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March 26, 2025

बड़ा समाचार : उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी, जानें क्या हैं नए भू कानून में प्रविधान-कितना कठोर होगा भू कानून

Pushkar Singh Dhami Navin Samachar

नवीन समाचार, देहरादून, 19 फरवरी 2025 (Land Law may Approve in Cabinet Meeting Tomorrow) उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महत्वपूर्ण निर्णय को प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का सम्मान बताया।

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प्रदेश के संसाधनों और मूल पहचान की होगी सुरक्षा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। साथ ही, यह प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जनता के विश्वास को टूटने नहीं देगी।

संस्कृति और नागरिक अधिकारों की रक्षा पर जोर

सीएम धामी ने कहा, “हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। सख्त भू-कानून से प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में मदद मिलेगी और बाहरी हस्तक्षेप को नियंत्रित किया जा सकेगा।”

उत्तराखंड बाहरी राज्यों के लोगों के लिए जमीन खरीदना हुआ मुश्किल

उत्तराखंड सरकार ने नया भू-कानून लागू कर दिया है, जिसमें पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त कर दिए गए हैं। इस नए कानून के तहत राज्य की जमीनों को बचाने और बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध खरीदारी पर रोक लगाने के लिए कई सख्त नियम लागू किए गए हैं।

क्या हैं नए प्रावधान?

कैबिनेट बैठक के बाद मिली जानकारी के अनुसार:

  1. कृषि और बागवानी के लिए भूमि खरीद पर रोक – हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर शेष 11 जिलों में बाहरी राज्यों के लोग कृषि और बागवानी के लिए जमीन नहीं खरीद सकेंगे।
  2. अन्य प्रयोजनों के लिए सरकारी अनुमति अनिवार्य – बाहरी राज्यों के व्यक्ति को अन्य कार्यों के लिए जमीन खरीदने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।
  3. सीमित व्यक्तिगत भू-स्वामित्व – बाहरी राज्य के व्यक्ति अपने परिवार के लिए जीवन में केवल एक बार अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन इसके लिए सब-रजिस्ट्रार को शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा।

कानून के अन्य सख्त प्रावधान

  • भू-उपयोग परिवर्तन पर कड़ी कार्रवाई – निकाय सीमा में तय भू-उपयोग से अलग जमीन का इस्तेमाल करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीद पर रोक – अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
  • चकबंदी और बंदोबस्ती में तेजी – पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि चकबंदी और बंदोबस्ती की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
  • डीएम को भूमि खरीद की अनुमति देने का अधिकार नहीं – दूसरे राज्यों के लोगों के लिए उत्तराखंड में जमीन खरीदना बेहद कठिन हो जाएगा, क्योंकि अब जिलाधिकारी (डीएम) भी अनुमति नहीं दे पाएंगे।
  • पोर्टल पर भूमि खरीद का पूरा रिकॉर्ड – प्रदेश में जमीन खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा खरीदी गई जमीन का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा।
  • बाहरी व्यक्तियों द्वारा कृषि भूमि खरीदने की प्रक्रिया पर सख्ती बढ़ाई जाएगी।
  • राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों और पारंपरिक भूमि को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
  • अनधिकृत भूमि खरीद और अतिक्रमण को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
  • स्थानीय लोगों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
  • शपथ पत्र अनिवार्य
    • नगर निकाय सीमा से बाहर जमीन खरीदने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों को शपथ पत्र देना होगा।
    • खरीदी गई जमीन को आधार से जोड़ा जाएगा।
    • यदि कोई परिवार तथ्य छुपाकर दो लोगों के नाम से जमीन खरीदता है, तो सरकार जमीन को जब्त कर लेगी।
क्या हैं नए भू कानून के प्रमुख प्रावधान ?
  • त्रिवेंद्र सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त
  • पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
  • बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध
  • हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
  • पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती
  • पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
  • जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित 

शपथ पत्र होगा अनिवार्य

  • अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।
  • ऑनलाइन पोर्टल से होगी भूमि खरीद की निगरानी
  • प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।
  • राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
  • नियमित रूप से भूमि खरीद की रिपोर्टिंग
  • सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

जमीन सरकार में निहित होगी

  • नगर निकाय सीमा के भीतर तय भू उपयोग
  • नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
  • यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

क्या होगा नए कानून का प्रभाव ? 

  • इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
  • पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।
  • भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
  • सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।

सरकार का उद्देश्य

यह नया कानून प्रदेश में अनियंत्रित भूमि खरीदारी पर रोक लगाने, पहाड़ों में बाहरी हस्तक्षेप को सीमित करने और स्थानीय लोगों की भूमि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।

(Land Law may Approve in Cabinet Meeting Tomorrow)विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्षी दलों ने इस फैसले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर पहले आम जनता और विधायकों से व्यापक चर्चा करनी चाहिए थी। वहीं, कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ इसे सरकार का जनता को लुभाने का प्रयास भी बता रहे हैं।

बहरहाल, उत्तराखंड सरकार का यह फैसला राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। (Land Law may Approve in Cabinet Meeting Tomorrow, Dehradun News, Uttarakhand News, Bhoo Kanoon, Land Laws)

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