियों को पहली बार विवि के आधिकारिक ज्योर्तिलिंग जागेश्वर मंदिर के प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये, तथा समारोह के दौरान वैदिक ऋचाओं के मधुर स्वर कानों में रस घोलते रहे। इस मौके पर पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल, नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी सहित विवि के समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं विवि की विभिन्न सभाओं के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे। आयोजन में परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी, प्रो. पीएस बिष्ट, प्रो. हरीश बिष्ट, प्रो. ललित तिवारी, डा. सुचेतन साह, प्रो. गिरीश रंजन तिवाड़ी डा. रितेश साह, प्रो. संजय पंत, डा. निधि वर्मा, विधान चौधरी, चंद्रकला पंत व डा. नीलू लोधियाल आदि का प्रमुख रूप से योगदान रहा।

हर ओर दिखा महिला शक्ति का बोलबाला

नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में हर ओर महिलाओं का बोलबाल दिखाई दिया। मानद उपाधि प्राप्त कर पद्मश्री प्रसून जोशी ने जिक्र किया कि विवि में करीब 70 फीसद महिला प्राध्यापक कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी अशिक्षित विधवा नानी के राजकीय प्राइमरी पाठशाला से प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त होने से बात शुरू करते हुए पहाड़ की महिलाओं की जीवटता का रोमांचक चित्रण किया और पहाड़ में पुरुषों के कार्य न करने तथा व्यसनों में लिप्त रहने की ओर इशारा करते हुए महिलाओं के द्वारा उन्हें सुधारे जाने की बात कही। बाद में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी उनकी बातों का समर्थन किया। यह भी उल्लेखनीय रहा कि जिन 56 विद्यार्थियों को आज अपनी कक्षाओं में प्रथम रहने के लिए कुलपति स्वर्ण पदक एवं अन्य पदक दिये गये, उनमें से 34 यानी 60 फीसद छात्राएं रहीं। इनमें पहली बार पत्रकारिता विभाग की मास्टर्स डिग्री में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली संगीता भी शामिल रहीं, जिन्हें पहला अमर उजाला की ओर से अपने संस्थापक स्वर्गीय मुरारी लाल अग्रवाल की स्मृति में दिया गया स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ।

वर्षों बाद सही नाम कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रयोग किया गया

नैनीताल। दीक्षांत समारोह के प्रपत्रों, संबोधनों में विवि का सही नाम ‘कुमाऊं विश्वविद्यालय’ वर्षों बाद प्रयोग किया गया। अलबत्ता राज्यपाल सहित कुछ वक्ता इसके बावजूद ‘कुमायूं विश्वविद्यालय’ का अशुद्ध उच्चारण करते रहे।

चरण छूने की परंपरा का दिखा ह्रास

नैनीताल। पिछले वर्षों में दीक्षांत समारोहों में पदक प्राप्त करने के बाद पदक धारकों को पदक देने वाले एवं मंचासीन अन्य गणमान्यजनों के चरण स्पर्श करते हुए देखा जाता था। अलबत्ता इस बार एक-दो को छोड़कर अधिकांश पदक धारकों ने राज्यपाल एवं अन्य के चरण स्पर्श करने से परहेज किया। इसे बच्चों में संस्कारों में आ रही कमी से जोड़कर देखा जा रहा है।

कुमाऊं में प्रकृति से मिली शिक्षा का ऋणी हूं: पद्मश्री प्रसून जोशी

नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि प्राप्त करने वाले भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष, देश के प्रख्यात लेखक, गीतकार एवं मार्केटिंग गुरु पद्मश्री प्रसून जोशी ने कहा कि वे कुमाऊं-उत्तराखंड में प्रकृति से मिली शिक्षा के ऋणी हैं। यह शिक्षा उनके अवचेतन में बसी हुई है। कहा कि हमेशा ऊर्जा जड़ों से प्राप्त होती है, और उनकी जड़ें अल्मोड़ा, कुमाऊं और उत्तराखंड में हैं। वहीं कुमाउनी भाषा के लिए उन्होंने कहा कि यह उनकी धमनियों में दौड़ती है।
दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में एवं पत्रकारों से आत्मीय तरीके से वार्ता करते हुए जोशी ने कहा कि उनका जन्म अल्मोड़ा जिले के दन्या नाम के गांव में हुआ और बचपन अल्मोड़ा के स्यूनराकोट मोहल्ले में प्रख्यात छायावादी कवि सुमित्रानंदन के घर आस पास चितई-जागेश्वर के चीड़-देवदार के जंगलों में मंदिरों तथा बाद में गढ़वाल मंडल में मंदाकिनी एवं अलकनंदा नदी के तटों पर बीता है। इसलिये यहां के बुरांश, काफल, पानी के धारे-नौले उनके अवचेतन में बसे हुए हैं, और समय-समय पर उनके गीतों, विज्ञापनों में भी फूट पड़ते हैं। वे अपने गीतों के लिए बिम्ब यहीं से लाते हैं, और यही प्रकृति उनके गीतों की खूबसूरती बढ़ाती है। अपनी फिल्म तारे जमीन पर के गीत ‘तू धूप है झम्म से बिखर’ का जिक्र करते हुए उन्होंने खुलासा किया कि इस लाइन में ‘झम्म’ शब्द कुमाउनी है, जो कि पहाड़ में चटख धूप पड़ने पर ‘झम्म घाम’ के रूप में प्रयुक्त होता है। कहा कि अपनी लोकभाषा मां की तरह होती हैं, जबकि दूसरी भाषाओं का ज्ञान केवल एक योग्यता की तरह होता है। ‘मेरी मां’ जैसे बेहद भावपूर्ण गीत के लेखक प्रसून ने कहा कुमाऊं की महिलाओं की जीवटता व जुझारूपन को पूरे देश और विश्व को सीखने की जरूरत है। साथ ही पहाड़ में दरवाजों में ताले न लगाये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां दिलों की तरह दरवाजे भी इसलिये खुले रहते हैं, क्योंकि प्रकृति के बीच रहे व्यक्ति कभी भी स्वार्थी नहीं हो सकत, जबकि शहर सबसे पहले स्वार्थी होना ही सिखाते हैं।
बताया कि शुरुआत में छोटे शहर से आया होने के कारण उन्हें बॉलीवुड में काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन उन्होंने हर छोटे-बड़े काम से जिस तरह अपनी प्रतिभा से पूरा न्याय किया, उसी से आगे बढ़े। उन्होंने युवाओं को सफलता का सही अर्थ समझते हुए अपने माता-पिता की इच्छाओं का सम्मान करना और खुद से अपेक्षाओं का पूरा कर पाना वास्तविक सफलता है। कहा कि पहाड़ के युवाओं का काफी समय भविष्य निर्धारण में निकल जाता है, इसलिए इस हेतु उनकी मदद करने की जरूरत है। साथ ही युवाओं से कहा कि उन्हें जीवन में अवसर मिलना तय है, लेकिन इसके लिए उन्हें अभी से तैयार होना होगा। जब अवसर मिलेगा, तब तैयारी करने में लगे तो अवसर हाथ से छूट जाएगा।

फिल्म के प्रमोशन के लिये किये जाते हैं अधिकांश विवाद: प्रसून

नैनीताल। प्र्रसून जोशी ने कहा कि सेंसर बोर्ड का मुख्य कार्य जनभावनाओं एवं कला की अभिव्यक्ति के बीच संतुलन बनाने का है। ‘नवीन समाचार’ के प्रदेश में फिल्माई गयी फिल्म केदारनाथ में आपदा के बीच प्रेम एवं बत्ती गुल मीटर चालू में ठैरा व बल शब्दों के अत्यधिक प्रयोग पर पूछे गये प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कार्य में बोर्ड दोनों पक्षों, जनता एवं फिल्मकारों की मंशा को भी देखता है। यदि मंशा गलत नहीं होती है तो उसे स्वीकार किया जाता है। वहीं प्रख्यात फिल्मकार गोविंद निहलानी की गोविंद स्टारर फिल्म ‘रंगीला राजा’ में 20 कट लगाने के सुझाव के बाद हाईकोर्ट तक पहुंचे हालिया विवाद पर उन्होंने कहा कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है, किंतु बोर्ड की जिन समितियों के सदस्यों ने फिल्म देखी है, उन्हें फिल्म में महिलाओं के प्रति दैहिक हिंसा, यहां तक कि हीरो द्वारा महिला से बलात्कार करने के बाद भी उसे सही ठहराने का भाव नजर आया है। इसलिये इस फिल्म को ए प्रमाण पत्र देने की पेशकश की गयी थी किंतु निहलानी ए-यू प्रमाण पत्र लेना चाहते हैं। उन्होंने अपनी ओर से सेंसर बोर्ड को पूर्णतया पारदर्शी तरीके से चलाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि फिल्मों की रिलीज से पहले कई विवाद फिल्म को सुर्खियों में लाने के लिए मार्केटिंग या प्रमोशन का हिस्सा होते हैं। दर्शकों को इसे समझना चाहिए।

शोध उपाधियों के साथ प्रकाश व दीपक ने बिखेरा अनुकरणीय उजियारा

-आइंस्टीन-स्टीफन हॉकिंस की खोजों को आगे बढ़ा कर प्राप्त की प्रकाश ने पीएचडी की डिग्री

नवीन जोशी, नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने वालों में कई उल्लेखनीय, अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी नाम भी शामिल हैं। इन्हीें में एक नाम है बागेश्वर जनपद में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत प्रकाश चंद्र फुलारा का। फुलारा ने सरकारी नौकरी के साथ ही घर-परिवार के तमाम दबावों को झेलने के साथ ही गणित विषय के शोधार्थी के रूप में ‘रिलेटिविस्टिक मॉडल्स फॉर इक्वेलिब्रियम एंड डायनामिकल स्टेलर स्ट्रक्चर’ विषय पर बुधवार को शोध उपाधि प्राप्त की है। इसके साथ ही फुलारा के 6 शोध पत्र दुनिया के शीर्ष-एस्ट्रोनॉमी एंड-एस्ट्रो फिजिक्स वर्ल्ड जनरल ऑफ मैथमैटिक्स, साउथ ईस्ट एसियन जनरल ऑफ मैथमैटिक्स एंड मैथमैटिकल साइंस जैसे अंतर्राष्ट्रीय शोध जनरलों में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उनके शोध के अंश फ्रांस, वेनेजुएला व कोलंबिया में हो रहे शोधों में संदर्भित किये जा रहे हैं।
एक भेंट में श्री फुलारा ने बताया कि उनका शोध 1915 में महान आविष्कारक आइंस्टीन द्वारा उच्च घनत्व के क्वांटम स्टार, ब्लेक होल व स्ट्रेंज स्टार आदि खगोलीय पिंडों पर दी गयी परिकल्पना पर आधारित हैं। उन्हांेने बताया कि इस अवधारणा पर 1916 में स्वारफील्ड, इसके 20 वर्षों के बाद बजडल ने कुछ काम किया। इधर 1975-76 एवं 1995 के बाद कार्य में तेजी आयी है। इसी अवधारणा पर हाल के वर्षों में महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस ने की अगुवाई में ‘गॉड पार्टिकल’ कहे जा रहे बोसोन कणों की खोज हुई। इन्हीं उच्च घनत्व के कणों पर उन्होंने अपने मॉडल से नये समीकरण व समाधान पेश किये हैं। गणित के साथ ही भौतिकी एवं रसायन में भी एमएससी कर चुके तथा आईआईटी गेट एवं सीएसआईआर नेट परीक्षाएं भी उत्तीर्ण कर चुके फुलारा का इरादा आगे अपने शोध कार्य को जारी रखने तथा ‘मैथमैटिकल साइंस’ पर पुस्तक भी लिखने का है।

दोनों पैरों की विकलांग दीपक ने भी बिखेरा उजाला

नैनीताल। कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने वालों में मात्र तीन वर्ष की उम्र में पोलियो होने की वजह से विकलांग दीपक मेहता भी शामिल हैं। अपनी विकलांगतो को कभी भी खुद पर हावी न होने देने वाले दीपक ने ‘उत्तराखंड के लोक गीतों का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन’ विषय पर शोध उपाधि हासिल की है। अल्मोड़ा जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिरौटा बैरती को एकल शिक्षक के तौर पर अकेले चलाने के बावजूद दीपक ने इस वर्ष 6 सितंबर को अल्मोड़ा के डीएम से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत तीन पुरस्कार हासिल किये हैं। साथ ही वे अपनी संस्था ‘नई उम्मीद’ तथा अपने यूट्यूब चैनल पर ‘बाल पंछी’ सिरीज के माध्यम से पुराने लोक गायकों को सम्मानित तथा नयी पीढ़ी के बच्चों में प्रदेश की लोक संस्कृति के लोक गीत-लोक नृत्यों का बीजारोपण करने का कार्य भी कर रहे हैं।

पूर्व समाचार : आज-कल में यह कर लें, वरना नहीं मिलेंगे कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में पदक व डिग्रियां, साथ ही देखें पदक लेने वालों की पूरी सूची

नैनीताल, 25 नवंबर 2018। कुमाऊं विवि का 15वां दीक्षांत समारोह आगामी 28 दिसंबर को प्रातः 10 से साढ़े 12 बजे तक डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निदेशक प्रसून जोशी को मानद उपाधि सहित विवि के छात्र-छात्राओं को 2017 के शैक्ष्णिक सत्र के लिये डीलिट, पीएचडी तथा 56 पदक प्रदान करेंगे। रविवार को इस हेतु विवि के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल ने पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि डिग्री प्राप्त करने के लिए 26 एवं 27 सितंबर केा प्रातः 11 बजे से पंजीकरण प्रारंभ किये जाएंगे। सभी डिग्री धारकों एवं मेडल धारकों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा, तथा दीक्षांत समारोह में डिग्री एवं पदक प्रदान किये जाएंगे।
आयोजन स्थल डीएसबी परिसर के निदेशक प्रो. एलएम जोशी ने कहा कि मेडल विजेताओं का पूर्वाभ्यास 27 नवंबर को शाम तीन बजे से एएन सिंह सभागार में होगा, जिसमें उपस्थित होने वाले विद्यार्थी ही दीक्षांत समारोह में भाग ले पाएंगे। साथ ही दीक्षांत समारोह में केवल कार्ड धारक ही प्रवेश कर पाएंगे। इस अवसर पर विवि के कुलसचिव डा. महेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. पीएस बिष्ट, डा. हरीश बिष्ट, डा. रीतेश साह, विधान चौधरी, डा. महेंद्र राणा, प्रो. ललित तिवाड़ी आदि मौजूद रहे।

जनरल जोशी, साहित्यकार शैलेश मटियानी व हिमांशु जोशी सहित 20 हस्तियों को मिल चुकी है मानद उपाधि

नैनीताल। इस वर्ष प्रसून जोशी को मानद उपाधि दे रहा कुमाऊं विवि इससे पूर्व 19 अक्तूबर 1978 को आयोजित हुए अपने दीक्षांत समारोह में विवि के संस्थापक कुलपति डा. डीडी पंत व साहित्यकार इला चंद्र जोशी को, 18 मार्च 1994 को हुए दीक्षांत समारोह में साहित्यकार गोविंद बल्लभ पंत, प्रो. कृष्ण जोशी, साहित्यकार शैलेश मटियानी, देश के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, डा. देशबंधु बिष्ट व ले.जनरल जीएस रावत, 17 जून 2006 को हुए दीक्षांत समारोह में राजनेता डा. कर्ण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, फाली एस नारीमन, बीडी पांडे, एचसी पांडे, रिजर्व बैंक के गवर्नर सी रंगराजन, 8 जून 2008 को हुए दीक्षांत समारोह में नोबल पुरस्कार विजेता आरके पचौरी व एमसी पंत, 22 जून 2010 को आयोजित दीक्षांत समारोह में पद्मश्री मृणाल पांडे, पद्म भूषण चंडी प्रसाद भट्ट व दो दिन पूर्व दिवंगत हुए साहित्यकार हिमांशु जोशी को एवं इस वर्ष ही 28 मई 2018 को आयोजित हुए 14वें दीक्षांत समारोह में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मानद उपाधि प्रदान कर चुका है। वहीं इस वर्ष 5 को डी लिट, 158 को पीएचडी, 9840 को बीए, 4305 को बीएससी, 2530 को बी कॉम, 397 को एम कॉम, 2504 को एमए, 1602 को एमएससी, 826 को प्रोफेसनल कोर्सों, 29 को स्नातकोत्तर एवं 12 को स्नातक स्तर पर कुलपति स्वर्ण पदक, चार छात्राओं को गौरा देवी स्वर्ण पदक एवं 11 को स्पांसर्ड स्वर्ण पदक दिये जाएंगे। स्पांसर्ड स्वर्ण पदकों में पहली बार हल्द्वानी के साहित्यकार रामकृष्ण कोठारी ‘धर्म’ द्वारा अपने पिता स्व.मथुरा प्रसाद कोठारी व माता मांडवी देवी की याद में दो स्वर्ण पदक एवं अमर उजाला की ओर से पत्रकारिता विभाग के टॉपर को स्वर्ण पदक दिये जाएंगे।

जागेश्वर मंदिर समूह बना कुमाऊं विवि का आधिकारिक प्रतीक

कुमाऊं विवि के आधिकारिक प्रतीक जागेश्वर मंदिर की प्रतिकृति।

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने सातवीं से 14वीं शताब्दी में बने देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक, 125 मंदिरों के जागेश्वर मंदिर समूह को अपना आधिकारिक प्रतीक चुन लिया है। विवि के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल ने बताया कि काफी सोच-विचार के बाद कुमाऊं के सबसे बड़े मंदिर समूह व पहचान के रूप में जागेश्वर मंदिर को विवि के प्रतीक के रूप में चुना गया है। विवि अपने 15वें दीक्षांत समारोह में तथा आगे भी अतिथियों को प्रतीक के रूप में जागेश्वर मंदिर की प्रतिकृति ही प्रतीक के रूप में भेंट करेगा।

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नैनीताल, 19 नवंबर 2018। कुमाऊं विवि आगामी 28 नवंबर को आयोजित होने वाले अपने 15वे दीक्षांत समारोह में अपने 55 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदक देने जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें छात्राओं की संख्या सर्वाधिक है। खासकर 44 स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 34 छात्राएं एवं केवल 10 छात्र शामिल हैं। विवि के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल ने बताया कि स्नातकोत्तर कक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए प्रीति ढेक, निकिता गुप्ता, कुसुम पांडे, मुक्ता कनवाल, सपना बिष्ट, काजल श्रीवास्तव, गुलफशा अंसारी, नीतू, आस्था नेगी, मीनाक्षी पाठक, हेमलता, पूनम शाही, प्रदीप कुमार, निखलेश सिंह मेहता, अरविंद सिंह, पूजा, ज्योति शर्मा, दीक्षा अग्रवाल, सपना पंत, किरनदीप कौर, अंबिका अग्निहोत्री, अनुभव मेहरा, कृष्ण सिंह बिष्ट, ललित मोहन जोशी, आशीष शर्मा, चित्राक्षी पंत, प्रीति फुलेरा, शिखा तिवारी व मीणा कौसर तथा स्नातक स्तर पर कला संकाय से नीतू कौर, अनुष्ठा शाही व गीतांजलि गिरि गोस्वामी, विज्ञान संकाय के लिये मनीषा जोशी, वसुंधरा लोधियाल व निधि बिष्ट, वाणिज्य एवं प्रबंधन संस्थान के लिए मनीष भाकुनी, कविता मनराल व मनीश यादव, विधि संकाय के लिए स्वाति सिंह, संदीप मणि व दिव्यांश उज्जवल को कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किये जाएंगे। साथ ही स्नातक स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने लिए नीतू कौर, मनीषा जोशी, कविता मनराल व स्वाति सिंह को गौरा देवी स्वर्ण पदक दिये जाएंगे। इनके अतिरिक्त मनीष भाकुनी, कुसुम पांडेय, आकांक्षा सैनी, निखिलेश मेहता, स्वाति सिंह, हेमलता, कृष्ण सिंह बिष्ट, मुक्ता कनवाल, संगीता रावत, प्रदीप कुमार व प्रिया बमेठा को स्पांसर्ड स्वर्ण पदक भी प्रदान किये जाएंगे।

कुमाऊं विवि से डा. गिरीश रंजन, बीना, साहू, चंद्रा व द्विवेदी सहित 40 प्राध्यापकों को मिला पदोन्नति का तोहफा

नैनीताल, 18 नवंबर 2018। कुमाऊं विवि ने अपने 40 प्राध्यापकों को नये वर्ष से पहले पदोन्नति का तोहफा दे दिया है। विवि के पांच एसोसिएट प्रोफेसर-पत्रकारिता विभाग के डा. गिरीश रंजन तिवारी जैव प्रौद्योगिकी विभाग की डा. बीना पांडे, चित्रकला विभाग के डा. सोनू द्विवेदी, भौतिकी विभाग के डा. रमेश चंद्रा तथा रसायन विभाग के डा. नंद गोपाल साहू की पदोन्नति प्रोफेसर पद पर हो गई है। इसके अलावा 17 प्राध्यापक एसोसिएट जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर के 8000 ग्रेड पे में 6 और 7000 ग्रेड पे में 12 प्राध्यापकों की पदोन्नति पर अंतिम मुहर लगा दी गई है।  उल्लेखनीय है कि इन पदोन्नतियों के लिफाफे काफी समय से उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में खुल नहीं पाये थे। इन्हें शनिवार को विवि की ओर से अंतिम मंजूरी मिल गयी है। इसके साथ ही विवि ने आगामी 28 नवंबर को आयोजित होने वाले विवि के 15वें दीक्षांत समारोह, इसमें प्रसून जोशी को मानद उपाधि प्रदान करने एवं पीएचडी, डी लिट व डीएससी की डिग्रियां एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को पदक प्रदान करने को भी औपचारिक अनुमोदन दे दिया है। इसके अलावा कुमाऊं विश्वविद्यालय की कार्य परिषद में क्रिमिनोलॉजी, साइबर क्राइम और फॉरेंसिक साइंस पाठ्यक्रमों के संचालन को भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। वहीं शासन से भी तीनों विषयों को लेकर मंजूरी मिल गई है और विवि शासनादेश जारी होने पर अगले सत्र से पाठ्यक्रम शुरू कर दिए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को उमुवि देगा मानद उपाधि, मुरली मनोहर जोशी व नरेंद्र नेगी को भी मिलेगी मानद उपाधि

प्रीतम भरतवाण।

नैनीताल, 16 नवंबर 2018 । उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय इस वर्ष पहली बार मानद उपाधि देने की शुरुआत करने जा रहा है। विवि के द्वारा पहली बार प्रदेश के लोक गायक व ‘जागर सम्राट’ के नाम से प्रसिद्ध प्रीतम भरतवाण को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जाएगी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के साथ ही कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल ने यह जानकारी दी। बताया कि उमुवि का दीक्षांत 27 नवंबर को हल्द्वानी स्थित परिसर एवं कुमाऊं विवि का दीक्षांत समारोह 28 नवंबर को नैनीताल स्थित डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में आयोजित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कुमाऊं विवि के द्वारा प्रख्यात लेखक एवं कवि तथा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन (सेंसर) बोर्ड के निदेशक प्रसून जोशी को मानद उपाधि देना पहले तय हो गया था, जबकि अब उमुवि द्वारा प्रीतम भरतवाण को मानद उपाधि देना तय हुआ है। यह पहला मौका होगा जब 31 अक्तूबर 2005 को स्थापित उत्तराखंड मुक्त विवि किसी शख्शियत को मानद उपाधि देगा। इसके अलावा आगामी 30 नवंबर को अपना पहला दीक्षांत समारोह मना रहा राज्य का दून विवि पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी एवं राज्य के चर्चित लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को मानद उपाधि देगा। कुलपति प्रो. नौड़ियाल ने बताया कि दोनों विवि के दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य मुख्य अतिथि एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत विशिष्ट अतिथि होंगे।

प्रीतम भरतवाण के बारे में :

लोकगायक और जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को उत्तराखंड के साथ साथ देश विदेशों में उत्तराखंडी संस्कृति और ढोल को पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। प्रीतम का जन्म देहरादून के रायपुर ब्लॉक के सिला गांव में एक औजी परिवार में हुआ था। जिस कारण लोक संगीत उन्हे विरासत में मिली है। उनके घर पर ढोल, डौर, थाली जैसे कई उत्तराखंडी वाद्य यंत्र हुआ करते थे, और घर में संगीत का मौहाल था। उनके पिता और दादा पहाड़ में होने वाले खास त्यौहारों में जागर लगाते थे। प्रीतम की शुरूवाती शिक्षा गांव के पास ही एक विद्यालय में हुई। बताया जाता है कि प्रीतम भरतवाण ने मात्र 6 साल से ही थाली बजाकर पहाडी संगीत को सीखना शुरू कर दिया था, आगे उन्होने संगीत की ट्रेनिंग भी ली। । संगीत के प्रति रूझान और उनकी कला की पहचान सबसे पहले स्कूल में रामी बारौणी के नाटक में बाल आवाज़ देने से हुई। उन्होने मसूरी के एक नृत्य नाटक में डांस किया जिसके बाद स्कूल के शिक्षकों पर उनकी नजर पड़ी। इसके स्कूल के बच्चों के साथ प्रीतम ने प्रिसिंपल के ऑफिस जाकर गाने का ऑडिशन दिया। जिसमें वो पास भी हो गये थे। इसके बाद तो उन्हे स्कूल के हर कार्यक्रमों में गाने का मौका मिलने लगा। सबसे खास बात यह रही कि मात्र 12 साल की उम्र में ही उन्होने लोगों के सामने जागर गाना शुरू कर दिया था. इस जागर को गाने के लिए उनके परिवार के जीजाजी और चाचा ने उन्हे कहा था।बताया जाता है कि वे जब अपने परिवार के लोगों के साथ शादी बारात में जाया करते थे, वहां उनके पिता और चाचा जागर लगाया करते थे। एक दिन जब आधी रात को जागर लगाते समय उनके पिता थक गए तो पिता ने प्रीतम से जागर लगाने को कहा। प्रीतम ने ऐसा जागर प्रस्तुत किया सभी मन्त्रमुग्ध हो गए। यही संगीत के क्षेत्र में उनकी पहली प्रस्तुति थी। वे ना सिर्फ जागर, बल्कि लोकगीत, पवांडा, और लोकगीत भी गाते हैं, और कई लोक वाद्य यंत्र भी बजाते हैं। प्रीतम को पहली सफलता 1995 में रामा कैसेंट से रिलीज हुई कैसेंट ‘तौंसा बौं’ से और आगे प्रसिद्धि ‘सरूली मेरू जिया लगीगे’ गाने से मिली। 1988 में प्रीतम ने ऑल इंडिया रेडियों के जरिए लोगो को अपनी प्रतिभा दिखाई। प्रीतम भरतवाण को उनकी आवाज और प्रतिभा के लिए देश विदेशों में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। अमेरिका की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी में वे विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर बच्चों को ढोल सागर सिखाने भी जाते हैं। वे उत्तराखंड की संस्कृति का विदेशों में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रीतम का जन्मदिन अब उत्तराखंड में जागर संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।

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-दीक्षांत समारोह में अल्मोड़ा निवासी प्रख्यात लेखक-कवि एवं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन (सेंसर) बोर्ड के निदेशक प्रसून जोशी को मानद उपाधि दी जाएगी
-150 से अधिक शोधार्थियों को पीएचडी, 4 को डी लिट, 2 को डीएससी एवं करीब 50 छात्र-छात्राओं को पदक किये जाएंगे भेंट, अभी बढ़ भी सकती है संख्या
-एक वर्ष के भीतर ही केवल 7 माह के अंतराल में आयोजित होगा कुविवि का दूसरा दीक्षांत समारोह
नैनीताल, 12 नवंबर 2018। पहले 14 व 15 को प्रस्तावित एवं निकाय चुनाव के कारण टला उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह अब 27 व 28 नवंबर को हल्द्वानी व नैनीताल में होंगे। इस बारे में सोमवार को स्थिति साफ हो गयी है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में अल्मोड़ा निवासी प्रख्यात लेखक-कवि एवं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन (सेंसर) बोर्ड के निदेशक प्रसून जोशी को मानद उपाधि दी जाएगी। साथ ही अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 150 से अधिक शोधार्थियों को पीएचडी, 4 को डी लिट, 2 को डीएससी एवं करीब 50 छात्र-छात्राओं को पदक भेंट किये जाएंगे। हालांकि पीएचडी, डीएससी व डी लिट की संख्या दीक्षांत समारोह तक होने वाले साक्षात्कारों के आधार पर बढ़ भी सकती है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में उमुवि का दीक्षांत समारोह 14 नवंबर व कुविवि का दीक्षांत समारोह 15 नवंबर को होना प्रस्तावित था। लेकिन इस बीच निकाय चुनावों की घोषणा हो जाने के बाद दीक्षांत समारोह को स्थगित करना पड़ा। इसके साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में पधारने के लिए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं उप राष्ट्रपति बेंकया नायडू को आमंत्रण भेजे गये थे, किंतु दोनों के कार्यालयों से इंकार कर दिया गया है। इससे पूर्व 13वां दीक्षांत समारोह 24 अक्तूबर 2016 को व 14वां दीक्षांत समारोह 18 मई 2018 को आयोजित हुआ था, और इस मौके पर देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मानद उपाधि दी जाएगी। इस प्रकार यह पहला मौका होगा जब एक वर्ष के भीतर ही और केवल 7 माह के अंतराल में भी विवि का दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित होने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 14वां दीक्षांत समारोह भी एनएसए अजीत डोभाल के पास समय की उपलब्धता न होने के कारण दो बार टालना पड़ा था।

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  • 25 विषयों में 200 के करीब डीलिट, डीएससी व पीएचडी की उपाधियां देने का भी हुआ अनुमोदन

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय देश के ‘जेम्स बॉन्ड’ कहे जाने वाले उत्तराखंड मूल के, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इस वर्ष आयोजित होने वाले विवि के दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से नवाजेगा। दीक्षांत समारोह के लिए आगामी 18 मार्च की तिथि रखी गयी है, किंतु राजभवन की ओर से बताया गया है कि इस तिथि के लिए अभी श्री डोभाल की ओर से समय नहीं मिल पाया है। कोशिश है कि उनकी सुविधा पर ही तिथि तय की जाएगी।

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शनिवार 23 फ़रवरी 2018 को कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल की अध्यक्षता में विवि प्रशासनिक भवन में आयोजित कुमाऊं विवि की कार्य परिषद एवं वित्त समिति ने गत 15 फरवरी 2018 को आयोजित विवि कोर्ट एवं विद्या परिषद द्वारा इस संबंध में पारित प्रस्तावों का अनुमोदन कर दिया। इसके साथ ही बैठक में दीक्षांत समारोह में वर्ष 2017 के करीब 200 शोधार्थियों को डीलिट, डीएससी व पीएचडी की उपाधियां देने का भी अनुमोदन कर दिया गया। साथ ही वित्त समिति ने शासन से विवि को वेतन के अतिरिक्त प्राप्त दो करोड़ रुपए के बजट का अनुमोदन भी कर दिया। बैठक में प्रभारी कुलसचिव बहादुर सिंह बिष्ट, वित्त अधिकारी अनिता आर्य, कार्य परिषद सदस्य डा. महेंद्र पाल, अरविंद पडियार, जेएस बुधानी, डा. सुरेश डालाकोटी व रसपाल मल्होत्रा के साथ डा. आराधना शुक्ल, डा. शेखर जोशी व डा. बीना पांडे आदि संकायाध्यक्ष तथा विधान चौधरी व अन्य सदस्य मौजूद रहे।

इससे पूर्व बृहस्पतिवार 15 फ़रवरी 2018 को कुलपति प्रो. डीके नौड़ियाल की अध्यक्षता में हुई कुमाऊं विश्वविद्यालय की कोर्ट सभा की बैठक में कार्य परिषद के सदस्य सुरेश डालाकोटी ने श्री डोभाल को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव रखा, और अन्य सदस्य अधिवक्ता बहादुर सिंह पाल ने इसका अनुमोदन तथा सभी उपस्थित सभी कार्य परिषद सदस्यों से सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया। इसके अलावा 2016-17 में व्यक्तिगत छात्रों की परीक्षा को उत्तराखंड मुक्त विवि को हस्तांतरित किए जाने से विवि को करीब 22 करोड़ का आर्थिक नुकसान होने का आरोप लगाते हुए इसके दृष्टिगत राज्य सरकार से विवि के बजट में सुधार किए जाने अतिरिक्त अनुदान देने की मांग की गई। 

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  • नैनीताल के बच्चों ने एपीजे से बनाया था ‘काका कलाम’ का रिश्ता
  • ‘काका कलाम’ ने बच्चों से यहां कहा था- सपने देखो और उन्हें कार्यान्वित करो
  •  यहां 9-10 अगस्त 2011 नैनीताल के बच्चों से भी एक गुरु की भांति मिले थे दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति को
  • कहा था-‘असंभव कल्पनाएें करो और उन्हें पूरा कर अद्वितीय बनो’ , ‘मुझे कुछ लेना है’ के बजाय’ मुझे देश को कुछ देना है’ का भाव रखो

नैनीताल के सेंट मेरीज कान्वेंट हाई स्कूल में बोलते डा. कलाम।

नवीन जोशी, नैनीताल। ‘ड्रीम…. ड्रीम…. ड्रीम, ट्रांसफर देम इन टु थाट्स एंड रिजल्ट्स, एंड मेक एक्शन’ यानी खूब-खूब सपने देखो, उन्हें विचारों और परिणामों में बदलों और फिर कार्यान्वित करो। यह वे अनुकरणीय और प्रेरणादायी शब्द थे, जो दुनिया से ‘रातों को सोने न देने वाले सपने’ देखने का आह्वान करने वाले स्वप्नदृष्टा युगपुरुष दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने नैनीताल के बच्चों से कहे थे। देश के शीर्ष पद व सम्मान प्राप्त करने और दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक होने के बावजूद बच्चों को पढ़ाने, देश के ‘विजन-2020’ के लिए प्रेरणा देने के लिए उनके बीच ही बालसुलभ तरीके से अधिक समय लगाने वाले, वास्तविक अर्थों में सच्चे भारतीय, मां भारती के सच्चे सपूत, चमत्कारिक प्रतिभा के धनी, ज्ञान-विज्ञान व प्रौद्योगिकी के साथ ही कला, साहित्य, संस्कृति के साथ ही संगीत के प्रेमी, मानवता के पोषक, देश को स्वदेशी सैन्य ताकत से युक्त करने वाले ‘मिशाइल मैन’, ‘रामेश्वरम के कलाम’ को कदाचित पहली बार नैनीताल के बच्चों ने ही ‘काका कलाम’ नाम से पुकारा था। यहां डा. कलाम से सेंट मेरीज कान्वेंट हाई स्कूल में नौ अगस्त 2011 को बच्चों ने घंटे के वार्तालाप में उनसे ढेरों प्रश्न पूछकर अपने बालमन की अनेक जिज्ञासाएं भी शांत की थीं।

27 अगस्त 2015 को शिलांग में बच्चों को पढ़ाते हुए दिवंगत हुए बच्चों के प्यारे ‘काका कलाम’ 9-10 अगस्त 2011 को नैनीताल में भी बच्चों के बीच थे। यहां उन्होंने नगर के सेंट मेरी कांन्वेंट स्कूल में बच्चों को संबोधित किया व उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। यहां कलाम आये तो निर्धारित समय से एक घंटे बाद, लेकिन बच्चों के बीच ऐसे रमे कि पता ही नहीं चला कि कब निर्धारित से आधा घंटा अधिक समय बीत गया। यहां उन्होंने बच्चों के न केवल सवालों के जवाब दिये, वरन एक शिक्षक या बुजुर्ग से अधिक उन्हें जीवन की दीक्षाएें भी दीं। अपने वक्तव्य की शुरुआत उन्होंने बच्चों में यह विश्वास भरते हुऐ कि बच्चों में बड़ी महानता छुपी है, बच्चों को बताया कि कैसे बड़े लक्ष्यों को, कड़ी मेहनत से अच्छी पुस्तकों का लगातार अध्ययन करके ज्ञान को स्वयं में समाहित कर, उसका प्रयोग देश-समाज की समस्याओं को दूर करके महानता हासिल की जा सकती है। उन्होंने बच्चों से कहा, हमेशा ‘मुझे कुछ लेना है’ के बजाय’ मुझे देश को कुछ देना है’ का भाव रखें। भ्रष्टाचार की खिलाफत अपने घर से अपने पिता को प्रेरित करके करें तो यह समस्या स्वत: समाप्त हो जाऐगी। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताते हुऐ कहा कि प्राथमिक शिक्षा का रचनात्मक होना जरूरी है। शिक्षकों व पाठ्य सामग्री को भी रचनात्मक बनाना होगा, कक्षाओं लिये इसके।

नैनीताल के सेंट मेरीज कान्वेंट हाई स्कूल में नौ अगस्त 2011 को बच्चियों का अभिवादन करते दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम।

नैनीताल के सेंट मेरीज कान्वेंट हाई स्कूल में नौ अगस्त 2011 को बच्चियों का अभिवादन करते दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम।

अपनी पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फायर’ का उद्धृत करते हुए उन्होंने बच्चों में यह विश्वास जगाया कि वह क्षमता, अच्छाई, विश्वास और सपनों सरीखे विचारों के पंखों के साथ पैदा हुऐ हैं, न कि रोने के लिये, क्योंकि उनमें पंख हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान व्यक्ति को रचनात्मक बनाता है। लेकिन इसके लिये विचारों में रचनात्मकता और चरित्र की सुंदरता, घर का अच्छा माहौल होने चाहिऐ, तभी ज्ञान दुनिया में शांति ला सकता है। देश के ‘विजन-2020’ पर उन्होंने कहा कि जहां 70 फीसद ग्रामीणों का उत्थान हो, उन्हें ऊर्जा व साफ पानी मिले तथा सामाजिक व आर्थिक कारणों से किसी को शिक्षा लेने से न रोका जाऐ, भ्रष्टाचार, गरीबी और खासकर महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध न हों, वह ऐसे भारत की कल्पना करते हैं। उन्होंने खासकर बालिकाओं से निडर, ज्ञानवान, संस्कृतिनिष्ठ व सशक्त बनने का आह्वान किया और विश्वास दिलाया कि महिलाएें सशक्त होंगी तो देश स्वत: विकसित राष्ट्र बन जाऐगा। इससे पूर्व उन्होंने विद्यालय पहुंचने पर सबसे पहले बच्चों से ही हाथ मिलाऐ और फूल ग्रहण किये। बच्चों के शिर पर हाथ रखकर भी उन्होंने आशीर्वाद दिये। ऐसा लगा नहीं कि देश के सर्वाेच्च पद पर बैठा और मिसाइल मैन कहा जाने वाला एक सामने हो युगदृष्टा बच्चों के। तभी तो विद्यालय के भीतर न आ पाऐ स्थानीय बच्चे घरों और सड़क के पार से भी उनके स्वागत में नारेबाजी कर रहे थे।
With APJ Abdul KalamWith APJ Abdul Kalaamवहीं अगले दिन कुमाऊं विवि के 11 वें दीक्षांत समारोह में बच्चों को दीक्षोपदेश देते हुऐ कलाम ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह ग्राहम बेल, सर सीवी रमन, रामानुजम, राइट भाईयों, एडीशन, हार्डी व प्रो. चंद्रशेखर की भांति असंभव कल्पनाएें को पूरा करने की हिम्मत दिखाकर अद्वितीय (यूनीक) बनें, तभी वह मानवीय सीमाओं को तोड़ सकते हैं। कहा कि अद्वितीय बनने के लिये उन्हें जीवन में ऊंचे लक्ष्य रखने होंगे, लगातार ज्ञानार्जन करना होगा, कठिन परिश्रम करना होगा तथा महान उपलब्धि का अहसास करने के लिये दृढ़ रहना होगा, यदि ऐसा करेंगे तो स्वत: ही आप अद्वितीय बन जाएेंगे। इस दौरान कुमाऊं विवि के 36,711 विद्यार्थियों को उपाधियां तथा स्नातकोत्तर के 26 व स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्रदान करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण, रजत व कांश्य तथा चार छात्राओं को गौरा देवी स्वर्ण पदक व दो अन्य पदक प्रदान किये। उन्होंने उपाधि धारकों व पदक विजेताओं से बातचीत भी की।

बताया था आज और कल का अंतर

नैनीताल। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने कहा था कि आज नये तरीके से सोचने की जरूरत है। कल के तरीके से आगे काम नहीं चल सकता। उन्होंने आज और कल में अंतर बताते हुऐ कहा कि कल प्राकृतिक संसाधनों का अर्थ शक्ति, ताकत से होता था, जबकि आज ज्ञान ताकत है। कल पदानुक्रम से सत्ता चलती थी, और तालमेल से काम चलाने का समय है। कल शेयरहोल्डर पहले गिने जाते थे, आज उपभोक्ता पहले गिने जाते हैं। कल नियोक्ता आदेश देते थे आज टीम या समूह निर्णय लेते हैं। कल वरिष्ठता से आपकी स्थिति बतलाई जाती थी, आज आपकी रचनात्मक आपको आगे बढ़ाती है। कल उत्पादक उपलब्धता पर आधारित था, आज प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है। कल कीमत अतिरिक्त कारक थी आज कीमत ही सब कुछ है। कल हर कोई प्रतिस्पर्धी था, आज हर कोई उपभोक्ता है तथा कल अवसरवादिता के आधार पर लाभ प्राप्त किये जा सकते थे, जबकि आज कार्य और सफलता मेहनत से ही प्राप्त किये जा सकते हैं।

‘विजन 2020’ में उत्तराखंड को बताई थी उसकी हिस्सेदारी

नैनीताल। डा. कलाम ने देश के विजन-2020 में उत्तराखंड को भी दायित्व सोंपा था। कहा था-इसके लिये उत्तराखंड को अगले नौ वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को तीन गुना करना होगा। साक्षरता दर को 9 0 फीसद करना होगा। शिशु मृत्यु दर जो 10 प्रति हजार है, उसे कम करना होगा। पर्यटक राज्य के रूप में देशी पर्यटन को दो एवं विदेशी पर्यटन को तीन गुना करना होगा। राज्य वासियों में अधिक धनार्जन की क्षमता विकसित करनी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाएें देनी होंगी तथा राज्य की जैव विविधता खासकर जैव ईधन एवं प्राकृतिक औषधियों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने राज्य से अपने कार्बन उत्सर्जन के बराबर कार्बन सोखकर को ‘कार्बन न्यूट्रल स्टेट’ बनने को भी कहा।

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