शिक्षकों की मोबाइल से हाजिरी में जोड़ा जाएगा स्थान टैग, शिक्षकों की दिलचस्प प्रतिक्रियाएं-किसी ने कहा शरीर में ही चिप लगा तो किसी ने कहा-सरकारी मोबाईल दो…

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मई 2025 (Location Tag to be Added For Teachers Attendance)। उत्तराखंड में शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया में तकनीकी बदलावों की तैयारी हो रही है। वर्तमान में स्विफचेट मोबाइल अनुप्रयोग के माध्यम से शिक्षक प्रतिदिन अपनी उपस्थिति विद्या समीक्षा केंद्र को प्रेषित कर रहे हैं। अब इस व्यवस्था में स्थान (लोकेशन) टैग की सुविधा जोड़े जाने की चर्चा है, जिसके बाद उपस्थित दर्ज करने के साथ शिक्षकों की भौगोलिक स्थिति भी, यानी वह उपस्थित दर्ज करने के समय पर कहाँ हैं, यानी विद्यालय या अपने कार्यस्थल पर हैं या नहीं, स्वतः अंकित हो जाएगी। इस प्रस्तावित परिवर्तन को लेकर शिक्षकों में मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
पर्वतीय क्षेत्रों में नेटवर्क न होने की दलील
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विषय पर कई शिक्षकों का कहना है कि कई विद्यालय ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं रहता, वहां इस प्रणाली को कैसे सुचारु रूप से लागू किया जाएगा। इनका सुझाव है कि यदि सरकार पारदर्शिता ही चाहती है तो मोबाइल आधारित प्रणाली के स्थान पर बायोमेट्रिक उपस्थिति पद्धति को अपनाना अधिक उचित रहेगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कई सरकारी कर्मचारी बायोमेट्रिक उपस्थिति पद्धति का भी विरोध करते रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शिक्षक कर रहे समर्थन व विरोध
सोशल मीडिया मंचों पर भी यह विषय चर्चाओं में है। शिक्षक गोपाल मेहता ने लिखा कि जब एक शिक्षक समय पर विद्यालय आता-जाता है, तो उसे अंगूठा लगाकर उपस्थिति दर्ज कराने में क्या आपत्ति हो सकती है। क्यों शिक्षक स्वयं को कमजोर सिद्ध कर रहे हैं।
वहीं नीरज मैंदोलिया के अनुसार वर्तमान स्विफचेट प्रणाली में मात्र पांच सेकंड में ‘चेक इन’ कर उपस्थिति दर्ज हो जाती है, जिसमें स्थान भी स्वतः टैग हो जाता है, इससे बायोमेट्रिक प्रणाली की आवश्यकता नहीं रहती।
वहीं शिक्षक दिनेश चंद्र पाठक का कहना है कि यह योजना प्रशंसनीय है, लेकिन विभाग को यह समझना चाहिए कि मोबाइल एक निजी उपकरण है, जिसे शिक्षक ने अपनी मेहनत की कमाई से खरीदा है। यदि विभाग अपने कार्यों के लिए मोबाइल का उपयोग करवाना चाहता है तो उसे यह उपकरण उपलब्ध कराना चाहिए।
जबकि अरुण मैंदोलिया ने पलटकर सवाल किया कि यदि मोबाइल निजी है तो फिर शिक्षक फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे अनुप्रयोग विद्यालयों में कैसे चला रहे हैं। विभागीय गतिविधियों की तस्वीरें भी तो इसी से भेजी जाती हैं।
विश्वास के साथ लागू हो नई प्रणाली
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा का मानना है कि किसी भी नई प्रणाली को लागू करने से पहले शिक्षकों को विश्वास में लिया जाना आवश्यक है। शिक्षक सहयोगी हैं, उन्हें संदेह की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।
वहीं शिक्षक अविनाश चंद्र ने व्यंग्यात्मक रूप में टिप्पणी करते हुए लिखा कि यदि विभाग को शिक्षकों की इतनी निगरानी करनी ही है तो उनके शरीर में एक चिप ही लगा दी जाए, जिससे सभी झंझट समाप्त हो जाएं।
प्रस्ताव पर अभी चर्चा जारी, लागू नहीं हुई प्रणाली (Location Tag to be Added For Teachers Attendance)
हाल ही में समग्र शिक्षा परियोजना के एपीडी कुलदीप गैरोला ने एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी थी कि हाजिरी ऐप में स्थान टैग जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि निदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव पर फिलहाल केवल विचार-विमर्श चल रहा है, इसे अभी लागू नहीं किया गया है। इन्होंने कहा कि जब यह सुविधा वास्तव में जोड़ी जाएगी तब उसकी व्यावहारिकता को भी परखा जाएगा। (Location Tag to be Added For Teachers Attendance)
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