नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2025 (Kainchi Dham 61st Sthapana Diwas-Flood of Faith)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में रविवार को बाबा नीब करौरी महाराजजी द्वारा 1962 में स्थापित कैंची धाम का 63वां वार्षिक स्थापना दिवस मेला अत्यधिक श्रद्धा, उत्साह व भक्तिभाव के साथ मनाया गया। यहां सुबह पांच बजे से ही धाम के कपाट खुलने के साथ श्रद्धालुओं ने ‘राम भक्त हनुमान’ के भक्त बाबा नीब करौरी महाराज की सजीव सी लगने वाली आदमकद कंबल ओढ़े बैठी अवस्था वाली मूर्ति के दर्शन किये और बाबा के प्रिय मालपुवों का प्रसाद प्राप्त किया।
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इस दौरान धाम के दोनों ओर श्रद्धालुओं की लगभग 3 किलोमीटर लंबी कतारें नजर आयीं। अलबत्ता प्रशासन की ओर से मेले के समापन के बाद बताये गये आंकड़ों के अनुसार सवा लाख से अधिक श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे, जबकि नैनीताल के SSP के अनुसार 1.4 लाख से अधिक श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे। गौरतलब है कि प्रशासन पूर्व में 2 से 3 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जता रहा था। इस प्रकार श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से आधी ही रही।
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इस दौरान धाम के दोनों ओर श्रद्धालुओं की लगभग 3 किलोमीटर लंबी कतारें नजर आयी हैं। इस दौरान छाये कोहरे से आती फुहारें जैसे श्रद्धालुओं की थकान व परेशानियों को दूर करती हुई आस्था को बढ़ा रही थी और श्रद्धालु “बाबा नीब करौरी महाराज की जय” व जय हनुमान-जय श्री राम के उद्घोषों के साथ श्रद्धा पूर्वक बाबा के दर्शन कर रहे हैं।
देश भर से पहुंच़े श्रद्धालु
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेला आयोजन को लेकर सुबह से ही उत्तराखंड के साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, हरियाणा, गुजराज, महाराष्ट्र सहित विभिन्न नगरों व राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे। भीड़ को नियंत्रित व व्यवस्थित करने के लिए पुलिस बल व स्वयंसेवकों की मदद से भीमताल, भवाली, नैनीताल सहित विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के निजी वाहन रोककर वहां से शटल वाहनों द्वारा कैंची धाम में वन विभाग की पुरानी चुंगी तक भेजा गया। यहां से श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक जाने और लौटने में लगभग 5 किमी पैदल भी चलना पड़ा। इसके बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ।
शटल सेवा व सुरक्षा के कड़े प्रबंध, डीएम भी शटल सेवा से कैंची धाम पहुंचीं
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छह सौ शटल वाहन लगाए गए हैं। स्वयं जिलाधिकारी भी व्यवस्थाओं की जांच को शटल सेवा से कैंची धाम पहुंचीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने अपराह्न तीन बजे 80 हजार श्रद्धालुओं के बाबा के दर्शन करने की जानकारी दी। यह भी रहा कि सुबह की तेजी के बाद दिन में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई, जबकि स्थानीय श्रद्धालुओं के शाम को धाम में अधिक संख्या में पहुँचने की संभावना जताई जा रही है।
मेले में खोये-पाये लोगों को मिलाने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी। मेला स्थल के साथ ही भवाली से कैंची धाम के बीच कई संस्थाओं के द्वारा निःशुल्क पेयजल एवं अन्य शीतल पेय तथा भोजन-प्रसाद, खिचड़ी आदि की व्यवस्था भी की गयी थी। पुलिस कर्मी विकलांगों की मदद करते भी देखे गये।
श्रद्धा, सुरक्षा और व्यवस्था का संगम
पूरा मेला क्षेत्र पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा घेरे में रहा। मंदिर के गेट के पास बने कंट्रोल रूम से ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही थी। जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पैदल आ रहे श्रद्धालुओं को कतार में व्यवस्थित तरीके से मंदिर परिसर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था।
पुलिस-प्रशासन के कड़े प्रबंधों के कारण श्रद्धालुओं की संख्या रही अपेक्षा से कम
नैनीताल, एसएनबी। कैंची धाम के मेले में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों के सापेक्ष व विशेषकर इस वर्ष रविवार को मेला पड़ने के कारण अपेक्षित संख्या से कम रही। उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी ने ढाई से तीन लाख श्रद्धालुओं के मेले में पहुंचने की संभावना जतायी थी, जबकि जनपद के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने अपराह्न 3 बजे तक 80 हजार श्रद्धालुओं के ही कैंची धाम पहुंच पाने की जानकारी दी। श्रद्धालुओं के कम संख्या में पहुंचने और इस कारण भवाली-भीमताल के व्यवसायियों का व्यवसाय प्रभावित होने के प्रश्न पर आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये की गयी हैं। समस्याओं की कोई शिकायत नहीं मिली है।
एसएसपी के संदेश के बावजूद नहीं आने दिया गया दोपहिया वाहनों को, दिन में फिर करनी पड़ी नयी घोषणा
नैनीताल। श्रद्धालुओं के कम संख्या में पहुंचने का कारण पुलिस की पाबंदियों को और इस बारे में पिछले कई दिनों से बनाये जा रहे माहौल को माना जा रहा है। इन स्थितियों के बीच जनपद के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की ओर से एक दिन पूर्व संदेश दिया गया था कि स्थानीय लोग अपने पहचान पत्र दिखाकर दोपहिया वाहनों से कैंची धाम के लिये आवागमन कर सकेंगे। किंतु आज स्थानीय लोगों को दोपहिया वाहनों से सुबह से ही कैंची धाम नहीं जाने दिया गया।
अलबत्ता रविवार को दिन में लगभग एक बजे नैनीताल पुलिस की ओर से अपडेट किया गया कि नैनीताल से दोपहिया वाहनों से लोग सेनेटोरियम तक और हल्द्वानी से भीमताल पार्किंग तक आ सकते हैं। वहां से शटल सुविधा उपलब्ध होगी। भवाली से आगे किसी भी दोपहिया वाहन को कैंची धाम जाने की अनुमति नहीं होगी। उधर कैंची धाम में भवाली की ओर से आने वाली शटल टैक्सियों को वन विभाग की चौकी तक आने दिया गया। यहां से कुछ दूर अन्नपूर्णा ढाबा से श्रद्धालुओं की कतार मंदिर तक यानी लगभग 2 किमी तक लगी, और कभी से इससे अधिक बढ़ती नजर नहीं आयी। दूसरी ओर खैरना की ओर लगभग आधा किमी लंबी कतार दिखाई दी।
व्यवस्थाएं बेहतर, शौचालय की कमी खली
नैनीताल। कैंची धाम मंदिर के भीतर व्यवस्थाएं काफी बेहतर दिखीं। मंदिर के बाहर जूता स्टेंड से आगे और मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं की संख्या लाइनों से इतर आम दिनों से भी कम व सुव्यवस्थित नजर आयी। मंदिर में श्रद्धालुओं को बाबा नीब करौरी की मूर्ति सहित कहीं भी भेंट चढ़ाने या सिर झुकाने जितनी देरी के लिये भी रुकने नहीं दिया गया और मंदिर के दूसरी ओर से मालपुवों के दो पैकेट एवं एक पैकेट सब्जी के प्रसाद के साथ बाहर निकाला गया। मंदिर में पानी एवं सफाई के साथ लोगों के जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था भी बेहतर व निःशुल्क रही, अलबत्ता कई श्रद्धालु शौचालय की समस्या से परेशान दिखे।
भक्तिभाव से भरा नीब करौरी बाबा पर गाया गया नया भजन ‘चरणवंदनम’ हुआ लॉन्च (Kainchi Dham 61st Sthapana Diwas-Flood of Faith)
नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2025। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद निवासी गायक नरेंद्र कुमार द्वारा बाबा नीब करौरी महाराज को समर्पित नया भजन ‘चरणवंदनम’ रविवार को बाबा के 61वें स्थापना दिवस मेले के अवसर पर भक्तिभाव से लॉन्च किया गया। यह भजन बाबा के प्रति गायक की श्रद्धा व समर्पण का प्रतीक है, जिसे संगीत प्रेमियों व श्रद्धालुओं के बीच खूब सराहे जाने की उम्मीद है।
प्रत्येक वर्ष 15 जून को गाते हैं भजन
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गायक नरेंद्र कुमार पिछले कई वर्षों से हर 15 जून को बाबा नीब करौरी महाराज के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए विशेष भजन प्रस्तुत करते रहे हैं। वह अब तक बाबा पर आधारित आधा दर्जन से अधिक भजन गा चुके हैं। नरेंद्र कुमार कुमाऊंनी लोकगीतों के साथ ही हिंदी फिल्मी गीतों में भी अपनी विशेष पहचान बना चुके हैं।
हनुमान भक्त भी हैं नरेंद्र कुमार
नरेंद्र कुमार ने बताया कि वह बाबा नीब करौरी के साथ ही हनुमान जी के भी भक्त हैं। उनकी भक्ति व संगीत में निष्ठा के कारण उनके गीतों में गहरी भावनाएं झलकती हैं। कोविड लॉकडाउन के समय उनके जागरूकता से जुड़े गीतों को भी लोगों ने खूब पसंद किया था। उन्होंने कुमाऊंनी देवी-देवताओं पर भी कई भजन गाए हैं।
भजन को दिया संगीतकार शब्बीर अहमद ने संगीत
‘चरणवंदनम’ भजन को संगीत शब्बीर अहमद ने दिया है, जबकि रिकॉर्डिंग और संपादन नवल सक्सेना द्वारा किया गया है। गीत की प्रस्तुति में ज्योति सक्सेना का योगदान रहा। भजन की विशेषता इसकी गंभीरता व भावनात्मकता है, जो सीधे भक्तों के हृदय को छू जाती है। (Kainchi Dham 61st Sthapana Diwas-Flood of Faith)
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