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March 19, 2024

(Land Slide) बिन बरसात सड़क का बड़ा हिस्सा भयावह तरीके से भरभराकर गिरा….

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Land Slide

नवीन समाचार, जोशीमठ, 20 जनवरी 2024 (Land Slide)। उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर शाम बिन बरसात के राजमार्ग पर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा (Land Slide) भयावह तरीके से टूट कर सड़क पर गिर गया। पहाड़ के टूटकर गिरने की आवाज सुनकर सड़क के निर्माण के काम में जुटे मजदूरों और इंजीनियरों ने भागकर अपनी जान बचाई। देखें वीडिओ :

Video thumbnail: भयावह भूस्खलन @ पांडुकेश्वर, उत्तराखंड #shortvideo #shortsvideo #trending #landslide #uttarakhandप्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ मार्ग पर जोशीमठ से लगभग 15 किलोमीटर आगे पांडुकेश्वर की ओर टैया पुल के पास यह (Land Slide) हादसा हुआ। गनीमत रही कि पहाड़ा का हिस्सा टूटकर सड़क पर गिरते वक्त उस समय कोई गाड़ी नहीं गुजर रही थी वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पहाड़ के टूटने से करीब लगभगत 100 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हुआ है।

बंद हुये राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का काम जारी है। एचटीसी कंपनी के कर्मचारी, पुलिस व एसडीआरएफ की टीम मौके पर तैनात हैं। सड़क को खोलने के लिए दोनों ओर से मशीन लगा दी गई हैं, लेकिन सड़क खुलने में अभी 24 घंटे तक का समय लग सकता है।

उल्लेखनीय है कि पहाड़ टूटने का नजारा अकसर बरसाती मौसम में देखने को मिलता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में बरसात के बिना पहाड़ी का टूटना भयावह है।

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यह भी पढ़ें : Land Slide : डीएम ने बताया चार्टन लॉज के भूस्खलन के बाद प्रशासन की प्राथमिकतायें व योजनाएं..

नवीन समाचार, नैनीताल, 26 सितंबर 2023 (Land Slide)। नगर के आवागढ़ स्थित चार्टन लॉज कंपाउंड में बीते 23 सितम्बर को हुए भूस्खलन की घटना के मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने विधायक सरिता आर्या व नगर के अन्य लोगों के साथ बैठक में भूस्खलन की घटना के बाद किये जा रहे कार्यों एवं स्थानीय लोगों में उत्पन्न शंकाओं के बारे में अपनी बात रखी। देखें आवागढ़ कम्पाउंड में हुए भयावह भूस्खलन का वीडियो:

जिलाधिकारी ने बताया कि जैसे ही 23 सितंबर की सुबह 8-सवा 8 बजे के लगभग इस क्षेत्र में कुछ पत्थर गिरने की सूचना प्राप्त हुई। तत्काल मौके पर नायब तहसीलदार एवं क्षेत्रीय पटवारी ने खतरे की स्थिति को भांपते हुए आसपास के भवनों को खाली कराया। इससे कोई जनहानि नहीं हुई। भूस्खलन के उपरान्त प्रशासन की प्राथमिकता इस क्षेत्र में भूस्खलन की संवेदनशीलात को कम करना रही। इसके लिये क्षेत्र में पानी का रिसाव हो सकने वाली दरारों को तारपोलीन से पूरी तरह से ढका गया, एवं पहाड़ी के ढलान पर न्यूनतम भार डालते हुए जीयो बैग्स के माध्यम से तात्कालिक सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं।

साथ ही निकट भविष्य में खतरे की जद में आ सकने वाले भवनों को सुरक्षा-संवेदनशीलता के दृष्टिगत लाल निशान लगाते हुए इनमें रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया गया। खतरनाक लग रहे भवनों के चिन्हीकरण की कार्यवाही की गई है। साथ ही भूस्खलन से प्रभावित एवं किराए के भवनों में अन्यत्र रहने लगे परिवारों को अनुमन्य अहैतुक सहायता एवं भवन किराया मद में अनुमन्य सहायता तत्काल प्रदान किये जाने हेतु उप जिलाधिकारी को निर्देश दिये गये हैं।

डीएम ने बताया कि पहाड़ियों में हो रहे धंसाव के रुकने के उपरांत ही यहां पक्की दीवार या स्थाई निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग से डीपीआर यानी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र की उच्च तकनीकी संस्थानों आईआईटी, टीएचडीसी व यूकेएलएलएमसी आदि के माध्यम से सर्वेक्षण कराने के लिये प्रदेश के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव से अनुरोध किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र कई वर्षों से ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित है। इसी वर्ष 2023 में ही 148 भवनों को अवैध निर्माण कराए जाने पर प्राधिकरण द्वारा नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा भी क्षेत्र की संवेदनशीलता के दृष्टिगत अवैध निर्माण कार्यों को रोका जाना चाहिए तथा अपने अवैध निर्माणों को हटा लेना चाहिए।

इस दौरान बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने अनुरोध किया कि कुछ लोग क्षेत्र में अफवाह फैला रहे हैं जिससे जनता में भय व्याप्त हो रहा है, ऐसे लोगों का चिन्हीकरण करते हुए कार्यवाही किये जाने तथा क्षेत्र में जल निकासी एवं सीवरेज की सुचारू व्यवस्था हेतु विस्तृत योजना बनाये जाने की आवश्यकता जतायी।

जिलाधिकारी ने बताया कि इस हेतु तकनीकी एजेंसी के माध्यम से प्लान तैयार कराया जाएगा परन्तु प्लान की आवश्यकता के अनुसार स्थानीय लोगों को नाली, नालों व सीवर लाईनों हेतु जगह-भूमि उपलब्ध करानी होगी। प्रतिनिधियों द्वारा स्वयं एक दल बनाकर क्षेत्र में चिन्हित अवैध निर्माण करने वाले व्यक्तियों से अवैध निर्माण हटाए जाने हेतु सम्पर्क करते हुए समझाया जाएगा।

बैठक में अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान, उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार, सांसद प्रतिनिधि गोपल रावत, मनोज जोशी, दया किशन पोखरिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष आनंद बिष्ट, दीपक मेलकानी, बबीता उप्रेती, लोनिवि के अधिशासी अभियंता रत्नेश सक्सेना, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार व अन्य लोग मौजूद रहे।

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यह भी पढ़ें : नैनीताल Land Slide: भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के 25 भवन खाली कराये, 12 अन्य को सतर्क रहने की हिदायत, सुरक्षात्मक कार्य किये गये

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 सितंबर 2023 (Land Slide)। नैनीताल के आवागढ़ कम्पाउंड में स्थित चार्टन लॉज में शनिवार 23 सितंबर को हुए भू-स्खलन के उपरांत आज शनिवार को राहव व बचाव कार्य किये गये। प्रशासनिक जानकारी के अनुसार इस दौरान यहां बनी दरारों को ढकने एवं झाड़ी कटान का कार्य किया गया।

आज पुनः प्रभावित क्षेत्र का अपर जिलाधिकारी, जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के सचिव व उप जिलाधिकारी ने तकनीकी विभाग के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया तथा भू-स्खलन की संवेदनशीलता के दृष्टिगत तात्कालिक सुरक्षात्मक कार्यों के साथ अन्य संवेदनशील भवनों का चिन्हीकरण करते हुए सुरक्षा की दृष्टि से इन परिवारों को भी अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्णय लिया।

इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र का तकनीकी निरीक्षण कर संवेदनशील व असुरक्षित क्षेत्र में आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। भूस्खलन से खुली भू-सतह को तारपोल के माध्यम से पूरी तरह से ढकने एवं भू-स्खलनग्रस्त क्षेत्र की जीयो बैग्स से तात्कालिक रोकथाम का कार्य भी किया गया।

गौरतलब है खतरे की जद में आये 5 परिवारों में से दो को प्रशासन ने कल ही सीआरएसटी व तीन परिवारों को चन्द्र भवन में शिफ्ट करा दिया गया था, जबकि 12 अन्य परिवार अपने रिस्तेदारों व परिचितों के घरों में सुरक्षा के कारणों से शिफ्ट हो गये थे, जबकि आज इन 17 परिवारों के अतिरिक्त 8 अन्य भवनों को संवेदनशील चिन्हित करते हुए परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट किया गया है।

इनमें से अधिकांश परिवार सुरक्षा की दृष्टि से अपने परिचितों के घर पर निवास कर रहे हैं। जबकि किराए के भवनों में रहने वाले कुछ परिवार अन्यत्र किराए के भवनों में चले गये हैं। एक संवेदनशील भवन पूर्व से ही खाली था। इनमें से 14 भवन स्वामियों ने अपने भवन खाली करके उनमें ताले लगा दिये है, शेष भवनों से सामान खाली करते हुए ताला लगाये जाने की कार्यवाही चल रही है। इसके अतिरिक्त आस-पास के 12 अन्य भवन स्वामियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

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यह भी पढ़ें : नैनीताल Land Slide: बिन वर्षा भूस्खलन, दो घर ध्वस्त होने की कगार पर आने के बाद करने पड़े खाली, कई घरों को खतरा, क्या अतिक्रमण विरोधी अभियान है कारण

नवीन समाचार, नैनीताल, 23 सितंबर 2023 (Land Slide)। नगर के बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के पास मल्लीताल स्थित आवागढ़ कंपाउंड क्षेत्र में शनिवार सुबह बिन वर्षा के बड़ा भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन से एक घर टेढ़ा हो गया है, जबकि कुल 2 घर ध्वस्त होने की कगार पर नजर आ रहे हैं। इन्हें गृहस्वामियों ने खाली कर दिया है। इनके अलावा भी करीब एक दर्जन घरों पर खतरा बताया जा रहा है। क्षेत्रीय लोग इसे जिला चिकित्सालय के क्षेत्र में प्रशासन द्वारा भारी-भरकम जेसीबी मशीनों के चलने का परिणाम बता रहे हैं।

Land Slideप्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह आवागढ़ क्षेत्र में एक सुरक्षा दीवार अचानक ढह गयी और अनेक घरों में दरारें आ गयीं। बताया गया है कि यह दीवार 1995 में बनी थी। इसके बाद मौके पर क्षेत्रीय लोगों की भीड़ जुट गयी, जबकि दो घरों को वहां रहने वाले लोगों ने खाली कर दिया। साथ ही अन्य लोग भी अपने घरों में दरार आने की बात कर रहे हैं, किंतु किसी प्रशासनिक, बेदखली जैसी कार्रवाई से डरते हुए अपने नाम बताने से भी डर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के द्वारा गत 14 जुलाई से बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि पर बने करीब 40 भवनों को पहले हाथ से और 18 सितंबर से, यानी पिछले 5 दिनों से भारी भरकम दो जेसीबी और एक वाइब्रेटर ड्रिलिंग मशीन की मदद से तोड़ा जा रहा है। इससे पूरे क्षेत्र के घरों में बार-बार भूकंप जैसा कंपन महसूस हो रहा है। ऐसे में क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि इस प्रशासनिक कार्रवाई की वजह से क्षेत्र में बिन वर्षा के भूस्खलन की घरों के ढहने जैसे स्तर का बड़ा भूस्खलन हुआ है। प्रशासनिक टीमों का मौके पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है।

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यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग Land Slide : अभी-अभी भवाली-ज्योलीकोट एनएच बन्द

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अगस्त 2023 (Land Slide)रविवार अपराहन राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109 भवाली-ज्योलीकोट के बीच बंद हो गया है। इस मार्ग पर अपराह्न करीब 1 बजे बीरभट्टी पुल के पास भारी मात्रा में मलबा आ गया। गनीमत रही कि अचानक मलबा आने के बावजूद कोई इसकी चपेट में नहीं आया। देखें वीडियो :

मार्ग पर जितनी मात्रा में मलवा आया है उससे लगता है इसे साफ करने में काफी समय लग सकता है इसलिए वाहनों को सलाह दी जाती है कि इस मार्ग से मार्ग खुलने की सूचना तक न जाए। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष इसी जगह मलबा आने से यह मार्ग काफी दिनों बंद रहा था।

यह भी पढ़ें : Land Slide : 3 सेकेंड में भरभराकर गिरा 32 कमरों का 3 मंजिला होटल

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अगस्त 2023 (Land Slide) उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बरिश काफी नुकसानदेह साबित हो रही है। मंगलवार को राज्य के रुद्रप्रयाग जनपद में एक तीन मंजिला होटल भरभराकर ढह गया। देखें वीडियो:

बताया गया है कि रुद्रपुर-गौरीकुंड राजमार्ग पर सीतापुर से पहले सोनप्रयाग कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामपुर नामक स्थान पर स्थित 32 कमरों का ‘न्यू केदार’ के नाम का यह होटल काफी समय से जर्जर स्थिति में था। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से होटल को काफी समय पहले ही खाली करवा दिया गया था।

इधर आज सुबह होटल के पास भूस्खलन शुरू हो गया था। इस कारण इस पर भी खतरा बढ़ गया था। इसलिए कई लोग पहले से इसका वीडियो बनाने में लगे हुए थे। होटल के ढहने से पहले होटल में दरारें बढ़ने और खिड़कियां चटकने लगी थीं और फिर यह अचानक कुछ ही सेकेंड में भरभराकर गिर गया। अलबत्ता इससे कोई जनहानि नहीं हुई।

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यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग: हल्द्वानी-नैनीताल रोड पर  वाहनों का आवागमन रहा पौने 2 घंटे ठप

नवीन समाचार, नैनीताल, 6 अगस्त 2023 (Land Slide)। नैनीताल को हल्द्वानी से जोड़ने वाले एनएच 109 पर सोमवार अपराह्न करीब डेढ़ घंटे से दोगांव व डोलमार के बीच भेड़िया पखांण पर शाम करीब पौने पांच बजे पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूट कर गिर पड़ा था। इससे मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था। सूचना मिलने पर पहुंची जेसीबी मशीनें सड़क को खोलने का प्रयास कर रही थी। 

इधर ताजा जानकारी के अनुसार शाम करीब साढ़े छह बजे यानी यानी करीब पौने दो घंटे के बाद मार्ग को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया है। अलबत्ता यहां सड़क पर काफी कीचड़ बना हुआ है। लिहाजा वाहन चालकों को इस स्थान पर सावधानी बरतने की आवश्यकता बनी हुई है। इधर मुख्यालय में समाचार लिखे जाने के दौरान एक बार फिर से मूसलाधार बारिश हो रही है।

Land Slide उल्लेखनीय है कि भेड़िया पखांण पर बरसों से एक ही स्थान पर सड़क पर भूस्खलन हो रहा है। कई बार यहां बिना बारिश के भी पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूट पड़ता है। इससे कई लोग चोटिल हो चुके हैं, अलबत्ता अब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है। कई बार तो यहां कई दिनों तक भी वाहनों का आवागमन ठप रह चुका है। फिर भी प्रशासन यहां भूस्खलन रोकने के कोई भी ठोस, प्रभावी व दीर्घकालीन उपाय शुरू भी नहीं कर पाया है।

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रात्रि से हो रही बारिश, रोपवे स्टेशन के पास भूस्खलन (Land Slide) से घर को खतरा, 25 सड़कें बंद

नवीन समाचार, नैनीताल, 2 अगस्त 2023। सरोवरनगरी में रात्रि से लगातार बारिश हो रही है। सुबह सभी स्कूलों के बच्चे एवं शिक्षक भीगते हुए विद्यालय पहुंचे हैं। वहीं बारिश की वजह से नगर में भूस्खलन (Land Slide) भी प्रारंभ हो गए हैं। मल्लीताल में रोपवे स्टेशन के पास पॉपुलर कंपाउंड-चार्टन लॉज के बीच नाला नंबर 20 व 21 की ब्रांच लाइन में भूस्खलन हुआ है। इससे नाले से लगे नंदन राम के घर को खतरा उत्पन्न हो गया है।

(Land Slide)उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सिचाई विभाग की ओर से नालों के सुदृढ़ीकरण के कार्य हुए थे, लेकिन इस स्थान के पास से सुदृढ़ीकरण के कार्य को छोड़ दिया गया था। इस कारण नाले की दीवार रात्रि दो बजे धमाके जैसी आवाज के साथ गिर गई। इससे घर में रहने वाले लोग भूकंप जैसी आशंका से घर से बाहर निकल आए। पीड़ित नंदन राम ने अविलंब नाले के निर्माण के साथ घर को बचाने की गुहार लगाई है।

वहीं जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद में ताजा बारिश से 25 सड़कें बंद हो गई हैं। बंद हुई सड़कों में नैनीताल जिला मुख्यालय का रूसी बाइपास, बेतालघाट से ओखलढूंगा के रास्ते रामनगर जाने वाला मार्ग मल्ली सेठी से खोला तक, बेतालघाट से ही क्यारी के रास्ते ओखलकांडा जाने वाला मार्ग अमेल से पापड़ी के बीच और बेतालघाट से भुजान मार्ग हल्सो कोरड़ के आश्रम पद्धति विद्यालय के पास तथा जलालगांव-देचौरी व नलनी मार्ग प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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यह भी पढ़ें : Land Slide : नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरी चट्टान, साढ़े 4 घंटे ठप रहा यातायात

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जुलाई 2023। रात्रि से हो रही बारिश के बीच शनिवार सुबह करीब 5 बजे नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर दोगांव-डोलमार के बीच भेड़िया पखांण पर (Land Slide) बड़ी चट्टान गिर आई। इससे वाहनों का आवागमन रुक गया। सूचना मिलने पर जेसीबी मौके पर पहुंची और मलबा हटाया। देखें वीडियो:

इसके बाद करीब साढ़े चार घंटे बंद रहने के बाद करीब साढ़े 9 बजे सड़क खुल पाई। इस दौरान पुलिस ने यातायात को व्यवस्थित कराया।

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यह भी पढ़ें : कृष्णापुर वार्ड को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाला एकमात्र बचा मार्ग भी भूस्खलन (Land Slide) से ध्वस्त

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 जुलाई 2023। नगर के कृष्णापुर वार्ड को नैनीताल नगर से जोड़ने वाला मार्ग वर्ष 2017 में बलियानाला में हुए भूस्खलन (Land Slide) से बंद हो गया था, जबकि वीरभट्टी की ओर से नगर को करीब 25 किलोमीटर के लंबे चक्कर से जोड़ने वाले मार्ग पर भी वर्ष 2021 में सरस्वती विहार से पहले नाले के पास भूस्खलन हुआ था। देखें वीडियो:

नगर पालिका के पूर्व सभासद व क्षेत्रीय निवासी डीएन भट्ट ने बताया कि इधर बरसात के बावजूद इस मार्ग पर जेसीबी की मदद से ऊपर व नीचे दोनों ओर से इस मार्ग को खोद दिया गया था, जिस कारण यह मार्ग भूस्खलन से पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, और इस पर अब वाहनों का आवागमन संभव नहीं रह गया है।

(Land Slide) इस प्रकार करीब 10 हजार की आबादी वाला यह पूरा क्षेत्र दोनों ओर से बाहरी दुनिया से कट गया है। श्री भट्ट ने कहा कि जिस तरह दोनों ओर से जेसीबी से मार्ग की कटाई की गई है, ऐसे में इस बरसात में इस मार्ग पर भूस्खलन रुकना भी संभव नहीं लग रहा है। ऐसे में यदि क्षेत्रीय लोगों में से कोई बीमार होता है तो उसे अस्पताल भी नहीं ले जाया जा सकेगा।

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यह भी पढ़ें : नैनीताल Land Slide: वाहनों पर गिरी दीवार, क्षतिग्रस्त

नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जुलाई 2023। नगर के तल्लीताल भवाली रोड पर कैंट के पास शनिवार अपराह्न भूस्खलन (Land Slide) हो गया और भूस्खलन के साथ ईटों की दीवार का मलबा वहां खड़े वाहनों पर गिर गया, इससे कम से कम दो वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। देखें वीडियो:


Land Slideइनमें एक स्थानीय कार संख्या यूके04जे-7306 भूपेंद्र सिंह की तथा दूसरी देहरादून नंबर की यूके07बीडी-7806 अमित जोशी की बताई गई है। गनीमत रही कि इस दौरान इन वाहनों में अथवा कोई राहगीर इसकी चपेट में नहीं आया, अन्यथा वह हताहत भी हो सकता था। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..

यह भी पढ़ें : मॉल रोड की दरारों पर लोनिवि के ईई का बड़ा दावाः नई दरारें नहीं, डाला गया कोलतार निकल रहा…


मॉल रोड की दरारों पर लोनिवि के ईई का बड़ा दावाः नई दरारें नहीं -  हिन्दुस्थान समाचारनवीन समाचार, नैनीताल, 5 फरवरी 2023। नगर की मॉल रोड पर समय-समय पर दरारें उभरती रहती हैं। इधर पिछले कुछ दिनों से भी लोवर व अपर मॉल रोड पर दरारें उभरी हुई नजर आई हैं। लोनिवि द्वारा इन दरारों को कोलतार से भरा जा रहा है। इन दरारों के जरिए नैनीताल को भी जोशीमठ में आई दरारों के साथ जोड़ा जा रहा है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बड़ा दावा किया है। यह भी पढ़ें : तल्लीताल पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद कीं बुर्के पहनीं दो लड़कियां….

श्री गुप्ता ने ‘नवीन समाचार’ से बात करते हुए कहा कि मॉल रोड पर दरारें आने से पूरी तरह इंकार तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें क्षेत्रीय अभियंताओं ने बताया कि वहां सामान्य तौर पर नई दरारें नहीं आ रही हैं। बल्कि पूर्व में आई दरारों में डाला गया कोलतार कुछ समय के बाद निकल जाता है, जिससे यहां समय-समय पर दरारें उभरती नजर आती हैं। यह भी पढ़ें : महिला से एक करोड़ 30 लाख रुपए की ठगी, आरोपित गिरफ्तार 

हालांकि श्री गुप्ता ने यह भी माना कि मॉल रोड बड़े भ्रंस पर स्थित है। पिछले वर्षों में हुई जांचों में यहां की मिट्टी में पानी की बहुत अधिक मात्रा पाई गई है। इससे ऊपर की ओर रहने वाली आबादी का और झील का पानी यहां मौजूद है। मॉल रोड पर वाहनों का दबाव भी अत्यधिक है। इस तरह यहां भूक्षरण व भूधंसाव के अनेकों कारण मौजूद हैं। लेकिन यहां आ रही दरारें उन्हीं पुरानी दरारों के स्थान पर आ रही हैं, जिन्हें समय-समय पर कोलतार से भरा जाता है। यह भी पढ़ें : ध्यान योगी बाबा ने खुद को गोली मारकर उड़ाया, सनसनी

मॉल रोड की दरारों पर दिखती है शासन-प्रशासन की अगंभीरता
नैनीताल। मॉल रोड नगर एवं नगर के पर्यटन का आधार है। लोवर मॉल रोड पर जिला पर्यटन कार्यालय के पास 18 अगस्त 2018 को बड़ा भूस्खलन हुआ था। तब एक तरह से कामचलाऊ तौर पर लोवर मॉल रोड को वाहनों के आवागमन हेतु तैयार किया गया था। तब से साढ़े चार वर्ष गुजरने के बावजूद मॉल रोड को सुदृढीकरण के स्थायी कार्यों के लिए शासन से धनराशि का इंतजार है। यह भी पढ़ें : मुख्य कृषि अधिकारी पर अज्ञात ने किया गोली चला कर जानलेवा हमला

लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि पूर्व में टीएचडीसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर मॉल रोड के 40 मीटर क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण करने के लिए लोनिवि के प्रमुख अभियंता को 3.48 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर कुछ आपत्तियां लगी थीं। आपत्तियों का निस्तारण कर पुनः प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। साथ ही शीघ्र धनराशि अवमुक्त करने का अनुरोध भी किया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : (Land Slide) प्रलय की कगार पर उत्तराखंड का जोशीमठ ? सैकड़ों घरों में आई दरारें, फूट रहे पानी के फव्वारे, कहीं इस नगर से संबंधित भविश्यवाणी का असर तो नहीं…

-मेन सेंट्रल थ्रस्ट के सक्रिय होने, एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना एवं अत्यधिक निर्माणों को भी बताया जा रहा है कारण
उत्तराखंड के जोशीमठ में प्रलय की आहट | Sinking land in Uttarakhand's  Joshimath | Hindi News | Latest - doomsday sounds in joshimath uttarakhand  sinking land in uttarakhand s joshimath hindi news latest – News18 हिंदीनवीन समाचार, जोशीमठ, 6 जनवरी 2023। उत्तराखंड का एक ऐतिहासिक-धार्मिक शहर जोशीमठ इन दिनों एक अज्ञात कारणों से आई मुसीबत से परेशान है। शहर के सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं और घरों से पानी की धार फूट रही है। इससे हजारों लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। शहर में स्थित एशिया की सबसे लंबी रोपवे सेवा को पर्यटकों के लिए बंद करना पड़ गया है। शहर के लोग एक डिग्री सेल्सियस में मशाल जुलूस निकालकर मदद व विस्थापन कर पुर्नवास कराने की गुहार लगा रहे हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी के बनभूलपुरा मामले में आया सर्वोच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश…

मामले में सरकार ने पास में स्थित एनटीपीसी की एक परियोजना को बंद कर दिया है। सरकार की ओर से वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई है, जो जोशीमठ जाकर जमीन धंसने और मकानों में दरार के कारणों का पता लगाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज अथवा अगले कुछ दिनों में जोशीमठ का दौरा कर सकते हैं। यह भी पढ़ें : 11 वर्ष की बच्ची के घर से भागने पर पुलिस के हाथ पांव फूले, वजह चिंताजनक…

चमोली जिले के जोशीमठ से एक नया वीडियो भी सामने आया है। नगर के मारवाड़ी वार्ड स्थित जेपी कॉलोनी इलाके के इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह से जमीन के अंदर से पानी का रिसाव हो रहा है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार जोशीमठ में करीब 561 घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं। जबकि नगर पालिका अध्यक्ष के अनुसार 576 घरों में दरारें आई हैं। यह भी पढ़ें : स्पा सेंटर में बड़े स्तर पर चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, दो महिला संचालकों सहित 11 महिलाओं सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार देखें वीडियो:

नगर स्थित रोपवे के टावर नंबर 1 पर जमीन धंसने की वजह से एशिया के सबसे लंबे रोपवे को बंद कर दिया गया है। क्षेत्रीय लोग एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना को इस सब के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं, हालांकि सरकार ने अब इसे बंद करने के आदेश दे दिए है। अलबत्ता, भू वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण से बात करें तो यहां से गुजरने वाले एमसीटी यानी मेन सेंट्रल थ्रस्ट के सक्रिय होने को यहां हो रहे भूधंसाव का कारण बताया जा रहा है। साथ ही यहां बीते वर्षों में हुए बेतहाशा निर्माणों को भी इस सब का जिम्मेदार माना जा रहा है। यह भी पढ़ें : युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी प्रेम विवाह की सजा, पत्नी ने भी नहीं दिया साथ, अब मिली उम्रकैद की सजा…

जिस शहर में लोग आज लगातार चौड़ी होती दरारों और घरों में फूटते जल स्रोतों से पानी का बहाव तेज होने की वजह से घर छोड़ने को मजबूर हैं, वहां अभी हाल में सात मंजिला होटल को मंजूरी दिये जाने की बात भी चर्चाओं में है। मशाल जुलूस निकाल कर बदरीनाथ हाईवे पर जाम लगा रहे लोगों का कहना है कि मारवाड़ी वार्ड स्थित जेपी कॉलोनी में पानी के रिसाव से वह दहशत में हैं। छह से सात जगहों पर जमीन के अंदर से पानी के फव्वारे फूट रहे हैं, और इनसे पानी का बहाव तेज होता जा रहा है। घरों में बड़ी बड़ी दरारें भी पड़ रही हैं। कॉलोनी से जेपी कंपनी के 35 भवन खाली कर दिए गए हैं। यह भी पढ़ें : दुःखद : हीटर से बिस्तर में लगी आग, कर्मचारी जिंदा जला….

जोशीमठ ने नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव होने से घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। उन्होंने देहरादून जाकर सीएम धामी को खुद पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस भू धंसाव से नगर क्षेत्र के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने पालिकाध्यक्ष को समस्या के समाधान और स्वयं जोशीमठ आने का आश्वासन दिया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल के नर्सरी विद्यालय से पढ़ीं डॉ. विनीता बनीं प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक, खुशी की लहर…

वहीं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान में भी जमीन धंसने से दरारें आ गई हैं। माधवी सती ने कहा कि उनके पास मकान में रहने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। चमोली के डीएम ने भी इलाके का दौरा किया था लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: शोध छात्रा कामिनी ने उत्तीर्ण की राज्य लोक सेवा आयोग की भूवैज्ञानिक परीक्षा…

धार्मिक शहर भी है जोशीमठ, क्या है यहां स्थित नृसिंह देवता से संबंधित भविष्यवाणी
जोशीमठ हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भी बेहद महत्वपूर्ण शहर है। इसी जगह पर जगतगुरु शंकराचार्य जी ने तपस्या की थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जोशीमठ को नृसिंह-नरसिंह देवता की स्थली भी कहा जाता है। जोशीमठ में 1200 साल पुराना नृसिंह देव का मंदिर है। यहां पर आठवीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने नरसिंह देवता की मूर्ति स्थापित की थी। यह भी पढ़ें : वरिष्ठ पत्रकार पालीवाल बंधुओं को मातृशोक

नृसिंह मंदिर में भगवान विष्णु के शांत स्वरूप के दर्शन होते हैं। बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के बाद यहां पर भगवान विष्णु की शीतकालीन गद्दी की पूजा की जाती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार मूर्ति का निर्माण आठवीं सदी में कश्मीर के महाराजा ललितादित्य ने करवाया था। वहीं, कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार ये मूर्ति खुदाई में मिली गई थी। मूर्ति की बाई कलाई पतली है और ये हर दिन पतली होती जा रही है। यह भी पढ़ें : 11 वर्ष की बच्ची के घर से भागने पर पुलिस के हाथ पांव फूले, वजह चिंताजनक…

लोक किवदंतियों के अनुसार जब नृसिंह देव की मूर्ति का हाथ पतला होते-होते टूट कर गिर जाएगा तो बद्रीनाथ के दर्शन नहीं हो पाएंगे। ऐसा इसलिए भी तब विष्णुप्रयाग के समीप पटमिला पर स्थित जय व विजय नाम के पहाड़ आपस में मिल जाएंगे। इससे बद्रीनाथ के दर्शन नहीं हो पाएंगे। इसके बाद जोशीमठ में मौजूद तपोवन क्षेत्र में भविष्य बद्री में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन होंगे। आदि शंकराचार्य जी ने ही भविष्य बद्री मंदिर की स्थापना की थी। भविष्य बद्री मंदिर के पास एक पत्थर पर शंकराचार्य ने भविष्यवाणी लिखी है। हालांकि, जिस भाषा में भविष्यवाणी लिखी है, उसे आज तक कोई भी नहीं पढ़ सका है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : नैनीताल : नैनी झील की दीवार झील में समाई (Land Slide)

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 3 सितंबर 2022। कई दिन से चल रही आशंकाओं के बीच आखिर मुख्यालय में बैंड स्टेंड के पास भूस्खलन हो गया और नैनी झील की दीवार झील व इससे लगा पाथ-वे झील में समा गया। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।

उल्लेखनीय है कि बैंड स्टेंड के पास झील की दीवार पर दरार आने के कारण इसके गिरने की बहुत दिनों से संभावना जताई जा रही थी। इस कारण बैंड स्टेंड से आगे की ओर बैरीकेट लगाकर मार्ग प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बीच शनिवार दोपहर यह दीवार झील में गिर गई। इसके साथ यहां गुजरने का पैदल रास्ता भी झील में समा गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : भवाली-नैनीताल रोड पर बड़ा भूस्खलन (Land Slide), सड़क पूरी तरह से बंद…

jagranडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जुलाई 2022। जिला मुख्यालय को निकटवर्ती नगर भवाली से रोकने वाली मुख्य सड़क भूस्खलन (Land Slide) से बंद हो गई है। नगर से करीब 6 किलोमीटर दूर पाइंस से आगे सड़क का करीब 20 से 25 मीटर हिस्सा पूरी तरह से खाई में समा गया है। जबकि इसके आगे पीछे भी करीब 10 मीटर से अधिक लंबे क्षेत्र में दरारें हैं। इसके बाद मार्ग पर वाहन तो दूर, पैदल गुजरने की गुंजाइश भी नहीं बची है। भवाली-नैनीताल रोड पर आज हुए भूस्खलन का विडियो :

इसके बाद भवाली आने-जाने वाले वाहनों को करीब 25 किलोमीटर अतिरिक्त चलकर गेठिया, ज्योलीकोट के रास्ते गुजरना पड़ेगा। बताया गया है कि इस कारण नैनीताल से भवाली का किराया बस से 25 व छोटे वाहनों से 30 रुपए की जगह अब बस से 80 व टैक्सियों से 100 रुपए देने पड़ रहे हैं। उधर नैनीताल-पंगोट रोड भी शाम करीब चार बजे मलबा आने से वाहनों के आवागमन के लिए बंद हो गई। हालांकि करीब एक घंटे बाद डोजर मशीन के द्वारा मलबा हटा लिए जाने के बाद सड़क खुल गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे अचानक पाइंस में छावनी परिषद द्वारा बनाए गए व्यू प्वाइंट से आगे,आईटीआई-हाइडिल कॉलोनी के पीछे की ओर, कठोर नजर आने वाली चट्टान अचानक भरभराकर गिर गई इससे सड़क पूरी तरह से गायब हो गई है। सूचना मिलने पर डीएम धीराज गर्ब्याल भी मौके पर पहुंचे और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता से स्थितियों को जाना।

श्री गुप्ता ने बताया कि कठोर नजर आने वाली चट्टान अचानक गिर पड़ी। इससे करीब 25 मीटर सड़क पूरी तरह से गायब हो गई है, जबकि आगे-पीछे करीब 10 मीटर सड़क पर भी दरार है। जिस तरह से बारिश के पानी का रिसाव हुआ है, उसके बाद आगे भी यहां भूधंसाव होने की संभावना बनी हुई है। अभी मार्ग के खुलने पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। डीएम धीराज गर्ब्याल ने एक सप्ताह में सड़क को पुर्नस्थापित कर वाहनों का आवागमन शुरू किए जाने की उम्मीद जताई है। तब तक के लिए वाहनों से ज्योलीकोट एक नंबर बैंड के रास्ते ही आवागमन करने को कहा गया है। ध्वस्त सड़क के दोनों ओर बैरीकेटिंग की जा रही है।

यह भी पढ़ें : नैनीताल : बारिश के साथ भूस्खलन जारी, 11-12 लाख खर्चने के बाद सात माह बाद खुली ठंडी सड़क पर फिर बंद होने का खतरा…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2022। नैनीताल में बीते सोमवार से शुरू हुई मानसूनी बारिश का सिलसिला बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। इसके साथ नगर में भूस्खलन भी शुरू हो गए हैं। हल्द्वानी, भवाली व राजभवन रोड के बाद ठंडी सड़क पर पाषाण देवी मंदिर के पास बने डेंजर जोन में फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है।

बताया गया है कि यहां दो दिन पूर्व ही हल्का मलबा गिरा था, जो कि बुधवार को भी जारी रहा। पहाड़ी से गिर रहे मलबे व बोल्डरों से यहां भूस्खलन रोकने के लिए लगाई गई लोहे के तारों की जालियां-वायर क्रेट भी क्षतिग्रस्त ग्रस्त हो गई हैं। इससे यहां ठंडी सड़क पर गुजरने वालों के साथ ही ऊपर स्थित डीएसबी परिसर के छात्रावासों को एक बार फिर खतरा उत्पन्न हो गया है। देखें आज सुबह हुई बारिश का वीडियो:

उल्लेखनीय है कि ठंडी सड़क पर बीते वर्ष सबसे पहले 29 अगस्त 2021 से ही भूस्खलन शुरू हो गया था, और इस कारण यह मार्ग बंद हो गया था। इधर सिचाई विभाग द्वारा करीब 11-12 लाख रुपए खर्च करने के बाद इधर मार्च 2022 में सात माह बाद मार्ग को पैदल आवागमन के लिए खोला जा सका था। ताजा भूस्खलन के बाद मार्ग के पुनः आवागमन के लिए बंद होने की आशंका भी पैदा हो गई है। जिससे छात्रावास समेत पाषाण देवी मंदिर पर खतरा मंडरा रहा है।

उधर भवाली रोड पर भी बुधवार को सुबह बारिश के दौरान भूस्खलन हुआ। इस कारण मार्ग पर वाहनों का आवागमन काफी देर तक बाधित रहा। इस कारण जेसीबी के आकर मलबा हटाकर मार्ग खोलने में हुई देरी की वजह से स्कूली बच्चे और शिक्षक देरी से विद्यालय पहुंच पाए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सड़क के साथ धंसने लगी कार, खतरे में पड़ी 3 बच्चों सहित 8 सवारियों की जान…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जून 2022। पहली बारिश से ही कमजोर भौगोलिक स्थिति वाली सरोवरनगरी नैनीताल में कई जगह भूधंसाव-भूस्खलन शुरू हो गया है। हल्द्वानी रोड, राजभवन रोड के साथ भवाली रोड पर भी भूधंसाव हो रहा है।

भवाली रोड पर कैट से आगे पुरानी चुंगी के पास 8 यात्रियों से भरी कार भूधंसाव की जद में आ गई। यात्रियों ने जल्द अहसास हो जाने पर कार से जल्दी उतर कर जान बचाई। इसके बाद कार को दूसरे वाहन व जेसीबी की मदद से खींचकर खाई में जाने से बचाया गया।

घटना देर रात्रि की है। बताया गया है कि भवाली की ओर से टवेरा टैक्सी कार संख्या यूके04टीए-1083 पुरानी चुंगी से थोड़ा पहले भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में अचानक सड़क के साथ धंसने लगी। इस पर चालक ने कार को रोक कर उसमें सवार सभी 8 सवारियों को उतार दिया। कार में पांच बड़े व तीन बच्चे सवार थे।

कार इसके बाद पूरी तरह से खतरे की जद में आकर धंसने लगी। अन्य वाहन की मदद से कार को खींचकर निकालने का प्रयास किया गया, साथ ही पुलिस को सूचित कर डोजर मशीन मंगाई गई। इसके बाद किसी तरह कार को सुरक्षित सड़क पर लाया जा सका। इस दौरान मार्ग पर वाहनों का आवागम काफी देर तक प्रभावित रहा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आख़िरकार पैदल गुजरने को 7 माह बाद खुली ठंडी सड़क

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2022। बीते वर्ष सितंबर माह से मलबा आ जाने के करण पैदल आवागमन के लिए बंद हुई नगर की ठंडी सड़क पर आखिर सात माह बाद मलबा हटा दिया गया है और यह मार्ग पैदल आवागमन के लिए उपलब्ध हो गया है।

सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने बताया कि मार्ग से मलबा हटाने में जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए करीब 11-12 लाख रुपए खर्च हुए हैं। मलबे को रूसी बाइपास पर सूखाताल के मलबा निस्तारण वाले स्थान पर ही निस्तारित किया गया है। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त से ही यहां मलबा आना शुरू हो गया था, जबकि सितंबर माह में मार्ग अवरुद्ध हो गया था। उल्लेखनीय है कि यहां हुए भारी भूस्खलन से डीएसबी परिसर के एसआर छात्रा छात्रावास को भी खतरा उत्पन्न हो गया था और उसे खाली कराना पड़ गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नगर पालिका आवास पर गिरा बोल्डर

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जनवरी 2022। नगर में पिछले शनिवार से रुक-रुककर हो रही बारिश व बर्फबारी के बीच भूस्खलन की घटना भी सामने आई है। नगर के मंगावली क्षेत्र में स्थित नगर पालिका के आवास की छत पर बीती रात्रि करीब 11 बजे पहाड़ी की ओर से एक बड़ा बोल्डर गिरा। गनीमत रही कि बोल्डर की गति आवास के पीछे लगाई गई तारबाड़ की वजह से कुछ कम रही।

फिर भी यह नगर पालिका कर्मी गोपाल नेगी के आवास की छत को छतिग्रस्त करता हुआ पीछे की ओर गिरा, इस कारण जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। नेगी ने बताया कि पूर्व में भी यहां इस तरह बोल्डर गिरने की घटना हुई है। इस आवास में चार परिवार निवास करते हैं। पीछे तारबाड़ न लगी होती तो बोल्डर छत को तोड़कर भीतर गिरता इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। उन्होंने नगर पालिका व प्रशासन से समुचित सुरक्षा प्रबंध करने की मांग की है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग : सरोवरनगरी में फिर बड़ा भूस्खलन, भरभराकर गिरे कई घर

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 अक्टूबर 2021। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सरोवरनगरी नैनीताल में शनिवार को एक बार फिर बड़ा भूस्खलन हो गया है। दोपहर करीब 12 बजे से करीब 15-20 मिनट के अंतर में, खिली धूप के बीच, नगर के आधार बलियानाला के जलागम क्षेत्र में पुराने रईश होटल के पास यह भूस्खलन हुआ है। इस दौरान कई घर भरभराकर बलियानाले में समा गए।

भूस्खलन से अब नगर के शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कालेज की सीमा को छू दिया है। यहां स्थित वैदर स्टेशन अब भूस्खलन से कुछ फिट की दूरी पर ही रह गया है, और इसके करीब 15-20 फिट दूरी पर एक रास्ते के बाद प्रधानाचार्य का आवास स्थित है। आज के भूस्खलन में पिछले वर्ष खाली करवाए गए कई आवास भी बलियानाले में समा गए हैं, जबकि एक और बड़ा भवन भूस्खलन की जद में नजर आ रहा है। यह भवन भी कभी भी जा सकता है। इसके अलावा पूर्व में चट्टान पर स्थापित देवी मंदिर से हटाकर सड़क किनारे बनाया गया देवी मंदिर भी भूस्खलन की जद में है। आज स्थानीय लोगों के द्वारा इस मंदिर से मूर्तियों को हटा दिया गया है।

बिजली की लाइन भी भूस्खलन की जद में आई है। इसके बाद लाइन से बिजली का संयोजन हटा दिया गया है। भूस्खलन के आगे भी लगातार जारी रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। भूस्खलन जिस मार्ग पर हुआ वहां कई दुपहिया वाहन खड़े थे। स्थानीय लोगों ने हिम्मत दिखाकर उन्हें वहां से बचाया। भूस्खलन से हल्द्वानी रोड तक थरथराहट महसूस की गई। सूचना के बाद नगर में पहुंचे प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी व पूर्व विधायक सरिता आर्य के साथ क्षेत्र में भूस्खलन का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि यहां पिछले 18 अक्टूबर से भूस्खलन जारी है, जिसके बाद पूरे हरिनगर क्षेत्र के लोग स्वयं घर छोड़कर अन्यत्र चले गए हैं। 

यह भी पढ़ें : बलियानाला में भयावह तरीके से हो रहा भूस्खलन, लोग घर छोड़ भागे

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 20 अक्टूबर 2021। बीते तीन दिनों में बारिश के साथ बरसी आसमानी आफत से सरोवरनगरी नैनीताल के आधार बलियानाला क्षेत्र में खतरा एक बार फिर उभर आया है। इसके बाद यहां बीते तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर भूस्खलन हो रहा है। इसके बाद यहां के डरे हुए निवासियों ने स्वयं भी अपने घर छोड़कर प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए एवं अपने प्रयासों से प्राप्त स्थानों पर पलायन करना शुरू कर दिया है। इस बीच बलियानाला क्षेत्रों में हो रहा भूस्खलन कैमरे में भी कैद हुआ है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रवासी अब तक विस्थापन न करने पर अड़े थे, लेकिन अब उन्हें सामने मौत जैसा भय देख स्वयं अपने घर छोड़ भागने को मजबूर होना पड़ा है। विस्थापन करने वालों में क्षेत्रीय सभासद रेखा आर्या भी शामिल हैं। 

बुधवार को यहां प्रशासन एवं नगर पालिका की टीम ने भी मौका मुआयना किया और स्थानीय लोगांे को विस्थापन के लिए स्थानीय जीआईजी, जीजीआईसी व प्राथमिक विद्यालय आदि स्थान उपलब्ध कराए। इसके बाद हरिनगर व धोबीघाट क्षेत्र के 62 मंे से 50 से अधिक परिवारों से विस्थापन कर दिया है।

बलियानाला संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुख्तार अली ने बताया कि अब तक जीआईसी में 5 कमरों में 13, जीजीआईसी में 15, श्रमजीवी संस्था के भवन में 8, धर्मशाला में 4-5 तथा प्राथमिक विद्यालय में 1 परिवार हरिनगर का एवं 8 परिवार धोबीघाट क्षेत्र के शिफ्ट कर गए हैं। 2-3 परिवार भवाली भी चले गए हैं। जबकि बलियानाला में तेज धमाकों से भूस्खलन जारी है। इससे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया था। जीआईसी के मैदान के पैरापिट भी बलियानाले में समा गये हैं। विस्थापन करने वाले परिवारों के सामने अब इन स्थानों पर केवल एक-एक ही शौचालय होने व बिजली भी उपलब्ध न होने जैसी समस्याएं हैं। इसलिए अधिक दिन यहां रहना संभव नहीं है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डरावनी 18 तारीख-नैनीताल का शेष दुनिया से संपर्क कटा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्टूबर 2021। पूरे उत्तराखंड में पिछले करीब 40 घंटों से हो रही लगातार बारिश से सरोवरनगरी नैनीताल का शेष दुनिया से संपर्क कट गया है। नगर को शेष दुनिया से जोड़ने वाले हल्द्वानी, कालाढुंगी व भवाली रोड जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद हो गये हैं। खतरे और राहगीरों के फंसने की आशंका को देखते हुए तीनों मार्गों में लोगों की आवाजाही रोक दी है। 

देर शाम नैनीताल हल्द्वानी मार्ग में भी मलबा और पेड़ आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। किसी तरह वाहन भवाली- नैनीताल और कालाढूंगी मार्ग से आवाजाही कर रहे थे। मगर देर शाम कालाढूंगी मार्ग में बरापत्थर के समीप मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। नैनीताल- भवाली मार्ग भी पाइंस और जोखिया के समीप बंद हो गया है। इससे नैनीताल का देश और दुनिया से संपर्क कट गया है। देखें विडियो :

नयना देवी मंदिर, मॉल रोड-डांठ तक आया झील का पानी, 65 छात्राओं को छात्रावास से शिफ्ट कराया, एक दर्जन सड़कें बंद, जश्ने ईद मिलादुन्नबी स्थगित

पूरे उत्तराखंड में पिछले करीब 40 घंटों से हो रही लगातार बारिश से सरोवरनगरी नैनीताल पानी-पानी हो गई है। नगर के आम रास्ते नालों के चोक होने से नाले बन गए हैं, वहीं नैनी झील से सुबह 9 बजे से पानी की निकासी के बावजूद झील का पानी तल्लीताल में मॉल रोड व डॉठ पर सड़क पर आ गया है। साथ ही लोवर मॉल रोड पर भी जल भराव हो गया है।

स्थिति यहां तक भी हो गई है कि नगर के मल्लीताल में स्थित नगर की आराध्य देवी माता नयना के मंदिर के प्रांगण में भी नैनी झील का पानी इस कदर भर गया है, लगता है जैसे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उन्हें यमुना पार ले जाते समय जैसे यमुना उनके चरण कमलों को छूने के लिए लगातार बढ़ती जा रही थी। वैसे ही नैनी झील भी माता नयना के मानो दर्शन करना चाह रही हो। बहरहाल, नगर वासी अब ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह बारिश अब रुके। उधर भवाली रोड पर करीब आधा दर्जन स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा आ गया है। अन्य सड़कों पर भी मलबा आ रहा है। ऐसे में पुलिस को नगर से लौट रहे सैलानियों से रात्रि में नगर में ही रुकने की अपील करनी पड़ी है। देखें विडियो :

65 छात्राओं को बाहर निकालकर छात्रावास खाली कराया गया
नैनीताल। जिला प्रशासन ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर के केपी छात्रावास के बी-ब्लॉक के भूस्खलन की जद में आने के बाद ए-ब्लॉक को भी खाली करा दिया है। सोमवार को एसडीएम प्रतीक जैन की अगुवाई में प्रशासनिक टीम ने पुलिस एवं डीएसबी परिसर के अधिकारियों के साथ छात्रावास का निरीक्षण किया और ए-ब्लॉक में रह रही छात्राओं को दूसरे छात्रावासों एवं एटीआई के पास स्थित यूथ हॉस्टल में शिफ्ट कराने का निर्णय लिया। इस निर्णय से छात्राओं के परिजनों को भी अवगत करा दिया गया।

हालांकि एसडीएम जैन ने बताया कि अभी ए-ब्लॉक को कोई खतरा नहीं था। इसके बाद डीएसबी के दूसरे छात्रावासों एवं यूथ हॉस्टल में छात्राओं के रहने के प्रबंध कर दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से बारिश के दौरान घर पर ही रहने तथा कोई घटना होने पर यथाशीघ्र प्रशासन को सूचित करने की अपील की है। इस दौरान एसडीएम राहुल साह, तहसीलदार, सीओ संदीप नेगी, पुलिस एवं डीएसबी परिसर के अधिकारी मौजूद रहे। इधर बारिश के लगातार जारी रहने की वजह से छात्राओं को अन्यत्र स्थानांतरित होने में भी समस्या आ रही है।

मलबा आने से एक दर्जन सड़कें हुईं बंद
नैनीताल। आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार सोमवार को मलबा आने से जनपद की नौ सड़कें, बेतालघाट-गर्जिया, भुजान-बेतालघाट, ज्योलीकोट-बेलुवाखान-गांजा, हरतपा-हली, रूसी-खुर्पाताल यानी नैनीताल बाईपास, नैनीताल-भवाली, खुटानी-चांफी-पदमपुरी, ज्योलीकोट-क्वारब यानी एनएच-87 एवं रामनगर-धनगड़ी-मोहान मार्ग बंद हैं। इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने बैलपड़ाव करकट नाला के पास रोड बह जाने से रामनगर जाने वाले यात्रियों से बाजपुर के रास्ते जाने की अपील की है। इसके अलावा हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग पर रानीबाग के करीब गुलाबघाटी के पास भी मलबा एवं पत्थर गिर रहे हैं, इससे दुर्घअना की आशंका बनी हुई है। पुलिस ने यहां से भी आवाजाही न करने की अपील की है।

भवाली रोड पर आधा दर्जन स्थानों पर आया भारी मात्रा में मलबा
नैनीताल। सोमवार को पूरे दिन बिना एक भी क्षण रुके हो रही बारिश के दौरान अनेक स्थानों पर भूस्खलन हो रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार अपराह्न भवाली रोड पर जोखिया व वैष्णवी देवी मंदिर के बीच एक बड़ा भूस्खलन हो गया। यहां एक विशाल पेड़ भी भूस्खलन के साथ सड़क पर आ गिरा। इस कारण यहां वाहनों का आवागमन ठप हो गया और दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। इसी तरह छावनी परिषद के पास सहित करीब आधा दर्जन स्थानों पर यहां मलबा आया हुआ है। इस कारण पुलिस को मुनादी कराकर वाहन चालकों से वापस जाने को कहना पड़ा है। आपदा नियंत्रण के कक्ष के अनुसार भवाली रोड पर इतना मलबा आया है कि यह मंगलवार शाम तक ही खुल सकती है।

जश्ने ईद मिलादुन्नबी का कार्यक्रम एक दिन स्थगित
नैनीताल। मौसम की दुश्वारियों को देखते हुए 18 व 19 अक्टूबर को प्रस्तावित जश्ने ईद मिलादुन्नबी का कार्यक्रम अब 20 अक्टूबर को डीएसए मैदान में व महफिले मिलाद का कार्यक्रम 21 अक्टूबर को जामा मस्जिद मल्लीताल में आयोजित किया जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : वीरभट्टी पुल के पास दो वाहन मलबे में फंसे, डीसबी के छात्रावास की बुनियाद तक पहुंचा भूस्खलन

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्टूबर 2021। पहाड़ों पर रविवार सुबह यानी पिछले 24 घंटों से भी अधिक समय से हो रही भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन भी होने लगा है। नैनीताल के साथ इसकी बसासत के साथ से जुड़ी 18 तारीख डराने इस वर्ष अक्टूबर माह में संभवतया पहली बार डराने लगी है। विदित हो कि 18 नवंबर 1841 से नैनीताल में बसासत का शुरू होना माना जाता है, और 18 सितंबर 1880 को यहां नगर का भौगोलिक मानचित्र बदलने वाला बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिसमें तब 2500 की जनसंख्या वाले नगर के 151 लोग जिंदा दफन हो गए थे।

उधर नगर के निकट हल्द्वानी रोड पर पुराने कूड़ा खड्ड के पास भी सड़क पर मलबा आ गया है। इससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। पुलिस ने लोगों ने अनावश्यक घर से कहीं न आने-जाने की अपील की है। इधर भवाली नगर के निकट भवाली-ज्योलीकोट-नैनीताल रोड पर एक विशालकाय पेड़ गिर जाने से भवाली से नैनीताल व ज्योलीकोट के बीच वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। देखें वीडियो:

इधर आज 18 अक्टूबर 2021 को मुख्यालय में डीएसबी परिसर के केपी छात्रावास के पास से ठंडी सड़क की ओर 24 जुलाई से हो रहा भूस्खलन छात्रावास के बी-ब्लॉक की बुनियाद तक पहुंच गया है। छात्रावास का आंगन ढह गया है और यहां लगातार मिट्टी-पत्थर गिरकर नैनी झील में समा रहे हैं और छात्रावास को पूरी तरह से खतरा उत्पन्न हो गया है। उल्लेखनीय है कि छात्रावास को पहले ही खाली करा लिया गया है। देखें वीडियो:

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यह भी पढ़ें : ठंडी सड़क के भूस्खलन के सुदृढ़ीकरण के लिए सीएम ने स्वीकृत किए एक करोड़, शुरू भी हो गए उपचार के कार्य

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 9 सितंबर 2021। नगर की ठंडी सड़क पर भूस्खलन अब भी जारी है। यहां बुधवार रात्रि भी भूस्खलन हुआ है और बचाव के तौर पर लगाई गई पन्नी भी मलबे के साथ नीचे आ गई है और भूस्खलन छात्रावास के अहाते तक पहुंच गया है। इसके साथ ही यहां छात्रावास के पास ही स्थित दो विशाल पेड़ों के गिरने की संभावना भी उत्पन्न हो गई है। इसके बाद पहले से खाली कराए गए 1972 के बने छात्रावास के आगे लोनिवि की ओर से अस्थाई उपचार के कार्य भी प्रारंभ कर दिए गए हैं।

डीएसबी परिसर के निदेशक प्रो. एलएम जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री इस कार्य के लिए एक करोड़ रुपए स्वीकृत कर गए हैं, इससे यहां जिला प्रशासन के माध्यम से नीचे ही दीवारों की श्रृंखला बनाते हुए सुदृढ़ीकरण के कार्य किए जाने हैं। वहीं लोनिवि के सहायक अभियंता प्रकाश चंद्र उप्रेती ने बताया कि छात्रावास के पास अस्थाई उपचार के कार्य आज से प्रारंभ कर दिए गए हैं। इसके लिए यहां लोहे के एंगल लगाए जा रहे हैं। जिनमें गनी बैग्स लगाए जाएंगे। इसके बाद नीचे जीआई पाइप्स डालकर और वायर कैट लगाकर जियो बैग भरे जाएंगे। अगले करीब 4-5 दिनों में यह अस्थाई कार्य पूरे होने की उम्मीद है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ठंडी सड़क पर फिर हुआ भूस्खलन

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 8 सितंबर 2021। जी हां, ठंडी सड़क पर फिर बड़ा भूस्खलन हुआ है और भूस्खलन जारी भी है। भूस्खलन के साथ एक और पेड़ के गिरने की भी सूचना है। जबकि कई पेड़, और बोल्डर पहले ही यहां गिर चुके हैं। इसके बावजूद कई लोग अभी भी ठंडी सड़क पर भूस्खलन वाले हिस्से से गुजरकर अपनी जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां मंगलवार की शाम साढ़े सात बजे धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। माना गया कि इस दौरान काफी भूस्खलन हुआ। अलबत्ता, अंधेरा होने के कारण भूस्खलन दिखाई नहीं दिया। इसके बाद भी रात्रि में और इधर बुधवार सुबह भी छिटपुट भूस्खलन होने की बात कही जा रही है। उधर बचाव के तौर पर केवल ऊपर की ओर से भूस्खलन वाले हिस्से को काली पन्नी से ढका गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : दूसरे दिन डोजर से निकाली जा सकीं मलबे में दबी दो बाइकें

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 6 सितंबर 2021। नगर की कालाढुंगी रोड पर धामपुर बैंड के पास शनिवार रात्रि हुए भूस्खलन में दो बाइकें दब गई थीं। इन बाइकों को सोमवार को डोजर मशीन के माध्यम से मलबे से निकाला जा सका।

बताया गया है कि यहां स्नोडेन कंपाउंड बारापत्थर निवासी मो. मोईन व योगेश त्रिपाठी की की दो बाइकें दब गई थी। सोमवार को लोनिवि ने डोजर मशीन भेजकर मलबा हटाने के साथ बाइकों को मलबे से बाहर निकाला। बताया गया है कि योगेश की बाइक संख्या यूके05बी-9943 काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गई है, जबकि दूसरी बाइक को भी नुकसान पहुंचा है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अब कालाढूंगी रोड में हुआ भूस्खलन, दो बाइकों के दबने की भी सूचना

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 5 सितंबर 2021। नैनीताल में ठंडी सड़क के बाद अब कालाढुंगी रोड पर भूस्खलन हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां रियो ग्रांड होटल के पास सड़क किनारे खड़ी दो बाइकें भी मलबे के नीचे दब गई हैं। अलबत्ता कोई जनहानि नहीं हुई है।

लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता जीएस जनौटी एवं बारापत्थर चौकी के पुलिस कर्मी जयप्रकाश ने बताया कि भूस्खलन रात्रि में किसी समय एक पैदल ऊपर की ओर जाने वाले रास्ते के पास हुआ। इस भूस्खलन के दौरान ऊपर की ओर रहने वाले लोगों की रात्रि में सड़क किनारे खड़ी की गई दो बाइकें भी दबने की सूचना मिली हैं। मलबे को बाइकों से नहीं हटाया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में शनिवार सुबह फिर बड़ा भूस्खलन, पेड़ सहित भारी मात्रा में मलबा नैनी झील में समाया

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 4 सितंबर 2021। नैनीताल की ठंडी सड़क पर पिछले शुक्रवार रात्रि के बाद से शुरू हुआ भूस्खलन लगातार जारी है। इधर शनिवार सुबह भी यहां बड़ा भूस्खलन हुआ है। इस दौरान यहां धमाके के साथ बड़ी मात्रा में मलबा नैनी झील में समा गया। भूस्खलन के साथ एक बड़ा पेड़ भी गिरा है। इसके साथ ही यहां खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। देखें भूस्खलन का एक्सक्लूसिव वीडियो केवल नवीन समाचार पर:

उल्लेखनीय है कि यह भूस्खलन डीएसबी परिसर के केपी छात्रा छात्रावास के नए बने खंड के ठीक नीचे बिल्कुल अहाते से शुरू हो रहा है। इसलिए केपी छात्रा छात्रावास के नए व पुराने दोनों खंडों को इससे खतरा उत्पन्न हो गया है। इस कारण छात्रावास के एक खंड को खाली भी करा दिया गया है। भूस्खलन की वजह से कई पेड़ भी गिर गए हैं और बिजली की लाइन व ठंडी सड़क के किनारे लगी रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो गई है, और नए लगे स्ट्रीट लाइट के पोल भी ढह गए हैं। इससे ठंडी सड़क पर भूस्खलन वाले स्थान से गुजरना अब संभव नहीं रह गया है। गौरतलब है कि ठंडी सड़क पर पैदल आवागमन पहले ही रोक दिया गया है। भूवैज्ञानिक डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया ने इसे नैनीताल नगर के लिए अलार्मिंग यानी चेतावनी बताया है और भविष्य में इस भूस्खलन के बलियानाला की तरह खतरनाक होने की भी संभावना जताई है।  आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ठंडी सड़क पर अब धमाके के साथ बड़ा भूस्खलन, छात्रावास को खतरा, भूवैज्ञानिकों ने बताया नैनीताल के लिए अलार्मिंग

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 31 अगस्त 2021। नैनीताल की ठंडी सड़क पर शुक्रवार रात्रि के बाद से लगातार जारी भूस्खलन सोमवार की रात्रि फट ही गया है। यहां रात्रि में धमाके के साथ भारी मात्रा में मलबा ठंडी सड़क से होते हुए नैनी झील में समा गया। दिन में भी झील में बोल्डर गिरे।  

घटना की सूचना के बाद डीएसबी परिसर के निर्देशक प्रो. एलएम जोशी ने डीएसडब्लू एवं अभियंता के साथ छात्रावास का भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लिया। प्रो. जोशी ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए केपी छात्रावास के बी ब्लॉक को खाली कर यहां रहने वाली छात्राओं को ए ब्लॉक में स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही डीएसडब्लू की ओर से नैनीताल के जिलाधिकारी सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल दैवीय आपदा के तहत इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। वहीं डीएसबी प्रशासन अपनी ओर से पानी की निकासी नालियों की मरम्मत का प्रस्ताव बना रहा हैं।

डॉ. कोटलिया का कहना है कि यह बलियानाला के बाद नगर का सबसे कमजोर क्षेत्र है। राजभवन से शुरू होकर डीएसबी गेट से राजभवन रोड होते हुए फ्लैट्स मैदान, बैंड स्टेंड से ग्रांड होटल होते हुए सात नंबर को जाने वाले इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से बेहद सक्रियता के साथ लगातार भूधंसाव हो रहा है। इसकी शुरुआत 1998 में डीएसबी गेट के पास बड़े भूस्खलन से हुई थी। तब यहां कोई निर्माण कार्य न करने की संस्तुति की गई थी, लेकिन इसके बाद डीएसबी के गेट के पास बड़े निर्माणों की बाढ़ आई। राजभवन रोड, बैंड स्टेंड और ग्रांड के पास सड़क का धंसना इसी के कारण है। फिर भी राजभवन रोड और लोवर मॉल रोड को बिना भार वहन क्षमता और जमीन में नमी का स्तर जांचे कार्य हो रहे हैं। यह कार्य स्थायी रहने वाले नहीं हैं। बल्कि इनके लिए उच्च स्तरीय अभियंताओं की जरूरत है। भविष्य में यह धंसाव बलियानाला जैसा भयावह स्वरूप भी ले सकता है।

उल्लेखनीय है कि इस स्थान पर पिछले माह की 21 जुलाई से भूस्खलन प्रारंभ हुआ है। उस दिन यहां थोड़ा सा मलबा आया था। उसी दिन राजभवन रोड की पालिका मार्केट के पास धंसी थी। तब से यहां रुक रुक कर भूस्खलन हो रहा था। जबकि इधर गत शुक्रवार यानी 27 अगस्त को एक बड़ा बोल्डर आने के बाद से फिर बड़ा भूस्खलन हुआ, और तब से भूस्खलन जारी है। यही भूस्खलन अब सोमवार रात्रि बड़े रूप में सामने आया है और मॉल रोड की ओर से भी हरीतिमा युक्त पहाड़ी पर किसी दाग की तरह नजर आ रहा है। डोजर मशीन भी इस मलबे को हटाने से जवाब दे चुकी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल की ठंडी सड़क पर बढ़ा भूस्खलन, पैदल आवागमन प्रतिबंधित

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 30 अगस्त 2021। नैनीताल की ठंडी सड़क पर शुक्रवार रात्रि के बाद से लगातार भूस्खलन हो रहा है। रविवार रात्रि और शनिवार को भूस्खलन बढ़ गया और भूस्खलन अभी भी जारी है। इसके बाद पास ही स्थित डीएसबी परिसर के छात्रावास को भी खतरा बताया जा रहा है। आज डोजर मशीन से मलबा हटाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन मलबे के लगातार आने और ऊपर से गिरने को तैयार नजर आ रहे कुछ बड़े बोल्डरों और मलबे के कारण मलबा हटाने का कार्य रोक दिया गया है। यहां आगे भी यहां भूस्खलन जारी रहने का भय बना हुआ है। इसके बावजूद लोग अभी भी मलबे के ऊपर से गुजरने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।नैनीताल में भारी भूस्खलन, डीएसबी परिसर के हॉस्टल के लिए पैदा हुआ खतरा

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि काफी बड़ी मात्रा में मलबा आ रहा है। ऐहतियात के तौर पर ठंडी सड़क के तल्लीताल के गेट को बंद कर दिया गया है और घूमने वाले गेट पर भी ताला डाल दिया है। इधर मल्लीताल की ओर से शिव मंदिर के पास बैरीकेटिंग लगा दी गई है। पुलिस से गश्त लगाक लोगों को रोकने को भी कहा गया है। इससे लोगों की इस मार्ग पर सैर भी बाधित हो गई है।
उल्लेखनीय है कि 1998 में इसी स्थान के पास डीएसबी परिसर के गेट के पास से बड़े भूस्खलन की घटना हुई थी। लिहाजा लगातार यहां एक ही स्थान पर लगातार भूस्खलन होने से लोग उस घटना को याद कर आशंकित भी होने लगे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले ठंडी सड़क पर 21 जुलाई को भी इसी स्थान के पास मलबा आया था, साथ ही इसी दिन ठंडी सड़क से लगे पालिका मार्केट की ओर राजभवन रोड पर सड़क धंसने से पत्थर आए थे। जबकि तीन जुलाई को ठंडी सड़क जाने वाले मार्ग पर स्थित वाईटीडीओ नाम के प्रतिष्ठान में बोल्डर गिर गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पिटरिया में कच्ची बस्ती के पास गिरा विशाल बोल्डर, पूर्व में तीन लोगों की हो चुकी है मौत

-यहां 2008 में ऐसे ही बोल्डर के घर पर गिरने से तीन लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 29 अगस्त 2021। लगातार बारिश से नगर में कई स्थानों पर भूस्खलन व पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी ही एक घटना बारापत्थर के पिटरिया क्षेत्र में भी हुई है। यहां एक विशाल बोल्डर यहां रहने वाले लोगों के घरों के पास सड़क पर गिरा है। सूचना मिलने पर पहले भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गोपाल मेहरा ने और फिर उनकी सूचना पर राजस्व पुलिस के उप निरीक्षक सुरेश सनवाल ने मौके पर जाकर घटना का जायजा लिया। यहां घटना की गंभीरता इसलिए भी बड़ी है कि यहां लोग विशाल पत्थरों-चट्टानों के नीचे कच्चे घर बनाकर रहते हैं। पूर्व में वर्ष 2008 में ऐसे ही एक बोल्डर के एक घर पर गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की बोल्डर के नीचे कुचलकर मौत हो गई थी।
पूछे जाने पर श्री सनवाल ने बताया कि यहां घरों को किसी दुर्घटना से बचाने के लिए 20 मीटर लंबी तीन मीटर ऊंची दीवार बनाने की आवश्यकता है। इसकी रिपोर्ट उन्होंने उच्चाधिकारियों को दे दी है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : फिर भूस्खलन, 1998 का भय सताने लगा…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 अगस्त 2021। भूगर्भीय दृष्टिकोण से कमजोर नैनीताल में फिर ठंडी सड़क पर बड़ा भूस्खलन हुआ है। यहां पाषाण देवी मंदिर के पास पिछले जुलाई माह से ही भूस्खलन शुरू हो गया था, जबकि शुक्रवार के बाद शनिवार रात्रि भी यहां बड़ा भूस्खलन हुआ है। इस बार मार्ग पर एक विशाल बोल्डर के साथ बड़ी मात्रा में मलबा आया है।

इससे मार्ग पर सैर करने वाले लोग मलबे के ऊपर से चल कर गुजर रहे हैं, और 1998 में डीएसबी परिसर के गेट के पास से हुए बड़े भूस्खलन की घटना को याद कर आशंकित भी होने लगे हैं। क्योंकि यह भूस्खलन उसी स्थान के पास हो रहा है। आगे भी यहां भूस्खलन जारी रहने का भय बना हुआ है, ऐसे में कभी दिन में अनायास ही बड़ा भूस्खलन होने से किसी दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। उधर हल्द्वानी रोड पर सड़क को पहाड़ की ओर से चौड़ा करने के बाद वाहनों का आवागमन एक हद तक सुचारू हो गया है।

इसके अलावा बारापत्थर के पिटरिया क्षेत्र में भी भूस्खलन हुआ है। यहां एक विशाल बोल्डर यहां रहने वाले लोगों के घरों के पास गिरा है। उल्लेखनीय है कि इसी क्षेत्र में वर्ष 2008-09 में ऐसे ही एक बोल्डर के घर पर गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की बोल्डर के नीचे दबकर मौत हो गई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल की ठंडी सड़क पर फिर गिरा बोल्डर

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अगस्त 2021। नैनीताल की ठंडी सड़क पर शनिवार को बड़ा बोल्डर गिरने की घटना हुई। बताया जा रहा है कि बोल्डर रात्रि में गिरा। सुबह रोज की तरह इस मार्ग पर पैदल सैर पर निकलने वाले लोगों ने यहां पाषाण देवी मंदिर के पास विशाल पत्थर गिरा हुआ देखा। लोगों का कहना था कि यदि यह दिन में गिरता और कोई राहगीर इसकी चपेट में आता तो बड़ा नुकसान हो सकता था।

गौरतलब है कि इससे पहले ठंडी सड़क पर 21 जुलाई को भी इसी स्थान के पास मलबा आया था, साथ ही इसी दिन ठंडी सड़क से लगे पालिका मार्केट की ओर राजभवन रोड पर सड़क धंसने से पत्थर आए थे। जबकि तीन जुलाई को ठंडी सड़क जाने वाले मार्ग पर स्थित वाईटीडीओ नाम के प्रतिष्ठान में बोल्डर गिर गया था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर नया भूस्खलन, पुलिस ने रोका यातायात

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अगस्त 2021। हमेशा से संवेदनशील रही हल्द्वानी-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बार फिर एक नया भूस्खलन हो गया है। इस बार नया भूस्खलन दोगांव के पास डॉन बॉस्को स्कूल के पास हुआ है। इससे दो लेन की इस सड़क का करीब आधा हिस्सा धंस कर खाई में समा गया है। ऐसे में नैनीताल पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार इस मार्ग को वाहनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

नैनीताल पुलिस की ओर से अपील की गई है कि सड़क के पूर्व रूप से खुलने तक वाहनों से इस मार्ग से न आएं। बताया गया है कि नया भूस्खलन बारिश के दौरान सुबह करीब साढ़े सात बजे से हुआ है और जारी है। गनीमत रही कि इस दौरान कोई वाहन इसकी चपेट में आकर खाई में नहीं गिरा।

हालांकि ज्योलीकोट के चौकी प्रभारी जोगा सिंह ने बताया कि वाहनों को बड़े वाहनों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। छोटे व दोपहिया वाहनों को फिलहाल रोक-रोक कर एक ओर से गुजारा जा रहा है। सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से पर काली पन्नी डालकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश की वजह से भूस्खलन जारी है।

पहाड़ से आने वाले वाहन नैनीताल से रूसी बाइपास होते हुए कालाढुंगी से भेजे जा रहे
नैनीताल। ज्योलीकोट के चौकी प्रभारी जोगा सिंह ने बताया कि बीरभट्टी पुल पर भी सड़क बंद है। इस कारण पहाड़ से आने वाले बड़े वाहनों को भवाली से नैनीताल के रास्ते रूसी बाइपास होते हुए कालाढुंगी के रास्ते हल्द्वानी को भेजा जा रहा है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : चौथे दिन भी नहीं हट पाया बीरभट्टी में एनएच से मलबा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 अगस्त 2021। कुमाऊँ की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एनएच-87 पर बीरभट्टी के पास शुक्रवार का आये मलबे को हटाने में विभाग चौथे दिन भी सफल नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि विभाग के अधिकारियों ने दो दिन में मार्ग को दुरुस्त कर लेने का दावा किया था, पर सोमवार को चौथे दिन भी हाइवे पर यातायात सुचारू नहीं हो पाया। देखें विडियो : 

गौरतलब है कि चार दिन से इस मार्ग पर यातायात ठप पड़ने से वाहनों को जहां नैनीताल, भीमताल के रास्ते से 11 किमी से अधिक दूरी तय कर गुजरना पड़ रहा है, वहीं बीरभट्टी से भूमियाधार के बीच के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को वाहन नहीं मिल पा रहे हैं। अवर अभियंता दीपक तिवारी ने बताया कि पहाड़ी के ऊपरी हिस्से से लगातार मलवा खिसककर आने से मार्ग साफ करने में दिक्कतें आ रही है। उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम को बारिश का नया दौर शुरू हो गया है। इससे पहले ही नैनी झील 11 फिट 11 इंच तक भर चुकी है। अब एक इंच और जल स्तर पर नियमानुसार झील के गेट खोलने की बाध्यता है। इससे भी निचले क्षेत्रो में भूस्खलन हो सकता है। साथ ही बारिश के बाद और मलबा आने तथा मार्ग के खुलने में अधिक विलंब होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अब कालाढुंगी रोड पर मलबा आने से यातायात प्रभावित, पत्थर आने का भय बरकरार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 अगस्त 2021। ज्योलीकोट-भवाली एनएच के बाद अब नैनीताल-कालाढुंगी मोटर मार्ग पर मलबा आने से यातायात बाधित हो गया है। बताया गया है कि यहां बारापत्थर से करीब 2 किलोमीटर आगे यानी नगर से 5 किलोमीटर दूर बीती शाम से ही भूस्खलन होना शुरू हो गया था, और आज भी भारी बारिश के साथ भूस्खलन जारी रहा, और पत्थर गिरते रहे। इस कारण यहां वाहनों का आवागमन काफी देर ठप रहा। देखें वीडियो :

इस बीच बारिश भी जारी रही और तेज बारिश के बीच भी लोक निर्माण विभाग डोजर के साथ मार्ग की मरम्मत मंे जुटे रहे। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता जीएस जनौटी ने बताया कि अब मलबा हटा लिया गया है, फिर भी यहां पत्थरों के गिरने का भय बना हुआ है, इस कारण दुर्घटना की आशंका से रात्रि में वाहनों का आवागमन रोकने को कहा गया है।

उधर बीरभट्टी में भी दिन भर डोजर मशीन पुल के पास कल आए मलबे को हटाने का काम जारी रहा। अलबत्ता मलबा पूरी तरह से हट नहीं पाया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल के निकट एनएच पर बड़ा भूस्खलन, वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 अगस्त 2021। नैनीताल जनपद मुख्यालय के निकट शुक्रवार को बड़ा भूस्खलन हुआ है। बल्कि कहना चाहिए कि भूस्खलन आमंत्रित किया गया है। ज्योलीकोट-भवाली के बीच बीरभट्टी के पास बलियानाले पर बने वैली ब्रिज पर पहाड़ को खड़ा काटा जा रहा है। इस कारण ही यहां लगातार भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। शुक्रवार को भी यहां शाम पांच बजकर 20 मिनट पर ऐसी ही घटना हुई है। घटना के बाद बीरभट्टी से भवाली के बीच वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है।

भूस्खलन के दौरान ही यात्रियों से भरी केएमओयू की एक बस वैली ब्रिज के पास पहुंची। गनीमत रही कि चालक ने भूस्खलन को जल्दी भांप लिया और बस को भूस्खलन वाले स्थान से कुछ मीटर पहले रोक लिया। बस के रुकते ही यात्री बस से, यहाँ तक कि खिडकियों से निकलकर, अपना सामान लेकर भागने लगे। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। देखें वीडियो:

उल्लेखनीय है कि बलियानाला में ब्रिटिश कालीन पुल वर्ष 2016 में गैस वाहन में हुए विष्फोट के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल के स्थान पर डबल लेन के पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जबकि तब से वैली ब्रिज से काम चलाया जा रहा है। इसी क्रम में लोनिवि के एनएच खंड द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए बलियानाला से सटी पहाड़ी को पिछले 15 दिनों से काटा जा रहा है। इधर शुक्रवार को काम बंद था। लेकिन इसी बीच शाम करीब पांच बजकर 20 मीटर पर पहाड़ी से एक बड़ा हिस्सा खिसक कर एनएच में आ गया। गनीमत रही कि मलवे गिरने के दौरान कोई वाहन चपेट में नहीं आया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अब भवाली रोड पर भूधंसाव के बाद उभरी दरार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जुलाई 2021। नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण नगर के आधार बलियानाला के शीर्ष पर नैनीताल-भवाली मोटर मार्ग पर कैलाखांन के समीप करीब 70 मीटर हिस्से में धंसाव के साथ दरारें उभर आई है। इस धंसाव के जल्द बढ़ने की भी आशंका मानी जा रही है। लोनिवि ने सुरक्षा की दृष्टि से सड़क के धंसे हिस्से पर पत्थर लगा दिए हैं। माना जा रहा है कि बलियानाला में सुरक्षा कार्यों के ठीक से नहीं होने और धंसाव जारी रहने के कारण यह भूधंसाव हो रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में भी इस क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था, जिसे बड़ी धनराशि खर्च कर बमुश्किल रोका जा सका था।

उल्लेखनीय है कि नगर की राजभवन रोड पहले ही भूधंसाव की वजह से बंद है। वहीं रानीबाग-भवाली रोड पर रानीबाग पुल के क्षतिग्रस्त होने से केवल छोटे वाहन ही गुजर रहे हैं, और बड़े वाहनों को ज्योलीकोट-भूमियाधार मार्ग से पहाड़ की ओर भेजा जा रहा है, और इस मार्ग पर बीरभट्टी में कई वर्षों से पुल क्षतिग्रस्त होने से अस्थायी वैली ब्रिज से काम चलाया जा रहा है। इसके बाद भी यहां अक्सर भूस्खलन होने से यातायात प्रभावित होता रहता है। ऐसे में नैनीताल-भवाली मार्ग पर भूस्खलन बढ़ने से नई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डीएम ने निकाला ध्वस्त हुई राजभवन रोड के समाधान का रास्ता, सभासद ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग..

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जुलाई 2021। नगर की राजभवन रोड पर हुए भूस्खलन के बाद डीएम धीराज गर्ब्याल ने बृहस्पतिवार को संबंधित अधिकारियों के साथ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वनविभाग व वन निगम के अधिकारियों को आपदा एवं विद्युत लाइनों की दृष्टि से संवेदनशील पेड़ों को तुरंत काटने के निर्देश देते हुए इस हेतु मौके पर ही आपदा मद से 30 हजार रुपये स्वीकृत किये। साथ ही सड़क को सुचारू करने हेतु अंदर की ओर सड़क कटिंग करने तथा विद्युत पोलों व लाइन को पीछे विस्थापित करने को भी कहा। निरीक्षण के दौरान एडीएम अशोक जोशी, पुलिस क्षेत्राधिकारी विजय थापा, पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक गुप्ता, डीएलएम दिनेश चन्द्र पंत, उपखंड अधिकारी विद्युत पर्यंक पांडे आदि मौजूद रहे।

व्यापारियों ने किया खतरनाक हुए पेड़ों को कटवाने का अनुरोध
नैनीताल। डीएम के दौरे से पूर्व व्यापार मंडल मल्लीताल के अध्यक्ष किशन नेगी, महासचिव त्रिभुवन फर्त्याल व राजेश वर्मा आदि व्यापारी डीएम से मिले। उन्होंने डीएम से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में न्यू पालिका मार्केट पर पत्थरों व पेड़ों के गिरने के खतरे को देखते हुए गिरने की कगार पर आए पेड़ों को हटाने का अनुरोध किया। साथ ही प्रभावित स्थानीय दुकानदारों को आपदा राहत कोष से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की भी मांग की। साथ ही इस स्थान पर निरंतर हो रहे भू-कटाव की समस्या के निस्तारण हेतु भूवैज्ञानिकों से तकनीकी पहलुओं का आंकलन करवाकर दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक कार्य योजना बनाने की आवश्यकता भी जताई।

सभासद ने की पूर्व में हुए निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की मांग
नैनीताल। क्षेत्रीय सभासद मनोज साह जगाती ने कहा कि भूस्खलन की वजह से रात्रि में गिरी दीवार अभी हाल ही में लाखों रुपए खर्च करके बनाई गई थी। इसलिए दीवार का टूटना भ्रष्टाचार है। इससे साफ पता चलता है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसके निर्माण के दौरान विशेष ध्यान नहीं दिया। लिहाजा, इस निर्माण उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग-नैनीताल : राजभवन रोड की दीवार ढही, अब 24 घंटे माल रोड पर बढ़ेगा वाहनों का भार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 जुलाई 2021। शनिवार शाम से पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण बुधवार अपराह्न मुख्यालय की महत्वपूर्ण राजभवन रोड पर भू-धंसाव हो गया था। बीती रात्रि यह भू-धंसाव लगातार बढ़ कर भूस्खलन की श्रेणी में आ गया। फलस्वरूप सड़क की दीवार ढह गई, और दीवार का मलबा व रेलिंग आदि पत्थरों के साथ नीचे पालिका मार्केट में गिर गया। दो विशाल पेड़ भी भूस्खलन की जद में आकर दुकानों के ऊपर लटक गये हैं। बिजली की लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गयी है। इसके बाद राजभवन रोड पर दोपहिया वाहनों व पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है। लिहाजा प्रशासन माल रोड पर 24 घंटे वाहनों को अनुमति देने जा रहा है। इससे माल रोड पर भी वाहनों का दबाव पड़ना तय है।

गौरतलब है कि राजभवन मार्ग पर वन-वे व्यवस्था होने के बावजूद आमतौर पर दोनों ओर वाहन चलते रहते हैं। खासकर शाम को माल रोड के पैदल भ्रमण के दौरान बंद होने पर मल्लीताल से तल्लीताल जाने वाले समस्त वाहनों का दबाव इसी मार्ग पर रहता है, जो कि अब पहले से कमजोर माल रोड पर पड़ना तय है।

इधर, रात्रि में हुए भूस्खलन के बाद बृहस्पतिवार को सुबह से ही वन, लोनिव व विद्युत विभाग के कर्मी यहां बचाव कार्यों, पत्थरों को किनारे लगाने, पेड़ों को हटाने व बिजली की लाइनों को दुरुस्त करने के कार्य में जुट गए हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रशासन की ओर से यहां गत शाम काली पन्नी लगाकर बारिश के पानी को अंदर जाने से रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हुए, और रात्रि में भूस्खलन जारी रहा। इधर पांच दिनों से जारी बारिश सुबह से हालांकि रुक गई है, परंतु आगे बारिश होने की संभावना बनी हुई है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

सैलानी खतरनाक बारिश में भी कर रहे नैनी झील में नौकायन
नैनीताल। बारिश से नैनी झील को नवजीवन मिला है। नैनी झील का जल स्तर पिछले दिनों तय पैमाने पर शून्य के करीब आने के बाद वापस 9 फिट पर आ गया है। बारिश की वजह से नगर वासी भी जरूरत पड़ने पर ही घरों से निकल पा रहे हैं, वहीं सैलानी तेज बारिश के दौरान भी नौकायन करते नजर आ रहे हैं, जो खतरनाक भी साबित हो सकता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : जगह-जगह भूस्खलन, मेट्रोपोल के पास सड़क भी धंसी…

डॉ नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जुलाई 2021। शनिवार शाम से पहाड़ों पर हो रही बारिश का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा है। इससे जहां प्रकृति को जीवनदायी जल मिल रहा है, वहीं कमजोर प्रकृति के एवं खड़े पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार होती जा रही है। जिला-मंडल मुख्यालय को जोड़ने वाले हल्द्वानी, कालाढुंगी व भवाली रोडों पर जगह-जगह कहीं हल्का तो कहीं बड़ा भूस्खलन होता जा रहा है, और पत्थर गिरने की संभावना बनी हुई है।

इधर मंगलवार सुबह नगर के मेट्रोपोल कंपाउंड क्षेत्र में पार्किंग के पास भूस्खलन हुआ। यहां मस्जिद तिराहे से चीना बाबा चौराहे को जोड़ने वाली सड़क पर पार्किंग के पास भूस्खलन होने से पत्थर नीचे आवासों की ओर जाने वाले रास्ते पर गिरे। गनीमत रही कि आवासों तक नहीं पहुंचे। बाद में लोनिवि कर्मियों ने गिरे पत्थरों को उठाकर सड़क पर इनसे ही डायवर्जन बना दिया। नगर में कई अन्य स्थानों पर भी छोटे-बड़े भूस्खलन हो रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नगर पालिका ईओ के वाहन पर गिरे बोल्डर

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जुलाई 2021। बारिश के दौरान नैनीताल के कमजोर पड़ाड़ों में भूस्खलन भी शुरू हो गया है। सोमवार पूर्वाह्न करीब साढ़े 10 बजे विभागीय कार्य से चालक के साथ भीमताल जा रहे नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का वाहन पहाड़ से गिरते पत्थरों की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया।

बताया गया है कि मुख्यालय के निकट ही कैलाखान के पास से अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा के शासकीय वाहन के गुजरने के दौरान अचानक पहाड़ से पत्थर गिरने लगे। इस पर वाहन का चालक भी वाहन से कुछ क्षणों के लिए नियंत्रण खो बैठा, इस कारण वाहन हल्का क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि चालक ने जल्दी वाहन पर नियंत्रण पा लिया, अन्यथा दुर्घटना भयावह भी हो सकती थी। सूचना मिलने पर पालिका के सभासद दूसरा वाहन लेकर मौके पर पहुंचे और अधिशासी अधिकारी को वापस ले आए। श्री वर्मा ने बताया कि बड़े-छोटे कई बोल्डर वाहन पर गिरे, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पहली बारिश ही बनी काल, सो रहे पति-पत्नी व बेटे की घर ढहने से दबकर मौत

नवीन समाचार, बागेश्वर, 11 जुलाई 2021। मानसून ठीक से आया भी नहीं कि पहली बारिश ने ही काल बन उत्तराखंड में पहला बलिदान ले लिया है। राज्य के बागेश्वर जनपद के भूस्खलन की घटनाओं के लिए पहले भी अभिशप्त रहे कपकोट के सुमगढ़ गांव में जहां पूर्व में एक स्कूल में दर्जनों बच्चों की स्कूल के अचानम ढहने से मलबे में दबने से मौत हो गई थी, अब एक मकान के बाश्रिष की वजह से जमींदोज होने और उसमें पति-पत्नी और उनके एक बच्चे की मलबे में दबने से मौत होने का समाचार है। मलबे में कई मवेशियों के भी दबे होने की भी सूचना है। सूचना पर राजस्व विभाग के साथ ही पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ व स्थानीय ग्रामीण राहत बचाव कार्य में जुटे हुए है। मृतक कोरोना काल में परिवार सहित घर लौटा प्रवासी था।Image

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील क्षेत्र के सुमगढ़ गांव के इटावन तोक में शनिवार देर रात बारिश के बाद प्रताप सिंह का मकान अचानक ध्वस्त हो गया। उस समय घर के भीतर पांच लोग सोए हुए थे। मृतकों में कुछ समय पहले कोरोना महामारी के बाद गांव वापस लौटे प्रताप सिंह पांडा के पुत्र गोविंद, उसकी पत्नी खष्टी देवी और एक माह का पुत्र हिमांशु (8) जिंदा दफन हो गए। जबकि गोविंद का बड़ा बेटा दादा के साथ दूसरे कमरे में सोया था, वह दोनों बच गए। देर रात सूचना मिलते ही एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन दल मौके पर पहुंच गया। समाचार लिखे जाने तक राहत और बचाव कार्य में स्थानीय ग्रामीण जुटे हुए हैं। गांव से 8 किलोमीटर पहले मोटर मार्ग भी बंद है। जिससे आपदा राहत, खोजबीन में देरी हो रही है। विस्तृत समाचार की प्रतीक्षा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : छत में गिरा बोल्डर, कम्प्यूटर, मेज-कुर्सी सहित हजारों का नुकसान

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 03 जुलाई 2021। नगर के ठंडी सड़क-अरविंदो मार्ग स्थित प्रतिष्ठान वाईटीडीओ टूर एंड ट्रेवल्स में शुक्रवार शाम आई भारी बारिश की वजह से भारी बोल्डर आ कर गिर गए। इनकी वजह से कार्यालय में रखे मेज, कुर्सी, कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि हजारों रुपए की सामग्री बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। साथ ही भविष्य के लिए भी भूस्खलन का खतरा बन गया है। कार्यालय से सटी अन्य दुकानें भी खतरे के दायरे में आ गयी है। प्रतिष्ठान स्वामी राजा साह ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सुरक्षा दीवार बनाने व मुआवजा दिलाने की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर शाम वाईटीडीओ के कार्यालय की छत में भारी बोल्डर गिरने से लाखों का नुकसान हो गया। हालाकि इस दौरान प्रतिष्ठान में कोई नहीं था, इस कारण कोई जनहानि नहीं हुई। वाईटीडीओ के संचालक राजा साह ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेज कर आपदा मद में उचित मुआवजा व सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस स्थान पर अभी भी वर्षाकाल में बोल्डर गिरने व भूस्खलन होने की संभावना बनी हुई है। जिससे जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित स्थान का मौका मुआयना कर अतिशीघ्र सुरक्षा दीवार बनाई जाए व नुकसान का आपदा मद में मुआवजा दिया जाए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : लोगों को घरों से हटाने की जगह बलियानाला क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण करे प्रशासन…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 जून 2021। प्रशासन द्वारा नगर के बलियानाला क्षेत्र के लोगों को बरसात के मौसम में भूस्खलन की संभावना के दृष्टिगत घर खाले करने के नोटिस दिये जा रहे हैं। गत दिवस क्षेत्रवासियों ने प्रशासन द्वारा दिए जा रहे नोटिस लेने से इंकार कर दिया था। इसके बाद भी प्रशासनिक कार्रवाई की तलवार लटकी होने के दृष्टिगत बुधवार को क्षेत्रवासियों ने एक बार फिर बलियानाला हरिनगर बूचड़खाना संघर्ष समिति तल्लीताल के बैनर तले सक्रिय होकर श्रमजीवी संस्था के भवन में बैठक की।

बैठक में लोगों ने कहा कि पूरे देश में गत दिनों से लागू कोविड कर्फ्यू के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। लोग दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे हैं, ऐसे में नैनीताल में प्रशासन उन्हें ठीक बरसात के मौसम में अपने घरों से बेदखल करने पर तुला है। यह भी कहा कि जिन लोगों को नोटिस दिए गए हैं, वह भूस्खलन की जद से बाहर हैं। यदि क्षेत्र में कोई हलचल महसूस होगी तो वे स्वयं अपने घर छोड़कर चले जाएंगे। कहा कि यदि प्रशासन उन्हें हटाने की जगह बलियानाला के सुदृढ़ीकरण के कार्यों को शुरू करता है तो इससे क्षेत्रवासियों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन को इस आशय का ज्ञापन भी सोंपा। ज्ञापन सोंपने वालों में संयोजक मुख्तार अली, सभासद रेखा आर्या, पूरन लाल, हरीश कुमार, पंकज कुमार, नीरज कुमार, मो. तैयब, रमेश लाल, जाबिर हुसैन, गिरधारी लाल व रजब आदि संयोजक मंडल के सदस्य शामिल रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

यह भी पढ़ें : जन विरोध के आगे बैरंग लौटी बलियानाला क्षेत्र के घरों को नोटिस देने गई प्रशासनिक टीम

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जून 2021। नगर के बलियानाला क्षेत्र में बरसात में संभावित भूस्खलन के दृष्टिगत संवेदनशील घरों को खाली कराने की प्रशासन को रविवार को फिर याद आ गई। तहसीलदार व नगर पालिका के ईओ की अगुवाई में रविवार को प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ क्षेत्र में संवेदनशील घरों को खाली कराने का नोटिस देने के लिए क्षेत्र में पहुंची, लेकिन क्षेत्रीय लोगों ने नोटिस को लेने से मना कर दिया। क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि प्रशासन इस मुद्दे पर बरसात के मौसम में जागता है। वर्ष भर बलियानाला क्षेत्र के संरक्षण के लिए कार्य नहीं किए जाते हैं। उन्होंने प्रशासन की ओर से मासिक किराये के लिए मिलने वाले 4000 रुपयों को भी नाकाफी बताया। उनका कहना था कि इतनी धनराशि में शहर में किराये पर घर नहीं मिलते हैं।

उन्होंने प्रशासन द्वारा संवेदनशील घरों के चिन्हीकरण के लिए किए गए सर्वेक्षण को भी गलत ठहराते हुए कहा कि एक साथ के ही कुछ घरों के नाम सूची में हैं, जबकि कुछ के नहीं। सर्वेक्षण ही गलत है। एक साथ के ही कुछ घरों के नाम हैं, कुछ के नहीं। यहां तक कह दिया कि चाहे उन्हें फांसी चढ़ा दिया जाए, पर वे अपने घर खाली नहीं करेंगे। इस पर भारी जनविरोध को देखते हुए और काफी हो-हल्ला होने पर टीम बैरंग वापस लौट आई। तय हुआ कि आगे डीएम से वार्ता कर इस दिशा में कोई कदम उठाया जाएगा। टीम बैरंग वापस लौट आई। डीएम से वार्ता कर आगे कोई कदम उठाया जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: भीमताल में बड़ा हादसा, पहाड़ दरकने से बैठे-बैठे दो ग्रामीणों की मौत

नवीन समाचार, भीमताल, 4 सितंबर 2020। नैनीताल जनपद के भीमताल के पास पांडे गांव के तोक भांखर में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे हुए पहाड़ी दरकने के कारण हुए भूस्खलन में दो ग्रामीणों की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। Big Breaking : उत्तराखंड के भीमताल में तेज आवाज के साथ दरकी पहाड़ी, दो ग्रामीणों की मलबे में दबकर मौत

प्राप्त जानकारी के अनुसार पांडे गांव के तोक भांखर निवासी मिस्त्री-मजदूरी का काम करने वाले दो ग्रामीण-24 वर्षीय कुलदीप कुमार पुत्र हरीश राम और 58 वर्षीय जीवन राम पुत्र जस्सी राम शुक्रवार शाम गांव से कुछ दूर जंगल में पथरीली चट्टान के पास मौजूद थे। बारिश होने पर संभवतया वे वहीं उकड़ू बैठे थे कि तभी पिछले दिनों हुई तेज बारिश के कारण पहले से कमजोर पहाड़ का एक हिस्सा शाम करीब 6 बजे किसी विस्फोटक के फटने जैसी जोरदार आवाज के साथ उन पर गिर गया। सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उनका केवल हाथ ही नजर आ रहा था। ग्रामीणों ने भीमताल कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर करीब दो किमी पैदल चलकर पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और मलबा हटाकर ग्रामीणों को निकाला। लेकिन तब तक दोनों ग्रामीण दम तोड़ चुके थे। भीमताल के कोतवाल कैलाश जोशी ने बताया कि दोनों के शव आसपास उकड़ू बैठी हुई अवस्था में बरामद हुए।

यह भी पढ़ें : वीरभट्टी पुल का एक ओर का हिस्सा धंसा

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जुलाई 2020। मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश के दौरान ज्योलीकोट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर वीरभट्टी के पास वैली ब्रिज के एक ओर हल्का भूस्खलन हुआ है। इससे पुल की सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो गया हैं। पुल के एक ओर जिस स्थान से पुल का ढांचा शुरू होता है, वहां पर बलियानाले की ओर नये बन रहे पुल की ओर यह भूस्खलन हुआ है। इसकी सूचना लोक निर्माण विभाग के राजमार्ग खंड को दे दी गई है। वहीं पुल पर अभी भी वाहनों का गुजरना शामिल है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि पुल पर वाहनों के चलते रहने तथा इस तरह एक ओर हुए भूस्खलन से पुल को खतरा उत्पन्न हो सकता हैं।बलियानाला संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष महेश जोशी ने इसे लोनिवि के राजमार्ग खंड की भारी लापरवाही करार देते हुए कहा कि पुल के ध्वस्त होने से क्षेत्रवासियों का आवागमन बाधित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन अंग्रेजी दौर के बने 100 वर्ष से अधिक पुराने पुल के बीचों-बीच गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग लगने से गैस सिलेंडरों में विस्फोट होने से पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनवरी 2017 में वैली ब्रिज बनाया गया था। और इधर इसके बगल में नये पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिसके बनने में अभी करीब एक वर्ष लगने की संभावना बताई जा रही है।

यह भी पढ़ें : ब्लॉक प्रमुख ने किया भूस्खलनग्रस्त बलियानाला का निरीक्षण

नवीन समाचार, नैनीताल, 5 जुलाई 2020। नैनीताल शहर के हरिनगर एवं रईस होटल तथा निकटवर्ती आलूखेत की पहाड़ी में बलियानाला के कारण लगातार हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के लिए सिंचाई विभाग द्वारा किये जा रहे बालियानाला ट्रीटमेंट कार्यों क्षेत्रीय ब्लॉक प्रमुख डा. हरीश बिष्ट ने सिंचाई विभाग के अभियंताओं एवं विभाग कर्मचारियों के साथ निरीक्षण किया। डा. बिष्ट ने बताया कि उन्होंने बलियानाला में करीब दो किलोमीटर तक नाले का निरी्क्षण किया। बलियानाला में विगत वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष पानी से कटाव में अभी तक थोड़ा कमी आयी हैं। अभी नाले में पानी का स्तर न्यूनतम है।

उन्होंने भूस्खलन को रोकने के लिए सिंचाई विभाग के अधिशाक्षी अभियंता हरीश चंद्र सिंह को सुझाव दिया कि निर्माण कार्य के साथ भूस्खलन वाली पहाड़ी पर वृक्षारोपण किया जाए। श्री सिंह ने इस पर हामी भरी। इसके अलावा डॉ. बिष्ट ने ग्राम विकास अधिकारी रमेश कनवाल एवं ग्राम विकास अधिकारी राजदीप वर्मा को मनरेगा के अंतर्गत आलूखेत की पहाड़ी पर वृक्षारोपण करवाने के आदेश देने के साथ इस कार्य को पूरा करवाने की जिम्मेदारी गेठिया के प्रधान अमित आर्य को सोंपी। निरीक्षण में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती, डीसी पंत, सुजाता हरबोला, डीडी जोशी, प्रधान इंद्र सिंह मेहता, हरगोविंद रावत, बिसन मेहता, राजू कोटलिया व धीरेंद्र जीना सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने नैना पीक के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में शुरू किया सर्वेक्षण

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 जून 2020। नैनीताल नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर हो रहे भूस्खलन की विस्तृत जांच के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने शुक्रवार को नैना पीक चोटी के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और सर्वेक्षण कार्य शुरू करते हुए जरूरी जांचें कीं व नमूने लिये। आगे इस समिति को 22 जून तक इस क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का अध्ययन कर शासन को अपनी रिपोर्ट देनी है। टीम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला के साथ ही वाडिया इंस्टीट्यूट और जीएसआई आदि के करीब आधा दर्जन अधिकारी शामिल हैं।

गौरतलब है कि बीती 15 जून को ही आपके प्रिय एवं भरोसेमंद समाचार पोर्टल ‘नवीन समाचार’ के द्वारा ‘नैनीताल ‘छोटा सा बोर्ड कर रहा नैना पीक की उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित’ शीर्षक से नैना पीक चोटी पर हो रहे भूस्खलन की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था इसके 1 दिन बाद ही शासन ने इस कमेटी का गठन किया था। अलबत्ता टीम के 19 जून को नैना पीक का सर्वेक्षण करने की संभावना है।

यह भी पढ़ें : नवीन समाचार की खबर के बाद नैनीताल की नैना पीक चोटी पर शासन से एक्शन…

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जून 2020। उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर हो रहे भूस्खलन की विस्तृत जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। यह समिति 17 से 22 जून तक इस क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का अध्ययन कर शासन को अपनी रिपोर्ट देगी।

गौरतलब है कि कल यानी 15 जून को ही आपके प्रिय एवं भरोसेमंद समाचार पोर्टल ‘नवीन समाचार’ ने कल यानी रविवार 15 जून को ‘नैनीताल : छोटा सा बोर्ड कर रहा नैना पीक की उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित’ शीर्षक से नैना पीक चोटी पर हो रहे भूस्खलन की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था इसके 1 दिन बाद शासन से कार्रवाई हुई है। अलबत्ता टीम के 19 जून को नैना पीक का सर्वेक्षण करने की संभावना है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि टीम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला के साथ ही वाडिया इंस्टीट्यूट और जीएसआई आदि के करीब आधा दर्जन अधिकारी शामिल हैं। यह टीम बृहस्पतिवार 18 जून को यहां आ सकती है, और संभावना है कि 19 जून का नैना पीक चोटी के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर सकती है।

यह भी पढ़ें : नैनीताल: छोटा सा बोर्ड कर रहा नैना पीक की उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित

नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2020। नगर के मल्लीताल रिक्शा स्टैंड के पास सार्वजनिक शौचालय के मरम्मत कार्य के लिए मंगाई गई रेत के ढेर पर किसी व्यक्ति द्वारा लगाया गया एक छोटा सा संदेश युक्त पोस्टर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस पर लिखा गया है, ‘चायना पीक का भविष्य कुछ ऐसा ही है’। उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से नगर की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक (चायना पीक) पर फिर से भूस्खलन हो रहे हैं और इधर बड़ी दरार भी उभर आई है। फिर भी लॉक डाउन का हवाला देते हुए प्रशासन इस पहाड़ी के ट्रीटमेंट के लिए कोई कार्य आगे नहीं बढ़ा रहा है। माना जा रहा है कि इस संदेश को लगाने वाले व्यक्ति का उद्देश्य नैना पीक की इसी समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करना हो सकता है। चित्र परिचयः 15एनटीएल-3ः नैनीताल:

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नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मई 2020। मुख्यालय से पंगोट-कुंजखड़क को जाने वाली सड़क पर दो-तीन गड्ढे चिंता एवं कौतूहल का विषय बन गये हैं। सोशल मीडिया पर भी इनको लेकर काफी चर्चा हो रही है। बताया गया है कि दो-तीन फिट गहरे यह गड्ढे मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर हिमालय दर्शन पर्यटन स्थल के पास देखे गये हैं। नगर पालिका के पूर्व सभासद भूपाल कार्की ने यह गड्ढे देखे जाने का दावा किया है। मामला लोक निर्माण विभाग के संज्ञान में भी आ गया है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने गड्ढों के स्थान पर पत्थरों का अवरोधक बनाने की बात कही है।

इस मामले में जहां बीच सड़क में अचानक उभरे गड्ढों की वजह से लोगों में कौतूहल है, वहीं लोग इसे क्षेत्र की कमजोर भूगर्भीय संरचना के दृष्टिगत चिंतित भी उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी के नीचे उत्तरी ढाल पर स्थित है। नैना पीक का नगर की ओर का दक्षिणी ढाल तो भूस्खलन के प्रति काफी संवेदनशील है और इस ढाल पर भूस्खलन की खबरें आती रहती हैं, और इधर सोमवार दरारें बनने का समाचार भी आया था, किंतु उत्तरी ढाल पर अब तक किसी भूस्खलन का इतिहास नहीं है। इसलिए चिंता अधिक बढ़ रही है।

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-नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर उभरी बड़ी दरार, पूर्व में भी हो चुके भूस्खलन, इसके नीचे ही स्थित है उत्तराखंड उच्च न्यायालय और उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, पूर्व में हुए भूस्खलन पर मुख्य सचिव के स्तर से बनी हाईपावर कमेटी लॉक डाउन की वजह से सर्वेक्षण शुरू नहीं कर पाई

नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2020। कोरोना की महामारी व लॉक डाउन के बीच जिला व मंडल मुख्यालय तथा उत्तराखंड का उच्च न्यायालय होने के नाते प्रदेश की न्यायिक राजधानी व विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी एक बड़े खतरे के मुहाने पर है। नगर क्षेत्र में नगर की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर उभरी एक बड़ी दरार का वीडियो वायरल हो रहा है। इससे नैना पीक चोटी पर जल्द भूस्खलन होने का खतरा नगर आ रहा है। यह वीडियो करीब एक-डेढ़ माह पूर्व की है। हालांकि समस्या पुरानी है, किंतु यह नये रूप में उभर रही है। एक अन्य चिंताजनक पहलू यह भी है कि लॉक डाउन की वजह से पिछले दो माह से अधिक लंबे समय से नगर की इस समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। 

देखें दरार का विडियो :

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के उमेश पंत, संतोष असवाल, सुरेंद्र बिष्ट व कन्नू आदि युवाओं ने यह वीडियो बनाया है। उमेश पंत ने बताया है कि सत्य नारायण मंदिर की ओर से नैना पीक जाने के रास्ते में आने वाली दूसरी पहाड़ी पर करीब 50-60 फिट की लंबाई में उन्होंने करीब आधा फिट चौड़ी दरार देखी और इसकी वीडियो बनायी। लेकिन इसकी भयावहता को सोचकर वे इस वीडियो को किसी को भेजने से डर गये थे। इधर रविवार को यह कहीं से वायरल हो गई। इसके साथ ही इस क्षेत्र में चिंता का माहौल भी बन गया। उल्लेखनीय है कि नैना पीक नगर की सबसे ऊंची, समुद्र सतह से 2610 मीटर ऊंची चोटी है। इस चोटी के नीचे ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय एवं उत्तराखंड प्रशासन अकादमी जैसे बड़े संस्थान व कई बड़े होटल स्थित है, तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों सहित बड़ी आबादी भी इस क्षेत्र में निवास करती है। साथ ही इस क्षेत्र में भूस्खलनों का लंबा इतिहास भी है।

बताया जाता है इस चोटी का एक हिस्सा 90 के दशक में भी धड़धड़ाते हुए गिर पड़ा था, जिससे तत्कालीन ब्रुक हिल हॉस्टल (वर्तमान हाईकोर्ट का हिस्सा), पंत सदन (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश की कोठी), गैस गोदाम, स्विस होटल व शेरवानी होटल आदि क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। इधर इस वर्ष 29 जनवरी और फिर रविवार दो फरवरी को भी चाइना पीक की पहाड़ी में भूस्खलन हुआ था, जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने लोक निर्माण विभाग, जीएसआई, आपदा प्रबंधन और भू वैज्ञानिकों के साथ मिलकर टूटी पहाड़ी का निरीक्षण किया था और मैपिंग के आधार पर पहाड़ी का ट्रीटमेंट भी किये जाने की बात कही थी। मामला शासन में भी पहुंचा था, लेकिन अब तक कोई कार्य शुरू नही हो पाया है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने कहा कि उन्हें भूस्खलन की सूचना नहीं मिली है, परंतु नैना पीक चोटी का पूरा क्षेत्र ही भूस्खलन की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हो गया है। इस पर भूस्खलन होने से इंकार नहीं किया जा सकता। अलबत्ता, उन्होंने फिलहाल इससे आबादी क्षेत्र में कोई नुकसान होने की संभावना से इंकार किया है। बताया कि कोरोना विषाणु का संक्रमण फैलने की वजह से यहां होने वाली जांचें अभी शुरू नहीं हो पाई हैं।

वहीं एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि उनके स्तर से की गई जांच के बाद शासन को भेजी गई रिपोर्ट पर मुख्य सचिव के स्तर से नैना पीक चोटी के संरक्षण कार्यों के लिए जांच हेतु एक हाईपावर कमेटी गठित की गई है। कमेटी में वाडिया इंस्टीट्यूट सहित अन्य भूवैज्ञानिक शामिल हैं। कमेटी को पूरा अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट देनी है। किंतु इधर लॉक डाउन की वजह से संभवतया कोई कार्य नहीं हो पाया है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 5 अप्रैल 2020। नैनीताल की सबसे ऊंची नैना पीक चोटी पर रविवार दोपहर एक बार फिर खिली धूप के बीच भूस्खलन होने की बात कही जा रही है। क्षेत्रीय लोगो के अनुसार एकाएक पहाड़ के सरकने से आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया। क्षेत्र में स्थित भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता ने भूस्खलन के तत्काल बाद भूस्खलन क्षेत्र का वीडियो बना लिया। श्री मेहता ने बताया कि उन्होंने दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे नैना पीक की ओर जोरदार धमाके की आवाज सुनी और वीडियो बना लिया। वीडियो में पहाड़ी से गिरते मलबे की आवाज भी सुनाई दे रही है, साथ ही धूल के गुबार भी उड़ते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नैना पीक पहाड़ी के नीचे बड़े आबादी क्षेत्र के साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय व उत्तराखंड प्रशासन अकादमी जैसे राज्य के बड़े संस्थान भी हैं।

देखें भूस्खलन का विडियो :

उल्लेखनीय है कि बीती 29 जनवरी और फिर रविवार दो फरवरी को भी चाइना पीक की पहाड़ी में दरार आयी थी, जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने लोक निर्माण विभाग, जीएसआई, आपदा प्रबंधन और भू वैज्ञानिकों के साथ मिलकर टूटी पहाड़ी का निरीक्षण किया था और मैपिंग के आधार पर पहाड़ी का ट्रीटमेंट भी किये जाने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई कार्य शुरू नही हो पाया है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने कहा कि उन्हें भूस्खलन की सूचना नहीं मिली है, परंतु नैना पीक चोटी भूस्खलन की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। इस पर भूस्खलन होने से इंकार नहीं किया जा सकता। अलबत्ता, उन्होंने फिलहाल इससे आबादी क्षेत्र में कोई नुकसान होने की संभावना से इंकार किया है। बताया कि कोरोना विषाणु का संक्रमण फैलने की वजह से यहां होने वाली जांचें अभी शुरू नहीं हो पाई हैं।

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नवीन समाचार, नैनीताल 2 फरवरी 2020। गत 29 जनवरी के बाद रविवार को एक बार फिर नगर की सबसे ऊंची नैना पीक की पहाड़ी दरक उठी। इससे पहाड़ी के नीचे के आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई। लोग घरों से बाहर निकल आए और पहाड़ी से गिरे पत्थरों की भयावहता को भांपने की कोशिश करते हुए बचने के उपाय तलाशने लगे। गनीमत रही कि पत्थर आवासीय क्षेत्र तक नहीं पहुंचे। इससे लोगों ने राहत महसूस की। हालांकि क्षेत्र में आगे भी पत्थर गिरने का भय बना हुआ है। भूवैज्ञानिक भी इसकी आशंका पहले ही जता चुके हैं।

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-प्रशासन, एसडीआरएफ व आपदा की टीम बृहस्पतिवार सुबह क्षेत्र का निरीक्षण

कमल जगाती @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जनवरी 2020। उत्तराखंड के नैनीताल नगर की सबसे ऊंची 2610 मीटर ऊंची नयना पीक की पहाड़ी से मंगलवार देर रात दो स्थानों से बड़ा हिस्सा गिरने का दावा किया जा रहा है। यह भी बताया जाा रहा है कि बुधवार शाम करीब 5 बजकर 25 मिनट से भी चायना पीक  से नीचे की ओर तेज़ आवाज़ें आने लगी जिन्हें सुनकर चायना हाउस, हंस निवास, और मेलरोज़ कंपाउंड से लोग बाहर आने लगे।चायना पीक के बीच पहाड़ी में भूस्खलन हो रहा था जिसे देखकर लोगो के हाथ पैर फूलने लगे। भूस्खलन की वजह से मलबा भी काफी नीचे तक आ गया था लेकिन काफी संख्या में पेड़ होने की वजह से मलबा रोड तक नही पहुंचा। इससे प्रदेश के उच्च न्यायालय क्षेत्र को खतरा होने की संभावना भी जताई जा रही है। इस पर डीएम सविन बंसल ने कहा कि बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन, एसडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम क्षेत्र का दौरा कर जायजा लेगी।

उल्लेखनीय है कि नैनीताल नगर के मल्लीताल क्षेत्र में सबसे ऊंची नयना पीक चोटी का एक हिस्सा 90 के दशक में भी धड़धड़ाते हुए गिर पड़ा था, जिससे तत्कालीन ब्रुक हिल हॉस्टल (वर्तमान हाईकोर्ट का हिस्सा), पंत सदन (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश की कोठी), गैस गोदाम, स्विस होटल व शेरवानी होटल आदि क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। आज भी इसी नयना पीक की चोटी का एक हिस्सा बर्फबारी के कारण गिरने की खबर है। पहाड़ी से मलबा और पेड़ गिरने से क्षेत्र में दहशत का महौल है। मंगलवार देर रात तेज बारिश और बुधवार सवेरे हुई बर्फबारी के दौरान चाइनापीक की पहाड़ी के नीचे से दो अलग-अलग स्थानों से मलबा और पेड़ लुढकते हुए देखे जाने के दावे किये जा रहे हैं। बताया गया है कि बारिश और बर्फ के भार से नयना पीक की पहाड़ी के दो हिस्से शाम साढ़े पांच बजे अचनाक दो अलग-अलग स्थानों पर गिर गए। प्रत्यक्षदर्शी राजीव दूबे ने बताया कि चाइना पीक की ऊंची पहाड़ी से मलबा खिसकने से जोर की आवाज सुनाई दी। पहाड़ी से हल्की मिट्टी उड़ते हुए भी दिखी। उन्होंने बताया कि इसके थोड़ी देर बाद दोबारा से आवाज आई और दूसरी जगह से मलबा खिसक गया। मलबा खिसकने से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इससे सबसे बड़ा खतरा उच्च न्यायालय के भवन और उसी क्षेत्र में निवास करने वाले न्यायाधीशों को भी हो सकता है। क्षेत्रीय सभासद मनोज साह जगाती ने भी नैना पीक चोटी से भूस्खलन होने की पुष्टि की है।

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-कहा-अभी हो रहा अस्थाई उपचार, उत्कृष्ट विकल्प पर होगा कार्य
-मुख्य सचिव ने किया नगर के आधार भूस्खलन प्रभावित बलियानाला क्षेत्र का अधिकारियों के साथ निरीक्षण

नवीन समाचार, नैनीताल, 7 दिसंबर 2019। प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि नगर के आधार बलियानाला भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्र के स्थायी उपचार हेतु शासन गंभीरता से कार्य कर रहा है। अभी क्षेत्र में भू-स्खलन रोकने के लिए अस्थायी कार्य किए जा रहे हैं ताकि बलियानाले के दोनो किनारों पर स्थित पहाड़ियों को और नुकसान न हो। कहा कि आगे स्थायी ट्रीटमेंट के लिए तकनीकी दृष्टि से जो भी उत्कृष्ट विकल्प होगा, उस विकल्प को शासन द्वारा स्वीकृत किया जाएगा ताकि स्थायी कार्य प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने क्षेत्र में कार्य कर रही विशेषज्ञ जापानी एजेंसी-जायका द्वारा बलियानाला क्षेत्र के तकनीकी सर्वे के आधार पर तैयार की गई तीनों कार्य योजनाओं की स्थलीय जानकारी लेते हुए प्रशासन को सभी सुरक्षात्मक बिन्दुओं पर विस्तृत तकनीकी जानकारियों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

शनिवार को श्री सिंह ने प्रदेश के वित्त एवं आपदा प्रबंधन अमित नेगी, मंडलायुक्त राजीव रौतेला व डीएम सविन बंसल के साथ बलियानाला के भू-स्खलन क्षेत्र का मौका मुआयना किया। इस मौके पर उन्होंने डीएम व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्थानीय जनता से भी वार्ता की। इस दौरान श्री बंसल ने मुख्य सचिव को बताया कि बलियानाला भू-स्खलन क्षेत्र शहर की सबसे बड़ी समस्या है। कार्यों की गुणवत्ता व प्रगति की समय-समय पर निरीक्षण करते हुए निगरानी रखी जा रही है ताकि अस्थायी तौर पर भू-स्खलन को रोका व कम किया जा सके। बलियानाले के स्थायी उपचार के लिए जायका के अधिकारियों पर निर्भरता कम करते हुए प्रभावित क्षेत्र का इसरो की टीम द्वारा ड्रोन मैपिंग, कंटूर मैपिंग व जीएसआई द्वारा भी सर्वे कराया गया है। बताया कि दुर्गापुर जाने हेतु तैयार किए गए नये रास्ते पर सोलर लाईटे लगाने की व्यवस्था जिला योजना से कर दी गयी है। निरीक्षण के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी, एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसडीओ दिनकर तिवारी, एडीएम केएस टोलिया, एसएस जंगपांगी, एसडीएम विनोद कुमार, एसई सिंचाई एनएस पतियाल, लोनिवि के आरएस रावत, जायका के प्रतिनिधि दीपक भट्ट, अमन रायजादा, ईई जल संस्थान एसके उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

कूड़ा खड्ड से सड़क की उठाई मांग

नैनीताल। क्षेत्रीय सभासद कैलाश रौतेला की अगुवाई में क्षेत्रवासियों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सोंपकर क्षेत्र के लिए कूड़ा खड्ड से सड़क निर्माण की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भूस्खलन की वजह से तीन से चार हजार की आबादी मोटर मार्ग न होने के कारण बूढ़े-बुजुर्गों व बच्चों को आये दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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-बलियानाला की समस्या को जानने तलहटी तक पैदल पहुंचे डीएम
-आगामी 7 दिसंबर को मुख्य सचिव के आगमन के दृष्टिगत लिया क्षेत्र एवं यहां हो रहे कार्यों का जायजा

नवीन समाचार, नैनीताल, 5 दिसंबर 2019। नैनीताल नगर के आधार बलियानाला में लगातार कई वर्षों से हो रहे भूस्खलन की समस्या के लिए जापान की एजेंसी जायका ने तीन कार्ययोजनाएं बनाई हैं। अब इनमें से किस कार्ययोजना से बलियानाला क्षेत्र का उद्धार किया जाए, इस पर शासन-प्रशासन को निर्णय लेना है। इस संबंध में शासन स्तर पर निर्णय लेने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव भी आगामी 7 दिसंबर को नैनीताल आकर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का जायजा ले सकते हैं। इसी कारण बीते दो दिनों से इस क्षेत्र में प्रशासनिक सक्रियता बढ़ गई है।

बृहस्पतिवार को डीएम सविन बंसल ने इस बारे में बताया कि पहली कार्य योजना क्षेत्र के भवनों को कम हटाए जाने की स्थिति में 236 करोड़ की लागत से क्रिब, ग्राउण्ड एंकर कार्य, दूसरी कार्य योजना में 215 करोड़ की लागत से क्रिब कार्य व रोक बोल्ट कार्य तथा तीसरी-क्षेत्रीय अधिक आबादी को हटाये जाने पर कार्य योजना-3 में 169 करोड़ की लागत से बेंचिंग कार्य किये जाएेंगे। अब प्रशासन को तय करना है कि इनमें से किस कार्ययोजना के तहत कार्य कराए जाएं। डीएम ने कहा कि जायका के उच्चाधिकारियों से वार्ता करते हुए तीनों कार्य योजनाओं के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के कॉर्डिनेट्स के अनुसार पक्की मार्किंग करायी जायेगी ताकि तीनों कार्य योजनाओं का स्थलीय क्षेत्र स्पष्ट रहे।

बृहस्पतिवार को डीएम बंसल बलियानाला क्षेत्र की पूरी वस्तुस्थिति को समझने एवं इसके उपचार के लिए चल रहे एवं भविष्य में प्रस्तावित कार्यों को देखने के लिए डीएम सविन बंसल कई किमी पैदल चलकर बलियानाला की तलहटी तक पहुंचे। उन्होंने आपद प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण केन्द्र, सिंचाई विभाग व जायका की टीम के साथ बलियानाले के ऊपरी क्षेत्र से लेकर निचले स्तर तक मौका मुआयना किया, तथा सभी डेंजर ज़ोन का स्थलीय निरीक्षण करते हुए जायका द्वारा तैयार किए गए ट्रीटमेंट प्लान की स्थलवार प्रस्तावित कार्य योजना की जानकारी ली।

इस मौके पर श्री बंसल ने जायका के प्रतिनिधियों द्वारा दी गई जानकारियों पर असंतोष व्यक्त करते हुए ज़ायका के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बलियाना क्षेत्र जियोलॉेजिकल मैप, कंटूर प्लान, प्रवाहित हो रहे पानी की क्षमता, भू-स्खलन क्षेत्र के ऊपरी स्तर से लेकर निचले स्तर तक किए जाने वाले कार्य, चट्टानों की पूरी प्रॉपर्टी यानी गुणों के साथ ही पूरी तकनीकी जानकारियां विस्तार से उपलब्ध कराएं। निरीक्षण के दौरान डीएम ने मंदिर के पास बनायी गई कमजोर तारबाड़ पर नाराज़गी जाहिर करते हुए इसके स्थान पर शीघ्रता से 6 फीट ऊॅची आरसीसी की सुरक्षा दीवार बनाने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए, ताकि लोग क्षेत्र के खतरनाक हो चुके रास्ते का प्रयोग न करें।

उन्होंने बलियानाले में सेल्फ ड्रीलिंग एंकर बार व वूडन पाईलिंग कार्य कर रहे मजदूरों द्वारा सुरक्षा उपकरण न पहनने पर भी सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए तथा ऐंसा न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बलियानाले में उनके द्वारा एसडीए यानी सेल्फ एंकर ड्रीलिंग, वूडन पाइलिंग, वायर क्रेट आदि के कार्य किये जा रहा है। उन्होंने बताया कि 280 के सापेक्ष 134 वूडन पाईलिंग, 238 के सापेक्ष 108 एसडीए व 300 के सापेक्ष 275 वायर क्रेट लगाए जा चुके हैं। निरीक्षण के दौरान अधिशासी निदेशक आपदा न्यूनीकरण केन्द्र पीयूष रौतेला, भू-वैज्ञानिक आचार्यलू, सुशील खंडूरी, वैंकटेश, स्लोप स्टेबलाईजेशन एक्सपर्ट डॉ. मनीष सेमवाल, एसडीएम विनोद कुमार, जायका के प्रतिनिधि दीपक भट्ट, अमन रायजादा, अधीक्षण अभियंता सिंचाई एनएस पतियाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई हरीश चन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।

क्षेत्र में प्रशासनिक कार्रवाई से हड़कंप का माहौल
नैनीताल। प्रशासन की बीते दो दिनों में बलियानाला क्षेत्र में बढ़ी सक्रियता से बलियानाला क्षेत्र के हरिनगर से लेकर पुराने रामलीला ग्राउंड तक के जोन-1, 2 व 3 में आने वाले क्षेत्रों में हड़कंप का माहौल है। लोगां का कहना है कि प्रशासन का ध्यान बलियानाला में भूस्खलन को रोकने के कार्य शुरू करने से अधिक लोगों को विस्थापित करने पर अधिक है। वे जिंदगी भर की पूंजी लगाकर यहां अपनी जान जोखिम में डालकर भी इसलिए रह रहे हैं कि यहां से उनका रोजगार भी जुड़ा है। प्रशासन यहां से दुर्गापुर या कहीं अन्य भेजेगा तो वहां जाने पर रोजगार भी छिन जाएगा। बेहतर हो कि प्रशासन सुदृढ़ीकरण के कार्य शीघ्रता से शुरू करवाए।

सात को संभावित मुख्य सचिव के दौरे को लेकर बढ़ी है सक्रियता
नैनीताल। बलियानाल भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन को रोकने के लिए शासन व सरकार भी गंभीर हुई लगती है। आगामी सात दिसंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव भी बलियानाला क्षेत्र का निरीक्षण करने आ सकते हैं। प्रशासन की दो दिन की सक्रियता को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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पूरा जीआईसी बलियानाला के भूस्खलन क्षेत्र की कार्ययोजना में शामिल
-बलियानाला के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का शासन द्वारा नामित हाईपावर कमेटी ने किया निरीक्षण
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 दिसंबर 2019। जापान के प्रोजेक्ट जायका की टीम ने बुधवार को नगर के आधार-भूस्खलन प्रभावित बलियानाला क्षेत्र का निरीक्षण किया एवं क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के प्रस्तावित ट्रीटमेंट के लिए अस्थायी निशान भी लगाए। जायका टीम द्वारा सर्वेक्षण कर तैयार की गयी रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि कार्य योजना एक के अनुसार जीआईसी का आधा मैदान, कार्य योजना दो के अनुसार जीआईसी का पूरा मैदान व कार्य योजना तीन के अनुसार जीआईसी स्कूल शामिल है।

इससे पूर्व आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अधिशासी अनिदेशक पीयूष रौतेला ने बलिया नाले के ट्रीटमेंट के लिए जायका द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट के आधार पर डाटा प्रजेंटेशन एटीआई के सभा कक्ष में प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन किया। बाद में एडीएम एसएस जंगपांगी तथा भू-वैज्ञानिक आचार्यलू, सुशील खंडूरी, वैंकटेश, स्लोप स्टेबलाईजेशन एक्सपर्ट डा. मनीष सेमवाल की संयुक्त टीम ने बलिया नाला प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में डीएस सविन बंसल की पहल पर इसरो की टीम ने भी भूस्खलन प्रभावित बलियानाले का सर्वे किया था। इसी क्रम में आज क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम विनोद कुमार, जायका के प्रतिनिधि दीपक भट्ट, अमन रायजादा, अधीक्षण अभियंता सिंचाई एनएस पतियाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई हरीश चंद्र सिंह आदि भी मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अक्टूबर 2019। नगर के हरिनगर क्षेत्रवासी 26 परिवारों को गत 17 अक्तूबर को तीन दिन के भीतर घर खाली करने के नोटिस जारी हुए हैं। इससे क्षेत्रवासियों में हड़कंप मच गया है। इस पर क्षेत्रवासियों ने पहले डीएम सविन बंसल से और फिर उनके कहने पर एडीएम प्रशासन कैलाश टोलिया से मिलकर गुहार लगाई। उनका कहना था कि दीपावली को एक सप्ताह का समय भी नहीं बचा है और 4 नवंबर से वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। लिहाजा कार्रवाई को 7 दिसंबर को परीक्षाएं निपटने तक टाला जाए।

क्षेत्रवासियों की हरिनगर-बलियानाला संघर्ष समिति के संयोजक मुख्तयार अली ने बताया कि पूर्व में 2018 के सर्वे में 66 घर खतरे में डाले गए थे। इनमें से 38 घर कब्जेधारकों के, टिन शेड व गिरताऊ जगह में थे, लिहाजा इन्हें दुर्गापुर में पालिका द्वारा बनाये गये घरों में विस्थापित कर दिया गया था। वहीं 28 परिवारों को वर्षाकाल में खतरा बताते हुए तीन महीने के लिए किराये के घरों में रहने को भेज दिया गया था। इन्हें अब वापस अपने घरों में आना था। लेकिन इस बीच प्रशासन ने गलत तरीके से क्षेत्रवासियों की मांग बताकर 5 जुलाई 2019 को जीएसआई से एक अन्य सर्वे कराकर हरिनगर के 26 घरों को और खतरे की जद में बता दिया है।

जबकि इस क्षेत्र के घरों में कोई दरार, या खतरा नहीं है। यहां दो वर्षों में कोई भूस्खलन भी नहीं हो रहा है। घरों और भूस्खलन के बीच 150-200 फिट चौड़ा जीआईसी का मैदान भी है। अब बरसात का मौसम भी नहीं है। जिन्हें नोटिस जारी हुए हैं, वह परिवार चार पीढ़ी से यहां पक्के घरों में रहते हैं। बेहतर यह होगा कि क्षेत्र में तुरंत भूस्खलन के संरक्षण के कार्य प्रारंभ किये जाएं, और दिसंबर माह तक विस्थापन की कोई कार्रवाई न की जाए। यदि इसके बावजूद कोई खतरा महसूस होता है, तो लोग स्वयं हट जाएंगे। उन्होंने जीएसआई के सर्वेक्षण में भी कमी बताते हुए कहा कि एक ही घर के कमरे भी अलग-अलग जोन में आ रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि उन्हें चरणबद्ध तरीके से लोगों को भूस्खलन की जद में आ रहे घरों को खाली करवाना है। आगे सोमवार को डीएम एवं क्षेत्रवासियों के बीच वार्ता होने की संभावना है।

बड़ा समाचार : भूस्खलन प्रभावित बलियानाला क्षेत्र से और खाली किये जाएंगे 27 भवन, जनदबाव से क्षेत्रवासियों को मिलेंगे चार नये मार्ग..

नवीन समाचार, नैनीताल, 26 अगस्त 2019। नगर के भूस्खलन प्रभावित आधार बलियानाला क्षेत्र के हरीनगर क्षेत्र से और 27 भवनों को खाली कराया जाएगा। डीएम सविन बंसल ने इस बारे में पूछे जाने पर सोमवार को बताया कि इस क्षेत्र में आईआरएस के द्वारा गत दिनों जीएसआई द्वारा ड्रोन के जरिये किये गये सर्वेक्षण के परिणाम आ गये हैं। ड्रोन सर्वे से उपग्रह आधारित एरियल नक्शा उपलब्ध हो गया है कि कितना क्षेत्र खाली कराना जरूरी है। बताया कि जीआईएस के पूर्व के सर्वेक्षण में 66 परिवार विस्थापित किये जाने के लिए चिन्हित हुए थे, अब दूसरे चरण के इस सर्वे में पहाड़ के लगातार अस्थिर झुकाव क्षेत्र में रह रहे 27 भवनों को पुनः हटाया जाना जरूरी है। इन परिवारों को नोटिस भी दे दिये गये हैं। आगे शीघ्र ही इन्हें दुर्गापुर के आवासों में विस्थापित किया जाएगा। इस हेतु आवंटन की प्रकिया चल रही है।

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जनदबाव के बाद डीएम ने खुलवाया जीआईसी से पैदल मार्ग

-भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग बंद होने से कृष्णापुरवासी विधायक की अगुवाई में पहुंचे थे जिला कलक्ट्रेट
-कूड़ा खड्ड के पास से वन विभाग के माध्यम से हल्का वाहन या पैदल मार्ग बनाने और एरीज-मनोरा के पास से सड़क मार्ग के प्रस्ताव में भी तेजी लाने का दिया आश्वासन
नैनीताल। बीते कुछ दिनों से पैदल मार्ग के लिए आंदोलित नगर के कृष्णापुर वार्ड वासियों की समस्या का सोमवार को क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य के हस्तक्षेप के बाद काफी हद तक समाधान हो गया है। डीएम सविन बंसल ने उनके लिए तत्काल ही जीआईसी परिसर के भीतर से अभिभावक संघ व मुख्य शिक्षा अधिकारी से अनापत्ति प्राप्त कर वैकल्पिक पैदल मार्ग खोलने, सिपाहीधारा की ओर से पैदल मार्ग पर चढ़ाई को सीढ़ी बनाकर कुछ कम करने व चौड़ाई बढ़ाने, मार्ग पर अधिक स्ट्रीट लाइट लगवाने व झाड़ियां कटवाने तथा मार्ग पर रहने वाले नशेड़ियों व असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की नियमित गस्त करवाने और क्षेत्र के लिए वन विभाग के माध्यम से कूड़ा खड्ड के पास से हल्का दोपहिया मोटर मार्ग या पैदल मार्ग बनाने के लिए फिर से जियोलॉजिकल सर्वे कराने एवं एरीज-मनोरा की ओर से सड़क मार्ग बनाने के लिए प्रयास तेज करने के आश्वासन दिये। साथ ही कृष्णापुर क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य शिविर लगवाने का भी आश्वासन दिया, और इस हेतु संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिये। क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र की दुर्गमता को देखते हुए यहां दवाइयों की डिस्पेंसरी खोलने की भी मांग रखी।

इससे पूर्व क्षेत्र के दर्जनों लोग सोमवार को विधायक संजीव आर्य की अगुवाई में डीएम से उनके कार्यालय में मिले और विधायक के माध्यम से अपनी समस्या रखीं। उनका कहना था कि पैदल मार्ग बंद कर दिये जाने से उन्हें अत्यधिक समस्याएं आ रही हैं। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी, क्षेत्रीय सभासद कैलाश रौतेला, पूर्व सभासद डीएन भट्ट व सरवर खान, भाजपा के नगर अध्यक्ष मनोज जोशी के साथ ही भाजपा नेता दया किशन पोखरिया, गोपाल रावत, शांति मेहरा, बिमला अधिकारी, अरविंद पडियार, भूपेंद्र सिंह व किशन पांडे के साथ ही बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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-धीमे इंटरनेट व कोहरे की वजह से सर्वेक्षण कार्य हुआ प्रभावित

ड्रोन के उड़ने के इंतजार में खड़े डीएम सविन बंसल एवं अन्य अधिकारी।

नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जुलाई 2019। नगर के भूस्खलन प्रभावित संवेदनशील बलिया नाला क्षेत्र का सोमवार को इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की टीम के द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से ‘हाई रेजुलेशन’ के वीडियो चित्रण के लिए पहुंची, किंतु यहां बलियानाला की समस्या को जांचने से पहले दूसरी ही समस्या जांच बैठी, या कहें कि एक ऐसी समस्या में खुद घिरी कि स्थिति हास्यास्पद हो गयी। डीएम सविन बंसल को थक-हार कर उनका कार्य प्रारंभ होने से पहले ही जाना पड़ा। अलबत्ता जो समस्या जाहिर हुई, श्री बंसल ने कहा कि आगे आपदा-प्रबंधन की बैठक में उस समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। समस्या वह थी जिस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के ‘न्यू इंडिया’ की ताबीर का पूरा दारोमदार है। यानी इंटरनेट की धीमी गति।

उल्लेखनीय है कि नगर के कमोबेश सभी क्षेत्रों में इंटरनेट व मोबाइल के सिग्नलों की स्थिति दयनीय है। गत दिनों यह मामला स्थायी लोक अदालत में भी गया था। बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ। हुआ यह कि देहरादून से पहुंची इसरो की टीम ने डीएम सविन बंसल की उपस्थिति में नगर के शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान से बलियानाला व आसपास की पहाड़ियों का हाई रेजुलेशन ड्रोन मैपिंग सर्वे का कार्य करने पहुंची। इस दौरान टीम के सदस्यों ने ड्रोन कैमरे की मदद से बलियानाला से लगे रईस होटल, हरीनगर आदि आवासीय भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण करने के लिए ड्रोन को उड़ाने का खूब प्रयास किया किंतु डीएम के करीब एक घंटे खड़े रहकर इंतजार करते सफल नहीं हो पाऐ। इस मौके पर इसरो की टीम के नेतृत्वकर्ता डॉ. सोबन जयराज, राघवेंद्र एस जनार्दन विश्वकर्मा, चंदन ग्रोवर, जिला विकास प्राधिकरण के सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार तथा आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार, राजस्व उप निरीक्षक अमित कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

धीमे इंटरनेट की वजह से डेढ़ घंटे तक नहीं उड़ पाया ड्रोन

नैनीताल। इसरो की टीम के द्वारा ड्रोन को उड़ाने के लिए नगर के राइंका में सुबह 10 बजे से डीएम सविन बंसल की उपस्थिति में प्रयास शुरू किये गये, किंतु ड्रोन डेढ़ घंटे बाद करीब साढ़े 11 बजे पहली उड़ान ले पाया। ड्रोन के उड़ने के इंतजार में करीब पौने घंटे डीएम को भी खड़े रहकर इंतजार करना पड़ा, और आखिर वे पहले राइंका के बच्चों से संवाद करने और इसके बाद भी ड्रोन के न उड़ने पर गत दिवस तूफान से नगर की बिजली लाइनों को पहुंचे नुकसान का जायजा लेने चले गये। बताया गया कि धीमी इंटरनेट की गति के कारण ड्रोन इसरो के ऐप से संपर्क नहीं कर पा रहा था। इस दौरान बीएसएनएल सहित सभी दूरसंचार प्रदाता कंपनियों के नेटवर्क, यहां तक कि डोंगल को लगाकर भी इंटरनेट प्राप्त करने का प्रयास किया गया, किंतु सभी प्रयास विफल रहे। बाद में केबल के जरिये सेवाएं देने वाली एक निजी कंपनी का नया संयोजन लेने के प्रयास शुरू किये गये। पूछे जाने पर डीएम श्री बंसल ने कहा कि वे नगर में विभिन्न दूरसंचार कंपनियों की सेवाओं की पड़ताल करेंगे ओर आगे आपदा प्रबंधन की बैठक में सभी दूरसंचार कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी खबर लेंगे। उन्होंने निहाल नाले में भूस्खलन के साथ जारी अवैध खनन एवं माल रोड पर भी हो रहे भूस्खलन का संज्ञान लेने की बात भी कही।

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-इसरो की टीम करेगी नैनीताल के भूस्खलन प्रभावित बलियानाला क्षेत्र की जांच
-किया जाएगा हाई रेजुलेशन ड्रोन मैपिंग व डिफ्रेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे

नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जुलाई 2019। डीएम सविन बंसल के विशेष प्रयासों से नैनीताल का आधार बलियानाला क्षेत्र देश की चिंता में शामिल हो गया है। इसके बाद देश की शीर्ष संस्था इसरो यानी भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के द्वारा नगर के आधार बलियानाले के भू-स्खलन क्षेत्र का जांच की जाएगी। इस हेतु इसरो की टीम सर्वे के लिए आगामी 14 जुलाई को नैनीताल पहुंच रही है। जानकारी देते हुए डीएम सविन बंसल ने बताया कि बलियानाले में लगातार हो रहे कटाव एवं भू-धंसाव के कारण रईस होटल हरिनगर क्षेत्र की संवेदनशीलता में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके दृष्टिगत क्षेत्र की अति संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के उपरान्त निवासरत परिवारों की जान-माल की सुरक्षा को दृष्टिगत अन्यत्र विस्थापित करने का कार्य किया गया है तथा अन्य प्रक्रियाएं गतिमान है।

इसी कड़ी में बलियानाला की पहाड़ियों की संवेदनशील हो चुके ढाल की इसरो से हाई रेजुलेशन ड्रोन मैपिंग व डिफ्रेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे कराना आवश्यक है, जिससे क्षेत्र की ‘वल्नरेबिलिटी मैपिंग’ करते हुए संभावित खतरे का विश्लेषण किया जा सके। साथ ही इससे क्षेत्र के पूर्व में चिन्हित भवनों के अतिरिक्त अन्य संवेदनशील भवनों को भी चिन्हित किया जा सकेगा, और संभावित जन-हानि को भी कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बलियानाला पहाड़ियों एवं आसपास के क्षेत्रों की ड्रोन मैपिंग व डिफ्रेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे कराने के लिए निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान से सर्वेक्षण हेतु वार्ता की गई थी। जिसके स्वीकृति के उपरान्त आगामी 14 जुलाई को इसरो की टीम हाई रेजुलेशन ड्रोन मैपिंग व डिफ्रेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे के लिए नैनीताल आ रही है

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-जीआईसी को दो हिस्सों में अलग-अलग विस्थापित करने से अभिभावक व शिक्षक सशंकित

नवीन समाचार, नैनीताल, 6 जुलाई 2019। नगर के शहीद मेजर राजेश अधिकारी राइंका का भविष्य खतरे में है। प्रशासन द्वारा विद्यालय को भूस्खलन प्रभावित बताते हुए इसे अन्यत्र स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। डीएम सविन बंसल ने कहा कि इसके प्राथमिक व उच्च प्राथमिक हिस्से को एक जगह तथा इंटर के हिस्से को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इसके इंटर वाले हिस्से को मल्लीताल स्थित सीआरएसटी इंटर कॉलेज में जबकि निचली जूनियर हाईस्कूल की कक्षाओं को तल्लीताल के सीआरसी व जूनियर हाईस्कूल में चलाया जा सकता है। इसके बाद पहले शुक्रवार को नगर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंडलायुक्त राजीव रौतेला को ज्ञापन दिया था। वहीं शनिवार को विद्यालय के अभिभावकों ने डीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में विद्यालय की इंटर की कक्षाओं को जीजीआईसी में तथा हाईस्कूल व जूनियर हाईस्कूल की कक्षाओं को तल्लीताल के जूनियर हाईस्कूल व सीआरसी आदि में संचालित किये जाने की मांग की गई है। वहीं शिक्षक भी विद्यालय का अस्तित्व समाप्त होने के साथ नगर से स्थानांतरित किये जाने को लेकर सशंकित हैं।

उधर, डीएम सविन बंसल के निर्देशों पर शनिवार को 8 परिवारों को दुर्गापुर स्थित नवनिर्मित आवासों में विस्थापित किया गया। जबकि 28 परिवारो को पूर्व में ही दुर्गापुर में विस्थापित कर दिया गया था। आगे मौसम अनुकूल रहा तो आने वाले दो दिनों में सभी परिवारों को दुर्गापुर में विस्थापित करने की कोशिश है। डीएम ने बताया कि क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया गया है, दो एलटी पोल की स्थापना का कार्य गतिमान है, केवल 11 केवी की लाईन स्थापना का कार्य शेष है जोकि रविवार तक पूरा कर लिया जाएगा। शनिवार को दुर्गापुर क्षेत्र में विद्युत संयोजन के लिए आवेदन प्राप्त करने के लिए शिविर लगाया गया। जिन आवेदकों के फार्म समस्त अभिलेखों सहित प्राप्त हो जायेंगे उनके विद्युत कनैक्शन एवं मीटर भी तत्काल लगा दिए जायेंगे। नवनिर्मित आवासों के ब्लॉक ए के सभी 32, ब्लॉक बी के 40 आवासों में से 32 तथा ब्लॉक सी के 48 में से 6 आवासों में पेयजल संयोजन देने का कार्य पूर्ण हो गया है। शेष करीब 80 आवासों में 9 जुलाई तक पेयजल संयोजन करने के आदेश जल संस्थान को दिए गए हैं। वहीं शनिवार को यहां लगे स्वास्थ्य विभाग के विशेष शिविर में लोगों को जन स्वास्थ्य तथा मलेरिया तथा डेंगू आदि संक्रामक बीमारियों के बारे में जानकारी दी गयी व उनका मेडिकल चेक-अप कर उन्हे औषधियॉ भी उपलब्ध करायी गईं। वहीं प्रभावित बलियानाला क्षेत्र में चेतावनी विषयक सूचना बोर्ड लगा दिए गए हैं तथा अतिप्रभावित एवं चिन्हित क्षेत्रों में बाउंड्री वॉल तथा तार-बाड़ आवागम को बन्द करने के उद्देश्य से लगा दी गई है। एसडीएम आदि अधिकारियों ने आज क्षेत्र में डीएम के आदेशों पर गश्त भी लगाई।

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-डीएम सविन बंसल ने कहा-भूस्खलन प्रभावित बलियानाला का फिर से सर्वेक्षण करेगी 4 सदस्यीय टीम, अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि क्षेत्र में कोई जनहानि न हो
-जनपद के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का उपग्रह आधारित सुदूर संवेदी मानचित्र भी बनेगा

नवीन समाचार, नैनीताल, 3 जुलाई 2019। जनपद के नवनियुक्त डीएम सविन बंसल ने बुधवार को अधिकारियों के साथ भूस्खलन प्रभावित नगर के आधार बलियानाला क्षेत्र का मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से इस बात का विशेष ध्यान रखने को कहा कि बलियानाला क्रोनिकल जोन के कारण कोई जन-हानि न हो। एडीएम व एसडीएम क्षेत्र में सभी सुरक्षात्मक मापदंड सुनिश्चित कराएं। कहा कि शीघ्र ही भू-स्खलन क्षेत्र का 4 सदस्यीय संयुक्त टीम के द्वारा पुनः सर्वे कराया जाएगा, जिसमें जीआईएस के प्रतिनिधि, एसडीएम, जिला विकास प्राधिकरण व सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शामिल होंगे। साथ ही बताया कि भू-स्खलन क्षेत्रों पर पैनी नजर रखने हेतु सैटेलाईट रिमोट सेंसिंग मैप भी बनवाया जा रहा है।

श्री बंसल ने भू-स्खलन क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए कृष्णापुर को जाने वाले मार्ग पर पूर्णतः आवागमन बन्द करने हेतु दीवार निर्माण करने के निर्देश भी दिए, साथ ही मार्ग एवं संवेदनशील क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाने, मार्किंग करने, पूर्व चिन्हित भवनों पर नंबरिंग करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों व अधिशासी अभियंता लोनिवि को दिए। तहसीलदार तथा पुलिस इंस्पेक्टर को नियमित रूप से क्षेत्र में गश्त लगाने तथा गश्त की सूचना रिपोर्ट आपदा कंट्रोल रूप को उपलब्ध कराने को भी कहा। सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीएस कुटियाल ने बताया कि इस क्षेत्र में वर्ष 2016 में 1.94 करोड़ की लागत से पहाड़ की रॉक ड्रिलिंग, एंकरिंग के साथ ही सीमेंट ग्राउटिंग, वायरमेस, सॉयल नैलिंग आदि सुरक्षात्मक कार्य किए गए। आगे द्वितीय चरण के सुरक्षात्मक कार्यो की डीपीआर शासन को भेजी गई है। निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष नगर पालिका सचिन नेगी, एडीएम एसएस जंगपांगी, प्राधिकरण सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार, ईई सिंचाई एचएस भारती, एसके उपाध्याय, सैयद उस्मान, सीओ विजय थापा सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

जीआईसी के लिए भी अन्यत्र स्थान ढूंढें: डीएम

नैनीताल। डीएम ने बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भू-स्खलन को देखते हुए शहीद मेजर राजेश अधिकारी राइंका नैनीताल को भी अन्यत्र विस्थापित करने लिए उपयुक्त स्थल का चयन करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को दिए। साथ ही क्षेत्र के भू-स्खलन की जद में रह रहे चिन्हित परिवारों के संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही करने की बात कही। वहीं दुर्गापुर में रह रहे विस्थापित परिवारों के लिए सुचारू पेयजल व विद्युत की व्यवस्था तीन दिन के भीतर करने के निर्देश सम्बन्धित अधिशासी अभियंताओं को दिए।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जून 2019। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ ने नैनीताल के बूचड़खाना उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल के बूचड़खाना, रईस होटल और हरिनगर क्षेत्र से प्रभावितों को सिफ्ट करने के मामले में सुनवाई करते हुए विस्थापित करने पर रोक लगा दी है।

हरिनगर क्षेत्र के मोहम्मद तय्यब व अनीता देवी सहित कई अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर क्र कहा है कि वे भूस्खलन क्षेत्र में नहीं आते हैं। प्रशासन बेवजह उन्हें उनके पैतृक आवासों से हटा रहा है। याचिकर्ताओं का कहना है कि वे मकानों के रजिस्टर्ड और रिकॉर्डेड स्वामी हैं। पूर्व में प्रशाशन ने एक हाई पावर कमेटी गठित की गयी थी। इसमें कहा गया था कि भूस्खलन क्षेत्र से पांच मीटर दूर पर रहने वाले लोगों को चेतावनी दी जाएगी, उनको हटाया नहीं जाएगा। परन्तु प्रशासन जबरन उन्हें हटा रहा है। याचिकर्ताओं का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन पांच सौ मीटर दूर तक के लोगों को हटाता है तो रोडवेज बस स्टेशन तक का क्षेत्र इस परिधि में आ रहा है। इतने बड़े क्षेत्र को विस्थापित करना नामुमकिन है। सरकार बलियानाले का ट्रीटमेंट तो नहीं कर रही है तथा यहां रहने वाले लोगों को परेशान कर रही है। इस क्षेत्र में लगभग पाँच सौ परिवार निवास कर रहे है । याचिकर्ताओ द्वारा केंद्र व राज्य के आपदा प्रबन्धन को भी आज पक्षकार बनाया गया।

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-दुर्गापुर भेज दिए भूस्खलन प्रभावित, विस्थापितों ने बिना नोटिस अचानक हटाये जाने पर कड़ी नाराजगी भी जताई
नवीन समाचार, नैनीताल, 17 जून 2019। सोमवार को नगर पालिका ने अचानक नगर के आधार बलियानाला क्षेत्र से लगे रईश होटल के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से करीब 15 परिवारों को बिना नोटिस दिये, और बिना उनके प्रपत्रों की जांच तथा नये भवन आवंटित किये जाने की औपचारिकताएं पूर्ण किये विस्थापित कर दिया। लोगों ने विस्थापन के लिए दो दिन की मोहलत दिये जाने की मांग करते हुए प्रशासन की अचानक आनन-फानन में हुई कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी भी जताई। विस्थापित किये जा रहे लोगों का आरोप था कि उनके मौजूदा आवास ध्वस्त कर दिये गये और उन्हें दुर्गापुर स्थित जेएलएनयूआरएम द्वारा बरसों पूर्व बनाये गये आवासों में भेज दिया।

अचानक हुई इस कार्रवाई पर विस्थापित किये जा रहे परिवारों के सदस्यों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना था कि प्रशासन ने उन्हें नोटिस नहीं दिये। अचानक हुई कार्रवाई से उनके सामने सामान को ध्वस्त किये जा रहे घरों से हटाने व नये स्थान पर ले जाने की समस्या है। वहीं नगर पालिका की ओर से दावा किया गया कि 15 दिन पूर्व नोटिस दिये गये थे। अलबत्ता, पालिका के अधिकारियों के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं था कि क्यों विस्थापन के लिए आवास आवंटन की प्रक्रिया पूरी किये, विस्थापितों से तय 25 हजार रुपए का अंशदान लिये बिना ही उनके पुराने आवास ध्वस्त एवं नये आवास आवंटित किये गये। आखिर नगर पालिका की कर अधीक्षक लता आर्या ने माना कि आसन्न बरसात के मौसम में भूस्खलन की संभावना को देखते हुए शासन की ओर से आये निर्देशों पर कार्रवाई की गयी। कहा कि जिन लोगों के डीपीआर में नाम हैं, उन्हें ही विस्थापित किया जा रहा है। यदि किसी के प्रपत्रों में कोई दिक्कत आती है तो उसका आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

बताया गया है कि सितंबर 2018 में बलियानाला क्षेत्र में हुए भूस्खलन से क्षेत्र के 67 परिवार खतरे की जद में आ गये थे। वहीं आगे राजस्व विभाग ने 23 एवं जीएसआई ने 5 सहित कुल 28 परिवारों को विस्थापित किया गया है, जबकि पूर्व में 53 परिवारों को दुर्गापुर के आवासों में विस्थापित किया जा चुका है। विस्थापन की प्रक्रिया में जिला विकास प्राधिकरण के सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार व पालिका ईओ रोहिताश शर्मा, पालिका सभासद रेखा आर्य, कैलाश रौतेला व प्रेमा अधिकारी आदि भी शामिल रहे। आज जिन्हें विस्थापित किया गया है उनमें श्याम कुमार, अभिनव आर्य, बाबू लाल, करन कश्यप, शिव चरण, बंटी कुमार, किशोर कुमार, सुमित व राजेश आर्य शामिल हैं।

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-भारत सरकार के स्तर पर हुआ निर्णय, राज्य शासन ने पालिका के ईओ को पात्रों को आवास आवंटन करने के दिये निर्देश
नवीन समाचार, नैनीताल, 31 मई 2019। नगर के आधार बलियानाला में हुए बीते वर्ष हुए भूस्खलन से प्रभावित पात्र परिवारों को दुर्गापुर में जेएनएनयूआरएम यानी ‘जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रूरल मिशन’ की उप योजना बीएसयूपी यानी ‘बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर’ के तहत बने व खाली पड़े आवास आवंटित किये जा सकेंगे। अपना घर छोड़कर करीब आठ माह से कभी जीआईसी-जीजीआईसी के कक्षा कक्षों और यहां से परेशान होकर किराये के कमरों में रह रहे क्षेत्रवासियों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। इस पर नगर भाजपा अध्यक्ष मनोज जोशी ने भाजपा के विधायक संजीव आर्य के साथ ही इस बाबत प्रस्ताव पारित करने वाले नगर पालिका बोर्ड का भी आभार जताया है।

उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 10 सितंबर 2018 से नगर के बलियानाला क्षेत्र के रईश होटल व हरीनगर मोहल्लों में जबर्दस्त भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण 25 परिवारों के करीब 90 सदस्यों को जीआईसी, जीजीआईसी व जूनियर हाईस्कूल में अस्थाई तौर पर विस्थापित किया गया था। बाद में इनमें से कई अपने रिश्तेदारों के पास व अन्यत्र किराये पर चले गये। इनमें से अब भी कई परिवार जीआईसी व जीजीआईसी के कक्षा कक्षों में रहने को मजबूर हैं। भूस्खलन के दौरान ही विस्थापितों को दुर्गापुर के खाली आवासों रहने को भेजने की मांग पर विधायक संजीव आर्य धरने पर भी बैठ गये थे, और उनकी डीएम विनोद कुमार सुमन के साथ अनबन भी हो गयी थी। बावजूद दुर्गापुर के आवासों के पूर्व मंे हुए आवंटन पर उपजे विवाद एवं मामले के उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण इन आवासों को विस्थापितों को आवंटित नहीं किया जा सका था। लेकिन इधर उच्च न्यायालय से मामला निपटने के बाद नगर पालिका बोर्ड ने इन आवासों को पात्र विस्थापितों को आवंटित करने का प्रस्ताव पारित कर शासन से अनुमति मांगी थी। इधर शनिवार को शहरी विकास निदेशालय से अपर निदेशक उदय सिंह राणा पालिका के ईओ को आये पत्र में भारत सरकार की बीएसयूपी व आईएसएसडीपी की गत एक मई को हुई बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में इन आवास आवंटित करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

लोक सभा चुनाव के असल मुद्दे-4: नैनीताल का आधार बलियानाला में बिन वर्षा भी हो रहा भूस्खलन, मरम्मत को नहीं मिला ढेला भी

2 अक्टूबर 2018 को बलियानाले के मुहाने पर स्थित नैनीताल के रईस होटल व रईस होटल क्षेत्र का नज़ारा।

नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 29 मार्च 2019। नैनीताल की सरोवरनगरी के तौर पर वैश्विक पहचान है। नैनी सरोवर इस नगरी की प्रसिद्धि का मुख्य आधार, माल रोड इस नगर की शान और बलियानाला इस नगर का आधार है, यानी इसी पर यह नगर टिका है। लेकिन नगर का यह आधार खतरे में हैं। बीते वर्ष सितंबर माह में यहां जबर्दस्त भूस्खलन हुआ। करीब 100 फिट से अधिक लंबा और करीब 50 फिट चौड़ा इलाका भूस्खलन की जद में आकर बलियानाले में समा चुका है। इस वजह से विस्थापित किये गये करीब 15 परिवार बीते छह माह से नगर के जीआईसी और जीजीआईसी के कक्षा कक्षों में रहने को मजबूर हैं। इससे वहां पठन-पाठन के साथ ही इधर हाल में हुई बोर्ड परीक्षाओं में भी दिक्कत आई है। बलियानाला के सुधार कार्यों के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय भी सख्त रुख अपनाये हुए है, और उच्च न्यायाल की मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ द्वारा 30 नवंबर 2018 को दिये गये कड़े निर्देशों को भी महीनों बीत गये हैं, बावजूद बलियानाले के मरम्मत कार्यों के लिए न ही एक भी रुपया स्वीकृत हुआ है, ना ही धरातल पर कोई सुधार कार्य हुए हैं, और ना ही विस्थापितों के स्थायी पुर्नवास के लिए ही कोई कार्य हुआ है।

उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 10 सितंबर 2018 से नगर के बलियानाला क्षेत्र के रईश होटल व हरीनगर मोहल्लों में जबर्दस्त भूस्खलन हुआ, जिसके कारण 25 परिवारों के करीब 90 सदस्यों को जीआईसी, जीजीआईसी व जूनियर हाईस्कूल में अस्थाई तौरपर विस्थापित किया गया था। बाद में इनमें से कई अपने रिश्तेदारों के पास व अन्यत्र किराये पर चले गये। इनमें से 7 परिवार जीजीआईसी के तीन बड़े कक्षा कक्षों में और 8 परिवारों जीआईसी केएक बड़े हॉल एवं दो कक्षा कक्षों में रह रहे हैं। इधर नगर की शान लोवर माल रोड का करीब 25 मीटर हिस्सा भी नैनी झील में समा गया था, जबकि माल रोड के करीब 125 मीटर हिस्से में भी दरारें उभरीं। माल रोड क्षेत्र में स्थायी कार्यों के लिये शासन को 42 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया। वहीं बलियानाला की मरम्मत के लिए जापान की जायका सहित उत्तराखंड के वाडिया संस्थान, आईआईटी रुड़की व आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र आदि के भूवैज्ञानिक कई दौर में जायजा लेकर जा चुके हैं। सिंचाई व लोक निर्माण विभाग तथा वाडिया भू विज्ञान संस्थान को मिलाकर बनाई गयी एक विशेष समिति भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है।

पूर्व में हो चुके हैं 44 करोड़ रुपये के कार्य, हो रही है सीबीआई जांच की मांग

नैनीताल। नैनीताल नगर के आधार बलियानाला के भारी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में पूर्व में 44 करोड़ रुपये से मरम्मत के कार्य किये जा चुके हैं, लेकिन यह कार्य भी स्वयं भूस्खलन की भेंट चढ़ चुके हैं। ऐसे में नगर की गैर राजनीतिक सामाजिक संस्था ग्वल सेना इन कार्यों की सीबीआई जांच करने की मांग उठा चुकी है। संस्था के संस्थापक पूरन मेहरा का कहना है कि बलियानाला में सुधार कार्यों से बलियानाला को मजबूत करने की जगह इसके आधार में बड़ी मशीनें चलाकर आधार को और भी कमजोर कर दिया गया है। यही नहीं निर्माण एजेंसी ने दीवारों को बिना बुनियाद के बनाया है, और निर्माण में बाहर से लाने की जगह वहीं की सामग्री लगाई गयी है। इस कारण ही यहां पिछली बरसात में सर्वाधिक भूस्खलन हुआ है और इतिहास में पहली बार सर्दियों में बिना बारिश के भी बलियानाला में भूस्खलन हुआ है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 7 फरवरी 2019। एक ओर आगामी मार्च माह से होने जा रही बोर्ड परीक्षाएं सिर पर आ पहुंची हैं, वहीं मुख्यालय स्थित आदर्श राजकीय बालिका इंटर यानी जीजीआईसी और शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज यानी जीआईसी में पिछले पांच वर्षों से 15 विस्थापित परिवारों के दर्जनों सदस्यों का कब्जा है। इससे इन विद्यालयों के करीब आधा दर्जन कक्षा कक्षों में बच्चे बैठ नहीं पा रहे हैं, वहीं बगल के कक्षों में भी बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। यही नहीं परिवारों द्वारा खर्च की जाने वाली बिजली व पानी के बिलों का वहन भी विद्यालयों को करना पड़ रहा है, और शौचालयों व परिसर में गंदगी तथा शोर अलग से है। इन स्थितियों के बावजूद जिला प्रशासन के पास विस्थापितों को अन्यत्र भेजने अथवा उनके लिऐ कोई स्थायी व्यवस्था करने की कोई योजना नहीं है, उल्टे प्रशासन भूवैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर कुछ नये परिवारों को भी इन स्कूलों में विस्थापित करने की सोच रहा है।

उल्लेखनीय है कि 10 सितंबर 2018 से नगर के बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के कारण 25 परिवारों के करीब 90 सदस्यों को जीआईसी, जीजीआईसी व जूनियर हाईस्कूल में अस्थाई तौर पर विस्थापित किया गया था। बताया गया है कि इनमें से जीजीआईसी में 7 परिवार विद्यालय के तीन बड़े कक्षा कक्षों में रह रहे हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या सावित्री दुग्ताल ने बताया कि इन में से दो कक्षों का फर्नीचर कई महीने बाहर रखना पड़ा, जिसके कारण वह खराब हो गया, तथा बच्चों को भी बाहर बैठना पड़ा। अब ठंड बढ़ने पर बच्चियों को बमुश्किल अन्य कक्षों में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। वहीं एक कक्ष में बच्चियों को डायनिंग टेबल पर मध्याह्न भोजन खिलाने की व्यवस्था की गयी थी, वह व्यवस्था भी समाप्त हो गयी है। स्कूल में रह रहे विस्थापितों ने कुत्ता भी पाला है, इससे काफी गंदगी एवं शोर होने से पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है। यही स्थिति जीआईसी की भी है।

यहां 8 परिवारों को एक बड़े हॉल एवं दो कक्षा कक्षों में रखा गया है। प्रभारी प्रधानाचार्य संजय पांडे ने बताया कि आगे 1 मार्च से बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं, जिसके तहत धारा 144 लागू होती है। विस्थापितों के रहते कैसे परीक्षा होगी, कहना मुश्किल है। आरोप है कि विस्थापित परिवार बिजली-पानी का भी दुरुपयोग कर रहे हैं, एवं गंदगी भी फैला रहे हैं। इस संबंध में तहसीलदार व एसडीएम के साथ ही मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र से सूचना देकर विस्थापितों की अन्यत्र विस्थापित करने की मांग की गयी है। वहीं विस्थापित परिवारों के सदस्य भी अपने घर छिनने की वजह से परेशान हैं और विद्यालय में भी असुविधा महसूस कर रहे हैं। वहीं पूछे जाने पर एडीएम हरबीर सिंह ने जल्द इस समस्या का समाधान करने की बात कहते हुए बताया कि गत दिनों हुए भूवैज्ञानिकों की सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर कुछ और परिवारों को भी बलियानाला क्षेत्र से विस्थापित किया जाना है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जनवरी 2019। नगर की गैर राजनीतिक सामाजिक संस्था ग्वल सेना ने नैनीताल नगर के आधार बलियानाला के भारी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में 44 करोड़ रुपये से किये गये कार्यों की सीबीआई जांच करने की मांग की है। इस मांग के उठने से सिचाई विभाग के साथ ही कुछ राजनेताओं में भी हड़कंप की स्थिति तय मानी जा रही है। सेना के सस्थापक पूरन मेहरा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बलियानाला अधिकारियों के लिये भ्रष्टाचार को अड्डा बन गया है। यहां धन की जमकर बंदबांट हुई है। इन कार्यों में पैंसा पानी की तरह बहाया गया है, जबकि कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। यदि इन कार्यों की उच्च स्तरीय जांच होती है तो बड़े भ्रष्टाचार की पोल खुल सकती है। बलियानाला में सुधार कार्यों से बलियानाला को मजबूत करने की जगह इसके आधार में बड़ी मशीनें चलाकर आधार को और भी कमजोर कर दिया गया है। यही नहीं निर्माण एजेंसी ने दीवारों को बिना बुनियाद के बनाया है, और निर्माण में बाहर से लाने की जगह वहीं की सामग्री लगाई गयी है। इस तरह अधिकारियों ने बलियानाला को अपनी प्रयोगशाला बना दिया है। जिसके कारण ही यहां पिछली बरसात में सर्वाधिक भूस्खलन हुआ है और इतिहास में पहली बार सर्दियों में बिना बारिश के भी बलियानाला में भूस्खलन हो रहा है।

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-बलियानाला क्षेत्र में सर्दियों की बारिश से भी होने लगा भूस्खलन, माल रोड पर भी बढ़ रही दरारें
-बरसात के मौसम में बड़े स्तर पर भूस्खलन होने के बाद करीब डेढ़ दर्जन परिवारों को किया गया था विस्थापित, लेकिन नहीं हुए सुधार के कार्य

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जनवरी 2019। सरोवरनगरी के बलियानाला और माल रोड में इस वर्ष बरसात के मौसम में बड़े स्तर पर भूस्खलन हुए थे। इस कारण बलियानाला क्षेत्र के रईश होटल व हरीनगर मोहल्लों से करीब डेढ़ दर्जन परिवारों को विस्थापित करना पड़ा था, जबकि लोवर माल रोड का करीब 25 मीटर हिस्सा नैनी झील में समा गया था, और इसके कामचलाऊ स्तर के ही मरम्मत के कार्य हुए हैं। वहीं बलियानाला में कई दौर में जीएसआई, जापान की एजेंसी जायका व अन्य के द्वारा सर्वेक्षण के कार्य ही किये जा रहे हैं।

इन स्थितियों में बलियानाला क्षेत्र में संभवतया इतिहास में पहली बार सर्दियों के मौसम में बिन बारिश भी भूस्खलन होने लगा है, जबकि माल रोड के करीब 125 मीटर हिस्से में फिर दरारें दिखाई देने लगी हैं। इस संबंध में लोनिवि के अधिशासी अभियंता सीएस नेगी का कहना है कि माल रोड क्षेत्र में स्थायी कार्यों के लिये शासन को 42 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है। कमोबेश यही बात बलियानाला क्षेत्र के लिये भी कही जा रही है। बलियानाला क्षेत्र में करीब तीन किमी क्षेत्र में करीब चार दशकों से यहां से गुजर रही मेन बाउंड्री थ्रस्ट व नैनीताल थ्रस्ट के प्रभाव से भूस्खलन हो रहा है। यहां पूर्व में सिचाई विभाग के द्वारा करीब 44 करोड़ रुपये के कार्य किये गये हैं, लेकिन यह कार्य भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गये हैं।

पूर्व समाचार : बलियानाला के भूस्खलन पर मुख्य सचिव को विस्तृत शपथ पत्र पेश करने के आदेश

नैनीताल, 30 नवंबर 2018। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने नैनीताल के आधार बलिया नाले में लंबे समय से हो रहे भू-स्खलन के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को एफआरआई द्वारा दाखिल शपथपत्र का गहनता से अध्ययन कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत शपथपत्र कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिये हैं। इधर शुक्रवार को मामले में एफआरआई द्वारा बलिया नाले का स्थलीय निरीक्षण कर वहां हो रहे भूस्खलन तथा उसकी रोकथाम के उपायों से सम्बंधित शपथ पत्र पेश किया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में खंडपीठ ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने और हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए स्थायी समाधान निकालने के आदेश दिए थे।

मामले के अनुसार नैनीताल उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सैयद नदीम मून खुर्शीद ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 1973 से नैनीताल के बलिया नाला क्षेत्र में लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे नैनीताल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। सरकार के द्वारा विगत कई वर्षो से करोडो रुपये इसके निर्माण में दिये जा चुके हैं, परंतु लगातार हो रहे भूस्खलन से विभागीय लापरवाही से किये गये कार्यो की पोल खुल गई है।

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देहरादून, 27 नवंबर 2018। ढाई महीने बाद भी नैनीताल के भूस्खलन से प्रभावित बलियानाला का ट्रीटमेंट अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इस दौरान केवल बैठकें ही हुई हैं और अलग-अलग कमेटियां बनी हैं। अब कहा जा रहा है कि माल रोड की तरह बलियानाला का भी पहले अस्थाई ट्रीटमेंट किया जाएगा। स्थाई ट्रीटमेंट बाद में होगा। बलियानाला में कई बार भूस्खलन हो चुका है। बिना बरसात भी वहां भूस्खलन होता रहता है। विगत दिनों उच्च न्यायालय के आदेश पर वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनी थी। कमेटी में सिंचाई व लोक निर्माण विभाग तथा वाडिया भू विज्ञान संस्थान को शामिल किया गया है।

क्षेत्र का दौरा करने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जिसमें कहा गया है कि स्थाई ट्रीटमेंट में समय लगेगा। इसलिए पहले अस्थाई ट्रीटमेंट शुरू किया जाए। पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अभियंता शिव कुमार का कहना है कि थोड़ी भी बरसात शुरू होने पर बलियानाला में भूस्खलन शुरू हो सकता है। वहीं आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के भू वैज्ञानिक सुशील खंडूड़ी ने माना कि ट्रीटमेंट में देर हो रही है। केवल बैठकों से ट्रीटमेंट संभव नहीं है। बलियानाला का ट्रीटमेंट शुरू करने के पहले आसपास लोगों को वहां से कहीं अन्यत्र बसाना होगा। यह बड़ी समस्या है। आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशासी निदेशक डा.पीयूष रौतेला के मुताबिक सिंचाई विभाग जल्द ही काम शुरू करेगा। अब वन अनुसंधान इस काम को देख रहा है। फंडिंड का काम राज्य सरकार करेगी। 

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-आपदा प्रबंधन व वित्त सचिव के बाद अब एफआरआई के सचिव हाईकोर्ट में तलब
नैनीताल, 1 नवंबर 2018। नैनीताल के बलियानाला में हुए भूस्खलन पर हाई पावर कमेटी गठित करने के अपने आदेश का पालन न करने पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने वित्त एवं आपदा प्रबन्धन सचिव के बाद अब एफआरआई यानी फोरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून के सचिव को शुक्रवार 2 नवम्बर को सकेट्री को पेश होने के आदेश दिए हैं। इससे पहले आज प्रदेश के वित्त एवं आपदा प्रबंधन सचिव वित्त अमित नेगी कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ में पेश हुए।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व खंडपीठ ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून की जनहित याचिका पर कमेटी हाईपावर कमेटी से 10 अक्टूबर तक भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर भूस्खलन का स्थायी समाधान खोजने के आदेश दिये थे। तथा वाडिया हिमालयन इंस्ट्टीयूट आफ टेक्नालॉजी, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्îूट के साथ ही लोनिवि, सिंचाई विभाग व आईआईटी रूडकी के मुख्य अभियंता को पक्षकार बनाने को कहा था। लेकिन अब तक किसी तरह का समाधान खोजे जाने की बात सरकार की ओर से नहीं आयी है। बल्कि लग रहा है बरसात निपटने के साथ ही शासन-प्रशासन इस मामले को भूल बैठा है। उधर हरिनगर व रईश होटल क्षेत्र के कुल 25 परिवारों के 90 सदस्य बीते 10 सितंबर यानी करीब दो माह से सरकारी स्कूलों में विस्थापित होकर रह रहे हैं।

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-शासन से आये विशेष जांच दल ने परखी

बलियानाला के संरक्षण की संभावनाएं
नैनीताल, 3 सितंबर 2018। डीएम विनोद कुमार सुमन के अनुरोध पर बुधवार को शासन से विशेष जांच दल बुधवार को मुख्यालय पहुंचा और जांच दल ने बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का भवाली रोड की ओर से तथा हरिनगर-रईश होटल की ओर से मौके पर जाकर संरक्षण की संभावनाएं परखीं। आगे टीम बृहस्पतिवार को भी अपना कार्य जारी रखेगी। पहले दिन टीम के द्वारा भूस्खलन क्षेत्र में हरिनगर व रईश होटल के दोनों पाटों में उभरे बड़े जल स्रोतों पर आपस में चर्चा व मंथन किया, तथा इसके ठीक तरह से निस्तारण किये जाने पर चर्चा प्रमुख रूप से कंेद्रित रही। कहा गया कि इन जल स्रोतों के पानी का ठीक से निस्तारण किये जाने के बाद ही संरक्षण के कोई कार्य किये जा सकते हैं। इस बात पर भी चर्चा हुई कि आईआईटी रुड़की एवं एनआईएच के अध्ययनों के अनुसार यह पानी नैनी झील का नहीं है। जांच दल में जीएसआई की नीतू चौहान, वाडिया इंस्टीट्यूट के सुरेंद्र भाकुनी, आईआईआरएस के डा. सोहन लाल चटोराज, लोनिवि के एसके राय, आईआईटी रुड़की के प्रो. संदीप सिंह, सिचाई विभाग हल्द्वानी से नरेंद्र पतियाल, महानिदेशक वन डा. बाला, एफआरआई के परमानंद, डीएमएमसी के डा. पीयूष रौतेला व डा. कृष्णा सजवान के साथ सीबीआरआई के प्रतिनिधि एवं आपदा प्रबंधन आदि शामिल रहे।

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नैनीताल, 2 अक्टूबर 2018। बलियालनाला क्षेत्र में बीते करीब एक माह से हो रहा भूस्खलन 2 अक्टूबर को भी जारी रहा। इससे पूर्व यहां 30 सितंबर को भी भूस्खलन हुआ था। इससे भूस्खलन शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कालेज के खेल मैदान तक पहुंच गया है। सुबह तड़के करीब 11  बजे के आसपास हुए ताजा भूस्खलन में कॉलेज का खेल मैदान का एक  हिस्सा भी भूस्खलन की भेंट चढ़कर बलियानाला में समा गया। इससे क्षेत्र में लगातार बढ़ते जा रही खतरे का बेहद गंभीर इशारा मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते एक सप्ताह से क्षेत्र में बारिश भी नहीं हो रही है। ऐसे में यह बेहद खतरनाक बात व संकेत है कि क्षेत्र में हो रहे भारी मात्रा में जल रिसाव के कारण क्षेत्र में बिना वर्षा के भी भूस्खलन जारी है। इसके बाद मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जाँच दल भी क्षेत्र के परीक्षण के लिए आ सकता है। 

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-सरकार को हाईपावर कमेटी बनाने और 10 अक्टूबर तक भूस्खलन का स्थलीय निरीक्षण कर स्थाई समाधान सुझाने को कहा

वाडिया हिमालयन इंस्टिट्यूट आफ टेक्नालॉजी, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, मुख्य अभियंता लोनिवि व  सिंचाई विभाग तथा आईआईटी रूडकी को बनाया पक्षकार

नैनीताल, 26 सितंबर 2018। उत्तराखंड उच्च न्यायालय  की कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने नैनीताल स्थित बलियानाला में हो रहे भूसंख्लन को गंभीरता से लेते हुए सरकार को हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने 10 अक्टूबर तक भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर स्थाई समाधान सुझाने को भी कहा है, और मामले में चार पक्षकारों  के रूप में वाडिया हिमालयन इंस्टिट्यूट आफ टेक्नालॉजी, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, मुख्य अभियंता लोनिवि व सिंचाई विभाग तथा  आईआईटी रूडकी को भी जोड़ दिया है । मामले की अगली सुनवाई के‌ लिए 27 अक्टूबर को होगी। 

मामले के अनुसार उच्च न्यायालय के अधिवक्ता व पूर्व बार अध्यक्ष सैय्यद नदीम खुर्शीद ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बलियानाला में वर्ष 1973 से और इधर विगत सप्ताह से भूस्खलन हो रहा है। इसके लिए सरकार से समय-समय पर वित्तीय सहायता भी मिलती रही है। लेकिन प्रशासन की ओर से विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर कार्य नहीं किया गया है। जिस कारण से नैनीताल नगर को खतरा उत्पन्न हो रहा है। 

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-की पहले एसआईटी और आगे सीबीआई जांच की मांग -कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग को सुधार कार्यों में पूरी तरह फेल बताकर हटाने और विशेषज्ञ संस्था के कार्य कराने की भी उठायी मांग -कहा बलियानाला नैनीताल का आधार, जनता को साथ लेकर इस मामले को जनांदोलन बनाएंगे

नैनीताल, 25 सितंबर 2018। आम आदमी पार्टी ने नगर के बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन पर कड़ी चिंता जताते हुए इसके निर्माण कार्यों को तत्काल विशेषज्ञ संस्था से कराने की मांग की है। साथ ही अब तक सुधार कर रहे सिंचाई विभाग को इस बड़े कार्य के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त बताते हुए उसे हटाने और यहां अब तक हुए करोड़ों रुपए के सुधार कार्यों की पहले एसआईटी से जांच कराने एवं जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर सीबीआई जांच कराने की मांग की है। साथ ही बलियानाला का नगर का आधार बताते हुए इस मामले में जनता को साथ लेकर जनांदोलन चलाने का इरादा भी जाहिर किया है। मंगलवार को नगर के माल रोड स्थित पैलेस होटल में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक एवं इसके उपरांत पत्रकार वार्ता में पार्टी जिलाध्यक्ष प्रदीप दुम्का ने कहा कि पार्टी जनों ने क्षेत्र का दौरा किया है। बलियानाला में स्थिति बेहद भयावह है। इससे नगर के हरिनगर वार्ड की करीब 3-4 हजार की आबादी एवं आगे हल्द्वानी एनएच पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिये युद्ध स्तर पर तत्काल ही इस क्षेत्र में सुधार के कार्य विशेषज्ञ संस्था से कराये जाने की जरूरत है। नगर अध्यक्ष देवेंद्र लाल ने कहा कि छोटी गूलों एवं नहरों के निर्माण की विशेषज्ञता रखने वाला सिंचाई विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर यहां भूस्खलन रोकने में जिस तरह पूरी तरह फेल रहा है, इससे साबित हो गया है कि वह इस कार्य हेतु योग्य ही नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवारों के लिए जीआईसी-जीजीआईसी आदि में जीवन योग्य बिजली, पानी व शौचालय के साथ ही भोजन की व्यवस्था करने की भी मांग की। पार्टी नेता डीएस बिष्ट व राजनारायण आदि ने भी विचार रखे एवं इस मामले में जनांदोलन चलाने की बात कही। इस मौके पर पार्टी के शाकिर अली, महेश आर्य सहित अनेक अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

क्या डीएम ने हाईकोर्ट से त्वरित सुनवाई की मांग की ? नैनीताल। आप जिलाध्यक्ष प्रदीप दुम्का ने कहा कि डीएम ऐसी स्थितियों में भी हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए लोगों को दुर्गापुर में बने आवासों में पुर्नवासित नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में उनका क्षेत्रीय विधायक से भी विवाद हुआ। इस पर उन्होंने पूछा कि क्या डीएम ऐसी आपात स्थितियां आने का हवाला देते हुए इस विषय में उच्च न्यायालय से जल्दी सुनवाई करने का अनुरोध किया।

बलियानाला में फिर दो बड़े भूस्खलन, हरिनगर इलाके से सात परिवार विस्थापित

हरिनगर क्षेत्र में बड़े नाले के पास करीब 40 फिट की विशाल चट्टान बलियानाला में ढही

नैनीताल, 24 सितंबर 2018। बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से नैनीताल के आधार बलियानाला क्षेत्र में सोमवार को फिर दो बड़े भूस्खलन हुआ है। सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे बलियानाला से लगे हरिनगर इलाके में नाले के पास करीब 40 फिट के आकार की बड़ी चट्टान ढह गयी, वहीं रईस होटल क्षेत्र में कृष्णापुर जाने वाले मार्ग पर बची पटाल के नीचे का हिस्सा भी बलियानाला में समा गया है। इससे यह पैदल मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। वहीं हरिनगर में 17 बेहद गरीब परिवार भी खतरे की जद में आ गए हैं। इनमें से जिला प्रशासन के द्वारा सात परिवारों को जीजीआईसी में विस्थापित किये जाने की बात कही गयी है। विस्थापित किये गये लोगों में पेंटिंग का काम कर गुजारा करने वाले ललित प्रसाद ने घर में बड़ी दरारें आने के बाद सामान हटाना शुरू कर दिया है, लेकिन उसे कहीं कमरा नहीं मिल रहा है। उसका कहना है कि वह दुर्गापुर में बने आवासों के लिये भी चयनित है, बावजूद उसे आवास नहीं मिला है। साथ ही उसके भाई अमित प्रसाद, पूरन राम, सुरेश लाल, प्रताप राम, छोटे लाल, बच्ची राम आर्य व बाबू लाल सहित 17 परिवार भी स्वयं को भूस्खलन की जद में बता रहे हैं। राजस्व उप निरीक्षक अमित साह ने बताया कि सात परिवारों को जीजीआईसी में विस्थापित कर दिया गया है।

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-राज्य के वन विभाग के साथ कार्य कर रहे जायका से संबंधित हैं दोनों जापानी विशेषज्ञ, डीएम के अनुरोध पर पहुंचे

नैनीताल, 13 सितंबर 2018। जी हां, विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल के आधार बलियानाला में हुए अब तक के सबसे बड़े भूस्खलन का ट्रीटमेंट जापानी तकनीक से किया जा सकता है। डीएम विनोद कुमार सुमन के आमंत्रण पर क्षेत्र में हुए भूस्खलन के अध्ययन के लिए जापानी विशेषज्ञ हारा व मात्सुनामी बृहस्पतिवार को क्षेत्र में पहुंचे, और और अधिकारियों के साथ मौका मुआयना कर फोटो लेकर एवं अवलोकन करके अध्ययन किया। उन्हें लेकर पहुंचे वन विभाग के यूएफआरएमपी यानी उत्तराखंड फॉरेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की टीसीपी यानी टेक्निकल को-ऑपरेशन प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता जय कुमार शर्मा ने बताया कि जापानी विशेषज्ञ जायका यानी जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी के जरिये यहां आये हैं। जायका वन विभाग के साथ मिलकर उत्तराखंड में ऋषिकेश के पास रामझूला से आगे निरगाड़ एवं नैनीताल जिले में अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पाडली के पास हो रहे भूस्खलन को रोकने का कार्य पहले से कर रही है। बलियानाला में करीब 70 अंश के ढाल पर भूस्खलन हो रहा है, साथ ही इसका विस्तार बहुत अधिक है। जापानी विशेषज्ञ शुक्रवार तक डीएम को अपनी प्रारंभिक सुझावात्मक रिपोर्ट दे सकते है। इस मौके पर एडीएम हरबीर सिंह व बीएल फिरमाल, सिचाई विभाग के ईई हरीश चंद्र सिंह, जगराज सिंह सहित अन्य अभियंता साथ रहे।

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-अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे विधायक, विस्थापित किये गये 17 परिवार -5 परिवार जूनियर हाईस्कूल व 6 राइंका में विस्थापित किये, 6 अपने रिश्तेदारों के पास चले गये

नैनीताल, 10 सितंबर 2018। विश्व प्रसिद्ध सरोवरनगरी नैनीताल के आधार बलियानाला में बीते काफी दिनों से बरसात के मौसम में चल रहे भूस्खलन की परिणति सोमवार को अब तक के सबसे बड़े भूस्खलन के रूप में हो गयी। शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान के पास रईश होटल क्षेत्र में पूर्व में देवी मंदिर वाला पहाड़ का विशाल टीला सुबह करीब सात बजे बलियानाला में ढह कर चला गया। इससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। भूस्खलन की जद में आये 17 परिवारों ने खुद ही अपने घरों का सामान बाहर सड़क पर निकाल दिया। और पुर्नवास की मांग करने लगे।

इस पर स्थानीय विधायक संजीव आर्य भी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ करीब साढ़े आठ बजे मौके पर पहुंच गये और उन्होंने डीएम विनोद कुमार सुमन से बात करके प्रभावित परिवारों को अस्थायी तौर पर दुर्गापुर में जेएलएनयूआरएम से बने व खाली पड़े आवासों में विस्थापित करने को कहा, लेकिन डीएम ने इससे इंकार कर दिया। इस पर गुस्साये विधायक भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अपनी ही सरकार के खिलाफ मौके पर ही धरने पर बैठ गये। इसकी जानकारी लगने पर डीएम भी मौके पर पहुंचे, और विधायक व डीएम में वार्ता के कई दौर चले, लेकिन बात नहीं बनी। प्रदर्शन में भाजपा नगर अध्यक्ष मनोज जोशी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष नितिन कार्की, अरविंद पडियार, बिमला अधिकारी, हरीश भट्ट, भानु पंत, कुंदन बिष्ट, राकेश कुमार, दयाकिशन पोखरिया, नीरज जोशी, पूर्व सभासद डीएन भट्ट, राजेंद्र परगाई व आनंद बिष्ट तथा प्रशासन की ओर से संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला, एएसपी विजय थापा, तल्लीताल थाना प्रभारी राहुल राठी सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

डीएम हुए आक्रोश का शिकार, ईओ की अनुपस्थिति पर ही रहा गुस्सा

नैनीताल। मौके पर डीएम विनोद कुमार सुमन को भाजपा नगर अध्यक्ष मनोज जोशी सहित प्रभावित लोगों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा। लोगों ने मौके पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के मौजूद न रहने पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। वहीं सिचाई विभाग के अभियंता नाबार्ड के माध्यम से करीब 41 करोड़ से बलियानाला को चैनलाइज करने के कार्य में पूरा धन खर्च होने के बारे में गलत सूचना देते देखे गये। आखिर विधायक के बात करने पर उन्हें मानना पड़ा कि अभी करीब 20 करोड़ रुपए बचे हुए हैं। विधायक ने इस बात पर भी नाराजगी जतायी कि इतनी बची धनराशि से अब तक बचे क्षेत्र को बचाने के लिए पिछले 6 माह से कहने के बावजूद कोई कार्य नहीं किये गये।

विस्थापितों को रूसी बाइपास पर प्रस्तावित आवास योजना में जोड़ा जाएगा नैनीताल। आखिर अपराह्न करीब डेढ़ बजे एडीएम हरबीर सिंह ने विधायक से बात कर प्रभावितों को अगली किसी भी व्यवस्था तक के लिए फिलहाल राइंका व जूनियर हाईस्कूल में रखने तथा बाद में उन्हें पुर्नवास के लिए ‘उत्तराखंड हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी’ के द्वारा नगर के सात नंबर व सूखाताल के 361 परिवारों के लिए सहित कुल 450 परिवारों के लिए रूसी बाईपास में 5.7 एकड़ भूमि पर बनने वाली आवासीय योजना में शामिल करने का आश्वासन दिया। इसके बाद तीन घंटे चला धरना समाप्त हुआ। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के दुर्गापुर में कई अपात्रों को आवास मिलने एवं पात्रों के छूट जाने की शिकायत की जांच करने एवं विस्थापन पर बात करने के लिए आगामी 14 अक्टूबर की अपराह्न जिला विकास प्राधिकरण में क्षेत्रीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला प्रशासन व विधायक की बैठक करना भी तय हुआ।

11 परिवार राइंका व जूनियर हाईस्कूल में किये गये शिफ्ट

नैनीताल। शाम को क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक अमित साह ने बताया कि खतरे की जद में आये 6 परिवारों को शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज एवं 5 परिवारों को शहीद मेजर राजेश अधिकारी जूनियर हाईस्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि 6 परिवार स्वेच्छा से अपने रिश्तेदारों के पास चले गये हैं।

क्षेत्र में फूटा है पानी का विशाल जल स्रोत

नैनीताल। बलियानाला क्षेत्र में जहां आज बड़ा भूस्खलन हुआ वहां पानी का बड़ा जल स्रोत भी फूट गया है। यह जल स्रोत भूस्खलन का प्रमुख कारण भी माना जा रहा है। लोग इसे नैनी झील से हो रहे जल का रिसाव भी मान रहे हैं। इसके द्वारा आगे भी जमीन को अंदर से खोखला करते जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इसके अलावा भी इस क्षेत्र के सक्रिय एमबीटी यानी मेन बाउंड्री थ्रस्ट की जद में होने और पहाड़ का कोण 90 फीसद के करीब होने के कारण भी भूस्खलन लगातार जारी है।

कांग्रेस न नैनीताल बंद करा पाये, न अपने समर्थकों के समर्थन में ही आ पाये, भाजपा ने झटका मुद्दा

नैनीताल। कांग्रेस का भारत बंद मुख्यालय में पूरी तरह बेअसर रहा। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य की अगुवाई में तल्लीताल क्रांति चौक में दो दिन पूर्व के विरोध प्रदर्शन के लिये तैयार महंगाई विरोधी पोस्टरों को हाथों में लेकर विरोध की औपचारिकता निभाई। यहां तक कि कांग्रेस विरोध को समर्थन दे रहे सपा, बसपा व उक्रांद आदि दलों के कार्यकर्ताओं को भी साथ नहीं ले पायी। सपा कार्यकर्ताओं ने पृथक से केंद्र सरकार का पुतला फूंका, लेकिन वे कांग्रेस के बैनर तले नहीं आये। तल्लीताल, मल्लीताल व्यापार मंडल ने भी कांग्रेस के आह्वान पर बंद का समर्थन नहीं किया। यहां तक कि कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के प्रतिष्ठान भी पूरे दिन खुले रहे। यही नहीं, कांग्रेस ने इस दौरान रईश होटल-हरिनगर क्षेत्र में हुए बड़े भूस्खलन के मुद्दे पर अपने वोट बैंक माने जाने वाले लोगों के समर्थन में खड़े होने का अवसर भी खो दिया। उनकी जगह भाजपा विधायक व भाजपाई स्थानीय लोगों के समर्थन में बैठे। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नगर अध्यक्ष मारुति नंदन साह, रईश भाई, मुकेश जोशी, कैलाश मिश्रा, कैलाश अधिकारी, पवन जाटव, महेश पवार, कृष्ण कौशल साह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

नैनीताल, 9 सितंबर 2018। विश्व प्रसिद्ध सरोवरनगरी नैनीताल के आधार बलियानाला में बीते काफी दिनों से बरसात के मौसम में भूस्खलन का सिलसिला जारी है। क्षेत्र में पानी के बड़े जल स्रोत भी फूट गये हैं। इससे रईश होटल व हरिनगर क्षेत्र में करीब 30-40 फिट तक भूमि नाले में समा गयी है, तथा क्षेत्र के घर झुक गये हैं। ऐसे में रईश होटल क्षेत्र के 12 व हरिनगर के 12 परिवार विस्थापन की जद में आ गये हैं। राजस्व उप निरीक्षक अमित साह ने बताया कि इन 24 परिवारों को दुर्गापुर में बने आवासों में नियमानुसार विस्थापित किये जाने की संस्तुति डीएम से कर दी गयी है। साथ ही लोगों से घरों को खाली करने को नोटिस दे दिये गये है।

उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में उत्तराखंड बनने के बाद ही 2005 में स्वीकृत 15.52 करोड़ रुपए के कार्य हुए हैं, जोकि भूस्खलन को रोकने में पूरी तरह से निष्प्र्रभावी तो साबित हुए ही हैं, इन कार्यों का कहीं नामोनिशान भी नहीं दिखाई देता है। विदित हो कि इस क्षेत्र में भूस्खलनों को 1898 से एक सदी से भी अधिक लंबा इतिहास रहा है, जब यहां 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके अलावा भी यहां 1935 व 1972, 2004 व 2014 में भी बड़े भूस्खलन हुए थे, जबकि इधर बीते एक दशक में हर वर्ष भूस्खलन हो रहे हैं। भूस्खलन ने स्थानीय जीआईसी के मैदान को भी अपनी जद में ले लिया है। इसका कारण इस क्षेत्र का एमबीटी सहित कई भूगर्भीय भ्रंशों के प्रभाव में होना बताया जाता है।

टीएचडीसी से मांगे हैं सुझाव नैनीताल। सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र सिंह ने बताया कि बलियानाला के कारण हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए टीएचडीसी से सुझाव मांगे गये हैं। इस हेतु टीएचडीसी को प्रस्ताव भेजा गया है। टीएचडीसी के सुझावों पर ही नैनीताल राजभवन के पीछे निहाल नाला की ओर से हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिये कार्य किये गये हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 44.25 करोड़ रुपए की लागत ने बलियानाला को चैनलाइज करने के कार्य इसके आधार में किये जा रहे थे, जो कि वर्तमान बारिश के मौसम में बंद हैं।

बलियानाले को चैनलाइज करने के लिए 44.25 करोड़ का प्रस्ताव

नैनीताल। डीएम दीपक रावत ने मंगलवार (06.01.2015) को नगर के आधार बलियानाला से विगत वर्ष 10 सितम्बर को भीषण भूस्खलन से तबाह हुए रईश होटल व जेएनएनयूआरएम योजना के अन्तर्गत दुर्गापुर में बन रहे आवासों का निरीक्षण किया। इस दौरान सहायक अभियंता सिंचाई एनसी पंत ने बताया कि बलियानाले को चैनलाइज करने के लिए 44.25 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। डीएम रावत ने दुर्गापुर में बने आवासीय भवनों का निरीक्षण करते हुए वहां रह रहे लोगों से भी बात की। निर्माण संस्था लोनिवि के ईई जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि योजना के अन्तर्गत 9.28 करोड़ की लागत से 200 आवास बनाये जाने थे जिसमें से 60 आवास पूर्ण कर 60 परिवारों को विस्थापित किया जा चुका है। अगले 60 आवास आगामी फरवरी तक तथा शेष 40 आवास जून तक पूर्ण कर लिए जाएंगे, जबकिक अंतिम 40 आवासों का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है। डीएम ने 15 दिनों में इनका निर्माण शुरू कराने के निर्देश दिए।

भारी बारिश से नैनीताल में सनवाल स्कूल, भीमताल में थाने की दीवार ढही, वाहन दबे

नैनीताल, 29 अगस्त 2018। नैनीताल व निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों सहित पूरे जनपद में मंगलवार का दिन सूखा रहने के बाद रात्रि में भारी बारिश हुई। आपदा कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यालय में 80.4, जबकि हल्द्वानी में 89, कोश्यां कुटौली में 35, मुक्तेश्वर में 33, कालाढुंगी में 30, रामनगर में 27, बेतालघाट में 22 सहित जिले में औसतन 41.04 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी है। बारिश की वजह से बुधवार सुबह तड़के मल्लीताल स्थित सनवाल स्कूल के पीछे के मैदान की दीवार वहां ‘नो पार्किंग’ में खड़ी पॉपुलर कंपाउंड निवासी अजमुद्दीन पुत्र कमरुद्दीन की मारुति अल्टो 800 टैक्सी संख्या यूके04टीए-7293 के साथ स्कूल भवन पर गिर गयी। हादसा सुबह चार बजे के बाद हुआ बताया गया है। इससे स्कूल के कक्षा कक्षों का भवन को नुकसान पहुंचा है। भवन की दीवारें क्षतिगस्त होने के साथ ही टिन की छत भी छतिग्रस्त हो गयी है। इस वाहन के करीब सटकर एक अन्य यूटिलिटी वाहन भी खड़ा था। गनीमत रही कि वह गिरने से बच गया। हादसा दिन के वक्त नहीं हुआ, अन्यथा कक्षाओं में बच्चों के साथ कोई हादसा हो सकता था। हादसे की सूचना मिलने के बाद स्कूल में छुट्टी घोषित कर दी गयी।

उधर भीमताल में भीमताल थाने की सुरक्षा दीवार सुबह तड़के करीब साढ़े तीन बजे हल्द्वानी रोड पर गिर गयी, इससे थाने के बाहर सीजन कर खड़े किये कई दोपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गये। वहीं लगातार हो रही बारिश से थाने का भवन भी भूस्खलन की चपेट में बताया जा रहा है। भवन का निचला हिस्सा कमजोर हो रहा है, और थाने में कार्यरत पुलिसकर्मी डर के साए में काम करने को मजबूर हो गये हैं। वहीं मलबा आने से कुछ देर के लिए हल्द्वानी रोड पर यातायात भी अवरुद्ध हो गया था। बाद में पुलिस कर्मियों ने ही जेसीबी मशीन बुलाकर सड़क को वाहनों के चलने के लिए खुलवाया, साथ ही पहाड़ से आने वाले वाहनों को भीमताल बाईपास के रास्ते भेजा जा रहा है। बारिश से जिले की 10 ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गयी हैं।

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