March 28, 2024

ऐसे बनायें ई पास, यहां हैं संबंधित लिंक और पूरी जानकारी

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नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जून 2020। केंद्र व राज्य सरकारों ने हालांकि आवागमन के नियमों में काफी छूट दे दी है, और ई-पास बनाने की व्यवस्था को काफी आसान भी बना दिया है, फिर भी लोग अभी भी ई-पास बनाने में बहुत सहज नहीं नजर आ रहे हैं। ई-पास बनाने में आसानी के लिये यहां संबंधित वेबसाइटों की जानकारी दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि जनपद के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए किसी तरह के पास की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अन्य श्रेणियों के लिए इस लिंक को क्लिक करके ई-पास बना सकते हैं। यदि आप उत्तराखंड राज्य से बाहर हैं और राज्य में आना चाहते हैं तो आपकों इस वेबसाइट – http://smartcitydehradun.uk.gov.in/ में जाकर ई-पास बनाना होगा।

इस वेबसाइट में उत्तराखंड से बाहरी राज्य में जाने के लिए, प्रवासियों का पंजीकरण एवं स्टेटस चेक करने, उत्तराखंड राज्य के लिए अंतर जिला यात्रा हेतु पास बनाने एवं देहरादून जनपद के लिए ई-पास बनाने की सुविधा एवं लिंक भी सबसे ऊपर दिये हुए हैं।
वहीं स्वास्थ्य, उत्पादन, यातायात, भंडारण, दुकान, बैंक, पत्रकारिता का कार्य करने वाले लोगों के साथ ही मेडिकल इमरजेंसी यानी स्थास्थ्य आपातकाल की स्थिति में भी ई-पास बनाये जाने के लिए एक अन्य लिंक- https://policecitizenportal.uk.gov.in/e_pass दिया जा रहा है।
इस साइट में अपनी फोटो, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि पहचान पत्र, सामान की बिल्टी व संबधित विभाग के आज्ञा पत्र, पत्रकारों के मान्यता कार्ड आदि की कॉपी भी संलग्न करनी है। इसके लिए इन आधिकारिक पत्रों की फोटो खींचकर या मोबाइल से स्क्रीन शॉट लेकर भी डालना है। इसलिये इन प्रपत्रों को भी ई-पास बनाने के लिये तैयार रखें।

इन फार्म को पूरा भरकर सबमिट करके घर से ही ई-पास बनाये जा सकते हैं। किसी तरह की समस्या होने पर परिवहन विभाग द्वारा नियुक्त स्वयं सेवकों की मदद भी ली जा सकती है। नैनीताल जनपद के स्वयं सेवकों के फोन नंबर और नाम इस प्रकार हैं:
संदीप पांडे हल्द्वानी – 9012911218, विक्रम धामी ज्योलीकोट – 9761111291, गणेश आर्य धारी – 9411303795, मोहन जोशी रामगढ़ – 9927164194, नीरज पढालनी भवाली – 9897091021, राकेश जोशी रामनगर – 8630135102, मनोज जोशी पहाड़पानी – 8006974380, अरविंद कुमार हल्द्वानी – 9927907707, भूपेंद्र जीना हल्द्वानी – 9639376145, शाह फैजल नैनीताल – 9837667533 

यह भी पढ़ें : नैनीताल जिले के रेड जोन में जाने पर लोग हतप्रभ, होटल-टैक्सी यूनियन ने भी भेजे ज्ञापन, कुमाऊं कमिश्नर ने शासन को भेजा प्रस्ताव

-कहा-केंद्रीय गृह मंत्रालय के कंटेनमेंट, बफर व नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने व अनलॉक 1.0 के उलट है राज्य को जोन में विभक्त करने का फैसला
नवीन समाचार, नैनीताल, 02 जून 2020। केंद्र सरकार द्वारा लॉक डाउन के पांचवे चरण की जगह अनलॉक 1.0 की घोषणा करने के उलट राज्य सरकार के द्वारा जोनों की घोषणा पर मुख्यालय में सभी वर्गों से कड़ी नाराजगी प्रकट हो रही है। मंगलवार को नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह के साथ ही नैनीताल टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष नीरज जोशी ने अलग-अलग ज्ञापन भिजवाये हैं और राज्य में एकमात्र नैनीताल जनपद को रेड जोन मंे डालने को केंद्रीय गृह मंत्रालय के 30 को जारी ताजा दिशा-निर्देशों के विरुद्ध बताया है। में केवल तीन तरह के जोन-कंटेनमेंट जोन, बफर जोन और नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने को कहा है। कंटेनमेंट जोन भी पूरे जिले में नहीं बल्कि जहां कोरोना पॉजिटिव मिले उस छोटे क्षेत्र में और इसके बाहरी क्षेत्र में बफर जोन तथा शेष क्षेत्र में नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश दिये हैं। कहा है कि रेड जोन घोषित होने से पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर की आर्थिक गतिविधियां ध्वस्त हो जाएंगी। इसलिये मुख्यमंत्री से इस निर्णय पर पुर्नविचार करने एवं नैनीताल को रेड जोन से हटाने की मांग की गई है। टैक्सी यूनियन की ओर से एसडीएम को ज्ञापन सोंपने में अध्यक्ष नीरज जोशी के साथ ही कोषाध्यक्ष ओमवीर सिंह भी शामिल रहे।
नए कुमाऊं कमिश्नर अरविन्द सिंह ह्यांकी ने प्रवासियों को मूल जिले में जोड़ने और नैनीताल को रेड जोन से बाहर लाने का एक प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि प्रवासी जिस जिले के हैं, कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव में उसी जिले का नाम दर्ज होना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि नैनीताल के साथ कुछ ज्यादती तो हो गई है। उन्होंने कहा कि इस भूल को सुधारने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। स्थानीय स्तर पर कोरोना का फैलाव न होने पर जिले को रेड जोन से बाहर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह काम जल्दी हो जाएगा।

यह भी पढ़ें : नियमविरुद्ध बता सीएम को भेजा ज्ञापन, सीएस ने कहा-करेंगे पुर्नविचार

-व्यापार मंडल ने कहा-केंद्रीय गृह मंत्रालय के कंटेनमेंट, बफर व नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने व अनलॉक 1.0 के उलट है राज्य को जोन में विभक्त करने का फैसला
-नैनीताल जनपद में दूसरे जनपदों के प्रवासियों के जांच में कोरोना पॉजिटिव निकलने व उनका उपचार करने का खामियाजा जनपदवासियों को देने पर भी उठाये सवाल
-कारोबार के साथ ही आठ जून से जनपद के होटलों के साथ पर्यटन के खुलने की संभावनाओं को बताया झटका
नवीन समाचार, नैनीताल, 01 जून 2020। केंद्र सरकार द्वारा लॉक डाउन के पांचवे चरण की जगह अनलॉक 1.0 की घोषणा करने के उलट राज्य सरकार के द्वारा जोनों की घोषणा की गई है, और राज्य में एकमात्र नैनीताल जनपद को रेड जोन मंे डाल दिया गया हैं इससे मुख्यालय में सरकार के निर्णय के प्रति कड़ी नाराजगी देखी जा रही है। यहां तक कि सत्तारूढ़ दल के करीबी रखने वाले लोग भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस पर बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है। इससे फिर से पटरी पर लौट रहे कारोबार और खासकर पर्यटन नगरी व जनपद में पर्यटन के शुरू होने की संभावनाओं को झटका लगा है।
इधर नगर के मल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष किसन नेगी व तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष भुवन लाल साह की ओर से इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार का जोन निर्धारण का निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियमों के विरुद्ध है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 को जारी अपने ताजा दिशा-निर्देशों में केवल तीन तरह के जोन-कंटेनमेंट जोन, बफर जोन और नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने को कहा है। कंटेनमेंट जोन भी पूरे जिले में नहीं बल्कि जहां कोरोना पॉजिटिव मिले उस छोटे क्षेत्र में और इसके बाहरी क्षेत्र में बफर जोन तथा शेष क्षेत्र में नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि श्री आर्य ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से वार्ता की एवं तथ्यों से अवगत कराते हुए निर्णय पर पुर्नविचार करने की बात कही। क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने बताया कि मुख्य सचिव ने स्थितियों का समग्र अध्ययन कर निर्णय पर पुर्नविचार करने की बात कही है।
व्यापार मंडल से जुड़े युवा उद्यमी रुचिर साह ने बताया कि उत्तराखंड को छोड़कर देश के किसी भी राज्य में इस तरह रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन नहीं बनाये गये हैं। वहीं नैनीताल जनपद में जो अधिक मामले आये हैं, उनमें बड़ा हिस्सा अन्य पर्वतीय जिलों के जनपद में जांच किये गये प्रवासियों की है। नैनीताल को रेड जोन घोषित करने से यहां छोटे व्यापारी भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे वहीं आठ जून से होटलों के साथ पर्यटन खुलने की संभावनाओं को भी बड़ा झटका लगा है। इसलिये मुख्यमंत्री से इस निर्णय पर पुर्नविचार करने एवं नैनीताल जिले से रेड जोन हटाने की मांग की है।

यह भी पढ़ें : क्वारन्टाइन के नियमों में फिर बदलाव: किन्हीं को बिल्कुल नहीं तो किन्हीं को 21 दिन किया जाएगा क्वारन्टाइन

नवीन समाचार, देहरादून 2 जून 2020। उत्तराखंड में अब पांच राज्यों के चिह्नित 75 शहरों के अलावा अन्य शहरों से आने वाले लोगों को क्वारन्टाइन नहीं किया जाएग। अलबत्ता इन 75 शहरों के लोगों तथा हवाई जहाज से आने वाले लोगों को राज्य में आने पर 14 की जगह 21 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा। इसमें सात दिन का समय संस्थागत और 14 दिन का समय होम क्वारंटाइन के लिए रखा गया है। नए नियम का उल्लंघन करने पर विधिक कार्रवाई का प्रविधान भी किया गया है। अगर क्वारंटाइन में रहने वाले किसी व्यक्ति का सैंपल लिया गया है, तो उसे दस दिन तक इंतजार करना होगा। दस दिनों के भीतर सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती और व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते तो उसे होम क्वारंटाइन के लिए भेज दिया जाएगा।

मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में 75 शहरों को संक्रमण के लिहाज से रेड यानी गंभीर माना है। इन 75 शहरों में तमिलनाडु, तेलंगाना, कोलकाता, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के चेन्नई , हैदराबाद , तिरुवल्लुर, कोलकाता हावड़ा, इंदौर, चेंगलपट्टु, साउथ ईस्ट दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, नार्थ ईस्ट दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, शाहदरा, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, आनंद, बनासकांठा, पंचमहल, भावनगर, गांधीनगर अरावली, मुंबई, पुणे, ठाणे, नासिक, पालघर, नागपुर, सोलापुर, यवतमाल, औरंगाबाद, सतारा, धुले, अकोला, जलगाँव, मुंबई उपनगर, आगरा, लखनऊ , सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा और ग्रेटर नोएडा), बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी (बनारस), बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली, अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जयपुर, जालोर, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, राजसमंद सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही व उदयपुर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इन्हीं 75 शहरों में देश के 70 फीसद से अधिक मामले आ रहे हैं।

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