March 29, 2024

नशा मुक्ति केंद्र से लड़कियों के बाद अब भागे नाबालिग सहित 12 लड़के, हड़कंप

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17-year-old boy runs away with 30-year-old divorced woman trying to  compromise - 30 साल की तलाकशुदा महिला के साथ भागा 17 साल का लड़का, समझौते  की हो रही कोशिश
प्रतीकात्मक चित्र

नवीन समाचार, देहरादून, 23 अगस्त 2021। प्रदेश की राजधानी देहरादून में गत दिनों पांच जुलाई को क्लेमेंटाउन क्षेत्र के एक नशा मुक्ति केंद्र से चार लड़कियों के भागने की और बाद में उनसे नशा केंद्र संचालक द्वारा दुष्कर्म किए जाने की सनसनीखेज घटना हुई थी। अब महानगर के बसंत विहार इलाके में चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक नाबालिग सहित 12 लड़कों के रात्रि में खिड़की तोड़ कर फरार होने की घटना हुई है। गनीमत है कि इनमें से चार लड़के यहां से भाग कर अपने अपने घर पहुंच गए, जबकि अन्य आठ युवकों की तलाश की जा रही है। अब देखना होगा कि यहां से भी लड़कों के इस तरह भागने के पीछे किन कारणों का खुलासा होता है।

वसंत विहार थाने के प्रभारी देवेंद्र चौहान के अनुसार यहां के इंजीनिर्यस एन्कलेव फेस-2 स्थित जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र में नशा छुड़वाने के लिए भर्ती 12 लड़के रविवार शाम को केंद्र के एक कमरे की खिड़की तोड़ कर फरार हो गए। घटना के बाद केंद्र में हड़कंप मच गया। केंद्र के संचालक ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना के बाद पुलिस ने फरार हुए सभी युवकों के दस्तावेज मांगे और उनके घर पर संपर्क किया गया।

पुलिस को जानकारी मिली कि देर रात तक चार युवक अपने घर सुरक्षित पहुंच गए। इससे पुलिस ने राहत की सांस ली लेकिन बाकी आठ अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ युवकों ने इससे पहले भी केंद्र से भागने का प्रयास किया था, तब उन्होंने खिड़की की ग्रिल पर लगी के पेंचों को खोल लिया था लेकिन तब केंद्र संचालक को ऐन वक्त पर उनकी योजना की भनक लग गई थी। लेकिन इस बार उन्होंने खिड़की तोड़ डाली। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र में मरीज की मौत पर दो चिकित्सकों के खिलाफ न्यायालय से सम्मन जारी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अगस्त 2021। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की अदालत ने हल्द्वानी के निर्वाण नशा मुक्ति केंद्र में तारीफ इब्राहीम की हत्या के मामले में संस्थान के चिकित्सक डॉ. युवराज सिंह व डॉ. रश्मि पंत को मामले में बतौर अभियुक्त भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत 17 सितंबर को न्यायालय में पेश किए जाने के आदेश व सम्मन जारी किए हैं।

मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूजा साह ने अदालत को बताया कि मृतत की पत्नी परवीन जहां निवासी लाल मस्जिद मुलुकपुर बरेली द्वारा थाना हल्द्वानी में गत 25 जून को लिखाई गई रिपोर्ट के अनुसार 23 जून को डॉ. रश्मि पंत ने नशा केंद्र में नशा छुड़वाने के लिए भर्ती इब्राहीम सहित 10-12 मरीज भाग गए हैं। इस सूचना पर वह जब केंद्र में पहुंचे तो इब्राहीम बेहोश मिला। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

इस मामले में विवेचनाधिकारी ने आरोपित उमेश बनकोटी पुत्र नारायण दत्त बनकोटी निवासी बनकोट पिथौरागढ़ के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। इस दौरान अभियोजन की ओर से तीन गवाह पेश किए। गवाहों के बयानों के आदेश पर डॉ. रश्मि पंत व डॉ. युवराज के खिलाफ मामले में आपराधिक षडयंत्र व साक्ष्य छुपाने का प्रथम दृष्टया मामला पाया गया है। यह भी स्पष्ट हुआ कि नशा मुक्ति केंद्र के प्रबंधकों ने पुलिस को घटना की कोई सूचना नहीं दी थी और शिकायतकर्ता के दामाद को मरीजों के भागने की झूठी सूचना दी थी। केंद्र में सीसीटीवी भी खराब पाए गए। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नशा मुक्ति केंद्र से भागी युवतियों के मामले में नया सनसनीखेज मोड़, संचालक पर लगाए दुष्कर्म करने के आरोप

नवीन समाचार, देहरादून, 6 अगस्त 2021। राजधानी देहरादून के क्लेमेनटाउन क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती चार युवतियों के गत दिवस भागने की खबर में नया मोड़ आ गया है। चारों युवतियों को पुलिस ने रेसकोर्स स्थित एक होटल से बरमाद कर लिया है। पकड़े जाने के बाद युवतियों ने भागने का जो कारण बताया, उससे पुलिस भी सकते में आ गई।

पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने आपबीती सुनाते हुए नशा मुक्ति केंद्र के संचालक दुष्कर्म करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि संचालक की गंदी हरकतों के कारण ही वह मौका पाकर भाग गईं थीं। युवतियों के इस आरोप के बाद राज्य का महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है। वहीं पुलिस ने युवतियों की पीड़ा सुनने के बाद नशा मुक्ति केंद्र से जुड़े दो व्यक्तियों को पकड़ कर आरोपों की सत्यता जांचने के लिए पूछताछ शुरू कर दी है।

यह भी पढ़ें : नशेड़ी लड़कियां नशा मुक्ति केंद्र से बाहर ताला लगाकर भागीं

एसओ धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि प्रकृति विहार, टर्नर रोड, क्लेमेनटाउन में स्थित ‘वॉक एंड विन सोबेर लीविंग होम एंड काउंसिलिंग सेंटर नशा मुक्ति केंद्र में फरवरी माह से नशा छुड़वाने के लिए भर्ती करायी गयी पांच में से चार युवतियां गत पांच अगस्त की शाम केंद्र से फरार हो गई थीं। इनमें से तीन देहरादून और एक रुड़की की रहने वाली है। शुक्रवार देर शाम उन्हें रेसकोर्स स्थित एक होटल से बरामद कर लिया गया। इसके बाद युवतियों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। युवतियों ने केंद्र संचालक पर दुष्कर्म के आरोप लगाए। बताया कि इसी वजह से वे केंद्र से भागीं थीं।

इस मामले में राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पर नाराजगी जताई है। आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने एसएसपी देहरादून को को मामले की जल्द जांच करने के निर्देश दिए हैं। शहर के सामाजिक संगठनों में भी इस मामले को लेकर रोष है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नशा मुक्ति केंद्र में युवक के हत्यारोपित और दूसरे की जमीन बेचकर 33 लाख हड़पने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज

नवीन समाचार, नैनीताल, 14 जनवरी 2020। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने गत 2 नवंबर को हल्द्वानी के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक परवीन टम्टा की मौत के मामले में एक नामजद हत्यारोपित अर्जुन रावत पुत्र मोहन सिंह निवासी सालभरी विहार हल्द्वानी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने मामले में आरोपित की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि आरोपित नशा मुक्ति केंद्र का कर्मचारी है, और मामले में नामजद आरोपित है। मृतक के पिता की तहरीर तथा विवेचना के दौरान चश्मदीदों के द्वारा दिये गए बयानों के अनुसार अर्जुन, बॉबी, पीयूष, अभय, अभिषेक व निखिल ने परवीन को पीलर से बांधकर उसकी डंडों से पिटाई की थी, जिसकी वजह से परवीन की मौत हो गई थी। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में अदालत पहले ही अन्य हत्यारोपित अर्जुन रावत, बॉबी अंसारी पुत्र शमशाद हुसैन, पीयूष कौशिक व अभिषेक चंद्रा पुत्र सुभाष चंद्रा की जमानत अर्जी भी खारिज कर चुकी है। जबकि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव जोशी को निचली अदालत से ही जमानत मिल चुकी है।

यह भी पढ़ें : नशा मुक्ति केंद्र में हुई हत्या के एक नामजद आरोपित कर्मी की जमानत अर्जी खारिज..

नवीन समाचार, नैनीताल, 08 दिसम्बर 2020। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने गत 2 नवंबर को हल्द्वानी के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक परवीन टम्टा की मौत के मामले में एक नामजद हत्यारोपित पीयूष कौशिक पुत्र अनिल कुमार शर्मा निवासी भोगपुर मिथौनी मुरादाबाद की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने मामले में आरोपित पीयूष कौशिक की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि आरोपित नशा मुक्ति केंद्र का कर्मचारी है, और मामले में नामजद आरोपित है। मृतक के पिता की तहरीर तथा विवेचना के दौरान चश्मदीदों के द्वारा दिये गए बयानों के अनुसार अर्जुन, बॉबी, पीयूष, अभय, अभिषेक व निखिल ने परवीन को पीलर से बांधकर उसकी डंडों से पिटाई की थी, जिसकी वजह से परवीन की मौत हो गई थी। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में अदालत पहले ही अन्य हत्यारोपित अर्जुन रावत, बॉबी अंसारी पुत्र शमशाद हुसैन व अभिषेक चंद्रा पुत्र सुभाष चंद्रा की जमानत अर्जी भी खारिज कर चुकी है। जबकि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव जोशी को निचली अदालत से ही जमानत मिल चुकी है।

यह भी पढ़ें : नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक के हत्यारोपित को नहीं मिली जमानत

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 नवम्बर 2020। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार खुल्बे की अदालत ने गत 2 नवंबर को हल्द्वानी के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक परवीन टम्टा की मौत के मामले में एक हत्यारोपित अर्जुन रावत पुत्र मोहन सिंह निवासी सालभरी विहार की जमानत अर्जी खारिज कर दी। वहीं एक अन्य आरोपित बॉबी अंसारी पुत्र शमशाद हुसैन निवासी इंद्रा कॉलोनी काठगोदाम ने भी जमानत अर्जी लगाई थी, परंतु उसके अधिवक्ता के उपस्थित न होने के कारण जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पाई। गौरतलब है कि इस मामले में नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राजीव जोशी को पूर्व में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। पुलिस ने उनका साक्ष्य छिपाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 201 व 202 के तहत चालान किया था।
जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने मामले में आरोपित अर्जुन रावत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि मृतक के पिता की तहरीर तथा विवेचना के दौरान चश्मदीदों के द्वारा दिये गए के अनुसार अर्जुन, बॉबी, पीयूष, अभय, अभिषेक व निखिल ने परवीन को पीलर से बांधकर उसकी डंडों से पिटाई की। उनसे हत्या में प्रयुक्त डंडे भी बरामद हुए। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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