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July 13, 2025

पहले देश सेवा, अब गांव सेवा का संकल्प: कर्नल नेगी के बाद अब सेवानिवृत्त आईजी विमला गुंज्याल भी बन सकती हैं निर्विरोध ग्राम प्रधान, 62 वर्षों से निर्विरोध प्रधान बना रहा है एक गांव

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Anukarneey Positive Sakaratmak

नवीन समाचार, पिथौरागढ़-पौड़ी-बागेश्वर,  जुलाई 2025 (First Serve country-now Gram Pradhan-IG-Colonel)उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला विकासखंड के दूरस्थ सीमांत गांव गुंजी में इस बार पंचायत चुनाव विशेष चर्चा में है। कारण यह कि यहां से उत्तराखंड कैडर की सेवानिवृत्त वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी (आईपीएस) विमला गुंज्याल को ग्राम प्रधान बनाए जाने की संभावनाएं चर्चा में हैं। वाइब्रेंट विलेज योजना से जुड़े इस गांव के निवासी सोशल मीडिया पर खुले तौर पर उन्हें निर्विरोध प्रधान बनाए जाने की घोषणा कर चुके हैं।

सेना और पुलिस से सेवानिवृत्त अधिकारी संभाल रहे गांव की कमान

IG Bimla Gunjyal also given charge as IG Prisons | Garhwal Postप्राप्त जानकारी के अनुसार विमला गुंज्याल मूल रूप से धारचूला के गुंजी गांव की निवासी हैं। वह भारतीय पुलिस सेवा में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं। हाल ही में सेवानिवृत्त होने के बाद अब वह गांव लौट रही हैं। उनके पहुंचने के उपरांत ग्रामीणों की बैठक में यह तय किया जाएगा कि वे ग्राम प्रधान पद का नामांकन करेंगी या नहीं। हालांकि, अब तक गुंजी में चार लोगों ने नामांकन पत्र खरीदे हैं, लेकिन ग्रामीणों की भावनाओं को देखते हुए संभावना यही जताई जा रही है कि विमला गुंज्याल को बिना मतदान के निर्विरोध प्रधान बना दिया जाएगा।

भारतीय सेना से सेवानिवृत्त कर्नल यशपाल सिंह नेगी निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए 

एक सरफिरा कर्नल यशपाल... जो पहाड़ आबाद करने की बात करता है। - Himalayan  Discoverइससे पहले पौड़ी जनपद के बीरोंखाल विकासखंड स्थित बिरगण गांव में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त कर्नल यशपाल सिंह नेगी निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने जा चुके हैं। उन्होंने दो जुलाई को नामांकन दाखिल किया और उनके विरुद्ध किसी अन्य ने पर्चा नहीं खरीदा। यह स्थिति गांववासियों की एकता और कर्नल नेगी की छवि का प्रमाण मानी जा रही है।

सेना से सेवानिवृत्त होकर खेती और गांव सेवा में जुटे नेगी (First Serve country-now Gram Pradhan-IG-Colonel)

कर्नल यशपाल सिंह नेगी ने भारतीय सेना में तीन दशकों से अधिक समय तक देश सेवा की। वर्ष 1981 में 6 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री (1 गढ़वाल राइफल) में भर्ती होकर उन्होंने 1986 से 1990 तक भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया और फिर सेना आयुध कोर में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त हुए। वर्ष 2016 में कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए और फिर री-एम्प्लॉयमेंट के तहत चार वर्षों तक और सेवाएं दीं। अगस्त 2020 में पूर्णतः सेवानिवृत्त होकर उन्होंने गांव लौटने का निर्णय लिया। वर्तमान में वह अपनी 45 नाली भूमि पर पारंपरिक कृषि कर रहे हैं और गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

उनका कहना है कि उनकी प्राथमिकताओं में ग्राम विकास, जैविक खेती और स्वावलंबन प्रमुख हैं। उन्होंने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर उदाहरण पेश किया है। तीन संतानों के पिता कर्नल नेगी ने गांव में रहकर कार्य करने का निश्चय कर, शहरी जीवन को त्याग दिया है।

62 वर्षों से निर्विरोध प्रधान बना रहा है एक गांव

इस बीच उत्तराखंड का बागेश्वर जनपद भी निर्विरोध ग्राम प्रधानों की परंपरा के लिए चर्चा में है। यहाँ गरुड़ तहसील के कज्युली गांव में वर्ष 1962 से अब तक 63 वर्षों में आठ बार निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए हैं। इस गांव में 97 परिवारों के लगभग 300 मतदाता हैं। यहां पदम सिंह, धाम सिंह, किशन सिंह, दिग्पाल सिंह, पुष्पा रावत, मुन्नी देवी और इंद्र सिंह भंडारी जैसे लोग 2 से 3 बार निर्विरोध प्रधान बन चुके हैं। यहां की परंपरा इस बार भी कायम रहने की संभावना है।

यह घटनाएं उत्तराखंड के ग्राम्य जीवन में जनचेतना, पारदर्शिता, जनसेवा और नेतृत्व के सकारात्मक बदलाव को दर्शाती हैं। सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी जब गांव लौटकर ग्राम सेवा की जिम्मेदारी उठाते हैं, तो यह न केवल ग्रामीण विकास का संकेत है बल्कि भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी है।

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