बड़ा समाचार : बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के ग्रामों में खड़िया खनन कर रही 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनें सीज, रोक बढ़ते हुए 160 पट्टे धारकों को नोटिस…
नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जनवरी 2025 ((Kanda-High Court Order to Seize Mining Machines)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के ग्रामों में खड़िया खनन से उत्पन्न दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई करते हुए खड़िया खनन में लगी रोक को 1 माह तक बढ़ाने के साथ ही SSP को खनन स्थल पर मौजूद सभी मशीनों को तत्काल सीज कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और 160 खनन पट्टे धारकों को नोटिस जारी करते हुए उनसे जबाब दाखिल करने को कहा है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने अवैध खनन में लगी 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनें सीज कर दी हैं। यह भी पढ़ें :
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उच्च न्यायालय के आदेश का हुआ उल्लंघन
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गत 6 जनवरी को ने खड़िया खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद 7 जनवरी को सुबह 7 बजकर 46 मिनट पर खनन और परिवहन कार्य किया गया। यह उच्च न्यायालय के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने न्यायमित्र के माध्यम से उच्च न्यायालय को दी। सुनवाई के दौरान बागेश्वर के जिलाधिकारी, जिला खनन अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए।
ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीणों ने अपने प्रार्थनापत्र में बताया कि खनन के कारण उनकी जमीनों में दरारें आ गई हैं और जीवन यापन संकट में है। उनके अनुसार न तो जिलाधिकारी, न मुख्यमंत्री और न ही प्रशासन उनकी समस्याओं पर ध्यान दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जिनके पास आर्थिक साधन थे, वे हल्द्वानी पलायन कर गए, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग गांव में रहने को विवश हैं।
उन्होंने कहा, “खनन माफिया ने हमारी भूमि को खोद कर हल्द्वानी में बेच दिया। अब हमारे पास कोई सहारा नहीं है। हम अपनी आखिरी उम्मीद के साथ उच्च न्यायालय की शरण में आए हैं…. हमें विश्वास है कि उच्च न्यायालय हमारे साथ न्याय करेगा और हमारी भूमि को खनन माफिया से बचाएगा।”
खंडपीठ का सख्त रुख
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने खनन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के अपने आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। खंडपीठ ने यह भी कहा कि खनन पर रोक का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही न्यायालय ने जिलाधिकारी और खनन अधिकारी को स्पष्ट किया कि वे इस मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोई चूक न करें।
अधिकारियों को चेतावनी
खंडपीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करें। साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएं। खनन से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन कर प्रभावित ग्रामीणों को राहत प्रदान करने की योजना बनाई जाए।
न्यायालय की अगली सुनवाई ((Kanda-High Court Order to Seize Mining Machines)
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अधिकारियों को आवश्यक रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि आदेश की अवहेलना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी। ((Kanda-High Court Order to Seize Mining Machines)
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