‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2 करोड़ यानी 20 मिलियन बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिये यहां देखें और अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर।

 

यहां आपके विज्ञापन को कोई फाड़ेगा नहीं-बारिश से गलेगा भी नहीं, और दिखेगा ही : जी हां, हमें पता है कि आप अपने विज्ञापनों के पोस्टरों-होर्डिंगों के विरोधियों व प्रशासन के द्वारा फाड़े जाने और बारिश से गलने से परेशान हैं। तो यहां ‘नवीन समाचार’ पर लगाइये अपना विज्ञापन। यहां प्रतिदिन आपका विज्ञापन लगभग एक लाख बार लोगों को दिखाई देगा, और इस विश्वसनीय माध्यम पर आपको भी गंभीरता से लिया जाएगा । संपर्क करें: 8077566792 या 9412037779 पर।

October 11, 2024

अश्वत्थामा, कृपाचार्य व महाअवतार बाबा से मिलने व जीते जी 110 समाधियां लेने वाले पायलट बाबा को आज दी गयी अंतिम समाधि, जानिये उनके बारे में सब कुछ…

Pilot Baba

नवीन समाचार, हरिद्वार, 19 अगस्त 2024 (Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama, Pilot Baba, Ashwatthama , Kripacharya, Maha Avtar Baba, Mahabharat, 10 samadhis, Samadhi,) जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा ने 86 वर्ष की आयु में देह त्याग दिया है। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार गुरुवार को उन्हें हरिद्वार में उनके मानने वालों और अखाड़े के लोगों ने समाधि दी। पायलट बाबा की आध्यात्मिक शिक्षा और उनकी समाधि के रहस्यों पर आधारित विचारधारा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। आइये जानते हैं पायलट बाबा के बारे में सब कुछ…

(Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama, Pilot Baba, Ashwatthama , Kripacharya, Maha Avtar Baba, Mahabharat, 10 samadhis, Samadhi,)पायलट बाबा का असली नाम कपिल सिंह था। भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट थे और उन्होंने 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था। संन्यास लेने से पहले, वे विंग कमांडर के पद पर कार्यरत थे, जिसके बाद उन्हें पायलट बाबा के नाम से जाना जाने लगा।

पायलट बाबा का जन्म बिहार के सासाराम में हुआ था। उन्होंने बीएचयू से एमएससी की पढ़ाई की थी। 1957 में उन्हें फाइटर पायलट के रूप में वायुसेना में कमीशन मिला। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 के पाकिस्तान के साथ युद्ध में हिस्सा लिया। वायुसेना में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें शौर्य चक्र, वीर चक्र, और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया।

ऐसे हुआ जीवन परिवर्तित

1996 में एक इंटरव्यू के दौरान पायलट बाबा ने अपनी जीवन यात्रा के एक महत्वपूर्ण मोड़ का किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार जब वे उत्तर पूर्वी राज्यों में मिग एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान भर रहे थे, तो उनके फाइटर प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई और विमान उनके नियंत्रण से बाहर हो गया। उस समय उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु हरि बाबा का स्मरण किया और महसूस किया कि उनके गुरु कॉकपिट में उनके साथ उपस्थित थे और उन्हें सुरक्षित लैंडिंग के लिए मार्गदर्शन कर रहे थे। इस चमत्कारी घटना के बाद, उन्हें वैराग्य प्राप्त हुआ और उन्होंने 33 वर्ष की आयु में वायुसेना से सेवानिवृत्ति लेकर संन्यास ग्रहण कर लिया।

अश्वत्थामा, कृपाचार्य व महाअवतार बाबा से मिलने का दावा

संन्यास ग्रहण करने के बाद, पायलट बाबा ने 16 वर्षों तक हिमालय में तपस्या की। अपनी किताबों “Unveils Mystery of Himalaya (Part 1)” और “Discover Secret of the Himalaya (Part 2)” में उन्होंने अपने आध्यात्मिक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने महाभारत कालीन अश्वत्थामा से भेंट की थी, जिन्हें भगवान कृष्ण द्वारा कलियुग के अंत तक अमर होने का श्राप मिला था। इस प्रकार, अश्वत्थामा को चिरंजीवी माना जाता है।

इसी तरह पायलट बाबा ने महावतार बाबाजी और एक अन्य चिरंजीवी कृपाचार्य से मिलने का भी दावा किया था। अपनी किताबों में उन्होंने समाधि के रहस्यों और उसके विज्ञान के बारे में विस्तार से बताया।

110 बार समाधि लेने का दावा (Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama, Maha Avtar )

पायलट बाबा का दावा था कि उन्होंने अपने जीवनकाल में 110 बार समाधि ली। पायलट बाबा ने बताया था कि उन्होंने 1976 में पहली बार समाधि ली थी। आगे कई बार ऐसा भी हुआ कि लोगों ने सोचा कि वे समाधि के बाद वापस नहीं लौटेंगे, लेकिन वे हर बार लौट आए। इस अद्वितीय अनुभव के कारण पायलट बाबा के अनुयायियों के बीच उनका गहरा आकर्षण बना रहा।

उन्होंन कहा था कि समाधि की अवस्था को प्राप्त करने के लिए शरीर में संतुलन और धैर्य का होना आवश्यक है। समाधि की अवस्था को वे मृत्यु से परे जाने वाली अवस्था मानते थे, जिसमें व्यक्ति बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग होकर अपने भीतर की ओर ध्यान केंद्रित करता है। (Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama)

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।  (Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama, Pilot Baba, Ashwatthama , Kripacharya, Maha Avtar Baba, Mahabharat, 10 samadhis, Samadhi,)

(Know all about Pilot Baba who met Ashwatthama, Pilot Baba, Ashwatthama , Kripacharya, Maha Avtar Baba, Mahabharat, 10 samadhis, Samadhi,)

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page