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October 11, 2024

निकाह के बाद छात्रा को नहीं मिल रही विद्यालय में पढ़ने की अनुमति, नियमों-परंपराओं के बीच उलझा अपनी तरह का अनूठा मामला

Apharan,

नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 7 अगस्त 2024 (After Marriage Girl student not granted to study)। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के एक इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा को निकाह के बाद विद्यालय आने की अनुमति न देने का अजीब सा मामला सामने आया है। विद्यालय प्रशासन ने छात्रा को नियमित पढ़ाई करने से रोक दिया है। शिक्षिकाओं का कहना है कि शादीशुदा छात्रा के नियमित कक्षा में बैठने से विद्यालय का माहौल खराब होगा। इससे छात्रा और उसके स्वजन जहां परेशान हैं। वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद कालेज प्रशासन शासनादेश के पन्ने पलट रहा है।

(After Marriage Girl student not granted to study) शादी के बाद 11वीं छात्रा को स्कूल आने से रोका, क्लॉस में बैठने पर लगाई रोक,  मैनेजमेंट ने दी सफाई - Almora School Studentबताया गया है कि अल्मोड़ा के नियाजगंज की 19 वर्षीय छात्रा सिमरन नगर के राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कालेज में कक्षा 11वीं की नियमित छात्रा है। उसका गत 28 जुलाई को निकाह हुआ। इसके बाद जब वह विद्यालय गई तो प्रधानाचार्या और शिक्षिकाओं ने उसे कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी।

सिमरन ने निवेदन किया कि वह सभी नियमों का पालन करेगी और ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे विद्यालय का माहौल प्रभावित हो। इसके बावजूद, विद्यालय प्रबंधन ने उच्चाधिकारियों से अनुमति लेने की बात कहकर उसे कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी।

इस मामले में विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्या विजया पंत का कहना है कि शादी के बाद छात्रा को विद्यालय में प्रवेश का नियम नहीं है। अगर उच्चाधिकारियों से अनुमति मिल जाती है, तो छात्रा को प्रवेश दे दिया जाएगा। वहीं जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी अंबा दत्त बलौदी का कहना है कि नियमों की जानकारी नहीं है। वह पता करके बताएंगे।

समाज की रुढ़िवादी सोच पर सवाल (After Marriage Girl student not granted to study)

इस मामले में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि शिक्षा विभाग की रुढ़िवादी सोच के कारण सिमरन को पढ़ाई से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को नहीं मान रहा है और सिमरन के मामले ने उच्च शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।

इस प्रकार इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका और समाज की सोच पर सवाल उठ रहे हैं। आगे यह देखना होगा कि उच्चाधिकारी इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और सिमरन को उसकी पढ़ाई जारी रखने का मौका कैसे दिया जाता है। (After Marriage Girl student not granted to study)

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