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November 13, 2024

गंगा नदी के नीचे ट्रेन की पटरियां दिखाई दीं, लोगों में कौतूहल

नवीन समाचार, हरिद्वार, 23 अक्टूबर 2024 (Haridwar-Train Tracks seen under the Ganga River) गंग नहर की सफाई के कारण इन दिनों हर की पैड़ी और वीआईपी घाट पर गंगा की धारा सूख गई है। तेज बहाव से बहने वाली गंगा के रुकने के बाद घाटों का दृश्य पूरी तरह से बदल गया है। लेकिन सबसे बड़ी आश्चर्य की बात तब सामने आई जब गंगा की सूखी तलहटी से ट्रेन की पटरियां दिखाई दीं, जिसने लोगों के मन में उत्सुकता और सवालों की लहर पैदा कर दी है।

(Haridwar-Train Tracks seen under the Ganga River) खास रिपोर्ट: हरिद्वार में गंगा नदी के नीचे अचानक दिखा रेलवे ट्रैक, ट्रेन  यहां कब चली? पुराना इतिहास बताता है कुछ खास? - News18 हिंदीलोग जानना चाहते हैं कि गंगा के नीचे ये रेल की पटरियां कैसे पहुंची। क्या कभी यहां से ट्रेन गुजरी थी? सोशल मीडिया पर इस दृश्य के वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। कई लोग दावा कर रहे हैं कि कभी यहां छोटी ट्रेन चला करती थी, तो कुछ इसे पानी में चलने वाली छोटी गाड़ियों का हिस्सा बता रहे हैं।

(Haridwar-Train Tracks seen under the Ganga River) खास रिपोर्ट: हरिद्वार में गंगा नदी के नीचे अचानक दिखा रेलवे ट्रैक, ट्रेन  यहां कब चली? पुराना इतिहास बताता है कुछ खास? - News18 हिंदीक्या कहते हैं जानकार (Haridwar-Train Tracks seen under the Ganga River)

इतिहास के जानकार वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि 1850 के आसपास जब गंग नहर का निर्माण हो रहा था, तब इन ट्रैक्स का उपयोग निर्माण सामग्री ढोने के लिए किया जाता था। यह ट्रैक हरिद्वार रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर है और उस समय ब्रिटिश अधिकारी निरीक्षण के लिए हाथगाड़ी का इस्तेमाल करते थे।

प्रो. डॉ. संजय महेश्वरी का कहना है कि गंग नहर ब्रिटिश शासनकाल के दौरान लॉर्ड डलहौजी का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था, जिसे इंजीनियर कोटले की देखरेख में तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि यह ट्रैक ब्रिटिश कालीन तकनीक का अद्भुत नमूना है और उस समय निर्माण कार्यों में इसका उपयोग किया गया था। हर साल उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से गंग नहर को अनुरक्षण के लिए बंद किया जाता है, जिससे हरिद्वार का नजारा बदल जाता है। इस साल गंगा के सूखने से दिखाई दी ये पटरियां इतिहास के एक अद्भुत अध्याय की झलक हैं।

इतिहासकारों का दावा है कि रुड़की और कलियर के पास भारत की पहली रेल लाइन बिछाई गई थी, हालांकि इसे आधिकारिक रूप से पहली रेलवे लाइन के रूप में मान्यता नहीं मिल सकी। (Haridwar-Train Tracks seen under the Ganga River)

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