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December 6, 2024

उत्तराखंड उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय, पत्नी को नियुक्त किया पति का अभिभावक, 2 वर्ष पूर्व ही हुई थी शादी…

High Court of Uttarakhand Nainital Navin Samachar

नवीन समाचार, नैनीताल, 11 नवंबर 2024 (High Court appointed Wife as Husband-s Guardian)। सामान्यतया नाबालिग बच्चों के अभिभावक उनके माता-पिता और माता-पिता के उपलब्ध न होने पर अन्य लोग हो सकते हैं। लेकिन उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में पत्नी को पति का अभिभावक नियुक्त कर दिया है। उच्च न्यायालय में एक विशेष मामले में एक महिला को अपने गम्भीर बीमारी से ग्रस्त पति का अभिभावक नियुक्त किया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने पति की चिकित्सा और प्रशासनिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दिया है।

2 वर्ष पूर्व ही हुई थी शादी-पति को आए दो ब्रेन स्ट्रोक 

 (High Court appointed Wife as Husband-s Guardian) 300+ Wife Holds Hand Of Sick Husband In Hospital Stock Photos, Pictures &  Royalty-Free Images - iStockमामले में याचिकाकर्ता महिला ने बताया कि उनकी शादी 2022 में हुई थी और उनकी एक साल की बेटी है। उनके पति, जो एक निजी विद्यालय में खेल शिक्षक थे, पिछले साल दो ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद से कोमा में हैं। उनकी स्थिति के कारण कई सरकारी दस्तावेज जैसे शादी का पंजीकरण और बेटी का आधार कार्ड बनाना संभव नहीं हो पाया है।

ऐसे में महिला ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें पति का अभिभावक नियुक्त किया जाए, ताकि वे आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर सकें और रुके हुए कार्य पूरे कर सकें।

न्यायालय ने मानवीय आधार पर लिया निर्णय (High Court appointed Wife as Husband-s Guardian)

न्यायालय ने पति की प्रशासनिक और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर महिला को पति का अभिभावक नियुक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय मानवीय आधार पर लिया गया है। साथ ही यह भी शर्त रखी गई है कि यदि पति स्वस्थ हो जाते हैं और उनके अधिकारों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन होता है, तो यह आदेश रद्द किया जा सकता है।

न्यायालय का महत्वपूर्ण अवलोकन

न्यायालय ने यह भी कहा कि देश में इस प्रकार के मामलों के लिए अभी तक कोई स्पष्ट कानून नहीं है। हालांकि पहले केरल उच्च न्यायालय ने इसी प्रकार के मामले में निर्णय दिया था।

महिला का संघर्ष

याचिकाकर्ता महिला के अनुसार उसने अब तक पति के इलाज पर 35 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं। कोर्ट ने यह निर्णय उनके जीवन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं को देखते हुए दिया है, ताकि वह आवश्यक कार्य जैसे शादी का पंजीकरण और अन्य प्रशासनिक कार्य पूरे कर सकें। (High Court appointed Wife as Husband-s Guardian)

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