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January 18, 2025

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निकाय और पंचायत चुनाव आरक्षण नियमावली 2024 पर उठाए सवाल, 48 घंटे में जवाब तलब

High Court of Uttarakhand Nainital Navin Samachar

नवीन समाचार, नैनीताल, 3 जनवरी 2025 (High Court Raises Questions on Reservation Rules) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा निकाय और पंचायत चुनाव के लिए बनाई गई आरक्षण नियमावली 2024 को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर आज सुनवाई की। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने राज्य सरकार सहित राज्य चुनाव आयोग से इन याचिकाओं पर लगाए गए आरोपों का 48 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इसके बाद निकाय चुनाव के आरक्षण व निकाय चुनाव पर कोई नयाँ पेंच तो न फंस जाएगा ?

यह की गई है शिकायत

(BJP Leader Mukesh Bora ke viruddh NBW jaari, (High Court Raises Questions on Reservation Rules)याचिकाकर्ताओं ने अपनी शिकायत में कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया में असंवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है। अल्मोड़ा नगर निगम, धारचूला नगर पालिका, गुप्तकाशी नगर पंचायत और उत्तरकाशी नगर पालिका जैसे स्थानों में अध्यक्ष और मेयर पदों के लिए आरक्षण तय करने में नियमावली का पालन नहीं किया गया। याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार को इस प्रक्रिया में आरक्षण निर्धारण का अधिकार नहीं है और नियमावली को दोबारा तय किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं के तर्क-आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि निकाय चुनावों में आरक्षण तय करते समय राज्य सरकार ने मान्य प्रक्रियाओं की अनदेखी की। आरक्षण नियमावली के अनुसार केवल उन स्थानों पर आरक्षण लागू होना चाहिए जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्गों की जनसंख्या 10,000 से अधिक हो।

याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि आरक्षण निर्धारण में रोटेशन और जनसंख्या के आधार का पालन नहीं किया गया। उदाहरण के लिए अल्मोड़ा में जहां ओबीसी और अन्य वर्गों की जनसंख्या केवल 2,000 के लगभग है, वहां आरक्षित सीट घोषित की गई। दूसरी ओर देहरादून और हल्द्वानी जैसे शहरों में जहां ओबीसी और अन्य वर्गों की जनसंख्या 10,000 से अधिक है, सीटों को सामान्य घोषित कर दिया गया।

न्यायालय की कार्यवाही

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार दोनों पक्षों को सुना। एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाओं में लगाए गए आरोपों पर 48 घंटे के भीतर शपथ पत्र दाखिल करे। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आरक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और कानूनी मानकों का पालन होना चाहिए।

अगली सुनवाई (High Court Raises Questions on Reservation Rules)

मामले को अब 6 जनवरी को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें राज्य सरकार और चुनाव आयोग को अपने पक्ष रखने होंगे। उच्च न्यायालय ने संकेत दिया कि यदि आरक्षण प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई जाती हैं तो नियमावली में संशोधन किया जा सकता है। (High Court Raises Questions on Reservation Rules)

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