April 20, 2024

कुमाऊं विवि के पूर्व भूगर्भशास्त्री डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया पंचतत्व में विलीन, पुत्र-पुत्री ने दी मुखाग्नि

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Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia

नवीन समाचार, नैनीताल, 13 फरवरी 2024 (Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia)। कुमाऊं विवि के पूर्व भूगर्भशास्त्री डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया का असामयिक निधन हो गया। मंगलवार शाम उन्होंने नई दिल्ली के एक निजी चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। बुधवार को रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर उनके पुत्र अविजीत व पुत्री मालविका ने उन्हें साथ मिलकर मुखाग्नि दी।

इस अवसर पर कुमाऊं विवि के कुलपति डॉ. दीवान सिंह रावत, अल्मोड़ा विवि के कुलपति डॉ. सतपाल सिंह बिष्ट, सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष प्रो. सीसी पंत, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. प्रदीप गोस्वामी, प्रो.एसएस बर्गली, प्रो. ललित तिवारी, डॉ.डीएस बिष्ट व कार्यपरिषद सदस्य अरविंद पडियार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग एवं उनके संबंधी व मित्र मौजूद रहे।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार स्वर्गीय कोटलिया के फेफड़ों में संक्रमण की दिक्कत थी। इसके उपचार के लिये वह दिल्ली में भर्ती थे। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर को उनके भीमताल स्थित घर लाया गया और यहां से उनकी अंतिम यात्रा रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट के लिये प्रारंभ हुई। (Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia)

पुरा मौसम वैज्ञानिक थे कोटलिया (Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia)

Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotliaउल्लेखनीय है कि नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंड के कोटली गांव निवासी करीब 63 वर्षीय स्वर्गीय कोटलिया कुमाऊं विवि के एमएससी भूविज्ञान विभाग के 1979 बैच के पहले बैच के विद्यार्थी रहे। बाद में पीएचडी करने के बाद वह जर्मनी के एलक्जेंडर वॉन फाउंडेशन के पोस्ट डॉक्टरल फेलो रहे। 1991 में वह यूजीसी के रिसर्च साइंटिस्ट यानी शोध वैज्ञानिक के तौर पर कुमाऊं विवि आये। वह पेलियो क्लाइमेट के यानी पुरा मौसम के वैज्ञानिक थे। (Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia)

पुरा मौसम के वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने पुरानी झीलों, गुफाओं आदि का अध्ययन कर 5-10 हजार वर्षों पूर्व के मौसम का अध्ययन किया था। इसके अलावा उन्होंने पृथ्वी की हलचलों और मेरुदंडधारी जानवरों के जीवाष्मों का अध्ययन भी किया था। उनकी धर्मपत्नी मंजू कोटलिया अधिवक्ता हैं एवं उपभोक्ता फोरम की सदस्य भी रही हैं। उनके निधन से कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों में शोक की लहर है। भूविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चारु चंद्र पंत ने कहा कि उनके असामयिक निधन का समाचार उनके लिये झटके की तरह है। उनके निधन पर कूटा एवं कांग्रेस पार्टी ने भी शोक व्यक्त किया है। (Untimely demise of Geologist Dr Bahadur Kotlia)

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