हल्द्वानी में गजराज बिष्ट को भाजपा का टिकट मिलने पर नई ‘इन साइड स्टोरी’ आयी सामने, पार्टी के संगठन को करा दिया गया ‘शीर्षासन’
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 दिसंबर 2024 (Haldwani-Inside story of Gajraj got BJP Ticket)। भारतीय जनता पार्टी ने मेयर यानी महापौर के पद के लिये गजराज बिष्ट को अपना प्रत्याशी बनाया है। गजराज को टिकट मिलना पूरे प्रदेश में बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है। देखें विडिओ :
इस संबंध में हमने कल एक वीडियो रिपोर्ट बनायी थी, जिसमें हमें तात्कालिक रूप से गजराज को टिकट दिये जाने के कारणों की समीक्षा की थी, लेकिन एक दिन के बाद इस संबंध में एक नयी ‘इन साइड स्टोरी’ सामने आयी है, जो कल की कहानी से भी कहीं अधिक दिलचस्प है। इतनी दिलचस्प कि गजराज के टिकट के लिये पूरे भाजपा संगठन को ‘शीर्षासन’ करना पड़ा है यानी अपने निर्णय से पलटना पड़ा है। देखें कल की छोटी विडिओ :
इस नयी कहानी के अनुसार भाजपा हल्द्वानी से कांग्रेस पार्टी से जुड़े बुजुर्ग व्यापारी नेता नवीन वर्मा को मेयर पद का टिकट देना चाहती थी। क्यों ? इसका कारण भाजपा का शीर्ष संगठन ही जाने। किंतु इतना तय है कि नवीन वर्मा को भाजपा में शामिल करने के लिये पार्टी ने अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी मोल ली, और इस नाराजगी के कारण देहरादून की जगह उन्हें हल्द्वानी में पार्टी में शामिल कराना पड़ा, लेकिन कराया गया। देखें कल की पूरी विडिओ :
‘बिष्ट’ निकले ‘नायक’ (Haldwani-Inside story of Gajraj got BJP Ticket)
चूंकि नवीन वर्मा उत्तराखंड के ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाली वर्मा जाति से आते थे, इसलिये हल्द्वानी की महापौर की सीट भी अनंतिम आरक्षण ओबीसी के लिये आरक्षित हो गयी अथवा कर दी गयी। लेकिन तभी हल्द्वानी में एक राजनीतिक धमाका इस रूप में हुआ कि अब तक क्षत्रिय नेता कहे जाने वाले गजराज बिष्ट अचानक अपनी मूल ओबीसी के अंतर्गत आने वाली जाति ‘नायक’ उर्फ ‘बिष्ट’ के जरिये ओबीसी नेता के रूप में प्रकट हो गये और पार्टी में मूल, संघर्षशील, युवा व पार्टी के जमीन से जुड़े नेता के तौर पर नवीन वर्मा को टिकट देने में पूरी तरह से बाधक बन गये।
कहते हैं कि इसी कारण कि नवीन वर्मा को टिकट न दिला पाए तो गजराज बिष्ट का भी पत्ता काट दिया जाए, हल्द्वानी की सीट ओबीसी की जगह अनारक्षित हो गयी, अथवा कर दी गयी। लेकिन कहते हैं कि इसके बाद ही असली खेल हुआ। गजराज अपने राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की शरण में चले गये और उनसे अपनी पैरवी करवाई।
‘हारे को सिकंदर’ बनाने वाले ‘हारे के सहारे’ गुरु ने किया ‘चेले के लिये खेला’ (Haldwani-Inside story of Gajraj got BJP Ticket)
कोश्यारी भी ‘यारों के यार’ की तर्ज पर एक बार फिर ‘चेलों के गुरु’ निकले। उन्होंने फिर दोहराया कि वह ‘जो जीता वही सिकंदर’ की जगह ‘हारे के सहारे’ हैं और ‘हारे को सिकंदर’ बनाने का गुर जानते हैं। ऐसा वह पहले भी कर चुके हैं और अपने एक चेले को राज्य की कमान सोंप चुके हैं। अब फिर उन्होंने वही ‘धोबी पछाड़’ दांव चला और हल्द्वानी की मेयर सीट के अनारक्षित होते हुए भी ओबीसी आरक्षित श्रेणी से आने वाले गजराज बिष्ट को टिकट दिला दिया। (Haldwani-Inside story of Gajraj got BJP Ticket)
आपको इस कहानी में कितना दम नजर आता है, हमें कमेंट करके अवश्य बतायें, धन्यवाद। आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे थ्रेड्स चैनल से, व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।
(Haldwani-Inside story of Gajraj got BJP Ticket, Nainital News, Political News, Haldwani News, Nikay Chunav, BJP News, Inside story, Gajraj Bisht, BJP Bhagat Singh Koshyari, BJP Ticket, Shirshasana, A new ‘inside story’ came to light after Gajraj Bisht got BJP ticket in Haldwani, the party organization was made to do ‘Shirshasana’)