उत्तराखंड सरकार से 'A' श्रेणी में मान्यता प्राप्त रही, 16 लाख से अधिक उपयोक्ताओं के द्वारा 12.8 मिलियन यानी 1.28 करोड़ से अधिक बार पढी गई अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ में आपका स्वागत है...‘नवीन समाचार’ के माध्यम से अपने व्यवसाय-सेवाओं को अपने उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए संपर्क करें मोबाईल 8077566792, व्हाट्सप्प 9412037779 व saharanavinjoshi@gmail.com पर... | क्या आपको वास्तव में कुछ भी FREE में मिलता है ? समाचारों के अलावा...? यदि नहीं तो ‘नवीन समाचार’ को सहयोग करें। ‘नवीन समाचार’ के माध्यम से अपने परिचितों, प्रेमियों, मित्रों को शुभकामना संदेश दें... अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में हमें भी सहयोग का अवसर दें... संपर्क करें : मोबाईल 8077566792, व्हाट्सप्प 9412037779 व navinsamachar@gmail.com पर।

March 19, 2024

नेपाली, तिब्बती, पैगोडा, गौथिक व ग्वालियर शैली में बना है नयना देवी मंदिर

9

“सरोवरनगरी की पहचान से जुड़ा नगर का प्राचीन नयना देवी मंदिर नेपाली, तिब्बती, पैगोडा व कुछ हद तक अंग्रेजी गौथिक व ग्वालियर शैली में भी बना हुआ है। इसकी स्थापना नगर के संस्थापकों में शुमार मूलतः नेपाल निवासी मोती राम शाह के पुत्र अमर नाथ शाह ने अंग्रेजों से एक समझौते के तहत यहां लगभग सवा एकड़ भूमि पर 1883 में माता के जन्म दिन माने जाने वाली ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की नवमी की तिथि को की थी।

नैनीताल व नयना देवी के संस्थापक मोती राम शाह

नवीन जोशी, नैनीताल। उल्लेखनीय है कि पूर्व में नयना देवी का मंदिर वर्तमान बोट हाउस क्लब व फव्वारे के बीच के स्थान पर कहीं स्थित था। उसकी स्थापना नगर के संस्थापक मोती राम शाह ने की थी। स्वर्गीय साह मूल रूप से नेपाल के निवासी तथा उस दौर में अल्मोड़ा के प्रमुख व्यवसायी, अग्रेज सरकार बहादुर के बैंकर और तत्कालीन बड़े ठेकेदार थे। वे ही नैनीताल में शुरूआती वर्षों में बने सभी बंगलों व अनेक सार्वजनिक उपयोग के भवनों के शिल्पी और ठेकेदार और नैनीताल में बसने वाले पहले हिंदुस्तानी भी थे । उन्होंने ही नगर के खोजकर्ता पीटर बैरन के लिए नगर के पहले घर पिलग्रिम हाउस का निर्माण भी कराया था। उनके द्वारा बोट हाउस क्लब के पास स्थापित नयना देवी का प्राचीन मंदिर 1880 के विनाशकारी भूस्खलन में दब गया था । कहते हैं कि उस मंदिर का विग्रह एवं कुछ अंश वर्तमान मंदिर के स्थान पर मिले। इस पर अंग्रेजों ने मन्दिर के पूर्व के स्थान के बदले वर्तमान स्थान पर मन्दिर के लिए लगभग सवा एकड़ भूमि स्व. शाह को हस्तान्तरित की। इस पर 1883 में स्व. मोती राम शाह के ज्येष्ठ पुत्र स्व. अमर नाथ शाह ने माता नयना देवी का मौजूदा मंदिर बनवाया। बताते हैं कि मां की मूर्ति काले पत्थर से नेपाली मूर्तिकारों से बनवाई गई, और उसकी स्थापना 1883 में मां आदि शक्ति के जन्म दिन मानी जाने वाली ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को की गई। तभी से हर वर्ष इसी तिथि को मां नयना देवी का मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है, और इसे मां का जन्मोत्सव भी कहा जाता है।

मंदिर की व्यवस्था वर्तमान में मां नयना देवी अमर-उदय ट्रस्ट द्वारा की जाती है, और ट्रस्ट की डीड की शर्तों के अनुसार संस्थापक शाह परिवार के वंशजों को वर्ष में केवल इसी दिन मन्दिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति होती है। बताते हैं कि शुरू में मंदिर परिसर में केवल तीन मन्दिर ही थे, इनमें से मां नयना देवी व भैरव मन्दिर में नेपाली एवं पैगोडा मूर्तिकला की छाप बताई जाती है, वहीं इसके झरोखों में अंग्रेजों की गौथिक शैली का प्रभाव भी नजर आता है। तीसरा नवग्रह मन्दिर ग्वालियर शैली में बना है। इसका निर्माण विशेष तरीके से पत्थरों को आपस में फंसाकर किया गया और इसमें गारे व मिट्टी का प्रयोग नहीं हुआ। कुछ मंदिरों पर पहाड़ी थानों (पर्वतीय मंदिरों) की झलक भी मिलती है, जबकि आगे यहां दक्षिण भारतीय शैली में बनने जा रही मूर्तियों से दशावतार मंदिर का निर्माण भी प्रस्तावित है।

शक्तिपीठ है नयना देवी मंदिर

नैनीताल। वर्तमान नयना मंदिर को शक्तिपीठ की मान्यता दी जाती है। कहा जाता है कि देवी भागवत के अनुसार भगवान शिव जब माता सती के दग्ध अंगों को आकाश मार्ग से कैलाश की ओर ले जा रहे थे, तभी मां की एक आंख यहां तथा दूसरी हिमांचल प्रदेश के नैना देवी में गिरी थी। तभी से यहां मां की आंख के ही आकार के नैना सरोवर के किनारे प्राचीन मंदिर की उपस्थिति बताई जाती है।

Leave a Reply

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

 - 
English
 - 
en
Gujarati
 - 
gu
Kannada
 - 
kn
Marathi
 - 
mr
Nepali
 - 
ne
Punjabi
 - 
pa
Sindhi
 - 
sd
Tamil
 - 
ta
Telugu
 - 
te
Urdu
 - 
ur

माफ़ कीजियेगा, आप यहाँ से कुछ भी कॉपी नहीं कर सकते

नये वर्ष के स्वागत के लिये सर्वश्रेष्ठ हैं यह 13 डेस्टिनेशन आपके सबसे करीब, सबसे अच्छे, सबसे खूबसूरत एवं सबसे रोमांटिक 10 हनीमून डेस्टिनेशन सर्दियों के इस मौसम में जरूर जायें इन 10 स्थानों की सैर पर… इस मौसम में घूमने निकलने की सोच रहे हों तो यहां जाएं, यहां बरसात भी होती है लाजवाब नैनीताल में सिर्फ नैनी ताल नहीं, इतनी झीलें हैं, 8वीं, 9वीं, 10वीं आपने शायद ही देखी हो… नैनीताल आयें तो जरूर देखें उत्तराखंड की एक बेटी बनेंगी सुपरस्टार की दुल्हन उत्तराखंड के आज 9 जून 2023 के ‘नवीन समाचार’ बाबा नीब करौरी के बारे में यह जान लें, निश्चित ही बरसेगी कृपा नैनीताल के चुनिंदा होटल्स, जहां आप जरूर ठहरना चाहेंगे… नैनीताल आयें तो इन 10 स्वादों को लेना न भूलें बालासोर का दु:खद ट्रेन हादसा तस्वीरों में नैनीताल आयें तो क्या जरूर खरीदें.. उत्तराखंड की बेटी उर्वशी रौतेला ने मुंबई में खरीदा 190 करोड़ का लक्जरी बंगला नैनीताल : दिल के सबसे करीब, सचमुच धरती पर प्रकृति का स्वर्ग