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January 14, 2025

हल्द्वानी में हर्षिका के बाद अब भावना ने रचाया विवाह, भक्तिभाव का अद्भुत उदाहरण

Dharm-Astha, Shri Krishna Radha Foolon ki holi

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 6 दिसंबर 2024 (Haldwani-After Harshika-Bhavna Married Krishna) भगवान श्री कृष्ण एक बार पुनः हल्द्वानी के जमाई बन गये हैं। इसी वर्ष 10 जुलाई को हल्द्वानी की एक 21 वर्षीय बेटी हर्षिका पंत ने कान्हा से शादी रचाई थी, जबकि जब 50 वर्षीय भावना रावल ने भी हर्षिका की तरह कुमाउनी रीति-रिवाह से का वासुदेव कृष्ण से विवाह कर लिया है। भावना ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ कुमाऊंनी रीति-रिवाज से धूमधाम से विवाह कर अपने जीवन को पूरी तरह भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया है। 

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श्रीकृष्ण की प्रतिमा संग विवाह (Haldwani-After Harshika-Bhavna Married Krishna)

Bhavna marriage with Shri Krishna, (Haldwani-After Harshika-Bhavna Married Krishna)इस अनोखी शादी का आयोजन पंचेश्वर मंदिर और समाज सेवा समिति द्वारा किया गया। विवाह में बैंड-बाजे सहित बारात निकली और विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न हुआ। भावना रावल ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा संग सात फेरे लिये। विवाह समारोह में रिश्तेदारों और मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। सभी रस्में जैसे कन्यादान, गणेश पूजन सहित मांगलिक कार्य पूरे विधि-विधान से संपन्न किये गये। विवाह में महिलाओं ने मांगल गीत गाये और खुशी का माहौल रहा।

30 वर्षों से भक्ति में लीन

भावना रावल ने बताया कि के उनके माता-पिता का वर्षों पहले निधन हो चुका है। उनका श्रीकृष्ण से जुड़ाव बचपन से रहा है। पिछले 30 वर्षों से उन्होंने पंचेश्वर मंदिर में बतौर सेवादार प्रभु की सेवा की। गुरुवार को उन्होंने जीवनभर के लिए भगवान श्रीकृष्ण को अपना जीवनसाथी स्वीकार कर लिया।  उनके तीन भाई हैं। दो भाई बारात में शामिल हुए और बारातियों का स्वागत भी किया।

शादी पूरी कुमाऊंनी रीति रिवाज से की गई। बारात में आए लोग भोज में भी शामिल हुए। इस दौरान महिलाओं द्वारा मांगल गीत भी गाये। शादी का आयोजन मंदिर समिति और समाज सेवा समिति द्वारा किया गया था। इस अनोखी शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची हुई थी। लोगों ने भावना को आशीर्वाद के तौर पर उपहार भी दिए। 

वृंदावन से मंगाई गई प्रतिमा 

श्रीकृष्ण की प्रतिमा, जिसके साथ विवाह हुआ, वृंदावन से मंगाई गई थी। वृंदावन को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रमुख स्थल माना जाता है। विवाह में भावना के दो भाई शामिल हुए और बारातियों का स्वागत किया। शादी का माहौल किसी पारंपरिक विवाह जैसा था। महिलाओं ने नृत्य किया और उपहार के रूप में भावना को आशीर्वाद दिया। यह विवाह श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। (Haldwani-After Harshika-Bhavna Married Krishna)

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