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February 11, 2025

प्रयागराज महाकुंभ के बारे में पूरी जानकारी, जानें कैसी हैं व्यवस्थाएं, कैसे जाएं, साथ ही जानें इतिहास भी…

Prayagraj Kumbh Mahakumbh 2025

नवीन समाचार, प्रयागराज, 1 फरवरी 2025 (Complete Information about Prayagraj Mahakumbh)। महाकुंभ 2025 का आयोजन इस बार प्रयागराज में किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से हुई थी और समापन 26 फरवरी को होगा। यह पहला अवसर है जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज होने के बाद महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। मौनी अमावस्या के पर्व पर हुई भगदड़ के बाद मेला क्षेत्र में सुरक्षा और सुविधाओं की स्थिति को लेकर अनेक श्रद्धालुओं के मन में जिज्ञासा बनी हुई है। इसी संदर्भ में ‘नवीन समाचार’ की टीम ने प्रयागराज महाकुंभ का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। देखें वीडिओ :

यात्रा की व्यवस्था एवं परिवहन सुविधाएं

उत्तराखंड के देहरादून व हल्द्वानी से प्रयागराज के लिए विशेष रेलगाड़ियां और बसें चलाई जा रही हैं। हल्द्वानी से जाने वाली विशेष रेलगाड़ी केवल निर्धारित दिनों पर उपलब्ध है, जिसकी विस्तृत जानकारी डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दिए गए लिंक से प्राप्त की जा सकती है। यह पूरी तरह अनारक्षित ट्रेन है और इसमें ऑनलाइन बुकिंग या आरक्षण की सुविधा नहीं है, इसलिए टिकट केवल टिकट काउंटर से ही प्राप्त किया जा सकता है।

Complete Information about Prayagraj Mahakumbhइसके अतिरिक्त, उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से हल्द्वानी से प्रयागराज के लिए दो वॉल्वो बसें चलाई जा रही हैं, जिनकी ऑनलाइन बुकिंग निगम की आधिकारिक वेबसाइट से की जा सकती है। इनका किराया 1597 रुपये प्रति यात्री (एक ओर) निर्धारित है। इसके अलावा सामान्य बसें भी उपलब्ध हैं, जो अपेक्षाकृत सस्ती हैं।

बसों की सुविधा प्रयागराज के मुख्य क्षेत्र तक न होकर फाफामऊ-बेला कछार स्थित अस्थायी बस अड्डे तक सीमित है। मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के बाद बसों को 20-70 किमी पहले रोक दिया गया था, लेकिन अब पुनः बसें फाफामऊ-बेला कछार तक जा रही हैं। यात्रीगण अपनी बस के चालक-परिचालक का संपर्क नंबर अवश्य सुरक्षित रखें और बस अड्डे की लोकेशन को मोबाइल में सेव कर लें ताकि वापसी में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मेला क्षेत्र में प्रवेश एवं स्नान की व्यवस्था

mahakumbh 3 shahi snan left know date time महाकुंभ : फरवरी माह में होंगे 3  शाही स्नान, नोट कर लें डेट, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustanफाफामऊ-बेला कछार से संगम क्षेत्र तक जाने के लिए शटल बसें उपलब्ध कराई गई हैं, जिनका किराया 20-30 रुपये प्रति यात्री निर्धारित है। हालांकि, कई बार शटल बसें उपलब्ध नहीं हो पातीं, ऐसी स्थिति में श्रद्धालु ऑटो, विक्रम या निजी बाइक का सहारा ले सकते हैं, लेकिन इनके किराए अधिक हैं (500 रुपये तक प्रति व्यक्ति)।

संगम या त्रिवेणी घाट पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण अरैल एवं झूसी घाट अपेक्षाकृत कम भीड़भाड़ वाले विकल्प हैं। स्नान हेतु संगम जाने की योजना हो तो सुनिश्चित करें कि नौका सेवा चालू हो, अन्यथा नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें। घाट पर स्नान के दौरान अपने सामान को किसी सुरक्षित स्थान पर रखें और स्नान के तुरंत बाद घाट से वापस लौटने का प्रयास करें, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को भी स्नान करने का अवसर मिले। प्रशासन द्वारा स्नान एवं पूजा के लिए अधिकतम 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।

महाकुंभ में दर्शन एवं अन्य गतिविधियां

Mahakumbh 2025: क्या होता है महाकुंभ... 12 साल में ही क्यों होता है आयोजित,  विस्तार से जानिए इसका इतिहास - Dainik Savera Times | Hindi News Portalस्नान के बाद श्रद्धालु त्रिवेणी संगम के निकट स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर, अक्षय वट एवं अन्य प्रमुख स्थलों के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में मेले में अत्यधिक भीड़ होने के कारण विभिन्न अखाड़ों और प्रवचन स्थलों के दर्शन करने की सलाह नहीं दी जा रही है। यदि भीड़ कम हो तो श्रद्धालु राम कथा, भजन-कीर्तन, डिजिटल महाकुंभ एवं रात्रि में होने वाले लेजर शो का आनंद ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रयागराज स्थित आनंद भवन, नेहरू प्लेनेटेरियम आदि भी दर्शनीय स्थानों में शामिल हैं।

स्वच्छता एवं विश्राम की सुविधाएं

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ क्षेत्र में बड़ी संख्या में शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। हालांकि, अत्यधिक भीड़ एवं श्रद्धालुओं की लापरवाही के कारण शौचालयों की सफाई व्यवस्था चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। रात्रि विश्राम हेतु फाफामऊ-बेला कछार में अस्थायी विश्राम स्थल बनाए गए हैं, जहां निःशुल्क चारपाइयों की व्यवस्था उपलब्ध है, लेकिन यहां भी स्वच्छता की स्थिति संतोषजनक नहीं है। श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे इन सुविधाओं का उपयोग करते समय स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें।

सुरक्षा के उपाय एवं प्रशासन की अपील

मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं और स्नान के बाद शीघ्र प्रस्थान करें। साथ ही, मेला क्षेत्र में पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत निकटतम सुरक्षा कर्मियों से संपर्क करें।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसके चलते यातायात, स्वच्छता एवं सुरक्षा से जुड़ी कुछ चुनौतियां देखी जा रही हैं। यात्रियों को सुझाव दिया जाता है कि वे अपनी यात्रा की पहले से योजना बनाएं, बस एवं ट्रेन सेवाओं की सही जानकारी लेकर ही प्रस्थान करें, संगम क्षेत्र में प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें, और सुरक्षित यात्रा करें। महाकुंभ का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व असीमित है, और उचित सावधानियों के साथ श्रद्धालु इस पवित्र आयोजन का लाभ उठा सकते हैं। 

कुम्भ मेला : आस्था और आध्यात्मिकता का संगम

Kumbh 2025 : महाकुंभ में जा रहे हैं तो इन 10 बातों को जरूर रखें ध्यान,  यात्रा हो जाएगी सुगम सुरक्षित | Mahakumbh 2025 guidelines, kumbh me jane se  judi jaruri batein,भारत में प्रत्येक 12वें वर्ष चार स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर कुम्भ मेले का आयोजन होता है। वहीं, प्रयागराज में प्रत्येक 6 वर्ष के अंतराल में अर्धकुम्भ का आयोजन भी किया जाता है। 2013 में पूर्ण कुम्भ मेले के बाद, 2019 में यहाँ अर्धकुम्भ का आयोजन हुआ था, और अब 2025 में पुनः कुम्भ मेले का आयोजन हो रहा है। 2025 में कुम्भ मेले का आयोजन आस्था, श्रद्धा और आध्यात्मिकता के केंद्र प्रयागराज में हो रहा है। यह मेला हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होकर पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।

ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, यह मेला पौष पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और मकर संक्रांति के दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में, तथा वृहस्पति मेष राशि में प्रवेश करते हैं। इसे “कुम्भ स्नान-योग” कहा जाता है और माना जाता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो सकती है।

कुम्भ का पौराणिक संदर्भ

कुम्भ शब्द का अर्थ “घड़ा” होता है, जिसे वैदिक ग्रंथों में अमृत के संदर्भ में बताया गया है। समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और दानवों के बीच अमृत कलश प्राप्त करने के लिए संघर्ष हुआ, तब इस अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इसी के आधार पर इन चार स्थानों पर कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।

अगला महाकुम्भ और अन्य कुंभ आयोजन

(Complete Information about Prayagraj Mahakumbh Maha Kumbh : कब और कहां लगेगा अगला महाकुंभ? जान लें महत्व और इतिहास | Maha  Kumbh 2025 When and where will the next Maha Kumbh be held Know its  importance and historyधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुम्भ प्रत्येक 144 वर्षों में एक बार आयोजित होता है और प्रयागराज में इसका महत्व अधिक होता है, क्योंकि यहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम है।

अगले प्रमुख कुम्भ आयोजनों का विवरण इस प्रकार है:

  • 2027 : नासिक में कुम्भ मेला

  • 2028 : उज्जैन में सिंहस्थ महाकुम्भ

  • 2030 : प्रयागराज में अर्धकुम्भ

  • 2169 : प्रयागराज में महाकुम्भ

महाकुंभ की अद्वितीयता

प्रयागराज में आयोजित कुम्भ और महाकुम्भ विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मान्यता है कि संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि यहाँ देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन विशेष योजनाएँ बनाता है। (Complete Information about Prayagraj Mahakumbh, Prayagraj News, Prayagraj Mahakumbh News, Complete information about Prayagraj Mahakumbh, know what are the arrangements)

2025 का कुम्भ : अद्वितीय आयोजन (Complete Information about Prayagraj Mahakumbh)

2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुम्भ अपने भव्य स्वरूप में होगा, जहाँ लाखों संत-महात्मा, साधु-संत, तीर्थयात्री, देश-विदेश के श्रद्धालु संगम तट पर पुण्य स्नान करेंगे। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों की पेशवाई, शाही स्नान, प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान और अन्य आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। (Complete Information about Prayagraj Mahakumbh, Prayagraj News, Prayagraj Mahakumbh News, Complete information about Prayagraj Mahakumbh, know what are the arrangements)

आगामी कुंभ के लिए सरकार और प्रशासन व्यापक तैयारियों में जुट चुका है, जिससे श्रद्धालुओं को सुव्यवस्थित और सुरक्षित वातावरण मिल सके। (Complete Information about Prayagraj Mahakumbh, Prayagraj News, Prayagraj Mahakumbh News, Complete information about Prayagraj Mahakumbh, know what are the arrangements)

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