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July 14, 2025

धामी सरकार का हिन्दुत्व की ओर बड़ा कदम: कांवड़ मार्ग की खाद्य दुकानों पर अब अनिवार्य होंगे नाम, लाइसेंस और पहचान पत्र

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CM Pushkar Singh Dhami

कांवड़ यात्रा मार्ग पर सख्ती, मिलावट पर होगी कार्रवाई, बिना लाइसेंस दुकानों पर लगेंगे ताले
नवीन समाचार, देहरादून, 1 जुलाई 2025 (Dhami governments big step towards Hindutva-Name)उत्तराखंड के पवित्र कांवड़ यात्रा मार्ग पर अब किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 के लिए व्यापक निगरानी व कार्ययोजना लागू की है।

शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के लिए दिया गया था आदेश', यूपी सरकार ने SC में  दाखिल किया जवाब - UP government files reply in Supreme court says Order was  given for peaceful Kanwarबताया गया है कि इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित, शुद्ध व गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है। शासन ने विशेष रूप से निर्देशित किया है कि अब किसी भी खाद्य प्रतिष्ठान में लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र और मालिक की पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ₹2 लाख तक का जुर्माना

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि यात्रा मार्गों पर स्थित सभी ढाबों, होटल, भोजनालय, फड़, ठेली तथा अन्य खाद्य व्यवसायियों को अपने प्रतिष्ठान में खाद्य लाइसेंस अथवा पंजीकरण प्रमाणपत्र की साफ-सुथरी प्रति प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी। छोटे विक्रेताओं को भी अपना पहचान पत्र व पंजीकरण प्रमाणपत्र अपने पास रखना होगा। प्रत्येक भोजनालय, ढाबे व होटल में ‘फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड’ लगाना आवश्यक होगा, जिससे उपभोक्ताओं को यह जानकारी मिल सके कि खाद्य गुणवत्ता की जिम्मेदारी किसकी है।

इन निर्देशों का पालन न करने वालों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 55 के अंतर्गत ₹2 लाख तक के आर्थिक दंड के साथ-साथ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार का सख्त संदेश है कि श्रद्धालुओं की आस्था से कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

सघन जांच अभियान व नमूना परीक्षण

हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी एवं उत्तरकाशी जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष निगरानी टीमें गठित की गई हैं, जो दूध, तेल, मिठाई, पेय पदार्थ व मसालों सहित सभी खाद्य सामग्री के नियमित रूप से नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में जांच करवाएंगी। नमूनों की गुणवत्ता मानकों पर खरे न उतरने पर संबंधित खाद्य प्रतिष्ठान को तत्काल बंद कर दिया जाएगा। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा ताजबर सिंह जग्गी ने कहा है कि राज्य में बिना लाइसेंस के कोई भी खाद्य व्यवसाय नहीं किया जा सकेगा। नियमों की अवहेलना करने वालों पर आर्थिक दंड के साथ-साथ आपराधिक अभियोग भी दर्ज किए जाएंगे।

जनजागरूकता व शिकायत समाधान प्रणाली सक्रिय

स्वास्थ्य विभाग आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) के माध्यम से उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को शुद्ध भोजन, खाद्य नियमों और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहा है। इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत टोल फ्री नंबर 18001804246 पर दर्ज कराई जा सकती है, जिस पर प्रशासनिक टीम तत्काल मौके पर जाकर कार्रवाई करेगी।

नियमित निगरानी व जवाबदेही तय

राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले से प्रतिदिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी यात्रा अवधि के दौरान निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। लापरवाही या शिथिलता पाई जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

श्रद्धा व स्वास्थ्य का सामंजस्य (Dhami governments big step towards Hindutva-Name)

उत्तराखंड सरकार ने सभी भंडारा संचालकों, धार्मिक संस्थाओं और खाद्य व्यवसायियों से आग्रह किया है कि वे श्रद्धालुओं की आस्था का मान रखते हुए शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण व सुरक्षित भोजन परोसें। कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा, अनुशासन और सामूहिक चेतना का प्रतीक है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि यह यात्रा श्रद्धा के साथ स्वास्थ्य के संकल्प की भी मिसाल बने। (Dhami governments big step towards Hindutva-Name)

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