भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पालिका ने निरस्त की लेक ब्रिज चुंगी की निविदा
नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2023। भारतीय जनता पार्टी के हस्तक्षेप के बाद नैनीताल नगर पालिका को लेक ब्रिज चुंगी की निविदा प्रक्रिया को निरस्त करना पड़ गया है। पार्टी नेता अरविंद पडियार ने पहले चुंगी के संबंध में नगर पालिका से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली थी और इस प्रक्रिया में अनियमिता का आरोप लगाते हुए गुरुवार को पार्टी के एक शिष्टमंडल के साथ जिलाधिकारी धीरज गर्ब्याल से मुलाकात कर नगर पालिका नैनीताल की अनियमितताओं को लेकर ज्ञापन सौंपा था। इस पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी राहुल शाह को निविदा की शर्तों को निरीक्षण करने के लिए नगर पालिका कार्यालय भेजा। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में पहली बार पैदा हुईं आपस में जुड़ी दो बच्चियां, मां-बाप बेहद गरीब…
इसके बाद नगर पालिका की ओर से निविदा को निरस्त कर दिया गया। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने बताया कि चुंगी हेतु तीन निविदाएं प्राप्त हुई थीं, इनमें से केवल एक निविदा ही वैध थी। इस कारण निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। अब फिर से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। भाजपा के शिष्टमंडल में श्री पडियार के साथ नगर अध्यक्ष आनंद बिष्ट, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गोपाल रावत, दया किशन पोखरिया, उमेश भट्ट व उमेश गढ़िया आदि पार्टीजन शामिल रहे। यह भी पढ़ें : नैनीताल : प्राधिकरण ने शुरू की बहुचर्चित पांच मंजिला भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई….
एक अप्रैल से दोगुना हो जाएगी चुंगी की दर
नैनीताल। नैनीताल नगर पालिका ने आगामी 1 अप्रैल यानी नये वित्तीय वर्ष से लेक ब्रिज चुंगी की दरें समान एवं 100 रुपए करने का प्रस्ताव पारित किया है। इससे पहले चुंगी की दर अधिकांश समय में 50 रुपए थी। इस प्रकार अब बाहरी लोगों को अपने चार पहिया वाहन से आने पर दोगुना शुल्क देना होगा। इसके अलावा नगर वासियों को भी अब वाहन पास के लिए 500 की जगह 800 रुपये चुकाने होंगे। चुंगी शुल्क दोगुना होने से पालिका को चुंगी से मौजूदा करीब डेढ़ करोड़ रुपए की जगह दोगुनी यानी करीब 3 करोड़ रुपए की आय होनी है। इससे पालिका की आर्थिक स्थिति काफी सुधरने की उम्मीद है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
क्या है लेक ब्रिज चुंगी
नैनीताल। नैनीताल नगर में वाहनों का आवागमन 1915 में शुरू हुआ। इसके बाद 1848 में नैनीझील के किनारे बनी नगर की प्रसिद्ध माल रोड पर भी वाहन चलने लगे। इससे पहले मॉल रोड पर बैलगाड़ियां और घोड़े चलते थे। माल रोड की झील के किनारे होने की वजह से कमजोरी को देखते हुए इस पर वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किये जाने के उद्देश्य से लेक ब्रिज चुंगी लिये जाने का प्राविधान 1938 में किया गया था। इसके अलावा यूपी के दौर में सभी नगरपालिकाओं के द्वारा अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से नगर में आने वाले वाहनों से चुंगी लिये जाने का प्राविधान भी था। यह भी पढ़ें : घर में महिला व तीन बच्चों के शव मिलने से सनसनी, पति गायब…
इस प्राविधान के तहत नगर में भवाली रोड से आगमन पर कैलाखान, हल्द्वानी रोड से आने पर बल्दियाखान, ताकुला व जीआईसी के पास तथा कालाढुंगी रोड की ओर से आने पर सरिताताल (तत्कालीन सड़ियाताल) के पास वाहनों में आने वाली सवारियों से चुंगी लिये जाने का प्राविधान था। लेकिन इसे 1980 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में बंद कर दी गयी थी। लेकिन तल्लीताल में माल रोड में वर्तमान दर्शन घर पार्क और बाद में फांसी गधेरा रॉक हाउस व बारापत्थर में लेक ब्रिज के नाम पर सवारियों की जगह वाहनों से चुंगी वसूली जाती रही। यह भी पढ़ें : नैनीताल में आवारा कुत्ते नगर पालिका को घर पर आकर दे रहे हैं चुनौती…
अलबत्ता नगर पालिका के उपनियमों में रॉक हाउस व बारापत्थर से लेक ब्रिज चुंगी लिये जाने का प्राविधान नहीं था, इसलिए उच्च न्यायालय के आदेशों पर विगत वर्ष इन दोनों स्थानों से चुंगी की वसूली बंद करवा दी गयी। इसके बाद नगर पालिका एक बार फिर अपनी आय बढ़ाने के लिए इन स्थानों से चुंगी लेने के प्राविधान अपने उपनियमों में करने जा रही है। इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करने की कड़ी में आज पालिका बोर्ड ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी मार्च के दूसरे पखवाड़े में आज अचानक बर्फ सी सफेद चादर में लिपटी…
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कहते हैं कि धन की कमी से नैनीताल आने के लिए रोप वे की योजना भी परवान न चढ़ सकी तब आंखिरी विकल्प के रूप में सड़क बनायी गयी। 14 फरवरी 1917 को नगर पालिका ने पहली बार नगर में वाहनों के परिचालन के लिए उपनियम (बाई-लाज) जारी कर दिए गए, जिनके अनुसार देश व राज्य के विशिष्ट जनों के अलावा किसी को भी माल रोड पर बिना पालिका अध्यक्ष की अनुमति के पशुओं या मोटर से खींचे जाने वाले भवन नहीं चलाये जा सकते थे। यह भी पढ़ें : संदिग्ध परिस्थितियों में महिला नैनी झील में गिरी, युवकों ने बचाया
माल रोड पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के लिए जीप-कार को 10 व बसों-ट्रकों को 20 रुपये चुंगी पड़ती थी, 1 अप्रेल से 15 नवम्बर तक सीजन होता था, जिस दौरान शाम 4 से 9 बजे तक चुंगी दोगुनी हो जाती थी। नियमों के उल्लंघन पर तब 500 रुपये के दंड का प्राविधान था। नियम तोड़ने की किसी को इजातात न थी, और पालिका अध्यक्षों का बड़ा प्रभाव होता था । बताते हैं कि एक बार गवर्नर के वाहन में लेडी गवर्नर बिना इजाजत के (टैक्स दिए बिना) मॉल रोड से गुजर गईं, इस पर तत्कालीन पालिकाध्यक्ष जसौत सिंह बिष्ट ने लेडी गवर्नर का 10 रुपये का चालान कर दिया था। यह भी पढ़ें : जहां क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ हुई थी दुर्घटना, वहीं एक कार हवा में उड़कर पलटी, देखें वीडियो सहित…
1925 में प्रकाशित नगर के डिस्ट्रिक्ट गजट आफ आगरा एंड अवध के अनुसार तब तक तल्लीताल डांठ पर 88 गाड़ियों की नैनीताल मोटर ट्रांसपोर्ट कंपनी स्थापित हो गयी थी, जिसकी लारियों में काठगोदाम से ब्रवेरी का किराया 1.8 व नैनीताल का 3 रूपया था। किराए की टैक्सियाँ भी चलने लगीं थीं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
1.73 करोड़ में गया पार्किंग व 1.8 करोड़ में लेक ब्रिज चुंगी का ठेका
नैनीताल। नगर पालिका की आय के बड़े स्रोत डीएसए मैदान की कार पार्किग व माल रोड की लेक ब्रिज चुंगी के वित्तीय वर्ष 2018-19 के ठेके तय हो गए हैं। लेक ब्रिज का ठेका बीते वर्ष भी यह चुंगी चला रहे एमपी इंटरप्राइजेज-ममता भट्ट को 1,80,11,111 रुपए में गया, जबकि बीते वर्ष यह 1.65 लाख में गया था। वहीं पार्किंग का ठेका दीवान सिंह फर्त्याल को 1,73,51,000 रुपए में गया है, जबकि बीते वर्ष यह 1.62 लाख में गया था। इस प्रकार नगर पालिका की आय में 8 से 10 फीसद की बढ़ोत्तरी हो गई है।
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रो. अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर पालिका नैनीताल के दो स्थानों पर नये सिरे से लेक ब्रिज चुंगी शुरू करने पर मंगलवार (20 मार्च 2018) को रोक लगा दी है। वहीं नगर के मल्लीताल बाजार सहित अन्य अतिक्रमण के मामले में ढिलाई को लेकर प्रशासन को फटकार लगाई है। इस दौरान याची के अधिवक्ता ने नगर में अवैध निर्माण का मामला रखा। इसमें प्राधिकरण के कर्मचारियों की मिलीभगत की शिकायत की। कहा कि सूखाताल और अन्य स्थानों पर खुलेआम अवैध निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता से सूखाताल सहित नगर में अवैध निर्माण की सूची भी तलब की।
मंगलवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।मालूम हो कि हाईकोर्ट ने 25 सितंबर 2014 को सुनवाई के बाद नगर पालिका की बारापत्थर यानी कालाढूंगी मार्ग और कलेक्ट्रेट रोड फांसी गधेरा पर चुंगी को बंद करने के आदेश दिए थे। इधर पालिका ने इस बार फिर से इस बाबत गज़ट नोटिफिकेशन जारी कर इन चुंगियों को स्थापित करने के लिए बाकायदा टेंडर भी आमंत्रित कर दिए थे। इसकी जानकारी मिलने पर अदालत ने इस प्रक्रिया पर फिर से रोक लगा दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर सीडी बहुगुणा ने मल्लीताल बड़ा बाजार में कई स्थानों पर अतिक्रमण का मामला रखा। उन्होंने कहा कि यहां दुकानों के बाहर सामान बाहर फैला रहता है। इससे आम जनता को आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ती है। साथ ही जाम की समस्या भी बनती है। अदालत ने सुनवाई के दौरान मौजूद डीएम नैनीताल दीपेंद्र चौधरी से अतिक्रमण को लेकर नाराजगी जताई। कहा कि पहले दिए निर्देशों के पालन में धीमी गति से कार्रवाई की जा रही है, जो कि उचित नहीं है। कोर्ट ने नगर के सड़कों पर बिछाई जा रही केबल के बारे में भी नाराजगी जताई। कहा कि 31 मार्च तक इस कार्य को पूरा करवा लिया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि नगर की सड़कों में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक केबल बिछाने का कार्य नहीं होगा। इस समय बच्चे स्कूल और कर्मचारी ऑफिस जाते हैं और आम लोगों को असुविधा होती है। मामले की अगली सुनवाई दो अप्रैल तय की है।
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- नगर के फांसी गधेरा तल्लीताल (रॉक हाउस के समीप) तथा कालाढुंगी मोटर मार्ग पर सरिताताल के पास से वसूली जाएगी लेकब्रिज चुंगी
- अगले वित्तीय वर्ष के लिए करीब दो करोड़ लाभ के बजट को अनुमोदन
नैनीताल, 5 मार्च 2018। नैनीताल नगर में अब तक केवल माल रोड से ही गुजरने पर चुंगी के रूप में 50 से 100 रुपए तक शुल्क देना पड़ता है, जबकि फांसी गधेरा की ओर से जिला कलक्ट्रेट-राजभवन की ओर निकलने वाले तथा कालाढुंगी की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय की ओर आने वाले लोगों को नगर में आने पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब कोई नगर में कहीं से भी प्रवेश करे, उसे शुल्क देना ही होगा। अलबत्ता, स्थानीय वाहनों के लिए एकमुस्त निर्धारित शुल्क चुकाकर पास की व्यवस्था बनी रह सकती है।
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सोमवार 5 मार्च 2018 को नगर पालिका बोर्ड की आकस्मिक-विशेष तौर पर बुलाई गई कमोबेश अंतिम दूसरी बैठक में इस बाबत प्रस्ताव पारित कर दिया गया। प्रस्ताव के अनुसार नगर के फांसी गधेरा तल्लीताल (रॉक हाउस के समीप) तथा कालाढुंगी मोटर मार्ग पर सरिताताल के पास लेकब्रिज प्रवेश शुल्क वसूली की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा एकमात्र अन्य प्रस्ताव के अनुसार बोर्ड ने आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 जो कि वास्तव में नयी आने वाली पालिका बोर्ड के कार्यकाल के अधीन होगा, 8.2 करोड़ के प्रारंभिक वास्तविक अवशेष, वर्ष 2017-18 में 35.76 करोड़ की अनुमानित आय व करीब 33.61 करोड़ के अनुमानित व्यय के साथ करीब 10.36 करोड़ के अनुमानित अवशेष यानी करीब 2.16 करोड़ के लाभ के बजट को भी अनुमोदित कर दिया।