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November 14, 2025

स्वतंत्र पत्रकार के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी पर उच्च न्यायालय की रोक

(High Court Directs to Reopen Slaughter House)(Government Claims No Shortage of Doctors in UK) High Court Order on Marriage After Rape of Minor (Supreme Court overturned UK High Courts Decision) (Muslim Girl Married with Hindu Boy High Court) (Controversy Over Tampering of Ballot in Nainital) (High Court Sought Record of Results-Achievments) (Prohibitory Orders outside Nainital High Court) (Supreme Court Stay Uttarakhand High Courts Order (Election Commission Reached High Court for Voter (Vigilance Trap vs Pre-Investigation-HC Debates (800 Cr Scam-No Registration-No Trace-High Court (Land Scam in Haldwani-High Court Demands Answers (Nazul-railway-Forest department land being Sold) (Panchayat Polls Stayed-Next Hearing For June 25 (Ban on Three-Tier Panchayat Elections Continues) (High Court Stayed Ban on Kllegal mining in Kanda) (Divorced Woman Mother of Children-Love Married)

नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मार्च 2025 (High Court stays FIR Lodged against Journalist)उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोटद्वार के स्वतंत्र पत्रकार सुधांशु थपलियाल के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी के मामले में न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के साथ मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। इस बीच सुधांशु थपलियाल के विरुद्ध कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह निर्णय पत्रकार समुदाय के लिए न्यायपालिका की ओर से एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है कि न्यायपालिका उनकी स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा के प्रति सजग है।

पुलिस ने मामले को उठाने वाले पत्रकार के विरुद्ध ही दर्ज कर दी थी प्राथमिकी 

(High Court stays FIR Lodged against Journalist) Profile for Sudhanshu thapliyalउल्लेखनीय है कि कोटद्वार के स्वतंत्र पत्रकार सुधांशु थपलियाल ने 29 जनवरी 2025 को एक फेसबुक पोस्ट में ‘हिट एंड रन’ दुर्घटना में एक 20 वर्षीय युवती की मृत्यु पर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे। इस पोस्ट में उन्होंने संबंधित चालक पर कार्रवाई न होने की आलोचना की थी। इसके प्रत्युत्तर में पुलिस ने उनकी इस पोस्ट को अपनी छवि धूमिल करने वाला मानते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की और उनका मोबाईल जब्त कर उन्हें रातभर हवालात में रखा। साथ ही उनसे कोर कागज पर भी हस्ताक्षर करवाए। 

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याचिका का मुख्य बिंदु

सुधांशु थपलियाल ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में तर्क दिया कि उनकी फेसबुक पोस्ट का उद्देश्य पुलिस की आलोचना करना नहीं, बल्कि ‘हिट एंड रन’ मामले में न्याय सुनिश्चित करना था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कानून का दुरुपयोग करते हुए आम नागरिक के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि एक पत्रकार के रूप में उनकी जिम्मेदारी है कि वे समाज में हो रहे अन्याय के मामलों को उजागर करें और इस संदर्भ में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई।

न्यायालय की महत्वपूर्ण टिप्पणी

न्यायालय ने यह भी कहा कि पत्रकारों का कार्य समाज में हो रही घटनाओं को उजागर करना है, और यदि वे अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, तो उन्हें कानूनी कार्यवाही के माध्यम से प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का मूल स्तंभ है, और इसे संरक्षित किया जाना आवश्यक है।

अन्य संबंधित मामले (High Court stays FIR Lodged against Journalist)

यह मामला अकेला नहीं है जहां पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ा है। दिसंबर 2024 में सर्वोच्च न्यायालय ने एक अन्य पत्रकार ममता त्रिपाठी को मानहानिकारक वीडियो रिपोर्ट के मामले में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी थी। (High Court stays FIR Lodged against Journalist)

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