पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की धर्मपत्नी पर खेल संहिता के उल्लंघन का आरोप, भारतीय ओलंपिक संघ से हटाने के आदेश…
नवीन समाचार, देहरादून, 17 सितंबर 2024 (Former DGP wife Alaknanda accused of Sports Code)। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अपने 5 अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की बड़ी पहल की है। संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने खेल संहिता के उल्लंघन को लेकर पांच पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इनमें उत्तराखंड से संबंधित भारतीय ओलंपिक संघ की संयुक्त सचिव अलकनंदा भी शामिल हैं, जो प्रदेश के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की धर्मपत्नी हैं। वह दिसंबर 2022 में श्री कुमार के उत्तराखंड के डीजीपी रहते IOA में पदारूढ़ हुई थीं। डॉ. अलकनंदा अशोक ने फरवरी 2020 में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डीन यानी अधिष्ठाता के रूप में भी कार्यभार संभाला था।
संहिता उल्लंघन का आरोप (Former DGP wife Alaknanda accused of Sports Code)
10 सितंबर 2024 को लिखे गए पत्र में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल्स संघ के उपाध्यक्ष अजय पटेल, भारतीय भारोत्तोलन संघ के सहदेव यादव, वुसू फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के राजलक्ष्मी सिंह देव और भारतीय ओलंपिक संघ की संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक की योग्यता पर सवाल उठाते हुए खेल संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
पत्र में विशेष रूप से अलकनंदा का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि वह एक सरकारी कर्मचारी हैं। उनके खिलाफ आरोप है कि वह उत्तराखंड राज्य सरकार की आवश्यक अनापत्ति के बिना ही भारतीय ओलंपिक संघ में अपने पद पर बनी हुई हैं, जोकि उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। पत्र में अलकनंदा अशोक के बारे में कहा गया है कि वह एक सरकारी कर्मचारी हैं। उनके पास राज्य सरकार की अनापत्ति नहीं है, जिससे वह भारतीय ओलंपिक संघ के पद के लिए अयोग्य हो गई हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की स्पष्ट अवमानना
माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त 2022 के अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कार्यकाल प्रतिबंधों और शासन सुधारों की अनिवार्य प्रकृति को बताया है। फैसले का स्पष्ट अभिप्राय यह है कि खेल संहिता में निर्धारित कार्यकाल सीमा, कूलिंग-ऑफ अवधि और अन्य शासन मानदंडों का पालन न करने पर IOA या NSF में किसी भी पद से तत्काल अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। कोई भी गैर-अनुपालन इस न्यायालय के आदेश का सीधा उल्लंघन है। सभी आरोपित पांच व्यक्ति इस आदेश की स्पष्ट अवहेलना करते हुए पद पर बने हुए हैं। उनका लगातार कार्यकाल न केवल राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन है, बल्कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों का उल्लंघन करके न्यायालय की अवमानना भी की गई है।
अनुरोध एवं कार्रवाई
इन स्पष्ट उल्लंघनों के दृष्टिगत पीटी उषा ने इन व्यक्तियों को IOA कार्यकारी समिति में उनके पदों से तुरंत अयोग्य घोषित करने और हटाने तथा खेल संहिता और उच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन करते हुए कोई और नियुक्ति न करना सुनिश्चित करउस को भी कहा है। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि इन आदेशों का पालन न करने पर IOA और इसमें शामिल व्यक्तियों को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने भारतीय खेल प्रशासन में कानून के शासन को बनाए रखने और उचित प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की उम्मीद भी जताई है।
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