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March 19, 2024

Land matters : हल्द्वानी में 100-500 रुपये में बाहरी लोगों को बेची गयी सरकारी भूमि, हाईन्यायालय में पेश किये गये सबूत, न्यायालय ने सरकार से 10 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट…

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Land matters

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 दिसंबर 2023 (Land matters)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने हल्द्वानी में 100-500 रुपये के स्टांप पेपरों पर सरकारी संपत्ति (Land matters) बेचने के मामले में सरकार और रेलवे, वन और राजस्व आदि संबंधित विभागों से 10 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।

Land matters Herald: Land fraud case: Margao court grants anticipatory bail to 2  accused, denies 1इस संबंध में आज याचिकाकर्ता ने न्यायालय में 100-500 रुपये में सरकारी जमीन बेचने (Land matters) के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने के निर्देश भी दिये हैं।

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में रेलवे की तथा गौलापार व गौजाजाली स्थित वन और राजस्व विभागों की भूमि (Land matters) को भू-माफियाओं के द्वारा 100 और 500 रुपए के स्टांप पर ऐसे लोगों को बेच दिया गया है, जो उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं। यह लोग रोजगार के लिए यहां आए थे। लेकिन उन्होंने कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटरों से मतदाता पहचान पत्र भी बना लिये हैं।

साथ ही राज्य सरकार के द्वारा वोट बैंक के चक्कर में उनके लिये बिजली, पानी, विद्यालय व चिकित्सालय आदि हेतु सरकारी धन का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। इसका भार राज्यवासियों पर पड़ रहा है, साथ ही इस वजह से स्थायी लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता द्वारा इसकी शिकायत प्रशासन व मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो भू-माफियाओं के द्वारा याचिकाकर्ता को जान-माल की धमकी भी दी गई।

जनहित याचिका में न्यायालय से इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से करने, जमीनें (Land matters) खरीदने वालों के सभी दस्तावेजों की जांच करने और याचिकाकर्ता को सुरक्षा दिलाए जाने की मांग भी की है। इस पर न्यायालय ने मौखिक तौर पर संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि उन्हें किसी तरह का खतरा उत्पन्न न हो। क्योंकि वे यह कार्य जनहित के लिए कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में न्यायालय ने याचिकाकर्ता से इस संबंध में भूमि बेचे जाने के सबूत पेश करने को कहा था, जिसे आज उनके द्वारा पेश किया गया।

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यह भी पढ़ें : Land matters : 100 करोड़ का घोटाला कर भगवा ओढ़ बना साधु, पर गिरफ्तारी तय…

नवीन समाचार, हरिद्वार, 29 अक्तूबर 2023 (Land matters)जमीन बेचने के नाम पर हुए कई 100 करोड़ के घोटाले की पुलिस तफ्तीश में प्रॉपर्टी डीलर से संत बने एक आरोपित का नाम सामने आया है और आरोपित का जेल जाना तय माना जा रहा है, उसकी गिरफ्तारी के लिए ठोस साक्ष्य एकत्र कर चुकी एसआईटी कभी भी उसकी गिरफ्तारी कर सकती है।

आरोपी प्रॉपर्टी डीलर सत्तारुढ़ दल के नेताओं का संरक्षण पाकर एसआईटी पर दबाव बनाने में भी जुटा है। हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र में ऑक्टोगन बिल्डर के भूमि घोटाले की परत रोजाना खुलकर सामने आ रही है। पिछले दिनों बहादराबाद पुलिस ने बिल्डर कुलदीप नंदराजोग, उसकी सहयोगी युवती को गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

उस समय आरोपित के खिलाफ बहादराबाद थाने में 40 से अधिक मुकदमें दर्ज होने की बात सामने आई थी। अभी गैंगस्टर एक्ट में बिल्डर के पिता सहित कई आरोपित फरार चल रहे है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी थी।

एसआईटी की जांच में बिल्डर से जुड़े एक अन्य प्रॉपर्टी डीलर का नाम भी सामने आया है, जिसने ही पीड़ितों से इकरारनामे किया थे। फर्जीवाड़े में शामिल आरोपित प्रॉपर्टी डीलर ने भगवा वस्त्र धारण करते हुए अपनी पहचान भी बदल ली है। पहचान बदलने के पीछे उसका मकसद फर्जीवाड़े से खुद को बाहर निकालना है, इसके लिए वह रसूखदार संतों से लेकर नेताओं की शरण में भी है। पर, पुलिस महकमा उसे बख्शने के मूड में नहीं है।

एसआईटी सूत्रों की मानें तो जल्द ही आरोपित संत की गिरफ्तारी हो सकती है, उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य एकत्र हो चुके है। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि संत की भूमिका को लेकर पड़ताल में साक्ष्य मिले हैं, जल्द ही एसआईटी उस पर कार्रवाई करेगी।

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यह भी पढ़ें : Land matters : हल्द्वानी में रेलवे, राजस्व व वन विभाग की भूमि 100-500 म्पये के स्टांप पेपरों पर राज्य से बाहरी लोगों को बचने पर हाईकोर्ट में याचिका, देने होंगे सबूत

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 सितंबर 2023 (Land matters)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हल्द्वानी में भू-माफियाओं के द्वारा भारतीय रेल, राजस्व व वन विभाग की भूमि को राज्य के बाहरी लोगों को बेचे जाने के मामले पर सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता से इस मामले में सबूत के साथ शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में भारतीय रेल तथा गौलापार व गौजाजाली में वन व राजस्व विभागों की भूमि को भू-माफियाओं द्वारा 100 और 500 रुपए के स्टांप पर राज्य से बाहर के, गैर उत्तराखंड के स्थायी निवासियों को बेच दिया गया है। ये लोग रोजगार के लिए यहां आए थे।

लेकिन कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटर से इनके मतदाता पहचान पत्र भी बन गये हैं। जब इसकी शिकायत प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी तक भू-माफियाओं के द्वारा दी गई।

जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि ये लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं हैं। राज्य सरकार के द्वारा वोट बैंक के चक्कर में इनके लिए बिजली, पानी, स्कूल व हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है। इसका भार स्थायी लोगों पर पड़ रहा है। इस वजह से स्थायी लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाए। इनके सभी दस्तावेजों की जांच की जाए।

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यह भी पढ़ें : Land matters : यूपी के कुख्यात बिल्डरों ने उत्तराखंड में भी फर्जी दस्तावेजों से जमीनें हड़पने का खेल किया शुरू… आधे दर्जन से अधिक मुकदमे हैं दर्ज, अरबों की जमीनें की जा चुकी हैं जब्त…

नवीन समाचार, रुद्रपुर, 30 अगस्त 2023 (Land matters)। जमीन कब्जाने के लिए कुख्यात बरेली के एक बिल्डर ने उत्तराखंड में भी पैर पसार दिए हैं। पूर्व में बरेली में नहर की जमीन कब्जा कर ग्रीन पार्क कॉलोनी विकसित करने को लेकर चर्चा में आए बिल्डर चरनजीत सिंह सोबती और उनके साथियों के खिलाफ उत्तराखंड के रुद्रपुर में जमीन कब्जाने की कोशिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके बाद रुद्रपुर पुलिस आरोपितों की तलाश के लिए बरेली में जुटी हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती 26 अगस्त को नई काशीपुर निवासी रितेश डाबर ने जनपद के एसएसपी से मिलकर बरेली की सोबती बिल्डर्स फर्म के निदेशक चरनपाल सिंह, सुरजीत सिंह, सुरजीत की पत्नी सुरजीत कौर तथा मनप्रीत सिंह के खिलाफ रुद्रपुर थाने में प्राथमिकी दी। आरोप लगाया कि इनके द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन की धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

रितेश डाबर ने आरोप लगाया कि गांव कोलड़ा में गदरपुर निवासी ज्योति ग्रोवर से उन्होंने एक भूखंड खरीदा था, इसमें वह तारबाड़ करा रहे थे। तभी बरेली निवासी सुरजीत सिंह, ग्रीन पार्क बरेली निवासी दिव्य जोत सिंह व राजीव पहुंचे। इन्होंने जमीन को अपना बताकर काम रुकवा दिया।

इस पर उन्होंने जिला विकास प्राधिकरण ऊधमसिंह नगर के कार्यालय से जमीन की जानकारी कराई तो पता चला कि भूखंड का वर्ष 2007 में बरेली के ग्रीन पार्क निवासी चरन पाल सिंह सोबती व उसके साथियों ने एचसीएल सोबती बिल्डवेल जेवी के नाम से कॉलोनी विकसित करने के लिए नक्शा पास कराया गया था। वर्ष 2015 में आरोपितों ने दोबारा गांव कोलडा, तहसील रुद्रपुर से नक्शा पास करा लिया। साथ ही उनका भूखंड भी अपना बता इसमें शामिल कर लिया।

फर्जीवाड़े के इस मामले में रुद्रपुर थाना पुलिस की टीम ने दरोगा विकास कुमार के साथ बरेली में बारादरी पुलिस के साथ दबिश दी लेकिन आरोपित नहीं मिले। बताया जा रहा है कि आरोपित बिल्डर पक्ष गिरफ्तारी पर स्टे लेने की कोशिश में जुटा है।

आरोपितों पर डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे
बताया गया है कि भूमाफिया एलायंस बिल्डर के निदेशक रमनदीप सिंह, अमनदीप सिंह व अन्य आरोपियों पर डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनकी डेढ़ अरब की संपत्ति जब्त कर ली गई है। इसके बाद भी वह पुलिस व कानून के शिकंजे में नहीं आ रहे हैं। उनके खिलाफ यह भी जांच चल रही है कि उनके नाम कहीं और तो संपत्ति नहीं बची है।

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यह भी पढ़ें : महत्वपूर्ण समाचार Land matters : प्लॉटों-फ्लैटों की खरीद-फरोख्त पर जिला विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट की स्थिति, कार्यशाला आहूत कर सबको किया आमंत्रित

-भू-स्वामियों, भू-विकासकर्ताओं एवं खरीदारों के लिए प्राधिकरण की ओर से जारी हुए जरूरी दिशा-निर्देश
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अगस्त 2023 (Land matters)।
जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय ने जनपद में भू-स्वामियों, भू-विकासकर्ताओं एवं खरीदारों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इस संबंध में स्थितियों को और स्पष्ट करने के लिए आगामी 25 अगस्त को अपराह्न तीन बजे से हल्द्वानी के नगर निगम सभागार में एक कार्यशाला आहूत की गई है। सभी संबंधितों को इस बैठक में प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय की ओर से आमंत्रित किया गया है।
Avaidh Nirman, Land matters,

प्राधिकरण के सचिव श्री उपाध्याय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2016 में भारत सरकार द्वारा भू-स्वामियों, भू-विकासकर्ताओं एवं खरीदारों के हितों के संरक्षण हेतु रियल स्टेट एक्ट-2016 को लागू किया गया। इस अधिनियम की धारा-3 (2) (ए) के अंतर्गत 500 वर्गमीटर से अधिक के भू-विकास परियोजना एवं 8 यूनिट के अधिक फ्लैटों के अपार्टमैंट की परियोजना का रेरा में पंजीकरण अनिवार्य है।

इसी कड़ी में जनपद नैनीताल में जिला विकास प्राधिकरण के क्षेत्रान्तर्गत भू-विन्यास, अपार्टमैंट निर्माण, मल्टी हाउसिंग निर्माण, ले-आउट निर्माण, निजी आवासीय व व्यवसायिक भवनों के निर्माण आदि से पूर्व जिला विकास प्राधिकरण से उत्तराखण्ड भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अन्तर्गत मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना स्वीकृत मानचित्र के ऐसी परियोजनाओं का निर्माण एवं विक्रय करना अवैध है।

अवैध प्लाटिंग व ले-आउट के निर्माण व ऐसे निर्माणों के विक्रय से अनियोजित विकास एवं अवैध निर्माण की गतिविधि हो रही है। इसलिए क्रेताओं के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहे हैं और लैंड फ्रॉड के प्रकरणों में वृद्धि हो रही है। साथ ही नए आवासीय क्षेत्रों में सड़क, जल निकासी, विद्युत, पेयजल की गम्भीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि भूमि को कृषि के प्रयोजन हेतु क्रय-विक्रय करने पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है जबकि एक बड़े भूखण्ड को सड़क आदि का निर्माण कर छोटे-छोटे भूखंड बना कर रेरा का उल्लंघन न करने का शपथ पत्र देकर भूमि का क्रय-विक्रय करना अवैधानिक कृत्य है।

इससे अनियोजित विकास के साथ-साथ राज्य सरकार को वित्तीय हानि होती है तथा क्रेताओं के हित नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। इसलिए क्रेताओं से अपील है कि प्लाट अथवा फ्लैट खरीदने से पूर्व प्लाटिंग, ग्रुप हाउसिंग या मल्टीपल हाउसिंगके मानचित्र की स्वीकृति का परीक्षण अवश्य कर लें और उसका उल्लेख विक्रय पत्र में अवश्य करायें।

ऐसा करने से क्रेता के हित सुरक्षित होंगे तथा विवाद की स्थितियां समाप्त होंगी। रेरा सम्बन्धी प्राविधानों एवं विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित नियमों के सम्बन्ध में किसी प्रकार का संशय होने पर स्थिति स्पष्ट करने हेतु अथवा जानकारी प्राप्त करने हेतु जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल के सक्षम प्राधिकारियों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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यह भी पढ़ें Land matters : सुबह का रोचक एवं बड़ा समाचार: नैनीताल की मॉल रोड पर खड़े हर व्यक्ति के कदमों के नीचे हैं एक लाख रुपए, जानें आपके कदमों के नीचे हैं कितने रुपए ?

-राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सर्किल रेट बढ़ाए जाने के बाद नैनीताल की मॉल रोड की जमीनों की सरकारी दर उत्तराखंड में सबसे महंगी-एक लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर
Mall Roadनवीन समाचार, नैनीताल, 16 फरवरी 2023 (Land matters)। एक व्यक्ति को किसी स्थान पर खड़े होने के लिए करीब 1 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप नैनीताल की मॉल रोड पर खड़े होने भर के लिए 1 वर्ग मीटर जमीन खरीदना चाहते हैं तो पहले तो आपको यह उपलब्ध नहीं होगी।

और यदि हो भी जाए तो उसका सर्किल रेट यानी सरकारी मूल्य 1 लाख रुपए होगा। यानी एक लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से आपको सरकार को जमीन की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी। यह अलग बात है कि असली दर तो इससे भी अधिक होनी तय ही है। इसके साथ नैनीताल के लोग गर्व से कह सकेंगे कि वह राज्य की सबसे महंगी जमीन पर रहते हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में 17-20 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस पर तीन दिन तक मामला दबाने का आरोप….

बुधवार को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए 52 निर्णयों में एक निर्णय यह भी है कि राज्य की जमीनों के सर्किल रेट बढ़ा दिए गए हैं। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार राज्य के पांच फीसद क्षेत्रों में सर्किल रेट 200 फीसद बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सर्किल रेट अब नैनीताल की अपर मॉल रोड के एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किए गए हैं। वहीं, देहरादून के घंटाघर से आरटीओ तक 63,000, आरटीओ से मसूरी डायवर्जन तक 55,000 व आईटी पार्क में 35000, मसूरी की माल रोड पर 28 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर मूल्य तय किया गया है। यह भी पढ़ें : 7 साल की बच्ची को खेत में ले गया युवक, लेकिन…

डॉ. इकबाल ने बताया, अल्मोड़ा की माल रोड पर सर्किल रेट 6500 रुपये प्रति वर्ग मीटर से 12,000 रुपये किया गया है। इसके अलावा किच्छा में सर्किल रेट 6000 से बढ़ाकर 14,000, हरिद्वार में बहादराबाद 14,500 से बढ़ाकर 35,000 हरिद्वार में चंडीपुल से श्यामपुर 15,000 से बढ़ाकर 35,000 हल्द्वानी में बरेली रोड पर 36,000 से बढ़ाकर 50,000, नैनीताल जनपद के सतखोली में 4000 से बढ़ाकर 8000,

अल्मोड़ा में पिथौरागढ़ मार्ग पर 6000 से बढ़ाकर 10000, डोईवाला में 5000 से बढ़ाकर 8500, काशीपुर के एरोमा पार्क में 3800 से बढ़ाकर 7000, गौलापार हल्द्वानी में 13,500 से बढ़ाकर 17000 व श्रीनगर के चौरास मार्ग पर 8000 से बढ़ाकर 9200 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिए गए हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल के आज के चुनिन्दा ‘नवीन समाचार’ एक साथ…

राज्य कर आयुक्त डॉ. अहमद इकबाल ने बताया कि नए सर्किल रेट के लिए दो चरणों में प्रक्रिया अपनाई गई। पहले इस पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने और फिर शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया गया। सरकार ने ऐसे स्थानों पर सर्किल रेट बढ़ाने की पूरी कोशिश की, जहां नए हाईवे बन रहे हैं या प्रस्तावित है ताकि इससे स्थानीय काश्तकारों को मुआवजे के रूप में लाभ मिल सके। 

सर्किल रेट के निर्धारण में जीआईएस सॉफ्टवेयर के साथ ही पिछली रजिस्ट्रियों का परीक्षण और 30 से ज्यादा ई-कॉमर्स साइटों को भी खंगाला गया। अभी राज्य सरकार को स्टांप ड्यूटी से 1700 करोड़ मिलने का लक्ष्य है, जबकि नई दरों के बाद इसमें 700 करोड़ से ज्यादा वृद्धि की संभावना है। यह भी पढ़ें : केएमवीएन के टीआरएच की भी हो रही फर्जी बुकिंग, पुलिस नहीं सुन रही तो जीएम को लगानी पड़ रही एसएसपी से गुहार…

उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि देहरादून के गुनियाल गांव में सरकारी दर 12,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, लेकिन वहां पर कई रजिस्ट्रियां 38,260 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भी हुई हैं। अब सरकार ने वहां का सर्किट रेट 27,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया है।

वहीं विकासनगर के पृथ्वीपुर जंगल, पपडियान के साथ ही पांच-छह गांव और सल्ट के 23 गांवों में मौजूदा सर्किल रेट से कम का निर्धारण किया गया। ये अधिकतर गांव राजस्व ग्राम है। इस वजह से यहां जमीनों के रेट नहीं बढ़ रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें Land matters : भूमाफिया दबंग पर बेटी की पिटाई का आरोप, डोली पर पहुंचाना पड़ा अस्पताल

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 नवंबर 2022। नैनीताल में भूमाफियाओं की दादागिरी का एक मामला प्रकाश में आया है। जनपद के हरतोला गांव से एक बेहद वीडियो सामने आया है। वीडियो में एक व्यक्ति की आवाज एवं एक घायल लड़की को डोली में ले जाते दिखाई दे रही है। यह भी पढ़ें : छात्रा पर युवक डाल रहा धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव, जलाकर मार डालने की भी दे रहा धमकी देखें वीडियो:

वीडियो में बोल रहे व्यक्ति की पहचान नैनीताल जिले के ग्राम हरतोला निवासी तारा दत्त तिवारी के रूप में बताई गई है। बताया गया है कि कुछ दिन पहले उनका जमीन को लेकर कुछ भूमाफियाओं से विवाद चल रहा है और भू माफियाओं ने उनको डराने धमकाने के लिए दादागिरी करते हुए तारा दत्त तिवारी की बेटी के साथ में बुरी तरह मारपीट के और उसको घायल कर दिया। मारपीट के बाद गांव में हड़कंप मच गया। यह भी पढ़ें : नैनीताल : सुबह-सुबह चोरी करता कैमरे में कैद हुआ चोरनैनीताल :

पीड़िता के पिता तारा दत्त तिवारी ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया है जिसमें उनकी बेटी दर्द के मारे रोती हुए नजर आ रही है। तारा दत्त तिवारी ने वीडियो में कहा कि वह अपनी बेटी को अस्पताल लेकर जा रहे हैं क्योंकि उसकी हालत ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में कानून के नाम पर मजाक चल रहा है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की अपील की है। यह भी पढ़ें : केएमवीएन ने अपने कार्मिकों को दिया एक और तोहफा

इसी के साथ उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस थाने में जब वे इस बात की शिकायत करने गए तो पुलिस ने शिकायत लिखने से साफ मना कर दिया और उल्टा उनको और उनकी पत्नी को डांट कर वहां से भगा दिया। इधर पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोपित सचिन बोरा, रवि बिष्ट एवं अन्य व्यक्ति के विरुद्ध कोतवाली में तमाम धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है और मामले की गहराई से जांच पड़ताल की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डीजीपी के निर्देशों पर नैनीताल पुलिस ने की हिस्ट्रीशीटर भूमाफिया गैंग और उसके लीडर सहित चार लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई…

Government in action on land mafia, rescued 3839 acres in 6 months |  भूमाफिया पर एक्शन में सरकार, 6 महीने में 3839 एकड़ छुड़ाई | Patrika Newsनवीन समाचार, नैनीताल, 30 सितंबर 2022। नैनीताल जनपद की बनभूलपुरा पुलिस ने प्रदेश के डीजीपी के भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देशों पर अमल करते हुए क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर भूमाफिया गैंग और उसके लीडर सहित चार लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर दी है। यह भी पढ़ें : पति ने पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाए तो पत्नी ने अपने पिता व भाइयों के साथ पति की लगवाई पिटाई

बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि बनभूलपुरा के भू-माफिया गैंग का लीडर लाइन नंबर 15 आजाद नगर निवासी मोबिन और उसके साथियों सोमपाल उर्फ सोनू निवासी मलिक का बगीचा इन्द्रानगर, मो. आरिफ उर्फ बाबू निवासी सिरोली कला किच्छा ऊधमसिंहनगर और मो. आसिफ निवासी छिनकी किच्छा ऊधमसिंहनगर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया गैंग लीडर मोबिन, सोमपाल व आरिफ पर दो-दो और आसिफ के खिलाफ एक केस मामला है।

यह भी पढ़ें : नैनीताल : अंकिता हत्याकांड में उठे सवालों के बीच एक और पटवारी की भूमाफिया के पक्ष में की गई कार्रवाई न्यायालय ने की निरस्त

-दुबारा जांच कराने को कहा, रामगढ़ विकासखंड के हरतोला क्षेत्र में वन भूमि पर दर्जनों पेड़ काटकर बनाई गई सड़क
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 सितंबर 2022। प्रदेश में बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में राजस्व पुलिस व संबंधित पटवारी की कार्यप्रणाली-हीलाहवाली पर उठे सवालों के बीच नैनीताल जनपद में भी एक पटवारी की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।

जनपद की न्यायिक मजिस्ट्रेट तनुजा कश्यप की अदालत ने वन भूमि में बड़ी संख्या में पेड़ों के अवैध कटान से संबंधित एक मामले में संबंधित विवेचनाधिकारी-पटवारी, राजस्व उप निरीक्षक मझेड़ा की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया है, और मामले की अग्रेतर जांच करने के आदेश दिए हैं।

पटवारी पर आरोप है कि उसने पेड़ काटे जाने की गवाहों के बयानों में पुष्टि होने के बावजूद मौके पर नजरी नक्शा नहीं बनाया, जिसमें पेड़ों के काटे हुए ठूंठ नजर आ रहे थे और पेड़ काटने वाले भूमाफिया से मिलकर उसे बेकसूर बताते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी।

उल्लेखनीय है कि 21 जून 2016 को ग्राम उलगौर के पूर्व वन पंचायत सरपंच गणेश दत्त भट्ट की ओर से गांव के ही देवेंद्र सिंह पर विकास खंड बेतालघाट तहसील कोश्या-कुटौली के ग्राम उल्गौर के तोक रूप सिंह धूरा में मोटर मार्ग के नीचे 17 जून 2016 की रात्रि अत्यधिक संख्या में बांज के हरे पेड़ों को काटे जाने की शिकायत की थी।

उनका कहना था कि स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से मुन्थर चक हरतोला गेट तक नाप-बेनाम जमीनों की बिक्री करने, ग्राम वासियों के हितों को नजर अंदाज कर गांव की भूमि की खरीद-फरोख्त व रास्तों को हथियाने, बांज-बुरांश के पेड़ों को काट कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में आधा दर्जन बांज के पेड़ काटने का आरोप लगाते हुए वन अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज करने को तहसीलदार व राजस्व कानूनगो को शिकायती पत्र दिया था।

अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता प्रदीप परगांई ने न्यायालय को बताया कि जांच के दौरान उलगौर के तत्कालीन वन पंचायत सरपंत उमेश पांडे, क्षेत्र पंचायत सदस्य बच्ची राम तथा राजू, जीवंती देवी, नंद राम, नरेंद्र रावत, दीप चंद्र, डुंगर सिंह, व गीता देवी आदि गवाहों ने 6 बांज के पेड़ काटने और वहां इन पेड़ों के खूंट होने की पुष्टि की।

अभियोजन की ओर से यह भी कहा गया कि मामले में विवेचनाधिकारी ने गवाहों के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दिए गए बयानों की अनदेखी कर मौके का गवाहों की उपस्थिति में नजरी नक्शा न बनाकर बिना किसी वनाधिकारी के बयानों को अंकित किए ही विपक्षी से मिलकर न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। इस कारण अभियोजन ने विवेचनाधिकारी-राजस्व उप निरीक्षक मझेड़ा द्वारा 8 जुलाई 2019 को न्यायालय में प्रस्तुत की गई अंतिम रिपोर्ट को निरस्त किये जाने की आवश्यक जताई।

अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय ने 8 जुलाई की अंतिम अन्वेषण रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए संबंधित थाना-पट्टी के भारसाधक अधिकारी को आदेशित किया है कि मामले में स्वयं अथवा सक्षम प्राधिकारी से विविधवत अग्रेतर विवेचना कर न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करें।

नाप भूमि की खरीद-बिक्री के नाम पर वन भूमि पर हो रही भूमाफिया के द्वारा खरीद फरोख्त
नैनीताल। बताया जा रहा है कि हरतोला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग अपनी नाप भूमि के नाम पर भूमाफिया एवं बाहरी लोगों को बेनाप, वन पंचायत की एवं वन भूमि बेच रहे हैं। इन पर भूमाफिया अवैध तरीके से रातों-रात कब्जा कर सड़क-संपर्क मार्ग भी खुद ही जेसीबी की मदद से बना रहे हैं।

पूर्व सरपंच ने बताया कि हरतोला में जिस मार्ग पर पेड़ काटे जाने की शिकायत उन्होंने की थी, वहां ग्रामीणों को भ्रमित कर भूमाफिया ने सरकारी बताकर खुद अपने रिजॉर्ट तक रोड बनाई। क्षेत्र में और भी बड़े पैमाने पर भूमाफिया सक्रिय हैं, और वन भूमि पर कब्जे कर रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में मात्र एक रुपए में खरीदी गई 25 बीघे जमीन, अब हो रही प्लॉटिंग…

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 21 सितंबर 2022। शहर में एक जालसाज द्वारा मात्र एक रुपए में 25 बीघे जमीन खरीद लेने और उसकी रजिस्ट्री भी करा लेने जैसा अविश्वसनीय सा मामला प्रकाश में आया है। मामले की जांच डीआइजी के स्तर से गठित विशेष जांच प्रकोष्ठ सेल के द्वारा की जा रही है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पास तल्ली बमौरी मुखानी निवासी चंद्रशेखर मौलेखी, दिनेेश तिवारी, दीपक तिवारी व संजय कुमार नेगी की ओर से शिकायत की गई है कि गुजरौड़ा चारधाम मंदिर के पास उनकी 19 बीघा जमीन तीन लोगों के नाम और छह बीघा जमीन एक के नाम पर है। चारों की जमीनों का खेत नंबर एक ही है। आरोप है कि फरवरी 2020 में चारों ने 25 बीघा जमीन का सौदा मुखानी निवासी एक युवक के साथ किया।

आरोपित युवक ने उन्हें एक रुपए नगद और डेढ़ करोड़ के चेक दिए। इस आधार पर जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली। इसके बाद युवक ने उनकी जमीन पर प्लाटिंग करना शुरू कर दिया है। लेकिन युवक के द्वारा दिए गए चेक बैंक से बाउंस हो गए चेक बाउंस होने पर उन्होंने न्यायालय में शिकायत की। न्यायालय के आदेश पर 19 अप्रैल 2022 को एनआइ एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बावजूद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। इस पर चारों पीड़ितों ने विशेष जांच प्रकोष्ठ सेल से मदद की गुहार लगाई है।

अब विशेष जांच प्रकोष्ठ के अधिकारी भी हैरान है कि एक रुपये नकद लेकर और चेक भुनाए बिना कैसे चार लोगों ने अपनी 25 बीघा जमीन की रजिस्ट्री दूसरे के नाम कर दी। इस मामले में डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि एक रुपये में जमीन की रजिस्ट्री होने का मामला उनके संज्ञान में आया है। जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है। फिर भी शिकायकर्ताओं का यथासंभव सहयोग किया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सुबह का सुखद समाचार: उत्तराखंड में भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाएगी पुलिस, खुलेगी हिस्ट्रीशीट, होगी गैंगस्टर में कार्रवाई, जिला बदर भी होंगे..

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 अगस्त 2022। उत्तराखंड पुलिस अब प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चलाएगी। इस संबंध में प्रदेश के डीजीपी यानी पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को भू-माफियाओं का डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई और जिला बदर किया जाएगा। उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। साथ ही उनके लाइसेंसी शस्त्र भी निरस्त किए जाएंगे।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस समय प्रदेश में जमीनों से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। पुलिस मामलों में कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन जरूरी है कि एक विशेष अभियान चलाया जाए। इसी क्रम में सभी जिलों को निर्देशित किया गया है। रेंज, जिला और थाना स्तर पर भू-माफिया को चिह्न्ति किया जाएगा। उनका पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके बाद उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी जिलों से कहा गया कि वह अपने यहां इन रजिस्टरों को लगातार अपडेट करें। यदि कोई नया भू-माफिया चिह्नित होता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। यही नहीं, जनता यदि कोई शिकायत लेकर आती है, तो उसमें तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।

इसकी मासिक सूचना पुलिस मुख्यालय को भी की जाए, ताकि इसकी समय-समय पर समीक्षा की जा सके। डीजीपी के अनुसार, इस काम में लापरवाही करने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भू-माफिया के साथ गठजोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लावारिस भूमि के बारे में कराएं अवगत
डीजीपी ने बताया कि उन्होंने जिलों के पुलिस अधिकारियों को कहा कि यदि कार्रवाई के दौरान कोई लावारिस भूमि सामने आती है, तो संबंधित विभाग को सूचित कर दिया जाए। इसके अलावा सरकारी संपत्तियों पर अधिकार जमाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाऐ।

शासन में चल रही यूपी की तर्ज पर भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की कवायद

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से भू-माफिया घोषित करने की व्यवस्था है। वहां पर शासन, मंडल, जिला, तहसील स्तर पर समितियां बनी हुई हैं। यह समितियां विचार करती हैं कि किसको भूमाफिया घोषित किया जाए या नहीं। यदि भू-माफिया घोषित किया जाता है, तो उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है। ऐसी हजारों कार्रवाइयां उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। इस व्यवस्था का अवलोकन उत्तराखंड शासन में भी किया जा रहा है। पिछले दिनों उत्तराखंड पुलिस से इसका एक ड्राफ्ट भी गृह विभाग ने मांगा था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 62 नाली भूमि के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी-नुकसान पहुंचाने के आरोपित भाई-बहन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

-अदालत ने खारिज किया अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज
नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपयों से ठगा - Mandal Newsडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मई 2022। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार जोशी की अदालत ने 1.238 हैक्टेयर यानी 62 नाली भूमि के नाम पर एक व्यक्ति से 50 लाख रुपए एवं उसे कुल तीन करोड़ 95 लाख का नुकसान पहुंचाने के आरोपित भाई-बहन का अंतरित जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। इस प्रकार उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने पीड़ित आकाश गंगा प्राइवेट लिमिटेड पीलीकोठी के निदेशक रामकुंवर सिंह पुत्र स्वर्गीय केदार जोशी निवासी वर्नन कॉटेज लौंग व्यू नैनीताल की शिकायत के आधार पर अदालत को बताया कि पांडे गांव भीमताल निवासी भाई बहन गुंजन पांडे व भावना पांडे ने पांडे गांव में अपनी 1.238 हैक्टेयर भूमि पर 3 जून 2021 को प्रोजेक्ट बनाने के लिए 30ः70 फीसद हिस्से का इकरारनामा किया।

इस पर शिकायतकर्ता ने दोनों भाई-बहन को 50 लाख रुपए दिए एवं मौके पर प्रोजेक्ट हेतु वर्ष 2013-14 से चल रही प्रक्रिया के तहत अब तक 3.95 करोड़ रुपए खर्च करा दिए। लेकिन अब पता चला है कि वह भूमि दोनों भाई-बहन की नहीं है, बल्कि उसका बंटवारा हो चुका है। अब वह रुपए लौटाने को कहने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले में आरोपितों ने अपनी संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र दिया था।

इस पर डीजीसी शर्मा ने यह भी कहा कि वह इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस से भी सहयोग नहीं कर रहे हैं, और अपने पते पर भी नहीं मिल रहे हैं। उनके जमानत मिलने पर भागने की भी पूर्ण संभावना है। इसलिए वह अग्रिम जमानत पाने के अधिकारी नहीं हैं। इस आधार पर न्यायालय ने उनका अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उच्च न्यायालय कर्मी से जमीन खरीदने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी ! धनराशि लौटाने की गुहार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जनवरी 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कर्मचारी के साथ जमीन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है।

उच्च न्यायालय में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत गोपाल दत्त जोशी ने एसएसपी कार्यालय में शिकायती पत्र देकर कहा है कि उसने अगस्त 2021 में ग्राम चौखुटा धारी में तीन नाली जमीन खरीदने के लिए सौदा कराने वाले व्यक्ति को बयाने के रूप में 60 हजार रुपए नगद और दो लाख 60 हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए। इसके बावजूद संबंधित व्यक्ति रजिस्ट्री कराने में टालामटोली करने लगा।

इधर 26 दिसंबर को उल्टा उस व्यक्ति की ओर से उसे लीगल नोटिस भेज कर पूर्व में हुए इकरारनामे को निरस्त करने और रकम वापस लौटाने की बात कही गई। लेकिन न ही इकरारनामा निरस्त किया गया और न ही उसे उसके द्वारा दी गई धनराशि लौटाई गई। लिहाजा उसने उसके द्वारा दी गई धनराशि लौटाने की मांग की है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में दलितों की जमीन बाहरी लोगों के खरीदने पर शासन से जांच के आदेश

दौलतपुर चौक CHC में बच्ची के सेप्टिक टैंक में गिरने के मामले में जांच के  आदेशनवीन समाचार, देहरादून, 30 नवंबर 2021। प्रदेश शासन ने जनपद नैनीताल की धारी तहसील के सरना गांव में समुदाय विशेष द्वारा बड़ी मात्रा में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि खरीदे जाने के मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शासन ने नैनीताल के जिलाधिकारी को मामले का परीक्षण कर तत्काल आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के अपर सचिव राजस्व डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने इस सम्बन्ध में नैनीताल के जिलाधिकारी को जांच के लिए पत्र लिखा है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता व पूर्व दायित्वधारी अजेंद्र अजय ने विगत माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिख कर सरना गांव में समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के निवासियों को लालच और डरा-धमका कर उनकी भूमि कौड़ियों के भाव खरीदने का आरोप लगाया था। पत्र में उन्होंने अवगत कराया था कि विगत सितम्बर माह में 21 व 22 तारीख को सरना गांव में एक साथ अलीगढ़, संभल आदि स्थानों के 13 व्यक्तियों के द्वारा भूमि की रजिस्ट्री कराई गई है।

यह भी आरोप लगाया था कि यह भूमि बाजार भाव के विपरीत कौड़ियों के दाम में खरीदी गई है। खरीदारों ने लेन-देन नकद किया है। इससे संदेह पैदा हो रहा है कि एक व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा यह बेनामी संपत्ति खरीदी गई है। अजेंद्र के पत्र पर शासन ने नैनीताल के जिलाधिकारी को प्रकरण का परीक्षण कर सुस्पष्ट आख्या तत्काल शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल निवासी व्यक्ति से जमीन खरीदने के नाम पर धोखाधड़ी, महिला व सेना के जवान सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 20 नवंबर 2021। शहर के मुखानी थाना क्षेत्र में जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम पर प्रापर्टी डीलरों के द्वारा एक महिला से सात लाख रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पुलिस ने भारतीय सेना के एक जवान समेत चार लोगों पर अभियोग पंजीकृत कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तल्लीताल नैनीताल निवासी मुस्ताक अली खान का एक 1500 वर्ग फीट का प्लाट ग्राम जयदेवपुर हल्द्वानी में है। तीन साल पहले उसने प्लाट बेचना चाहा। इस दौरान उसकी मुलाकात कौशल कालोनी दो नहरिया निवासी आनंद सिंह डसीला व जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा निवासी कुबेर सिंह कार्की से हुई। दोनों ने खुद को प्रापर्टी डीलर बताया और प्लाट बिकवाने की बात कही।

24 अक्टूबर 2018 को आनंद व कुबेर ने उसे उसका प्लॉट खरीदने के लिए मूल रूप से ग्राम बलिगाड बेरीनाग पिथौरागढ़ की और वर्तमान में मुखानी हल्द्वानी निवासी बताई गई ज्योति देवी नाम की महिला से मिलाया। आनंद व कुबेर के भरोसे से उसने ज्योति देवी से प्लाट का सौदा 7.67 लाख रुपए में तय किया। 17 हजार रुपये बयाना देने के बाद इन दोनों ने जमीन की रजिस्ट्री के दौरान 25 अक्टूबर 2018 को शेष धनराशि देने की बात कही।

रजिस्टी के समय महिला ने उसे जमीन की कीमत का चेक दिया। चेक बैंक में जमा करने पर पता चला कि अकाउंट में रुपये ही नहीं है। इस पर उसने दोनों प्रापर्टी डीलरों व महिला से संपर्क करने का प्रयास किया तो वह टालमटोल करने लगे। एसओ कवींद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में दोनों प्रॉपर्टी डीलरों, चेक देने वाली महिला व उसके भारतीय सेना में सैनिक के रूप में कार्यरत पति के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : ग्रामीण की धोखे से बिन एक भी रुपया दिये करा ली साढ़े नौ नाली जमीन की रजिस्ट्री

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 नवंबर 2021। जनपद में एक व्यक्ति की करीब साढ़े नौ नाली जमीन बिना एक भी रुपया दिये रजिस्ट्री कराने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति ने उससे धोखे से रजिस्ट्री करा लेने का आरोप लगाते हुए भूमि का दाखिल-खारिज किए जाने पर आपत्ति लगा दी है। इसके बाद उसे व उसके परिवार को जबरन कब्जा किये जाने को लेकर धमकाया जा रहा है। मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है।

Koshi Live-कोशी लाइव

जनपद के ग्राम बेल पट्टी खुर्पाताल निवासी सुंदर जेम्स पुत्र जे जेम्स ने बताया कि उन्होंने करीब 10 वर्ष पूर्व अपनी गांव की करीब छह नाली कृषि भूमि गांव के ही विजय पुत्र भीम सिंह गैड़ा को कमाने के लिए दी थी। विजय ने उसे धोखे में रखकर और बंदूक का भय दिखाकर एक खेत की बात कह तीन खेत चढ़ाकर करीब साढ़े नौ नाली भूमि की रजिस्ट्री प्रॉपर्टी डीलर चंद्रशेखर बृजवासी पुत्र भुवन चंद्र बृजवासी निवासी ग्र्राम जयपुर पाडली के नाम करा दी। इस भूमि विक्रय की कीमत रजिस्ट्री में दो लाख 70 हजार रुपए दिखाए जबकि उसे एक रुपया भी नहीं दिया गया। इसकी बृजवासी की ओर से स्वीकारोक्ति की रिकॉर्डिंग भी उनके पास है।

इस पर उन्होंने गत सितंबर माह में दाखिल-खारिज पर तहसील नैनीताल न्यायालय में आपत्ति भी लगा दी थी। इस पर दाखिल खारिज अभी नहीं हुई है, और प्रॉपर्टी डीलर का कब्जा भी नहीं है। अब प्रॉपर्टी डीलर द्वारा उन्हें कब्जा करने के लिए धमकाया जा रहा है। उन्होंने गांवों में इस तरह जबरन की जा रही जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने की मांग भी की है। इस मामले में अधिकारी संज्ञान लेने की बात कह रहे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : नैनीताल : जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर बेच दी पैतृक जमीन, मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच शुरू …

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 दिसम्बर 2020। तहसील कोश्या कुटोली के अंतर्गत आने वाले जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव पंगूट में जिंदा व्यक्ति को मृत दर्शा कर उनकी पैतृक भूमि बेचने के मामले में थाना भवाली में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पंगूट गांव निवासी हरि कृष्ण पुत्र लक्ष्मी दत्त ने एसडीएम प्रतीक जैन तथा चौकी खैरना को शिकायती पत्र देकर कहा था कि वह वर्तमान में कालाढूंगी तहसील के कमोला गांव में रहते हैं। उनकी पैतृक संपत्ति पंगूट में है। बीते दिनों जब उन्होंने व्यक्तिगत कार्य के लिए जमीन के दस्तावेज निकाले तो अभिलेखों में उन्हें मृत दर्शाया गया था। साथ ही उनकी जमीन भी किसी और के नाम व कब्जे में दर्शाई गई थी यह देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

पंगूट मुख्य बाजार में स्थित जमीन पर जाकर देखा तो वहां पर किसी व्यक्ति ने पार्किंग का निर्माण कर डाला है। साथ ही कोई अन्य व्यक्ति जमीन पर अपना कब्जा बता रहा था। परेशान होकर वह बीते दिनो अपना जीवित प्रमाण पत्र लेकर तहसील पहुंचे।

दर-दर भटकने के बाद हल्द्वानी कैंप कार्यालय में एसएसपी सुनील कुमार मीणा से मुलाकात करने के बाद बीते नौ दिसंबर को भवाली कोतवाली में बुधलाकोट निवासी पदमा दत्त, सतीश चंद्र तथा कालाढूंगी निवासी कांति बल्लभ एवं कुछ अन्य सह खातेदारों पर मिलीभगत के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।

मामले की जांच भवाली कोतवाली के एसआई विमल मिश्रा को सौंपी गई। जांच अधिकारी विमल मिश्रा के अनुसार मामले के खुलासे को जांच टीम ने पहले चरण में मुकदमा दर्ज कराने वाले हरि कृष्ण के बयान दर्ज कर लिए हैं। जांच टीम अब तहसील कोश्या कुटोली पहुंच मामले से जुड़े अहम अभिलेख भी जुटाऐगी ताकि जल्द मामले का पर्दाफाश हो सके।

यह भी पढ़ें : फर्जी कागजातों से दूसरे की करोड़ों की 50 एकड़ भूमि बेच दी, नहीं मिली अग्रिम जमानत..

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 नवम्बर 2020। प्रथम अपर जिला न्यायाधीश एवं प्रभारी जिला न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने दूसरे की भूमि बिना भूमि मालिक की जानकारी के बेचने के एक आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बृहस्पतिवार को आरोपित चंद्र बल्लभ टम्टा पुत्र भवानी राम टम्टा निवासी डीडीए फ्लैट सेक्टर 22 द्वारिका नई दिल्ली की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि तीन आरोपितों चंद्र बल्लभ टम्टा, चंद्रशेखर टम्टा व पवन

अग्रवाल ने अपने रिश्तेदारों हयात राम, दीपक कुमार, कुंदन लाल, ख्याली राम व प्रदीप कुमार के साथ मिलकर रामनगर के बलबीर गार्डन में करीब 20 हैक्टेयर जमीन खरीदी और बाद में इस भूमि सहित 50 एकड़ भूमि को 22 लाख रुपए प्रति एकड़ के भाव से अर्पण अग्रवाल पुत्र राजीव अग्रवाल निवासी मोहल्ला ज्वाला लाइन से फर्जी इकरारनामे से कर दिया।

इसकी जानकारी मिलने पर भूमि की वास्तविक मालकिन जानकी देवी पत्नी महेश चंद्र आगरी निवासी इंद्रपुरी नई दिल्ली ने गत 16 अक्टूबर को थाना रामनगर में धारा 427, 420 व 406 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। शर्मा ने अदालत में दलील की पीड़िता ने कभी भी इस भूमि को बेचने का सौदा नहीं किया था, फिर भी आरोपित ने इसके बदले 75 लाख रुपए की धनराशि प्राप्त कर ली है। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

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