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June 13, 2025

डेढ़ वर्ष की सजा व 15.2 लाख के अर्थदंड की सजा पाये आरोपित को न्यायालय ने किया दोषमुक्त

(Haldwani-Doctor Convicted for AssaultingDaughter)

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 दिसंबर 2024 (Court acquitted Accused Sentenced Imprisonment) जिला एवं सत्र न्यायालय नैनीताल सुबीर कुमार की अदालत ने एनआई एक्ट यानी परकाम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के एक आरोपित की अपील को स्वीकार करते हुए दोषमुक्त घोषित किया है। यह अपील न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल द्वारा 20 जुलाई 2023 को पारित दोषसिद्धि निर्णय के विरुद्ध प्रस्तुत की थी, जिसमें आरोपित को डेढ़ वर्ष के साधारण कारावास और 15,20,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी।

यह था मामला (Court acquitted Accused Sentenced Imprisonment)

(BJP Leader Mukesh Bora ke viruddh NBW jaari, (Court acquitted Accused Sentenced Imprisonment)प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवादी सुमित पंत ने आरोपित युगल पंत पर आरोप लगाया था कि आरोपित ने उनसे मित्रता और विश्वास के आधार पर 15 लाख रुपये उधार लिए थे। उधार की गई राशि लौटाने के लिए आरोपित ने चेक दिया, जो 12 जून 2019 को अपर्याप्त निधि के कारण बाउंस हो गया। ऐसी स्थिति में सुमित ने परकाम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत परिवाद दर्ज कराया।

सत्र न्यायालय ने बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुभाष जोशी की मजबूत पैरवी के आधार पर पाया कि परिवादी के दावों में साक्ष्य का अभाव है। आरोपित का हस्ताक्षरित चेक तो मौजूद था, लेकिन यह साबित नहीं हुआ कि 15 लाख रुपये की राशि वास्तव में उधार दी गई थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि विचारण न्यायालय ने मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य को अनदेखा करते हुए दोषसिद्धि का निर्णय सुनाया था, जो तथ्य और विधि दोनों आधारों पर गलत है। और इस आधार पर सत्र न्यायालय ने आरोपित युगल पंत को दोषमुक्त करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट के दोषसिद्धि निर्णय को निरस्त कर दिया। (Court acquitted Accused Sentenced Imprisonment)

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