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April 30, 2025

प्रेमचंद अग्रवाल की मंत्री पद से छुट्टी के लिए उनके बंगले को माना जा रहा है कारण-अशुभ…

Rochak Samachar Interesting News Wow

नवीन समाचार, देहरादून, 19 मार्च 2025 (Dehradun-Yamuna Colony R-2 Bungalow Inauspicious) उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को अपने विवादित बयान के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा। विधानसभा में पहाड़ी लोगों को लेकर दिए गए उनके बयान के बाद चौतरफा विरोध हुआ, जिसके दबाव में उन्हें बकायदा प्रेस वार्ता कर नम आंखों से अपने इस्तीफे की घोषणा करनी पड़ी। उनके इस्तीफे के बाद एक अजीब तथ्य सामने आया है। दरअसल, जिस बंगले में वह रहते थे, उसे लोग अपशकुन मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस बंगले में रहने वाले मंत्री कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते। प्रेमचंद अग्रवाल के साथ भी ऐसा ही हुआ।

आर-2 बंगला माना जा रहा अशुभ

(Dehradun-Yamuna Colony R-2 Bungalow Inauspicious) Uttarakhand r2 bungalow jinx premchand Aggarwal and many other ministers  never completed their tenure know history प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा और R-2  बंगला, उत्तराखंड के अपशकुन मकान की कहानी ...प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रेमचंद अग्रवाल को धामी सरकार में मंत्री बनने के बाद वर्ष 2022 में यमुना कॉलोनी स्थित आर-2 बंगला आवंटित हुआ था। यह बंगला पहले से ही अशुभ माना जाता रहा है। लोगों का मानना है कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता। संयोग देखिए कि पहाड़ी लोगों के विरुद्ध विधानसभा में दिए विवादित बयान के कारण मंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद ही प्रेमचंद अग्रवाल ने इस बंगले को छोड़ दिया।

उत्तराखंड में उनके इस्तीफे के बाद एक बार फिर यमुना कॉलोनी के आर-2 बंगले से जुड़ी अंधविश्वास की बातें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि इससे पहले भी इस बंगले में रहने वाले कई मंत्री कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे।

इस बंगले में रहने वाले कई मंत्रियों को छोड़ना पड़ा पद

यह बंगला पहले अविभाजित उत्तर प्रदेश में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के लिए बनाया गया था। वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इसे मंत्रियों के आधिकारिक निवास के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। वर्ष 2002 में नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार में यह बंगला सिंचाई मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को आवंटित हुआ था।

लेकिन जुलाई 2004 में उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ना पड़ा। कारण, 91वें संविधान संशोधन के प्रावधानों के तहत केंद्र व राज्यों में मंत्रिमंडल के आकार को सीमित कर दिया गया था, जिसके कारण सजवाण उन पांच मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें हटाया गया।

वर्ष 2007 में हरक सिंह रावत इस बंगले में विपक्ष के नेता के रूप में रहे। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि, 2012 में मंत्री बनने के बाद भी वह इसी बंगले में रहे, लेकिन 2016 में हरीश रावत सरकार के विरुद्ध बगावत करने के बाद उन्हें मंत्री पद और विधानसभा की सदस्यता के साथ बंगला भी छोड़ना पड़ा।

मुख्यमंत्री भी नहीं रहे बच पाए

वर्ष 2012 में विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बनने के बाद आर-2 बंगले में रहने पहुंचे थे। लेकिन उन्हें भी केवल दो साल बाद ही पद छोड़ना पड़ा। उनके बाद हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन उन्होंने आर-2 बंगले में रहने से इनकार कर दिया। उन्होंने पास के बीजापुर राज्य अतिथिगृह को अपना आधिकारिक निवास बनाया और पूरे कार्यकाल के दौरान वहीं रहे।

जब इस बंगले को लेकर कांग्रेस नेता हरीश रावत से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने बंगले के बारे में चल रही चर्चाओं को ध्यान में रखते हुए वहां रहने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि वह किसी भी अंधविश्वास में विश्वास नहीं रखते, लेकिन उन्होंने फिर भी इस बंगले में रहने का निर्णय नहीं लिया।

बंगले को लेकर मंत्री भी मानते हैं अंधविश्वास (Dehradun-Yamuna Colony R-2 Bungalow Inauspicious)

राजनीतिक गलियारों में आर-2 बंगले को लेकर कई तरह की बातें होती हैं। इसे अशुभ मानने वालों में कई मंत्री भी शामिल हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद एक बार फिर इस बंगले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब देखना होगा कि यह बंगला भविष्य में किसी अन्य मंत्री को आवंटित होता है या नहीं। (Dehradun-Yamuna Colony R-2 Bungalow Inauspicious)

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