उत्तराखंड के सबसे पुराने (नवंबर 2009 से) डिजिटल मीडिया पर सक्रिय विश्वसनीय समाचार प्लेटफार्म ‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2.5 करोड़ यानी 25 मिलियन से अधिक बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, ‘समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाले’ डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अपने शुभकामना संदेश-विज्ञापन हमें भेजें ह्वाट्सएप 8077566792 पर। स्वयं भी दें, अपने मित्रों से भी दिलाएं, ताकि हम आपको निरन्तर-बेहतर ‘निःशुल्क’ ‘नवीन समाचार’ उपलब्ध कराते रह सकें...

नवीन समाचार-समाचार नये दृष्टिकोण से

Uttarakhand's Oldest, No.1, Most Reliable, Leading News Website

नैनी झील में डेढ़ दशक बाद फिर खतरनाक मांगुर मछली की वापसी, पर्यावरणविद चिंतित

झील के पारिस्थितिक तंत्र पर गंभीर खतरा, जिला प्रशासन व विशेषज्ञ सतर्क
नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2025 (Dangerous Mangur fish returns to Naini lake)उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित नैनी झील में लगभग डेढ़ दशक बाद एक बार फिर प्रतिबंधित, मांसाहारी व आक्रामक प्रवृत्ति की मांगुर प्रजाति की मछली देखे जाने की पुष्टि ने नगर में हड़कंप मचा दिया है। यह स्थिति झील की जैव विविधता एवं पारिस्थितिक तंत्र के लिए गंभीर संकट का संकेत मानी जा रही है। पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विशेषज्ञों को झील में इस विषय पर सर्वेक्षण हेतु आमंत्रित किया गया है। विशेषज्ञों ने इस मछली को स्थानीय जलचर जीवन के लिए अत्यंत विनाशकारी माना है।

कैसे सामने आया मामला

1559676344dbbd3708f92109c2a58e49 1251359902प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिवस झील में एरिएशन केंद्र पर कार्यरत प्रोजेक्ट प्रबंधक आनंद सिंह कोरंगा ने झील के भीतर मांगुर मछली को देखा। उन्होंने तत्काल यह सूचना जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल एवं गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर के मत्स्य विभाग को दी। इसके बाद प्राधिकरण सचिव ने विभागीय विशेषज्ञों को झील से इस प्रजाति की मछलियों को निकालने हेतु पत्र जारी किया है। साथ ही कुमाऊं मंडल के मंडलायुक्त एवं प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक रावत ने भी पूरे प्रकरण का विस्तृत सर्वेक्षण कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें :  🙏 राज्य आंदोलनकारी असीम बख्श के निधन पर क्रांतिकारी मोर्चा ने व्यक्त किया शोक

नैनी झील में मांगुर मछली की उपस्थिति का पुराना इतिहास

नैनी झील में मांगुर मछलियों की मौजूदगी की आशंका पहली बार वर्ष 2008-09 में सामने आयी थी, जब एक धार्मिक मान्यता के चलते एक समुदाय के व्यक्ति द्वारा अपनी माता के स्वस्थ होने की कामना में इस मछली को झील में छोड़ा गया था। तब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए झील से अधिकांश मछलियों को बाहर निकाल दिया था। किंतु तब भी आशंका जताई गयी थी कि कुछ मछलियां झील में छुपी रह गयी हैं। वर्तमान स्थिति उसी पुराने खतरे के फिर से उभरने की संभावना को बल दे रही है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्यों है यह मछली खतनाक

थाईलैंड मूल की मांगुर मछली को वैज्ञानिक रूप से क्लेरियस गैरीपिनस कहा जाता है। यह मछली हवा में सांस ले सकती है, कीचड़ में जीवित रह सकती है और सूखी भूमि पर भी गति कर सकती है। यह तीव्र प्रजनन क्षमता वाली मछली है, जो अन्य प्रजातियों को खाकर झील की जैव विविधता को नष्ट कर देती है। इसकी लंबाई 3 से 5 फुट तक हो सकती है। यह मछली केवल छोटी मछलियों को ही नहीं, सड़े मांस को भी खा जाती है, जिस कारण इसका पालन करने वाले लोग झीलों में मांस के टुकड़े डालते हैं, जिससे जल गंभीर रूप से प्रदूषित होता है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण से भारत में प्रतिबंधित

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस मछली को भारत में प्रतिबंधित कर रखा है क्योंकि यह देशी जलचरों की 70 प्रतिशत तक जनसंख्या नष्ट करने के लिए जिम्मेदार पाई गई है। इसके शरीर में शीशा, आर्सेनिक जैसे विषैले तत्व भी पाए जाते हैं जो झील के जल को स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त बना सकते हैं। यहां तक कि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह झीलों में जलक्रीड़ा कर रहे व्यक्तियों को भी पकड़कर नुकसान पहुंचा सकती है।

नैनी झील के लिए खतरे की घंटी (Dangerous Mangur fish returns to Naini lake)

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि झील में मांगुर मछलियों की संख्या में वृद्धि हुई तो यह नैनी झील की पारिस्थितिकी, पर्यटन गतिविधियों तथा स्थानीय जीव-जंतुओं के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकती है। इस संबंध में संबंधित वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आने के उपरांत ही झील में उनकी वास्तविक संख्या और प्रभाव का अनुमान लग सकेगा।

प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए झील में अन्य प्रजातियों की संख्या, गुणवत्ता व जल की शुद्धता का परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। नगर में पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग इसे भविष्य में बड़े संकट के रूप में देख रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि झील में बाहर से किसी भी प्रकार के जलीय जीवों को छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। (Dangerous Mangur fish returns to Naini lake)

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, एक्स से, थ्रेड्स चैनल से, टेलीग्राम से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..(Dangerous Mangur fish returns to Naini lake, Nainital Lake, Mangur Fish, Banned Fish Species, Dangerous Fish India)

यह भी पढ़ें :  🚫 अनुशासनहीनता पर भाजपा ने किये नैनीताल के दो पदाधिकारी पदमुक्त, पत्नी को चुनाव लड़वाना पड़ा भारी

Leave a Reply


Warning: Attempt to read property "ID" on array in /home/u144251023/domains/navinsamachar.com/public_html/wp-content/plugins/jetpack/modules/subscriptions/subscribe-modal/class-jetpack-subscribe-modal.php on line 241