‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2.30 करोड़ यानी 23 मिलियन से अधिक बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर। अपने शुभकामना संदेश-विज्ञापन उपलब्ध कराएं। स्वयं भी दें, अपने मित्रों से भी दिलाएं, ताकि हम आपको निरन्तर-बेहतर 'निःशुल्क' 'नवीन समाचार' उपलब्ध कराते रह सकें...

January 18, 2025

सुबह का विचारणीय समाचार: पवित्र हिंदू नामों के रेस्टोरेंट-ढाबे व खान-पान के प्रतिष्ठानों से धर्मभ्रष्ट करने का शडयंत्र !

0

नवीन समाचार, देहरादून, 9 अप्रैल 2023। (Thoughtful morning news: Conspiracy to misreligion from restaurants-dhabas and food establishments with holy Hindu names!) देश-प्रदेश में एक धर्म विशेष के लोगों के द्वारा नाम बदलकर ‘लव-जिहाद’ जैसी घटनाओं को अंजाम दिए जाने की घटनाएं आम हैं। लेकिन यहां नाम-पहचान बदलकर, पवित्र हिंदू नामों के रेस्टोरेंट-ढाबे व खान-पान के प्रतिष्ठानों के माध्यम से किए जा रहे शडयंत्र को लेकर है। यूं कोई व्यक्ति अपने संस्थान का नाम कुछ भी रख सकता है, इसमें किसी तरह के नियम-कानून तो नहीं हैं, पर नैतिकता का तकाजा जरूर है कि कैसे नाम रखे जाने चाहिए। यह भी पढ़ें : शादीशुदा महिला ने सोशल मीडिया पर डाला बच्चे का अश्लील वीडियो ! चाइल्ड पोर्नोग्राफी में मामला दर्ज..

वैष्णों हिंदू ढाबा लिख कर मुस्लिम चला रहे होटल, ना कोई जांच ना कोई पड़तालएक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड और उत्तराखंड की सीमा से लगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दर्जनों ऐसे नामी ढाबे एवं चाय, जूस, नारियल पानी आदि बेचने वाले ज्यादातर मुस्लिम ही हैं। उन्होंने अपने ढाबे व खान-पान की दुकानों के नाम भ्रामक तरक से हिंदू धर्म से संबंधित रखे हुए हैं। यह भी पढ़ें : 6 माह से पत्नी के रूप में साथ रही महिला की गला दबाकर हत्या कर कथित पति फरार….

रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड यूपी की सीमा पर गढ़वाल ढाबा, नीलकंठ, महादेव तथा अन्नपूर्णा जैसे नामों के ढाबे हैं, जो दावा करते हैं कि उनके यहां शुद्ध वैष्णव भोजन मिलता है। हरिद्वार नजीबाबाद रोड पर चिडियापुर और समीरपुर गंग नहर रोड पर भी ऐसे कई ढाबे है जिन्हें मुस्लिम चला रहे है। लेकिन इनके बोर्ड पर हिंदू देवी देवताओं की बड़ी बड़ी तस्वीरे लगी है, और इनके बाद शुद्ध वैष्णव ढाबा जैसे नाम भी लिखे हैं। उल्लेखनीय है कि वैष्णव ढाबा या रेस्टोरेंट ऐसे ढाबों को कहा जाता है, जिनमें हिंदू समुदाय के लोग प्याज-लहसुन का भी प्रयोग न होने का विश्वास करते हैं, और नवरात्र जैसे मौकों पर भी ऐसे ढाबों-रेस्टारेंटों में भ्रमित होकर भोजन करने जाते हैं। यह भी पढ़ें : देश के नौसेनाध्यक्ष ने नैनीताल में एनसीसी कैडेटों से की मुलाकात, दिया भारतीय सेना में शामिल होने के लिए मूलमंत्र…

जबकि पिछले दिनों हरिद्वार देहात के एक ढाबे में भोजन में घी के बजाय पशुचर्बी मिलाने की खबर भी आई थी। खास बात यह है कि इन ढाबों में क्या खिलाया जा रहा है उसमे क्या मिलाया जा रहा है इस पर किसी सरकारी एजेंसी का जांच पड़ताल अथवा नियंत्रण नहीं है। यहां तक की कई ढाबों, रेस्त्रां के फूड लाइसेंस तक नहीं है। यह भी पढ़ें : नैनीताल : 12 टायर वाले ट्राला ट्रक के नीचे रात भर दबा रहा 20 वर्षीय युवक, मौत

रिपोर्ट में हल्द्वानी के के मुस्लिम रेस्टोरेंट का भी जिक्र किया गया है, जिसके बोर्ड पर-चांद तारे को इस तरह लिखा गया था कि बरसों तक उसे लोग शर्मा रेस्टोरेंट समझकर भ्रतिम होते रहे। नैनीताल में भी अन्नपूर्णा जैसे पवित्र हिंदू नामों के मुस्लिम रेस्टोरेंट बताए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश में मेरठ, गजरौला, गढ़ मुक्तेश्वर मूंडापांडे में भी हाईवे पर भी दर्जनों ऐसे ढाबे चल रहे है जिनके मालिक और कर्मियों के बारे में भ्रमपूर्ण स्थिति है कि इनके मालिक हिंदू है या मुस्लिम। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी : नशा मुक्ति केंद्र से 19 मरीज फरार, हड़कंप, इनमें से 3 का आपराधिक रिकॉर्ड भी…

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन ढाबों में काम करने वाले लोगों के नाम राजू, गुड्डू, सोनू, विक्की जैसे होते हैं और इनमें से कई तो गले व हाथों में मोटा कलावा भी बांधे रहते हैं। गौरतलब है कि सभी धर्मों के लोग खान-पान में विशेष सावधानी बरतते हैं। मुस्लिम कभी भी गैर हलाल मांस नहीं खाते हैं, इसी तरह कई हिंदू भोजन में मांस व खासकर हलाल के मांस के साथ ही लहसुन-प्याज से भी परहेज करते हैं। ऐसे में हिंदू नामों से दूसरे धर्म के लोगों के यह खान-पान से संबंधित प्रतिष्ठान लोगों का धर्मभ्रष्ट करने का शडयंत्र ही नजर आते हैं। यह भी पढ़ें : 12 वर्षीय बच्ची से 22 वर्षीय युवक ने की हैवानियत, तेजाब फेंकने की धमकी भी दी…

गौरतलब है कि सभी धर्मों के लोग खान-पान में विशेष सावधानी बरतते हैं। मुस्लिम कभी भी गैर हलाल मांस नहीं खाते हैं, इसी तरह कई हिंदू भोजन में मांस व खासकर हलाल के मांस के साथ ही लहसुन-प्याज से भी परहेज करते हैं। ऐसे में हिंदू नामों से दूसरे धर्म के लोगों के यह खान-पान से संबंधित प्रतिष्ठान लोगों का धर्मभ्रष्ट करने का शडयंत्र ही नजर आते हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: शादीशुदा महिला को भारी पड़ी गैर मर्द से दोस्ती, अश्लील फोटो व वीडियो खींचकर कर दी आफत…

वर्तमान में गूगल पे जैसे माध्यमों से भुगतान करने पर इनकी सच्चाई पता चल रही है। ऐसे में लोग अब इन्हें ऑनलाइन भुगतान कर इनकी सच्चाई का पता लगा रहे हैं। यह भी पढ़ें : 10 अप्रैल के अवकाश पर आई नई-अंतिम अपडेट…

(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Leave a Reply

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page