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March 19, 2024

आ गये उत्तराखंड सरकार के सामाजिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक, मनोरंजन गतिविधियों व स्विमिंग पूल के लिए नए दिशा-निर्देश

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नवीन समाचार, देहरादून, 29 नवंबर 2020। उत्तराखंड सरकार ने रविवार को कोरोना से बचाव के लिए वह नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जिनका इंतजार किया जा रहा था। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार सबसे बड़ी बात, सामाजिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम जिस कमरे या हॉल में होंगे, उसकी क्षमता के 50 फीसद या अधिकतम 100 लोग ही किसी बंद या खुले स्थान, मैदान आदि की क्षमता के आधार पर शामिल हो सकेंगे। इसी तरह सिनेमा हॉल व थियेटर में भी क्षमता के 50 फीसद लोगों को ही अनुमति होगी। वहीं स्विमिंग पूलों में केवल खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए अनुमति होगी। एक्जीबिशन हॉल केवल बीटुबी यानी बिजनेस टु बिजनेस कार्य के लिए ही प्रयोग किये जा सकेंगे। वहीं नए दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जिला प्रशासन भी अपनी परिस्थितियों के अनुसार अपनी ओर से अलग से पाबंदियां लागू कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि जिला प्रशासन को सामाजिक दूरी का पालन कराना होगा।

नई गाइडलाइंस के अनुसार शादी समारोह में अब केवल 100 लोगो को शामिल होने की अनुमति होगी। नई गाइडलाइंस के मुताबिक सभी जिला प्रशासन को कोविड 19 की रोकथाम करने के लिए सभी आवश्यक अधिकार दिए गए हैं। जिसके तहत सभी जिलों में फेस मास्क, सोशल डिस्टनसिंग, हाथों की साफ सफाई इत्यादि का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करना होगा। साथ ही सार्वजनिक स्थानों और काम के स्थानों में मास्क के पहनना अति आवश्यक होगा। मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विशेष रूप से सामाजिक दूरदर्शिता का पालन और प्रवर्तन बाज़ारों में, साप्ताहिक बाज़ारों और सार्वजनिक परिवहन में भी कोविड 19 के नियमो का पालन करना अति अनिवार्य होगा।एक छत के नीचे हॉल की क्षमता का अधिकतम 50% तक सामाजिक / धार्मिक / खेल / मनोरंजन / शैक्षिक / सांस्कृतिक / धार्मिक आयोजन बंद स्थानों में 100 व्यक्ति के शामिल होने की ही अनुमति होगी। यानी शादी समारोह में घराती-बाराती दोनों को मिलाकर हॉल की क्षमता के अनुसार व अधिकतम केवल 100 लोगो के ही शामिल होने की अनुमति होगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी नई एसओपी के अनुसार ही राज्य सरकार ने नई एसओपी जारी की है। कंटेमेंट ज़ोन में सख़्ती बरती जाएगी कंटेमेंट ज़ोन में केवल अति आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा एवं आपातकालीन स्थिति में ही छूट प्रदान की जाएगी। नई गाइडलाइंस में कंटेनमेंट, सर्विलांस, सतर्कता को लेकर विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर रात्रि कर्फ्यू यानी रात के लॉक डाउन समेत प्रतिबंधों को लगाने की इजाजत दे दी है। जिला प्रशासन अपने जिले में कोविड 19 के केस के मद्देनजर ये निर्णय ले सकता है। वही अगर पूरे राज्य में राज्य सरकार लॉकडाउन लगाना चाहें तो उन्हें केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी। ऐसे में राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह कोरोना वायरस को रोकने के लिए तमाम आवश्यक कदम उठाएं। इसके साथ-साथ मास्क पहनने को लेकर सख्ती बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं। वही भीड़भाड़ वाले इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे पालन हो इसको लेकर गृह मंत्रालय के निर्देशों का ही पालन किया जाएगा। अभी ट्रेन और हवाई यात्रा को लेकर तख्त निर्देश जारी हुए हैं। वहीं अगर जरूरत पड़ी तो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट बस विक्रम आदि के लिए भी अलग से गाइडलाइन जारी करेगा। गाडलाइन्स के अनुसार, राज्य को कंटेनमेंट जोन में कड़ाई के साथ नियमों को लागू करना होगा।इसके अलावा 65 साल से ज्यादा आयु के व्यक्तियों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहने की सलाह दी गई है। यह गाइडलाइंस 1 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सिर्फ जरूरी गतिविधियों की ही इजाजत दी जाएगी। कंटनमेंट जोन में नियमों को कड़ाई के साथ लागू करने की जिम्मेदारी स्थानीय जिला, पुलिस और निगम अथॉरिटीज की होगी। इसके साथ ही, राज्य और केन्द्र शासित राज्य संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया है कि सर्विलांस टीम घर-घर जाकर सर्विलांस करेगी और कोविड-19 मरीजों का उपचार सुविधाओं के साथ फौरन आइसोलेशन सुनिश्चित की जाएगी। गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को भी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने की आवश्यकता है,वही गाइड लाइन में जिला प्रशासन को नाइट कर्फ्यू लगाने का अधिकार तो दिया गया है लेकिन लॉकडाउन लगाने का अधिकार केवल राज्य सरकार के निर्देश पर ही होगा वही स्मार्ट सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है

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नवीन समाचार, नैनीताल, 06 अक्टूबर 2020। कोरोना के बीच 7 महीनों के बाद 15 अक्टूबर से सिनेमा हॉल एवं मल्टीप्लेक्स खुल जाएंगे। इनके लिए सरकार ने मंगलवार को एसओपी यानी स्डैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर जारी कर दिया है। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी इलाकों में 15 अक्टूबर से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल शुरू किए जा सकेंगे, लेकिन भौतिक दूरी रखनी होगी। इसके लिए दो लोगों के बीच की सीट खाली रखनी होगी। बीच की सीटों पर या तो टेप लगाना होगा या फिर मार्कर लगाने होंगे। एक के पीछे एक व्यक्ति नहीं बैठ पाएगा। शो से पहले और बाद में और मध्यांतर से पहले और बाद में कोरोना के प्रति जागरूकता पर एक मिनट की फिल्म दिखाना भी जरूरी होगा। हर शो के बाद पूरा हॉल सैनिटाइज किया जाएगा।
कंेद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने आज बताया कि फिल्म देखने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए कॉन्टैक्ट नंबर देना होगा। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सभी को मास्क लगाना होगा। एंट्री-एग्जिट पॉइंट और कॉमन एरिया में हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था टच फ्री मोड में करनी होगी। लक्षणविहीन लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। जो लोग कोरोना गाइडलाइन न मानें, उनसे सख्ती से पेश आया जाएगा। सिर्फ पैक्ड फूड की ही इजाजत होगी। इसके लिए ज्यादा काउंटर रखने होंगे। ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देना होगा। हॉल के अंदर फूड और बेवरेजेस की डिलीवरी नहीं मिलेगी। लोग कतार में अंदर-बाहर जाएं, इसके लिए मध्यांतर का वक्त बढ़ाया जा सकता है। एक्सेस पॉइंट्स, ऑनलाइन सेल्स पॉइंट, लॉबी और वॉशरूम जैसे एरिया में लोगों को संक्रमण से बचने के तरीके बताने की व्यवस्था करनी होगी। दो शो के बीच का वक्त अलग-अलग होगा। एक शो खत्म होने और दूसरा शुरू होने का एक ही वक्त नहीं रखा जा सकता। एक शो खत्म होने पर लोगों को उनकी सीटों की कतार के हिसाब से बाहर निकाला जाएगा ताकि दूरी बनी रहे। एक शो खत्म होने के बाद पूरा हॉल सैनिटाइज होगा, फिर दूसरे शो के लिए लोग आकर बैठ सकेंगे। कोई व्यक्ति पॉजिटिव मिले तो पूरे परिसर को डिसइन्फेक्ट करना होगा। हॉल के बाहर 6 फीट की दूरी के लिए जमीन पर मार्कर लगाने होंगे। क्रॉस वेंटिलेशन रखना होगा और एसी 24 से 30 डिग्री पर रखना होगा। सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल में टिकट बुकिंग के लिए ज्यादा खिड़कियां खोलनी होंगी। ऑनलाइन टिकट बुकिंग को बढ़ावा दिया जाना होगा। टिकट बुकिंग दिनभर हागीे। एडवांस बुकिंग की सुविधा देनी होगी। आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल की सलाह भी दी गई है। वेस्ट फूड और बेवरेजेज को सेफ्टी के साथ डिस्पोज ऑफ करना होगा। थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा।

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नवीन समाचार, देहरादून, 31 मई 2020। देश-प्रदेश में कोरोना के आने की गति अभी अब तक के शीर्ष स्तर पर है। देश में 24 घंटों में आठ हजार के करीब जबकि राज्य में एक दिन पहले 200 से अधिक मामले आये हैं। फिर भी केंद्र एवं राज्य लॉकडाउन 5.0 की जगह अनलॉक-1 में आने जा रहा है। यानी अब कोरोना विषाणु से डरने की जगह सावधानी बरतते हुए आगे निकलने का समय है। ऐसे में बहुतों के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि जब स्थितियां इतनी खराब हैं तो सरकार क्यों सब कुछ खोलने का निर्णय ले रही है। इस पोस्ट में हम यही बताने की कोशिश कर रहे हैं। पहली बात देश-प्रदेश में भले कोरोना के अधिक मामले प्रकाश में आ रहे हैं, परंतु यह बड़ी सफलता है कि करीब 70 दिन के लॉक डाउन की वजह से देश में कोरोना समाज में नहीं फैला है। यह अभी भी गहरे जुड़़ाव वाले परिवारजनों एवं काफी समय एक साथ रहे लोगों में ही संक्रमित हुआ है और ऐसे लोगों की आसानी से पहचान कर उन्हें समाज में घुले-मिले बिना सीधे उपचार कराया जा रहा है।

13 शहरों में 70 प्रतिशत मामले देश में कोरोना अब भी पूरे देश में नहीं बल्कि कुछ खास शहरों और उनकी कुछ गलियों तक सीमित है। देश के 13 शहरों-मुंबई, पुणे व ठाणे (महाराष्ट्र), नई दिल्ली, चेन्नई (तमिलनाडु), कोलकाता-हावड़ा (पश्चिम बंगाल), अहमदाबाद (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर व जोधपुर (राजस्थान), चेंगलपट्टु व थिरूवल्लूर (तमिलनाडु) की कुछ इलाकों व गलियों में 70 फीसद मामले हैं। और शेष पूरे देश में केवल 30 प्रतिशत मामले हैं।

मुख्य सचिव ने भी समझाया कि डरने की कोई वजह नहीं है इधर उत्तराखंड में भी स्थितियां काफी बेहतर हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी यही बात कही है। उन्होंने कहा कि भले उत्तराखंड में हाल के दिनों में कोराना संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। राज्य में अभी तक सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है। जितने भी मामले आ रहे हैं, उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री यानी यात्रा इतिहास रहा है या किसी कोरोना संक्रमित के साफ तौर पर संपर्क मंे रहने का मामला है। ऐसे सभी लोग पहले से निगरानी में चल रहे थे। अभी कुछ दिन और कुल मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है परंत 10-15 दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आने लगेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण औसत राष्ट्रीय औसत से कम है। राज्य में कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर देश के औसत लगभग 2.8 प्रतिशत से काफी कम मात्र एक प्रतिशत से भी कम है। प्रदेश में अभी 31 जोखिम क्षेत्र यानी कंटेन्मेंट जोन बनाए गए हैं, जहां बहुत सख्त व्यवस्था लागू है। राजय में नमूने लेने की गति भी अच्छी है। पहले सप्ताह में प्रतिदिन नमूने लेने का औसत एक था जबकि 16वें सप्ताह में यह औसत बढ़कर 834 हो गया है। यह जल्द ही 1000 प्रतिदिन हो जाएगा। देहरादून में लगभग 5500 प्रति 10 लाख और नैनीताल में 3185 प्रति 10 लाख जनसंख्या टेस्ट किए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं।

कोरोना के लक्षण आने से पहले ही उत्तराखंड में स्वस्थ हो रहे हैं संक्रमित उत्तराखंड में जितने लोग कोरोना संकमित हो रहे हैं, उनमें ना के बराबर या बहुत कम लक्षण आ रहे हैं। यानी बहुत शुरुआत में ही उनके कोरोना संक्रमित होने का पता लग जा रहा है, और वे बिना लक्षण बढ़े ही स्वस्थ भी हो जा रहे हैं। यहां आ रहे संक्रमितों में से 41 प्रतिशत में कोई लक्षण नहीं है, 53 प्रतिशत में बहुत ही मामूली लक्षण हैं, 4.5 प्रतिशत में मध्यम और 1.74 प्रतिशत अधिक लक्षण वाले हैं। स्पष्ट है कि उत्तराखंड में गम्भीर मामले नहीं हैं।

अधिकांश प्रवासी लाए जा चुके हैं मुख्य सचिव ने बताया कि बाहर से प्रदेश में आने के लिए लगभग 2 लाख 62 हजार प्रवासियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 1 लाख 81 हजार लोगों को ट्रेन, बस या निजी वाहनों के माध्यम से लाया जा चुका है। अब लोग आने के लिए कम इच्छुक हैं। 28 मई को 98 हजार लोगों को एसएमएस किए गए, जिनमें से लगभग 3 हजार लोगों ने ही आने की इच्छा व्यक्त की है।

यह भी पढ़ें : अनलॉक 5.0: स्कूल, सिनेमा हॉल, थियेटर, मल्टीप्लेक्स व व्यवसायिक उड़ानों को खोलने के लिए गाइडलाइन जारी

-15 अक्टूबर के बाद शर्तों के साथ व आधी क्षमता के साथ खुल सकेंगे सिनेमा हॉल, थियेटर व मल्टीप्लेक्स, वहीं स्कूलों को खोले जाने को लेकर राज्य सरकारें ले सकेंगी फैसला
नवीन समाचार, नई दिल्ली, 30 सितंबर 2020। केंद्र सरकार ने बुधवार रात अनलॉक-5 से जुड़ी नई गाइडलाइंस को जारी कर दिया है। इनके अनुसार आगामी 15 अक्टूबर से शर्तों के साथ सिनेमा हॉल, थियेटर व मल्टीप्लेक्स को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ तथा कंटेनमेंट जोन्स के बाहर के एंटरटेनमेंट पार्क और इस तरह की अन्य जगहों को भी खोलने की इजाजत दे दी गई है। अलबत्ता, कंटेनमेंट जोन्स में 31 अक्टूबर तक सख्त लॉकडाउन लागू रहेगा।
गाइडलाइंस के अनुसार, स्कूलों और कोचिंग सेंटरों को चरणबद्ध तरीके से खोलने को लेकर राज्य सरकारें 15 अक्टूबर के बाद फैसला ले सकती हैं। 15 अक्टूबर से सभी सिनेमा सिनेमा हॉल, थियेटर व मल्टीप्लेक्स को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल सकेंगे। यानी जितनी दर्शक क्षमता है, उसके आधे की इजाजत है। इसे लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की आरे से अलग से भी एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेसिंग जारी किए जाएंगे। इसी तरह कंटेनमेंट जोन्स से बाहर स्थित एंटरटेनमेंट पार्कों और उसी तरह की दूसरी जगहों को भी 15 अक्टूबर से खोलने की इजाजत दे दी गई है। जिन व्यवसायिक उड़ानों को गृह मंत्रालय की तरफ से इजाजत मिली हुई है, उन्हें छोड़कर अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायिक उड़ानों पर रोक जारी रहेगी। वहीं स्कूलों और कोचिंग सेंटरों को खोलने पर राज्य सरकारें 15 अक्टूबर के बाद फैसला ले सकती हैं। वह अपने-अपने राज्य के हिसाब से इसे लेकर फैसला कर सकती हैं। हालांकि, इसके लिए अभिभावकों की सहमति भी जरूरी होगी।

यह भी पढ़ें : भ्रमित करने वाली साबित हो रही राज्य सरकार की बाहर से आने वालों की ‘त्रुटिपूर्ण’ पंजीकरण व्यवस्था..

नवीन समाचार, नैनीताल, 1 सितंबर 2020। केंद्रीय गृह मंत्रालय की देश में कहीं भी आवागमन पर किसी तरह के प्रतिबंध न लगाने के बावजूद उत्तराखंड में प्रतिबंध लागू हैं। यह अलग बात है कि पहले ‘ई-पास’ बनाने की व्यवस्था का नाम बदलकर ‘पंजीकरण’ करना कर दिया गया है। अब भी राज्य में बाहरी प्रदेशों से आने के लिए देहरादून सिटी पोर्टल और इससे जुड़े डीएससीएल सर्विसेज डॉट ओरजी वेबसाइटhttp://dsclservices.org.in/apply.php पर पंजीकरण कराना जरूरी है। साथ ही पुरानी अन्य व्यवस्थाएं भी पूर्व की तरह लागू हैं।
लेकिन नई व्यवस्था में हटाया गया एक प्राविधान राज्य वासियों के लिए भ्रमपूर्ण एवं बाहरी लोगों के लिए भ्रमित करना वाला साबित हो रहा है। पंजीकरण के नये ऑनलाइन फार्म में पहले बिंदु पर यात्रा के प्रकार में केवल एक विकल्प दिया गया है-कमिंग टु उत्तराखंड यानी उत्तराखंड आना तथा तीसरे बिंदु में यात्रा के शुरू होने के स्थान पर उत्तराखंड के अलावा देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के नामों के विकल्प हैं। इससे समस्या यह आ रही है कि यदि उत्तराखंड का कोई व्यक्ति यदि उत्तर प्रदेश की सीमा से होता हुआ राज्य के दूसरे हिस्से में जाता है। उदाहरण के लिए कुमाऊं से देहरादून की ओर या देहरादून की ओर से कुमाऊं में आता है तो राज्य की सीमा पर दिखाने के लिए पंजीकरण का कोई प्रमाण नहीं रख सकता है। वहीं इस कमी का फायदा उठाकर बाहरी राज्यों से आ रहे लोग भी खुद को उत्तराखंड से आ रहा बताकर जांच कर रहे कार्मिकों को भ्रमित कर सकते हैं। वहीं अभी भी राज्य के एक से दूसरे जिले में जाने के लिए भी पंजीकरण को जरूरी बताया जा रहा है, लेकिन पंजीकरण की व्यवस्था में इसका विकल्प नजर नहीं आ रहा है। उत्तराखंड ग्वाल सेवा संगठन के संस्थापक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने कहा कि इस व्यवस्था में खासकर उत्तराखंड के लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है।

यह भी पढ़ें : महत्वपूर्ण : उत्तराखंड सरकार ने जारी किये अनलॉक 4.0 के लिए अपने दिशा-निर्देश, बताया क्या खुलेगा-क्या बंद ही रहेगा, स्कूलों के खुलने की भी होगी शुरुआत

नवीन समाचार, देहरादून, 1 सितंबर 2020। उत्तराखंड सरकार ने अनलॉक 4.0 के तहत अपने दिशा-निर्देश-एसओपी जारी कर दिये हैं। इनके अनुसार अब 21 सितंबर से प्रदेश में लोगों को नई गाइडलाइन के लिहाज से राहत मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 2 दिन पहले ही अनलॉक 4 के तहत गाइडलाइन जारी की थी। उत्तराखंड सरकार ने भी इन सभी नियमों को फॉलो करते हुए राज्य में नई गाइडलाइन जारी की है।

देखें पूरी गाइड लाइन :

केंद्र द्वारा अनलॉक-4 की गाइड लाइन जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किये अपने नियम कायदे मंगलवार को जारी कर दिए हैं। उत्तराखंड सरकार की नयी गाइडलाइंस के तहत आगामी 21 सितंबर से प्रदेश के लोगों के लिए विशेष राहत प्रदान की जा रही है। इस क्रम में प्रदेश में आयोजित होने वाले सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में कुछेक छूट दी जाएंगी। नयी गाइडलाइंस में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क पूर्ववत अनिवार्य किया गया है। सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को आगामी 21 सितंबर से मंजूरी दी जाएगी, जिसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 20 सितंबर तक विवाह जैसे उत्सवों में 50 बारातियों के शामिल होने की अनुमति प्रदान की गयी है। वेंक्वेट हाल खोले जाएंगे लेकिन प्रबंधकों को सोशल डिस्टेासिंग का विशेष ध्यान रखना होगा। अंत्येष्टि में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है। सिनेमा हाल, स्वीमिंग मनोरंजन पार्क और थियेटर हाल खोलने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। लेकिन 21 सितंबर से नुक्कड़ आवाजाही पर अब रोक-टोक नहीं होगी।

नई गाइडलाइन के अनुसार राज्य के अंदर और बाहर एवं वस्तुओं की आवाजाही के लिए कोई अनुमति एवं पास की जरूरत नहीं होगी। लेकिन आवागमन करने वालों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। बार्डर पर चेकिंग के दौरान पंजीकरण से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे। मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। हाई लोड कोविड-19 जोन में शामिल 34 जनपदों से आने वाले लोगों को 7 दिन संस्थागत और 7 दिन होम क्वारंटाइन होना अनिवार्य किया गया है। हाईलोड कोविड जोन-19 से इतर आने वाले लोगों को 14 दिन तक होम क्वारंटीन भी जरूरी होगा। इसके अलावा यदि कोई आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से 96 घंटे पहले करा कर आया है और उसकी रिपोर्ट निगेटिव है तो उस व्यक्ति को क्वारंटीन से छूट मिलेगी।

30 सितंबर तक बंद रहेंगे स्कूल, पर स्वेच्छा से छात्र स्कूल जा सकेंगे
कोचिंग इंस्टीच्यूट आगामी ३० सितंबर तक बंद रहेंगे। लेकिन ऑनलाइन पठन-पाठन जारी रहेगा। ऑनलाइन पढ़ाई और काउंसलिंग के लिए 50 फीसद शिक्षकों और गैर शिक्षकों एवं स्टाफ को स्कूल बुला सकेंगे। नौवीं से 12वीं के वे छात्र स्वेच्छा से स्कूल जा सकेंगे जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं। यह व्यवस्था आगामी 21 सितंबर से लागू होगी। कौशल विकास संस्थान और आईटीआई में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। पीएचडी और तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा के परास्नातक छात्र अध्ययन के लिए आगामी 21 सितंबर से संस्थान जा सकेंगे।

प्रदेश में 30 सितंबर तक सभी स्कूल कोचिंग सेंटर और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला हुआ है। 21 सितंबर से स्कूलों और संस्थानों को शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मियों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल में बुलाने की अनुमति दी गई है। जबकि नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों को अभिभावकों की लिखित अनुमति से स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी। वहीं शादी के समारोह या धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए अब 100 लोगों को एक कार्यक्रम में आने की अनुमति दी गई है। जबकि सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर और इस तरह के स्थान फिलहाल बंद रहेंगे। ओपन एयर थिएटर को परिचालन की अनुमति होगी। प्रदेश में आने वालों को स्मार्ट सिटी ऐप में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। सीमा पर लोगों को अपने कागजात और रजिस्ट्रेशन की जानकारी देनी होगी। 

यह भी पढ़ें : जारी हो गईं अनलॉक 4.0 की गाइड लाइन, जानें सितंबर में क्या खुला रहेगा और क्या बंद?

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 29 अगस्त 2020। भारत सरकार ने 1 सितंबर से 30 सितंबर तक लागू होने वाले ‘अनलॉक 4’ के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा कर दी है। कंटेनमेंट जोन में 30 सितंबर तक लॉकडाउन की सख्ती से पालन किया जाएगा। व्यक्तियों और वस्तुओं के राज्य या राज्य के बाहर जाने पर पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के मूवमेंट के लिए अलग से अनुमति/अनुमोदन/ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा 7 सितंबर से मेट्रो चलाने की अनुमति मिल गई है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय / रेल मंत्रालय द्वारा MHA के साथ परामर्श के बाद मेट्रो रेल को 7 सितंबर से क्रमबद्ध तरीके से चालित करने की अनुमति दी जाएगी।
सामाजिक/शैक्षणिक/खेल/मनोरंजन/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनीतिक और अन्य मण्डली को 100 व्यक्तियों की अधिकतम क्षमता के साथ 21 सितंबर से अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस तरह के सीमित समारोहों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही आयोजित किया जा सकता है।
21 सितंबर 2020 से ओपन एयर थिएटरों को खोलने की अनुमति होगी। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और कोचिंग संस्थान 30 सितंबर 2020 तक बंद रहेंगे। ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति दी जाएगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। 50% तक शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ को ऑनलाइन शिक्षण/टेली काउंसलिंग और संबंधित कार्य के लिए स्कूलों में बुलाया जा सकता है। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए, स्वैच्छिक आधार पर, केवल कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में स्कूलों का दौरा करने की अनुमति दी जा सकती है। यह उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के अधीन होगा।

निम्नलिखित को छोड़कर सभी गतिविधियों को कंटेनमेंट जोन के बाहर अनुमति दी जाएंगी: सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर (ओपन-एयर थिएटर को छोड़कर) और इसी तरह के स्थान। अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा, गृह मंत्रालय द्वारा मंजूर यात्रा को छोड़कर, स्थगित रहेगी।

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मुख्य सचिव ने नैनीताल के डीएम द्वारा विकसित साफ्टवेयर को बहुत उपयोगी बताकर इसे और परिष्कृत करने के दिए निर्देश
नवीन समाचार, देहरादून, 22 अगस्त 2020। शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव के राज्य में यात्री एवं माल वाहक वाहनों के प्रवेश पर हर तरह के रोकटोक को अवैधानिक बताने के केंद्रीय गृह सचिव के आदेश पर राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया या नये आदेश सामने नहीं आए हैं। अलबत्ता, प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने शनिवार को मुख्यमत्री के साथ बैठक में कहा कि कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। इसलिए उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि कंटेनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। बाहरी राज्यों से जो लोग उत्तराखंड आ रहे हैं, उनके आने के कारणों के लिए कागजों की पूरी छानबीन की जाए। बाहर से आने वालों की ठीक से जांच की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि तथ्यों को छुपाने एवं गलत सूचना देने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि होम आइसोलेशन का कड़ाई से पालन हो और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर प्रभावी कार्यवाही की जाए।
इसके अलावा मुख्य सचिव ने नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा तैयार किये गये जीआईएस मैपिंग बेस्ड साफ्टवेयर को बहुत उपयोगी बताया और एनआईसी से इस साफ्टवेयर को और परिष्कृत करने को कहा। उन्होंने प्रदेश के चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के निर्देश भी दिये।

ह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: राज्य-जिला प्रशासन द्वारा आवागमन में लगाई गई पाबंदियां अवैध..

-केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा-स्थानीय स्तर पर सामान एवं यात्रियों लगाई गई रोक आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 का उल्लंघन
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 अगस्त 2020। राज्य में एक से दूसरे राज्य अथवा राज्य में एक से दूसरे स्थान पर सामान एवं यात्रियों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। आवाजाही के लिए अलग से किसी भी तरह की अनुमति, स्वीकृति या ई-परमिट की भी आवश्यकता नहीं है। यही आदेश उन पड़ोसी देशों से आवागमन के लिए भी लागू हैं जिनके साथ ऐसे समझौते हैं।

यह बात केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को देश के सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गत 29 जुलाई 2020 को जारी अनलॉक 3.0 के पैरा-5 में दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर कही है। पत्र में साफ किया गया है कि जिला व राज्य स्तर पर जो भी पाबंदियां लगाई गई हैं, वे अवैध हैं। इससे आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। इस पर नॉर्दर्न इंडिया होटल एंड रेस्टोंरेंट एसोसिएशन के बोर्ड मैंबर प्रवीण साह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार व जिला प्रशासन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को तत्काल नहीं मानते हैं तो यह केंद्र सरकार के आदेशों की अवहेलना होगी, और एसोसिएशन इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। माना जा रहा है केंद्रीय गृह सचिव के पत्र के बाद राज्य में आवागमन पर लगे सभी तरह के प्रतिबंध हट जाएंगे।

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नवीन समाचार, देहरादून, 10 अगस्त 2020। उत्तराखंड सरकार ने कोविड संक्रमण को लेकरएक बड़ा फैसला लिया है। अब ए सिम्टोमेटिक यानी लक्षण रहित अथवा कम लक्षणों वाले कोविड संक्रमितों को होम आइसोलेशन यानी गृह एकांतवास में रहने की सुविधा मिल सकती है। इसके लिए उन्हें कुछ नियमों का पूरा पालन करना होगा। उनके साथ एक तीमारदार की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। उसे तथा उसके सहयोगी को सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होगा, तथा चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली दवाइयां खानी होंगी। उसे आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना होगा तथा चिकित्सकों को लगातार अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी। आईसोलेशन के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ निमयानुसार कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अलावा होम आईसोलेशन के लिए संबंधित और सक्षम अधिकारी को एक प्रपत्र भरकर भी देना होगा, साथ ही संबंधित रोगी के घर में पृथक कमरा और शौचालय की व्यवस्था होनी भी जरूरी है।
यह सुविधा उन्हीं कोरोना संक्रमितों को मिलेगी, जिन्हें एसिम्टोमेटिक रोगी के रूप में चिह्नित किया गया हो। उसकी उम्र 10 वर्ष से कम व 60 वर्ष से अधिक नहीं हो तथा वह गर्भवती महिला न हो। होम आईसोलेशन की अवधि 10 दिन मानी जाएगी लेकिन 10 दिनों से पूर्व के तीन दिनों में उसे कोई बुखार आदि नहीं होना चाहिए। ऐसे रोगियों के मॉनीटरिंग की सुविधा दी जाएगी ताकि आकस्मिक स्थिति में तत्काल उन्हें चिकित्सकीय मदद दी जा सके।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 07 अगस्त 2020। पूर्व में उत्तराखंड सरकार ने हर सप्ताह शनिवार-रविवार को लॉक डाउन घोषित कर दिया था। इसका नैनीताल सहित प्रदेश में अनेक स्थानों पर व्यापारियों ने विरोध किया, एवं अन्य लोगों ने भी केवल दो दिन के लॉक डाउन का औचित्यहीन बताया। इसका असर पिछले सप्ताह ही देखने को मिल गया था, जब शासन ने त्योहारों का हवाला देते हुए आगे से लॉक डाउन लागू न करने का संकेत दे दिया था। इसका असर इस सप्ताह अब प्रदेश में कुछेक स्थानों को छोड़कर लॉक डाउन न लगने के रूप में देखा जा रहा है। नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया है कि जनपद के सभी जगहों के बाजार शनिवार तथा रविवार 8 अगस्त और 9 अगस्त को खुले रहें। अलबत्ता जनपद के जिन क्षेत्रों में करोना संक्रमण के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं वहां बाजार बंद और आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति स्थानीय प्रशासन द्वारा कराई जाएगी और बाहर से आने वालों की पूर्व की भांति नियमित जांच होगी। पहले जारी किए गए आदेशों के अनुसार रात्रि कर्फ्यू भी वहां जारी नहीं रहेगा। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि वे शनिवार और रविवार को तदनुसार व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।

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नवीन समाचार, देहरादून, 4 अगस्त 2020। केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी अनलॉक-3 की गाइडलाइन जारी कर दी है। नए प्राविधानों के तहत लॉकडाउन केवल कंटेनमेंट जोन तक सीमित कर दिया गया है। जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार बफर जोन का निर्धारण कर सकेंगे वही सभी गतिविधियां कंटेनमेंट जोन के बाहर करने की अनुमति रहेगी। कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है। अलबत्ता, स्कूल कॉलेज शैक्षिक संस्थान व कोचिंग संस्थानों के साथ ही सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर बार, ऑडिटोरियम असेंबली हॉल भी अभी 31 अगस्त तक बंद ही रहेंगे। ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति रहेगी। लेकिन योग के संस्थान इंस्टिट्यूट और जिम केंद्र सरकार की अनुमति के बाद 5 अगस्त से खोले जा सकेंगे।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी केवल गृह मंत्रालय के आदेश पर ही खोले जाएंगे। 15 अगस्त के समारोह आयोजित किए जा सकेंगे, लेकिन सामाजिक दूरी सहित तमाम प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद ही यह आयोजित होंगे। वहीं अभी भी बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट में पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा, तथा सीमा की चेक पोस्ट पर अपने कागजात दिखाने अनिवार्य होंगे। अनलॉक थ्री की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) के मुताबिक अब प्रदेश में प्रतिदिन बिना आरटी-पीसीआर जांच कराकर आने वाले दो हजार लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी। हर जिले में जिलाधिकारी को अवसादग्रस्त या मानसिक रूप से परेशान 50 अतिरिक्त लोगों को अनुमति देने के लिए भी अधिकृत किया गया है। आवश्यक कार्यों जैसे परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, बुजुर्ग मां-बाप से मिलना आदि के लिए आने वालों को क्वारंटाइन से छूट रहेगी। इन्हें ठहरने वाले स्थान या घर से बाहर केवल इन्हीं कार्यों के लिए आने जाने की छूट रहेगी। इसके अलावा कहीं और आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। विभिन्न योजनाओं से जुड़े श्रमिक, कार्मिक, विशेषज्ञ, सलाहकार और सप्लायर आदि को क्वारंटान से छूट रहेगी हालांकि, उन्हें वेब पोर्टल पर अधिकार पत्र अपलोड करना होगा। इन्हें और सेना के अधिकारियों व कार्मिकों को प्रतिदिन आने वाले दो हजार लोगों में शामिल नहीं किया गया है। 

UNLOCK 3 के तहत बाहर से उत्तराखंड आने वालों के लिए नियम :
 
अनलॉक 3 के तहत उत्तराखंड में राज्य सरकार ने कई रियायतें प्रदान की है जहां रात के कर्फ्यू को हटाया गया है, तो वही कंटेनमेंट जोन तक ही लॉकडाउन के नियमों को सीमित रखा है लेकिन बावजूद उसके उत्तराखंड आने वाले लोगों के लिए अनलॉक 3 के तहत नए नियम बनाए गए हैं अब तक उत्तराखंड आने के लिए प्रतिदिन 1500 लोगों की अनुमति थी जिसे बढ़ाकर 2000 कर दिया गया है इसके अलावा कोरोनावायरस कोविड-19 के हाई लोडेड शहरों से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन और 7 दिन का होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा इसके अलावा अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा इसके साथ ही वापस आने और जाने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। यह नियम भी फॉलो करने होंगे –
1-बाहर से आने वालों को हर हाल में आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करना होगा।
2- हाई लोड कोविड-19 वाले शहरों से आने आने वालों को सात दिन के लिए संस्थागत क्वारंटीन होना होगा। सात दिन के लिए इन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा।
3- हाई लोड क्वारंटीन शहरों के अलावा अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।
4- 72 घंटे की आईसीएमआर की अधिकृत कोविड निगेटिव रिपोर्ट वालों को क्वारंटीन नहीं होना होगा। इन्हें अपनी मेडिकल रिपोर्ट स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
5- सात दिन के लिए किसी की मृत्यु, गंभीर बीमारी आदि की वजह से अलग बाहर से कोई व्यक्ति आता है तो उसे क्वारंटीन नहीं होना होगा। वह घर से बाहर आ जा सकता है लेकिन सिर्फ उसी काम के लिए जिस काम के लिए वह आया है।
6- कामगार, कर्मचारी, विशेषज्ञ, सलाहकार आदि अगर बाहर से आते हैं तो उन्हें क्वारंटीन नहीं होना होगा। यह संबंधित संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वह यह तय करें कि ऐसे व्यक्ति सिर्फ काम के स्थान से ठहरने के स्थान के बीच ही यात्रा करें। इन्हें स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर संस्था की ओर से जारी अधिकार प्रपत्र भी अपलोड करना होगा।
7- बाहर से अधिकारिक कारण से आने वाले केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रियों, मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश आदि को क्वारंटीन नहीं होना होगा, लेकिन ये वह सुनिश्चित करेंगे की सोशल डिस्टेंस और अन्य नियमों का पालन हो।
8- विदेशों से आने वाले भारतीय नागरिकों और पर्यटकों को सात दिन के लिए संस्थागत क्वांरटीन होना होगा और इसके बाद वे सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहेंगे।
9- गर्भवती महिलाएं, 65 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, गंभीर रोगी आदि को संस्थागत क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन में रहने की अनुमति होगी।
10-आरटी, पीसीआर टेस्ट न कराने वाले अधिकतम 2000 लोग एक दिन में राज्य में प्रवेश कर सकेंगे

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-3 के लिए बुधवार को नये दिशा-निर्देश जारी कर दिये है। अनलॉक 3.0 में 5 अगस्त से जिम भी खोले जा सकेंगे। हालांकि, 31 अगस्त तक स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे। वहीं मेट्रो, सिनेमाघर, स्विमिंग पुल भी अभी नहीं खुलेंगे। साथ ही कंटेनमेंट जोन्स में 31 अगस्त 2020 तक लॉकडाउन की पाबंदियों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। इसके अलावा सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक या मनोरंजन से जुड़े आयोजनों पर रोक जारी रहेगी, जिनमें भीड़ जुटती है। स्वतंत्रता दिवस समारोह को सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरे हेल्थ प्रोटोकॉल्स (जैसे मास्क पहनना) के साथ इजाजत दी गई है। कंटेनमेंट जोन्स में 31 अगस्त तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इन जोन्स में सिर्फ जरूरी गतिविधियों की इजाजत रहेगी। गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के हिसाब से कंटेनमेंट जोन्स का फैसला जिला प्रशासन करेंगे।
इस दौरान 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, पहले से गंभीर बीमीरियों से जूझ रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को पहले की तरह ही घर में रहने की सलाह दी गई है। इन श्रेणी के लोगों को बहुत जरूरी होने या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या पर ही घर से बाहर जाने की सलाह दी गई है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। भीड़भाड़ वाले आयोजनों पर भी रोक जारी रहेगी। वैवाहिक कार्यक्रमों में 50 से ज्यादा मेहमानों की इजाजत नहीं है। इसी तरह अंतिम संस्कार में 20 लोगों से ज्यादा के शामिल होने पर रोक भी रहेगी। सार्वजनिक जगहों पर पान, गुटखा, तंबाकू खाना या शराब पीना भी प्रतिबंधित रहेगा।

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-अब तक नैनीताल के साथ ही ऊधमसिंह नगर के कोरोना प्रिवेंटिव डिटेंसन सेंटर के रूप में किया जा रहा था नैनीताल जिला कारागार का उपयोग
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जुलाई 2020। नैनीताल जिला मुख्यालय स्थित जिला कारागार में बंद चार बंदियों में शुक्रवार शाम कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने यहां से कोरोना ग्रस्त बंदियों को कोविद समर्पित सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। साथ ही नैनीताल जिला कारागार को ‘कंटेनमेंट जोन’ घोषित कर यहां नये विचाराधीन बंदियों के आने एवं यहां से बंदियों के बाहर जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि नैनीताल जिला कारागार में नैनीताल जनपद के साथ ही ऊधमसिंह नगर जनपद के ‘कोरोना प्रिवेंटिव डिटेंसन सेंटर’ के रूप में उपयोग किया जा रहा था। इसके अंतर्गत दोनों जनपदों में किसी भी अपराध में जेल भेजे जा रहे विचाराधीन बंदियों को 14 दिन यहां रखा जा रहा था और इस बीच उनकी कोरोना की जांच करने के उपरांत और जांच में कोरोना न निकलने पर अन्य जेलों में भेजा जा रहा था। अब यहां चार बंदियों में कोरोना आने व इसके ‘कंटेनमेंट जोन’ घोषित हो जाने के बाद आगे दोनों जिलों के नये बंदियों को रखने की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाना जरूरी हो गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला कारागात में बंद बाजपुर थाने से संबंधित बलात्कार, जान से मारने के प्रयास एवं अन्य आरोपों में बंद 21, 29 व 30 वर्ष की उम्र के तीन एवं रामनगर थाने से संबंधित हत्या एवं अन्य आरोपों में बंद एक 24 वर्षीय बंदी में कोरोना की पुष्टि हुई हैं। एसडीएम विनोद कुमार नैनीताल जिला कारागार के कंटेनमेंट जोन घोषित होने की जानकारी देते हुए बताया कि इसके बाद यहां आवाजाही पूरी तरह से बंद की जा रही है। साथ ही आज नैनीताल जेल को सैनिटाइज किया गया एवं चिकित्सकों ने आगे से यहां बरती जाने वाली सावधानियों के लिए पूर्वाभ्यास किया।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जुलाई 2020। नैनीताल जनपद में शनिवार एवं रविवार को पिछले सप्ताह के माध्यम से लॉकडाउन लागू हो गया है। नैनीताल के जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से एडीएम एसएस जंगपांगी ने शुक्रवार देर शाम इस बारे में पिछले सप्ताह के आदेश को ही जारी रखने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा है कि मुख्य सचिव एवं मुख्या कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 17 जुलाई के आदेशों पर 25 व 26 जुलाई को कम्पलीट लॉकडाउन यानी पूर्ण तालाबंदी जारी रहेगी। आदेश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाएगा और आदेश के उल्लंघन की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व उत्तराखंड महामारी अधिनियम, कोविद-19 रेगुलेशन एक्ट 2020 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह के आदेश मुख्य सचिव के आदेशों पर देहरादून, हरिद्वार, व उधमसिंह नगर जिलों में भी लागू होंगे।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में बना पहला कंटेनमेंट जोन, अगले आदेशों पर आवागमन प्रतिबंधित..

नवीन समाचार, नैनीताल, 23 जुलाई 2020। जिला प्रशासन ने नगर के मल्लीताल जुबली हॉल कंपाउंड क्षेत्र को इंसीडेन्ट टीम की संस्तुति के आधार पर अगले आदेशों में कन्टेनमेंट जोन में बदलने के आदेश पारित कर दिये हैं। एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र में पान सिंह मेहरा के घर से लाल सिंह बिष्ट के घर के सामने की बस्ती तक के क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन में बदला जा रहा है। इस क्षेत्र को मुख्य धारा से पृथक कर यहां अग्रिम आदेशों तक गतिविधियों को स्थगित रखते हुए किसी भी प्रकार के आवागमन हेतु बंद किया जाना आवश्यक है। आगे इस क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग एवं चिकित्सकीय परीक्षण, सम्पर्क व्यक्तियों की पहचान, प्राथमिक व्यक्तियों के संपर्क, उनके आइसोलेशन, चिकित्सकीय परीक्षण एवं आवश्यकतानुसार नमूने लिये जाने एवं नमूनों के परिणामों के आधार पर आंकलन किये जाने के उपरांत ही प्रतिबंधो में छूट देने अथवा समाप्त करने पर विचार किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में 15 जुलाई कोएक व्यक्ति की कोविड-19 रेपिड एन्टीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर 16 जुलाई को दो तथा 22 जुलाई को पुनः तीन और व्यक्तियों की कोविड-19 रैपिड एन्टीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।

यह भी पढ़ें : लॉकडाउन में भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष व सभासद चला रहे सब्जी की दुकान

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जुलाई 2020। भाजपा के नगर अध्यक्ष मनोज जोशी एवं भाजयुमो कार्यकर्ता विकास जोशी के द्वारा सोमवार को स्थानीय पुलिस लाइन में सब्जी की दुकान लगाई गई। ऐसा पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिस कर्मियों में गत दिनों कोरोना की पुष्टि होने के कारण पुलिस लाइन क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां के लोगों को सब्जियों के लिए बाहर न आने देकर घर पर ही सब्जियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एसएसपी की अनुमति से किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी मनोज जोशी 22 मार्च को कोरोना के दृष्टिगत लॉक डाउन लागू होने के बाद से नगर के फ्लैट्स मैदान में भी सब्जियांे की दुकान चलाई जा रही थी। इस दौरान बताया गया कि उनके द्वारा कुछ जरूरतमंदों को सस्ती सब्जियां भी उपलब्ध कराई गईं।
इधर नगर के ऊंचाई वाले अयारपाटा वार्ड में स्थानीय सभासद मनोज साह जगाती की अगुवाई में भी सब्जियों की दुकानें लगाई जा रही हैं, ताकि क्षेत्र वासियों को सब्जियों के लिए शहर में न आना पड़े।

यह भी पढ़ें : बिग-बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में कल से लॉक डाउन के लिए जारी हो गए दिशा-निर्देश

नवीन समाचार, देहरादून, 17 जुलाई 2020। उत्तराखंड में शनिवार व रविवार को लॉकडाउन रहेगा। यह आदेश कल 18 जुलाई से ही लागू हो जाएंगे। अलबत्ता लॉकडाउन 4 मैदानी जनपदों-देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जिले में ही लागू रहेगा। प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शनिवार व रविवार को पूरी तरह से लॉक डाउन होगा। इस दौरान राज्य के चार निर्दिष्ट जिलों में औद्योगिक इकाइयों के क्रियाकलापों में विभिन्न शिफ्टों में होने वाले कार्य, कृषि एवं निर्माण गतिविधियों, शराब की दुकानों, होटल, राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर वाहनों के आवागमन, सामान को उतारने, बसों, रेलों व हवाई जहाजों से यात्रियों के अपने गंतव्यों तक पहुंचने सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा।

इस संबंध में देखें शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश इस लिंक पर.. 2020-07-17_081354

शासन के दिशा-निर्देशों के आधार पर नैनीताल जिला प्रशासन की ओर से अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी ने भी लॉकडाउन की रियायतों व पाबंदियों को लेकर गाइडलाइन शुक्रवार रात ही जारी कर दी है। इसके मुताबिक खेती और निर्माण कार्य से जुड़े कामों पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। यानी किसान व निर्माण स्थल पर काम करने वाले मजदूरों को इस लॉकडाउन से राहत मिलेगी। शिफ्टवार फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों को भी ड्यूटी पर जाने से नहीं रोका जाएगा। आदेश के अनुसार होटल खुले रह सकते हैं।

उत्तराखंड में कोरोना के आंकड़ों में आए अचानक उछाल को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर से पूरे राज्य में लॉकडाउन करने का फैसला ले लिया है। यह लॉकडाउन सप्ताह में 2 दिन रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि, शनिवार और रविवार को पूरे उत्तराखंड में लॉकडाउन रहेगा। इस बारे में जल्दी ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान राज्य की सीमाएं भी सील रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बृहस्पतिवार देर शाम मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए। शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रखने पर विचार करने के लिए कहा। इस दौरान राज्य की सीमाएं भी सील रहेंगी। इसके बाद मुख्य सचिव ने शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में लॉकडाउन के दिन और व्यवस्थाएं भी तय की जाएंगी।

यह भी पढ़ें : रुद्रपुर औऱ बाजपुर में 72 घंटे का लॉकडाउन

नवीन समाचार, रुद्रपुर, 13 जुलाई 2020। कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के मद्देनजर ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने काशीपुर के बाद अब रुद्रपुर और बाजपुर में आज रात 12 बजे से अगले 72 घंटो के लिए किया लॉकडॉउन घोषित किया है। इस दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। किसी को भी बिना अनुमति घूमने की इजाजत नहीं होगी। सिडकुल में उद्योग चालू रहेंगे।
वहीं जिला सूचना अधिकारी बीसी तिवारी के हवाले से आई खबर के अनुसार आज रात 12 बजे से ऊधमसिंह नगर के 4 शहर-रूद्रपुर, काशीपुर, बाजपुर व जसपुर कोरोना के अत्याधिक मामले आने के कारण 26 जुलाई तक बंद रहेंगे। यह आदेश शहर में कन्टेनमेंट जोन-बफर जोन के रूप में घोषित स्थानों पर ही लागू होगा। 

यह भी पढ़ें : काशीपुर-बाजपुर से कालाढुंगी आने पर लगा प्रतिबंध

नवीन समाचार, कालाढुंगी, 13 जुलाई 2020। काशीपुर नगर निगम में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कालाढुंगी के एसडीएम ने बाजपुर व काशीपुर के निवासियों का जनपद नैनीताल में आगमन प्रतिबंधत लगा दिया है। इस आदेश के बाद गड़प्पू व बैलपड़ाव चौकी पर सघन चेकिंग अभियान चलाते हुए बाजपुर व काशीपुर के किसी भी व्यक्ति को जनपद में आने नहीं दिया जा रहा है और अग्रिम आदेशों तक यह सीमाएं सील रखने की बात पुलिस की ओर से कही गई है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में नोडल अधिकारी कोरोना एवं एसडीएम कालाढूंगी गौरव चटवाल के आदेश के बाद पुलिस द्वारा जनपद की सीमाओं को सील कर दिया गया है। साथ ही कालाढूंगी पुलिस ने भी कालाढूंगी में बाजपुर-काशीपुर सीमा को सील कर दिया है। एसडीएम चटवाल के अनुसार पहले यह आदेश 13 जुलाई तक के लिए जारी किया था, लेकिन अब यह आदेश 14 जुलाई की सुबह 5 बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान केवल अतिआवश्यक सेवाएं ही बहाल रहेंगी और अनावश्यक आवागमन पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।

यह भी पढ़ें : Breaking : एक शादी ने बिगाड़ दी शहर की फिजा, काशीपुर में आज से फिर लॉक डाउन, लेकिन कब तक ? आदेश स्पष्ट नहीं

नवीन समाचार काशीपुर, 11 जुलाई 2020। उत्तराखंड के काशीपुर शहर को कोरोना के प्रति लापरवाही भारी पड़ गई है। यहां पिछले चार दिनों में, मंगलवार को 17 मरीज और शुक्रवार को 24 मरीज यानी 41 नये मरीज मिले हैं। इसके बाद एसडीएम काशीपुर ने आज यानी 11 जुलाई की सुबह 10 बजे से पूरे काशीपुर नगर निगम क्षेत्र में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। लॉक डाउन कब तक लागू रहेगा, आदेश में यह कुछ हद तक अस्पष्ट नजर आ रहा है। आदेश के अनुसार 12-13 जुलाई की मध्य रात्रि 12 बजे तक लागू रहेगा। इससे संशयपूर्ण स्थिति नजर आ रही है कि लॉक डाउन 12 जुलाई की मध्य रात्रि तक लागू रहेगा अथवा 13 जुलाई की मध्य रात्रि तक लागू रहेगा। यदि आदेश में साफ तौर पर केवल 12 अथवा 13 जुलाई की मध्य रात्रि तक लॉक डाउन लागू रहने की बात लिखी होती तो बात बिल्कुल स्पष्ट होती।
उल्लेखनीय है कि एक शादी समारोह में शामिल लगभग 100 से अधिक लोगों पर कोरोना का खतरा लगातार मंडरा रहा था। जिसके चलते समारोह में शामिल लोगों सहित कुल 100 लोगों के सैंपल बीती 8 जुलाई को भेजे गए थे जिसमें से बीते रोज कुल 24 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इनमें से 14 लोग विवाह समारोह में शामिल थे। एक ही दिन में 24 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इसके बाद आनन फानन में स्थानीय प्रशासन ने बैठक आयोजित कर काशीपुर क्षेत्र के अंतर्गत कोविड-19 के पॉजिटिव के केसों की गुणात्मक संख्या के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से संपूर्ण काशीपुर नगर निगम के अंतर्गत 11 जुलाई दिन शनिवार सुबह 10 बजे से 12-13 जुलाई की मध्य रात्रि 12 बजे तक के लिए सभी वाणिज्यिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते हुए बंद रखने का आदेश दिया है। इस दौरान लोगों को अपरिहार्य कारणों से अलावा घरों के बाहर ना निकलने को कहा गया है। इस दौरान शहर में केवल मेडिकल, निजी व सरकारी अस्पताल और दूध की डेरी खुली रहेंगी। आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व महामारी अधिनियम 1987 The Uttrakhand Covid-19 regulation Act 2020 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।

यह भी पढ़ें : अनलॉक 2.0 के लिए जनपद में भी जारी हुए नये दिशा-निर्देश

-सभी रेस्टोरेंट रात 9 बजे तक खोले जा सकेंगे, शॉपिंग मॉल, होटल आदि पर से भी प्रतिबन्ध हटे
-65 साल व उससे अधिक उमर के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से छोटे बच्चों के सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर सशर्त रोक रहेगी
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 3 जुलाई 2020। जनपद में भी अनलॉक 2.0 के तहत नये दिशा-निर्देश जारी हो गये हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर से जारी अनलॉक-2 के तहत जारी सभी निर्देश जनपद में प्रभावी होंगे। उन्होंने बताया कि जनपद के कारोबारियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी कई तरीके की रियायतें दी गयी हैं। जनपद में सभी रेस्टोरेंट रात 9 बजे तक खोले जा सकेंगे और शॉपिंग मॉल, होटल आदि पर से भी प्रतिबन्ध हटा लिया गया है। इसी तरह शादी समारोह आदि में शामिल होने वाले अतिथियों को भी क्वारंटीन नहीं होना होगा।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशोें के क्रम में सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करने की शर्त पूर्व की भॉति कायम रहेगी। रात्रि कर्फ्यू रात्रि 9 बजे सुबह 7 बजे तक प्रभावी रहेगा। लेकिन इसमें रात की शिफ्ट में काम करने वालों के साथ ही शादी समारोह आदि से लौट रहे लोगों, ट्रेन, बस से उतर कर घर जाने वाले लोगों को छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी के इन्द्रा नगर तथा उजाला नगर कंटेनमेंट जोन में चली आ रही पाबन्दियॉ जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि कंटेंनमेंट जोन में संक्रमण के फैलने को रोकने पर प्रशासन का पूरा फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि 65 साल व उससे अधिक उमर के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से छोटे बच्चों के सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर सशर्त रोक रहेगी। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जारी एडवाईजरी 31 जुलाई तक जनपद में प्रभावी रहेगी।
श्री बंसल ने बताया कि सिनेमा हॉल, जिम, स्विंग पूल, थियेटर, ऑडिटोरियम, सभाघर, स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान 31 जुलाई तक बन्द रहेंगे जबकि केन्द्र व राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थान 15 जुलाई तक बन्द रहेंगे। सामाजिक, राजनैतिक, खेल, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि गतिविधियॉ भी प्रतिबन्धित रहेंगी।
श्री बंसल ने बताया कि अन्य राज्यों से जनपद में आने वालों को स्मार्ट सिटी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पास आदि की जरूरत नहीं होगी, जनपद की सीमा में प्रवेश करते समय चौकिंग स्टाफ द्वारा रजिस्ट्रेशन देखा जायेगा। उन्होंने बताया कि हाई कोविड लोड से इतर अन्य शहरों से आने वाले लोगों को 14 दिन होम क्वारंटाइन होना होगा। हाई कोविड लोड शहर से आने वाले लोगों को 7 दिन संस्थागत तथा 7 दिन होम क्वारंटाईन होना होगा। कोविड हाई लोड शहरों से फिलाइट बदलकर आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि विवाह और अन्य सम्बन्धित आयोजनों के लिए विवाह स्थलों, सामुदायिक भवनों के उपयोग की अनुमति होगी। हाई कोविड लोड शहरों से किसी विवाह में शामिल होने वाले ऐंसे लोग जिनमें कोविड संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उन्होंने क्वारंटीन नहीं होना होगा। इसी तरह इन शहरों से आने वाले दुल्हा व दुल्हन और उनके परिजनों को भी क्वारंटीन नहीं होना होगा, लेकिन ये विवाह स्थल के अलावा कहीं और नहीं जायेंगे। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर जनपद में सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक रेस्टोरें खुले रहेंगे। जनपद के सभी शॉपिंग मॉल रात्रि 8 बजे तक खुले रहेंगे, ऐंसे परिसर में स्थित रात्रि 9 बजे तक खुले रहेंगे हालांकि उनमें 50 प्रतिशत दुकाने ही खुलेंगी। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सुबह 7 बजे से लेकर रात 8 बजे तक धार्मिक स्थल खुले रहेेंगे। इन धार्मिक स्थलों में किसी भी प्रकार के समारोह की इजाजत नहीं होगी।
जारी आदेश में जिलाधिकारी श्री बंसल ने जनपद के सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शासन द्वारा जारी अनलोक-2 एडवाजरी का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।

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नवीन समाचार, देहरादून, 2 जुलाई 2020। उत्तराखंड सरकार ने अनलॉक-2 के तहत कारोबारियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी कई तरह की रियायत दी हैं। अब प्रदेश में रेस्टोरेंट रात नौ बजे तक खोले जा सकेंगे। शॉपिंग मॉल, होटल आदि पर अब प्रतिबंध नहीं रहेंगे। शादी समारोह आदि में शामिल होने आने वाले अतिथियों को अब क्वांरटीन नहीं होना होगा। पर्यटकों को कम से कम सात दिन की बुकिंग कराने के नियम में बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें राज्य में आने के लिए स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। हां, अगर आइसीएमआर की ओर से घोषित कोविड परीक्षण केंद्रों से उनका कोविद टेस्ट निगेटिव होगा तो सात दिन का नियम लागू नहीं होगा। और 72 घंटे पहले तक कराया गया कोविड टेस्ट और परिणाम निगेटिव रहने पर संस्थागत क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन इन नियमों से खासकर होटल अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि कोरोना के हाई लोड श्रेणी के शहरों से ही 90 फीसद पर्यटन निर्भर रहताा है। साथ ही खासकर न्यूनतम सात दिन के नियम में कोई भी सैलानी होटल में नहीं आना चाहेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से बृहस्पतिवार को अनलॉक-2 के तहत जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंस सहित अन्य नियमों का पालन करने की शर्त कायम है। वहीं देश भर की तरह राज्य में भी रात्रि का कर्फ्यू रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक रहेगा, लेकिन इसमें रात की शिफ्ट में काम करने वालों के साथ ही शादी समारोह से लौट रहे लोगों, ट्रेन, बस से उतरकर घर जाने वाले लोगों को छूट मिलेगी। मुख्य सचिव की ओर से गाइडलाइन जारी होने के बाद अब इस संबंध में जिलों के जिलाधिकारियों की ओर से आदेश जारी किए जाएंगे, उसके बाद ही नई व्यवस्था जिलों में लागू हो सकेगी।
इन पर रोक बरकरार :
– सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम, सभागार आदि।
– स्कूल, कॉलेज आदि शैक्षणिक संस्थान 31 जुलाई तक बंद रहेंगे।
– केंद्र और राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थान 14 जुलाई तक बंद रहेंगे।
– कंटेनमेंट जोन में पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा और जिला प्रशासन बफर जोन भी तय कर सकेंगे।
– सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी।
अन्य राज्यों से आने वालों के लिए व्यवस्था:
– स्मार्ट सिटी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। परमिट आदि की जरूरत नहीं होगी, सीमा चेक पोस्ट पर रजिस्ट्रेेशन देखा जाएगा।
– हाई कोविड लोड से इतर अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन होम क्वारंटीन होना होगा।
– हाई कोविड लोड शहरों से आने वालों को सात दिन के लिए होम और सात दिन के लिए संस्थागत क्वारंटीन होना होगा।
– कोविड हाई लोड शहरों से फ्लाइट बदल कर आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।
विदेश से आने वालों के लिए नियम:
– स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सात दिन संस्थागत और सात दिन होम क्वांरटीन रहना होगा। सात दिन तक कोविड टेस्ट का परिणाम नहीं आता है तो संस्थागत क्वारंटीन केंद्र से घर जा सकेंगे।
पर्यटकों के लिए:
– पर्यटकों को 72 घंटे पहले तक कराया गया कोविड टेस्ट और परिणाम निगेटिव रहने पर संस्थागत क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी।
– इन्हें भी स्मार्ट सिटी के वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
– पर्यटकों को कम से कम सात दिन की बुकिंग करानी होगी। अगर आइसीएमआर की ओर से घोषित कोविड परीक्षण केंद्रों से कराया गया टेस्ट निगेटिव है तो सात दिन का नियम लागू नहीं होगा।
होटल, रेस्टोरेंट, मॉल आदि को रियायत:
– कंटेनमेंट जोन को छोड़कर पूरे प्रदेश में सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक रेस्टोरेंट खुले रह सकते हैं।
– शॉपिंग मॉल आठ बजे तक खुले रहेंगे। परिसर में स्थित रेस्टोरेंट नौ बजे तक खुले रह सकेंगे। 50 प्रतिशत दुकानें ही खुलेंगी।
धार्मिक स्थल रात आठ बजे तक खुलेंगे:
– कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सुबह सात बजे से लेकर रात आठ बजे तक धार्मिक स्थल खुले रहेंगे। हालांकि यहां किसी तरह की सभा या समारोह की इजाजत नहीं होगी।
– चार धाम यात्रा के संदर्भ में देवस्थानम बोर्ड जिला प्रशासन से राय लेकर व्यवस्था करेगा।
विवाह के मेहमानों को रियायत :
– विवाह और अन्य संबंधित आयोजनों के लिए विवाह स्थलों, सामुदायिक भवनों के उपयोग की अनुमति।
– हाई कोविड लोड शहरों से किसी विवाह में शामिल होने वाले ऐसे लोग, जिनमें कोविड संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उन्हें क्वारंटीन नहीं होना होगा। इसी तरह इन शहरों से आने वाले दूल्हा व दुल्हन और उनके परिजनों को भी क्वारंटीन नहीं होना होगा, लेकिन वे विवाह स्थल के अलावा कहीं और नहीं जाएंगे।

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 29 जून 2020। कारोना विषाणु कोविड-19 के महामारी के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार रात अनलॉक 2.0 के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। गृह मंत्रालय की ओर से जारी इन गाइडलाइंस में बताया गया है कि अनलॉक 2.0 में क्या कुछ खुलेगा और किन पर रोक बरकरार रहेगी। अनलॉक-2 की अवधि 31 जुलाई तक होगी।
उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक कोरोना के कुल मामले 5,48,318 हो गए हैं। इसमें से 2,10,120 प्रभावी मामले हैं जबकि 3,21,723 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वहीं, अब तक कोरोना से कुल 16475 मौतें हुई हैं।
जानते हैं कि अनलॉक 2.0 में क्या-क्या बंद रहेगा और क्या खुलेगा:
– स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और कोचिंग संस्थान 31 जुलाई तक बंद रहेंगे
– ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति जारी रहेगी
– गृह मंत्रालय की ओर से अनुमति के अलावा यात्री अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा नहीं कर सकेंगे
– मेट्रो रेल अभी नहीं चलेगी
– इसके अलावा सिनेमा हॉल, जिम , स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, बार, असेंबली हॉल और इसी तरह के स्थान बंद रहेंगे
– सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्य और अन्य बड़े कार्यक्रम अभी नहीं हो सकेंगे
– कंटेनमेंट जोन के बाहर केंद्र और राज्य के प्रशिक्षण संस्थानों को 15 जुलाई से कार्य करने की अनुमति दी गई है।

रात्रि कर्फ्यू:
– रात का कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए जारी रहेगा, लेकिन आवश्यक गतिविधियों के लिए छूट रहेगी
घरेलू फ्लाइट
-सभी घरेलू उड़ानें और पैसेंजर ट्रेनों को पहले से ही सीमित तरीके से अनुमति दी गई है, इसलिए उनके संचालन को और अधिक रूप से विस्तार दिया जाएगा।

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-सुबह पांच बजे से सुबह की सैर और शाम आठ बजे तक दुकानें खुल सकेंगी
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जून 2020। जनपद एवं प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन में अतिरिक्त तीन घंटों की छूट मिलने जा रही है। अब लोग सुबह पांच बजे से सुबह की सैर कर सकते हैं, जबकि दुकानें शाम सात की जगह शाम आठ बजे तक खुली रह सकती हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोरोना व डेंगू पर प्रभावी रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों की जनपदवार गहन समीक्षा करते हुए जिलाधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिये। साथ ही कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु लगायी गयी टीमों की सुरक्षा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं बनाये रखने के निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिए। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही बात-‘जान भी-जहान भी’ से जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि इस दौरान लोग अपनी सेहत भी सुधार भी पाएंगे और कारोबार के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।
इस दौरान मंडलायुक्त अरविन्द सिंह ह्यांकी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मंडल के सभी जनपदों में कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों की गहनता से समीक्षा की जा रही है। मंडल में बरसात के मौसम में संभावित दैवीय आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के साथ ही कोरोना व डेंगू का संक्रमण फैलने की संभावनाओं पर अंकुश लगाने के साथ ही पेयजल आपूर्ति, बरसात के मौसम में संभावित दैवीय आपदा से प्रभावी नियंत्रण हेतु तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। वहीं डीएम सविन बंसल ने भी जनपद में कोरोना संक्रमण एवं डेंगू की रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। वीसी में अपर आयुक्त संजय खेतवाल, संयुक्त निदेशक एटीआई नवनीत पांडे आदि भी उपस्थित रहे।

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 13 मई 2020। केंद्र सरकार ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि धार्मिक स्थलों एवं मॉल्स आदि के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं नए दिशा निर्देश जिसका कड़ाई से सभी को करना होगा पालन …..

शॉपिंग मॉल के लिए जारी किए ये दिशा-निर्देश :

स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देश के अनुसार शॉपिंग मॉल को उच्च-जोखिम वाले कर्मचारियों के लिए फ्रंट लाइन काम से बचना होगा, सामान देते समय सावधानी बरतें और कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग करें। दुकानों/कैफे और लिफ्ट के भीतर और बाहर सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। गेमिंग क्षेत्र/सिनेमा हॉल बंद रहेंगे।’मॉल में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी जरूरी की गई है। इसके अलावा, मॉल में हर किसी को मास्क लगाना जरूरी होगा। थूकने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। मॉल के गेट पर भी सैनिटाइजर रखना जरूरी होगा. इसके साथ-साथ एंट्री के दौरान ही थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था करनी होगी।

धार्मिक स्‍थल के लिए जारी किए गए ये नए दिशानिर्देश

इसी तरह धार्मिक स्थानों के लिए कहा गया है कि भक्‍तों के लिए अलग प्रवेश और निकास द्वार होना चाहिए, केवल तभी प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए जब अपने चेहरे पर कपड़े या मास्क पहने हों। इसके अलावा निषिद्ध क्षेत्रों में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं। इसके अलावा ये ऊपर दिए गए चार्ट में दिए गए दिशानिर्देश का पालन करना होगा।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जून 2020। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के नियंत्रण हेतु क्रियांवित तालाबन्दी की क्रमवार समाप्ति हेतु शासन के आदेशों के क्रम में जनपद में नई व्यवस्थाऐं तत्काल प्रभावी हो गई हैं।
श्री बंसल ने बताया कि जनपद में अन्य राज्यों से किसी भी माध्यम से आवागमन करने वाले समस्त व्यक्तियों को वेब पोर्टल (https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php) में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। कोरोना वायरस से उच्च संक्रमित मुम्बई व दिल्ली के समस्त जिले, चेन्नई, अहमदाबाद, थाणे, पूने, इन्दौर, कोलकाता, जयपुर, हैदराबाद, सूरत, औरंगाबाद, जोधपुर, भोपाल, चेंगलपट्टू, गुरूग्राम, नासिक, रायगढ़, पालघर, हावड़ा, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मैरठ, कानपुर नगर, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फर नगर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत से जनपद अन्तर्गत आवागमन करने वाले व्यक्तियों को अनिवार्यतः संस्थागत क्वारंटाईन में 7 दिन एवं होम क्वारंटाईन में 14 दिन रखा जाएगा। यद्यपि इस प्रकार के व्यक्तियों के पास निःशुल्क राजकीय क्वारंटाईन केन्द्र अथवा भुगतान आधारित क्वारंटाईन केन्द्र को चयन करने का विकल्प उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि आकस्मिक एवं अपरिहार्य परिस्थितियों तथा गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, 10 वर्ष से छोटे बच्चों के माता-पिता के सम्बन्ध में सम्बन्धित व्यक्ति को 14 दिन हेतु होम क्वारंटाइन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लक्षणहीन व्यक्ति जिनके द्वारा आकस्मिक एवं अपरिहार्य परिस्थितियों तथा गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी आदि हेतु उच्च संक्रमित शहरों में यात्रा उपरान्त जनपद में वापसी की गयी हो तो ऐसें व्यक्तियों को 14 दिवस हेतु होम क्वारंटाइन किया जायेगा तथा कोविड-19 से बचाव हेतु निर्धारित समस्त मानकों का अनुपालन सम्बन्धित से कराया जाना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि समस्त लक्षणहीन कार्मिक और कर्मचारी उत्तराखण्ड अन्तर्गत स्थित उनके ओद्यौगिक ईकाई एवं प्रतिष्ठान से प्रमाण पत्र या अधिकृत पत्र प्राप्त करने के उपरान्त दैनिक रूप से अपने कार्य स्थल उपस्थित होने हेतु राज्य अन्तर्गत अथवा राज्य के बाहर से आवागमन कर सकते हैं। ऐंसी स्थिति में सम्बन्धित ओद्यौगिक इकाई एवं प्रतिष्ठान का दायित्व होगा कि वह कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समस्त मानकों का अनुपालन व व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। इस प्रकार के लक्षणहीन व्यक्ति हेतु 14 दिन के क्वारंटाइन की बाध्यता नहीं होगी। कोरोना वायरस की दृष्टि से उच्च संक्रमित शहरों से आवागमन करने वाले व्यक्तियों के अतिरिक्त अन्य समस्त शहरों से जनपद में आवागमन करने वाले लक्षणहीन व्यक्तियों को अनिवार्यतः 14 दिन का होम क्वारंटाइन किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति द्वारा संस्थागत क्वरंटाइन में 7 दिन से अधिक का समय पूर्ण किया जा चुका हो एवं वह व्यक्ति लक्षणहीन हो तो ऐसी स्थिति में सम्बन्धित व्यक्ति को तत्काल अवमुक्त करते हुए 14 दिन हेतु होम क्वारंटाइन किया जाएगा। यदि किसी लक्षणहीन व्यक्ति के सैम्पल की परीक्षण रिपोर्ट प्रतीक्षारत हो तो सम्बन्धित व्यक्ति को 10 दिवस संस्थागत क्वारंटाइन के पश्चात अवमुक्त किया जाएगा, किन्तु ऐंसे व्यक्ति के 14 दिन के होम क्वारंटाइन पर नियमित निगरानी सुनिश्चित की जायेगी। ऐसे व्यक्ति को क्वारंटाइन सेंटर से अवमुक्त करने से पूर्व सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा इस आशय का स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत किया जायेगा कि वह राज्य सरकार द्वारा निर्गत स्वास्थ्य एडवाइजरी, स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल्स का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य के अन्तर्गत अन्य जनपदों में जाने हेतु किसी भी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, यद्यपि राज्य के अन्तर्गत आवागमन करने वाले व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से वेब पोर्टल पोर्टल (https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php) में अपना पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य होगा (इस प्रकार के लक्षणहीन व्यक्ति हेतु 14 दिवस के क्वारंटाइन की बाध्यता नहीं होगी)। जनपद में समस्त अनावश्यक गतिविधियाॅ एवं जन मानस का आवागम व विचरण रात्रि 7 बजे से प्रातः 7 बजे तक प्रतिबन्धित रहेगी।

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-राज्य में शाम 7 से सुबह 7 बजे तक आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य सभी गतिविधियां प्रतिबंधित
-बाहर से आने वालों के लिए अब वेब-पोर्टल पर सिर्फ पंजीकरण की अनिवार्यता
नवीन समाचार, देहरादून, 9 जून 2020। उत्तराखंड में अब मंगलवार से दूसरे राज्यों से आवागमन शुरू हो जाएगा। शासन ने इसके लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार अब दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों को पास की जरूरत नहीं होगी। उन्हें राज्य सरकार के वेब पोर्टल पर सिर्फ अपना पंजीकरण कराने की अनिवार्यता होगी। साथ ही अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। इस नई व्यवस्था में वीवीआईपी को छूट दी गई है और सेना को अपनी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सोमवार देर रात इस बारे में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही के लिए पहले की भांति ही किसी ई-पास की जरूरत नहीं होगी लेकिन राज्य के वेब पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। उत्तराखंड के देहरादून जिले में रहने वाले लोगों को https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php लिंक पर तथा अन्य जिलों के रहने वाले लोगों को https://policecitizenportal.uk.gov.in/e_pass लिंक पर पंजीकरण कराना होगा। वहीं अन्य राज्यों से आने वालों को https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

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संवेदनशील क्षेत्रों से आने वालों में से केवल गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो, गंभीर बीमार, परिवार में मृत्यु होने की स्थिति में और 10 साल से छोटे बच्चों के अभिभावकों को ही संस्थागत क्वारंटाइन से छूट मिलेगी। संवेदनशील जिलों में किसी कामकाज से जाने वालों को वापसी पर 14 दिनों के लिए गृह एकांतवास में रहना होगा। राज्य और जिला नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग से परामर्श कर बिना लक्षण वाले लोगों को 14 दिन के गृह एकांतवास की अनुमति दे सकेंगे। दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे लोग, जो औद्योगिक प्रबंधन, वाणिज्यिक कार्यों अथवा तकनीकी विशेषज्ञ के तौर पर आएंगे, उन्हें संबंधित संस्थाओं द्वारा आवंटित एकांतवास केंद्रों में रहना होगा। यहीं से ये लोग संबंधित उन संस्थाओं तक आएंगे। कामकाज खत्म होने पर ये वापस चले जाएंगे। इन पर 14 दिनों का एकांतवास का नियम लागू नहीं होगा।
वहीं राज्य में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी तरह की गतिविधियां शाम 7 से सुबह 7 बजे तक प्रतिबंधित रहेंगी। शासन ने मुंबई और दिल्ली समेत कोरोना के संक्रमण (हाई लोड) वाले ऐसे 31 जिलों की सूची जारी की है, जो संक्रमण के नजरिये ज्यादा संवेदनशील हैं। इन स्थानों से उत्तराखंड आने वाले लोगों को संस्थागत एकांतवास में 7 दिन और गृह एकांतवास में 14 रहना होगा। इसके बावजूद सरकारी कामकाज के लिए आवाजाही करने वाले न्यायिक सेवा के अधिकारियों, केंद्र और राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर यूनिट तथा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संस्थानों के अफसरों को एकांतवास से रियायत दी गई है।
वहीं राज्य के बिना लक्षण वाले लोग जो 31 शहरों में गए हैं, वे वापसी पर 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होंगे। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यात्रा के दौरान हाई लोड शहर में प्लेन बदलने वालों को भी 14 दिन के होम क्वारंटीन मे रहना होगा। इन 31 शहरों की सूची में  दिल्ली व मुंबई के सभी जिले, चेन्नई, अहमदाबाद, थाणे, पुणे, इंदौर, कोलकाता, जयपुर, हैदराबाद, सूरत, औरंगाबाद, जोधपुर, भोपाल, चेंगापट्टू (तमिलनाडु), गुरुग्राम, नासिक, रायगढ़, हावड़ा, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, कानपुर नगर, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली व पीलीभीत हैं।
सेना व केंद्रीय सुरक्षा बलों से जुड़े अधिकारियों व जवानों के लिए संस्थागत क्वारंटीन का इंतजाम सेना व अर्द्धसैनिक बल अपने स्तर पर करेंगे। अत्यधिक संक्रमित 31 शहरों से आने वाले सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों से जुड़े अधिकारियों व जवानों के पारिवारिक सदस्यों के लिए उत्तराखंड आने पर सात दिन का संस्थागत क्वारंटीन अनिवार्य होगा। इसके बाद उन्हें 14 दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा। क्वारंटीन व्यवस्था की सूचना उन्हें राज्य सरकार और जिला प्रशासन को देनी होगी।
कोरोना संक्रमण के आधार पर जिलाधिकारियों द्वारा जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) तय किए जाएंगे। इन क्षेत्रों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पूर्व के आदेश का पालन किया जाएगा और जिलाधिकारी चाहेंगे तो नए प्रतिबंध भी लगा सकेंगे। इसी के साथ रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई। जिलाधिकारी जोखिम क्षेत्र के बफर जोन भी तय करेंगे।

केंद्र, राज्य व जिला प्रशासन के आदेशों के बावजूद नैनीताल में नहीं खुले होटल व धार्मिक स्थल

-अभी अधिगृहीत ही हैं शहर के अधिकांश होटल, एसोसिएशन अध्यक्ष ने कहा कि तय शर्तों में होटल नहीं खोल सकते
नवीन समाचार, नैनीताल, 08 जून 2020। केंद्र एवं राज्य सरकार के बाद सोमवार को एडीएम एसएस जंगपांगी ने नैनीताल जनपद में होटल, सेवा क्षेत्र, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल्स, धार्मिक एवं पूजा स्थल खोलने के आदेश जारी कर दिये हैं। बावजूद पर्यटन एवं सर्वधर्म की नगरी नैनीताल में सोमवार को पूरी तरह से पर्यटन एवं धार्मिक गतिविधियां पूर्व की तरह बंद रहीं। ना ही कोई होटल और ना ही मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थल ही खुले।

इस दौरान नगर में किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधि भी नहीं हुई। नगर के सबसे प्रमुख आकर्षण-नैनी झील में नौकायन, नैनीताल चिड़ियाघर, केव गार्डन खोलने व रोपवे खोलने पर भी अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में शहर की इन दिनों सीजन में वाहनों व सैलानियों से पैक रहने वाली माल रोड और नैनी झील में पिछले करीब 75 दिनों की तरह अभूतपूर्व सन्नाटा पसरा रहा है।

नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोंसिएशन ने पर्यटन एवं धार्मिक गतिविधियों को खोलने के आदेशों को कोरा झुनझुना करार दिया। कहा कि नगर के अधिकांश होटल पहले ही जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहीत हैं। प्रशासन ने होटलों को अधिग्रहण मुक्त नहंी किया और इन्हें खोलने के आदेश जारी कर दिये हैं। दूसरी तरह आदेशों में न्यूनतम सात दिन के लिए ही होटल मंे आने और होटल के बाहर सार्वजनिक स्थानों पर न जाने के प्राविधानों में कोई भी सैलानी क्यों होटलों में आना चाहेगा। वहीं नगर के सबसे बड़े मनु महारानी होटल के महाप्रबंधक नरेश गुप्ता ने कहा कि ऐसी असमंजसपूर्ण स्थिति कभी भी नहीं देखी। नगर के रेस्टोरेंट व्यवसायी रुचिर साह एवं मयंक टंडन ने भी कहा कि जब राज्य सरकार के आदेशों में केवल कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सात बजे तक बाजारों को खोलने के आदेश हैं तो फिर नैनीताल जिले में शाम चार बजे तक ही बाजार खोलने की ही अनुमति क्यों है। जिन नियम शर्तो में रेस्टोरेंट खोलने हैं, उनमें होटलों को चला पाना मुश्किल है।
अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने कहा कि सवाल यह भी है जब प्रशासन ने होटलों को अधिग्रहण किया है तो होटल व्यवसायी होटलों को कैसे खोल सकते हैं। दूसरा सवाल यह भी है कि क्या एडीएम का होटलों को खोलने का आदेश होटलों के लिए बाध्यकारी है या नहीं। तीसरा सवाल यह भी है कि राज्य सरकार के आदेश में केवल कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष जगह पर्यटन व धार्मिक गतिविधियां शाम सात बजे तक खोलने के आदेश हैं, फिर नैनीताल में रेड जोन के आधार पर क्यों बाजार शाम चार बजे ही बंद करने का पूर्व से जारी रेड जोन का आदेश लागू है। पूछे जाने पर डीएम सविन बंसल ने कहा कि रेड जोन शासन से लागू है, इसलिये इसे हटाने पर निर्णय भी शासन के स्तर से ही जारी होगा। तब तक बाजार चार बजे तक ही खुल सकते हैं। अलबत्ता धार्मिक व पर्यटन स्थल भी खुल सकते हैं।

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नवीन समाचार, देहरादून, 7 जून 2020। केंद्रीय गृह मंत्रालय के 8 जून से अनलॉक 2.0 के निर्देशों के क्रम में होटल-रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थानों को खोलने के दिशा निर्देशों पर उत्तराखंड सरकार के उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेश में आठ जून यानी सोमवार से होटल, सेवा क्षेत्र, रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल, धार्मिक स्थल और पूजाघरों को खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। चार धाम यात्रा पर स्थिति साफ कर दी गई है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का जिम्मा चार धाम देवस्थानम बोर्ड को दे़ दिया गया है। केवल राज्य के तीर्थयात्री ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चार धाम यात्रा कर सकेंगे। अन्य राज्यों से आने वालों के लिए चार धाम यात्रा फिलहाल प्रतिबंधित रहेगी। बोर्ड को यात्रा शुरू करने से पहले इसके बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करना होगा। बोर्ड संबंधित जिला प्रशासन और हक-हकूकधारियों से बातचीत करने के बाद आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए दर्शन और पूजा के लिए भी प्रोटोकॉल तय कर उचित एहतियाती कदम उठाते हुए सशर्त चारधाम यात्रा को खोलने के संबंध में निर्णय लेगा।
खुलेंगे होटल और होमस्टे
नये दिशा-निर्देशों के तहत देहरादून एवं राज्य के सभी कंटेनमेंट जोन में आने वाले होटल अगले आदेशों तक भी बंद ही रहेंगे। अन्य स्थानों केें होटल, होम स्टे और सेवा क्षेत्र के उपक्रम आदि सुबह सात से शाम सात बजे खुल सकेंगे। परंतु उनके द्वारा कोरोना संक्रमित-हॉट स्पॉट वाले शहरी क्षेत्रों और राज्यों के यात्रियों की बुकिंग स्वीकार नहीं की जाएगी। अलबत्ता जिन इलाकों में कोरोना का ज्यादा प्रभाव नहीं है, वहां के लोगों को कम से कम 7 दिनों के लिए बुकिंग करनी होगी। इसका उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिये होटल मालिकों को एक लिखित में जिम्मेदारी लेनी होगी कि उनके मेहमान होटल में रुकने के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर और राज्य के पर्यटक स्थलों पर नहीं घूमंेगे। साथ ही सभी होटल और अन्य हॉस्पिटेलिटी से जुड़े हुए उपक्रम पर्यटन विभाग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन भी करेंगे। होटल में आने वाले यात्रियों द्वारा किसी मानक का उल्लंघन किया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन और पुलिस को देनी होगी। इस दौरान ठहरने वालों को इस बात का भी शपथ पत्र देना होगा कि वह मानकों का उल्लंघन नहीं करेंगे। रेस्टोरेंट प्रबंधकों को भी अपने यहां आने-जाने वालों का हिसाब रखना होगा। इस दौरान सफाई और शारीरिक दूरी की व्यवस्था बनानी होगी।
धार्मिक स्थलों के लिये स्पष्ट किया गया है कि प्रबंध समितियों, बोर्ड और ट्रस्ट द्वारा संचालित धार्मिक स्थल और पूजा घर सुबह सात से शाम सात बजे तक खोले जाएंगे। जिला प्रशासन इन धार्मिक स्थलों का प्रबंधन करने वाले बोर्ड, ट्रस्ट और प्रबंधन के साथ वार्ता कर इन स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था और केंद्र सरकार द्वारा जारी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
वहीं शॉपिंग मॉलों की बात करें तो प्रदेश में देहरादून नगर निगम क्षेत्र को छोड़ हर जगह शापिंग मॉल सुबह सात से शाम सात बजे तक खोले जाएंगे। मॉल में प्रतिदिन केवल 50 प्रतिशत दुकानें ही खोली जाएंगी। दुकानों को खोलने की व्यवस्था मॉल प्रबंधन तय करेगा। जिला प्रशासन और मॉल प्रबंधन आपस में वार्ता करने के बाद यहां प्रतिदिन आने वाले लोगों की संख्या तय करेंगे। इस बारे में उचित प्रचार प्रसार किया जाएगा।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 30 मई 2020। विश्वव्यापी कोरोना विषाणु की महामारी के दौर में भारत अब लॉक डाउन 5.0 नहीं अनलॉक 1 में आने जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को खत्म कर दिया है और 30 जून तक के लिये दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। अब अनलॉक 1 में कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक पूरी पाबंदी रहेगी। वहां सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही इजाजत होगी। इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि यहां लोगों का आवागमन ना हो। यहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, घर-घर का सर्विलांस होगा। राज्यों की तरफ से कंटेनमेंट जोन के बाहर नए मामले आने की अधिक संभावना होने पर बफर जोन तय किए जा सकते हैं, और जिला प्रशासन अपने विवेकानुसार पाबंदियां लगा सकता है। लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से छूट दी जाएंगी। लेकिन फिलहाल कंटेनमेंट जोन हालांकि, जरूरी गतिविधियों की मंजूरी रहेगी।
वहीं कंटेनमेंट जोन के बाहर राज्य सरकार अपनी सुविधानुसार पाबंदियां लगा सकेंगे। गृहमंत्रालय ने कहा है कि स्थिति को देखते हुए यदि राज्यों को कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों पर रोक की आवश्यकता महसूस होती है तो वे ऐसा कर सकेंगे। इन क्षेत्रों में रात को 9 बजे से सुबह 5 बजे तक जरूरी चीजों को छोड़कर कर्फ्यू जारी रहेगा। इस दौरान गैर जरूरी काम से बाहर निकलने पर रोक रहेगी। लॉकडाउन 4 तक यह समय शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक था। वहीं मेडिकल इमरजेंसी या कोई और बहुत ही जरूरी वजह होने के अलावा 65 साल से अधिक के बुजुर्गों और 10 साल से कम के बच्चों के लिए दिशा-निर्देश हैं कि वह बाहर ना निकलें। लेकिन एक से दूसरे राज्य में जाने का प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। राज्य में भी एक जिले से दूसरे जिले में जा सकेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। कहीं आने जाने से पहले किसी की कोई इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, राज्यों को अगर कहीं लगता है तो वह पाबंदियां लगा सकते हैं, जिसकी जानकारी वह पहले से ही दे देंगे। राज्य सरकारें ही तय करेंगी कि कैसे राज्यों में बसें और मेट्रो सेवाएं शुरू होंगी। राज्य सरकार अपने स्तर पर पाबंदियां लगा सकती हैं। जैसे कि मध्य प्रदेश ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वहां पर लॉकडाउन 15 जून तक लागू रहेगा।
लॉकडाउन को खोलने के लिए गृह मंत्रालय ने तीन फेज की एक लिस्ट तैयार की है। इसी के अनुसार लॉकडाउन को खोला जाएगा।
-पहले चरण में आठ जून से धार्मिक स्थल भी खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही रेस्टोरेंट और होटल और सैलून खुलेंगे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहननना जरूरी होगा।
-दूसरे चरण में स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे। जुलाई महीने से स्कूलों को खोलने की कोशिश की जाएगी, जिस पर राज्य सरकारें स्कूलों और बच्चों के माता-पिता से बात कर के अपने विवेकानुसार स्कूल-कॉलेज खोलने पर फैसला कर सकते हैं। दूसरे फेज में सरकार ने स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टिट्यूट आदि को खोलने का फैसला जुलाई 2020 में लिया जाएगा। इसके लिए सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, संस्थाओं, अभिभावकों और सभी हितधारकों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा।
-तीसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल जैसी जगहें आदि को खोलने पर विचार होगा। यह आखिरी फेस होगा। इसमें नजारा बिल्कुल वैसा ही होगा जाएगा जैसे 24 के पहले होता था। हालांकि, इससे पहले एक बार स्थिति की समीक्षा की जाएगी। तीसरे चरण में ही सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक गतिविधियों को खोलने का फैसला लिया जाएगा।

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-पुलिस ने दो महिलाओं सहित एक परिवार के तीन लोगों एवं एंबुलेस के चालक-परिचालक के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मई 2020। कोरोना की जानलेवा वैश्विक महामारी और लॉक डाउन जारी होने के बावजूद लोग अपनी व दूसरों की जान जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। बृहस्पवितार को नगर में तीन लोगों के परिवार के यूपी के मुरादाबाद से एंबुलेंस में छुपकर आने का खुलासा हुआ। खास बात यह थी कि जिस एंबुलेंस में वे लोग करीब 150 किमी दूर मुरादाबाद से उत्तराखंड की सीमा पार कर यहां पहुंच गये थे, उसके पास कोई अनुमति पत्र ही नहीं था।
गनीमत रही कि मल्लीताल कोतवाली पुलिस के बारापत्थर में तैनात पुलिस कर्मियों की पकड़ में वे आ गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसर बृहस्पतिवार को नगर के बारापत्थर क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात दरोगा नरेंद्र कुमार ने यहां पहुंची एक एम्बुलेंस को रोक कर उसके चालक से अनुमति पत्र मांगा तो चालक ने अनुमति पत्र नहीं होने की बात कही। पूछताछ में चालक ने बताया कि मुरादाबाद से बुकिंग पर वे नैनीताल परिवार को लेकर आया है। एंबुलेंस में नगर के नगर के मल्लीताल मेट्रोपोल निवासी 5 सदस्यीय परिवार एम्बुलेंस के जरिये बिना अनुमति मुरादाबाद से नैनीताल पहुँच गया। जिसके बाद पुलिस ने परिवार के तीन सदस्यों-नवीन कुमार सहदेव पुत्र स्वर्गीय नंद किशोर, उसकी मां शकुंतला देवी एवं पत्नी रिंकी सहदेव के साथ ही एम्बुलेंस चालक और हेल्पर महेश पुत्र शालू कश्यप और पवन कुमार निवासी सिविल लाइन मुरादाबाद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 व 270 तथा आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मई 2020। उत्तराखंड सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के लिए मेंगलवार को नये दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। नये निर्देशों के अनुसार प्रदेश में अब कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है। प्रदेश के कोरोना मामलों वाले देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल व उत्तरकाशी को ऑरेंज जोन में जबकि अब तक रेड जोन में रहे हरिद्वार सहित अन्य सभी जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। लेकिन अधिक कोरोना के मामलों वाले क्षेत्रों को कंटेनमेंट एवं बफर जोन बनाया जायेगा व उनमें अधिक सख्ती बरती जाएगी। प्रदेश में आगे भी केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित मॉल, सिनेमा घर, सैलून, पर्यटन गतिविधियों के प्रतिष्ठान व शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे, अलबत्ता केंद्र सरकार द्वारा अनुमन्य श्रेणी की अन्य सभी दुकानें खुख सकेंगी। ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी। स्टेडियमों में बिना दर्शकों के खेलों का आयोजन हो सकता है। धार्मिक स्थल आंशिक तौर पर भीड़ न होने के प्रतिबंधों के साथ खुल सकते हैं। प्रदेश में सुबह सात से शाम चार बजे तक लॉक डाउन की पुरानी व्यवस्था ही जारी रहेगी, और शाम सात से सुबह के सात बजे तक पूर्ण लॉक डाउन रहेगा। सरकारी ऑफिस सुबह 10 से शाम चार बजे तक ही खुलेंगे। हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, कोटद्वार, हरिद्वार, रुड़की, देहरादून में ऑड-ईवर के अनुसार वाहन चल सकेंगे जबकि सार्वजनिक परिवहन पर एक-दो दिनों में मुख्य सचिव फैसला लेंगे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मई 2020। देश में लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। NDMA यानी राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह पुष्टि की है। इस संबंध में नई गाइडलाइन आज शाम जारी की जा चुकी है। इसके अनुसार रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेन्‍ज जोन में राज्‍यों को निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।

नई गाइडलाइन के अनुसार स्‍कूल व कॉलेज बंद रहेंगे। धार्मिक स्‍थल, शॉपिंग मॉल्‍स, स्‍टेडियम, व्‍यवसायिक केंद्र बंद रहेंगे। इंटर स्‍टेट बस सेवाओं को मंजूरी दी गई है लेकिन दोनों राज्‍यों की सहमति होना जरूरी है। सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल और इस तरह के भीड़भाड़ वाले स्थान बंद रहेंगे। खेल परिसरों और स्टेडियमों को खोलने की अनुमति होगी लेकिन वहां दर्शकों को जाने की अनुमति होगी। दिल्ली में मेट्रो रेल भी 31 मई तक यात्रियों के लिए बंद रहेगी। लेकिन सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम और जलसों की अनुमति नहीं होगी। सभी धार्मिक स्थल, पूजा स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे। धार्मिक जलसों पर सख्त पाबंदी होगी।

राज्यों को मिली कंटेनमेंट, बफर, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन की जिम्मेदारी :
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के मुताबिक राज्य सरकारें अपने यहां रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करेंगी। रेड जोन और ऑरेंज जोन के भीतर जिले के अधिकारी कंटेनमेंट जोन और बफर जोन तय करेंगे। कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों की ही अनुमति होगी। इन इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा और किसी भी व्यक्ति को वहां से किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां केवल मेडिकल इमर्जेंसी और जरूरी वस्तुओं तथा सेवाओं की डिलिवरी की अनुमति होगी। इन इलाकों में घर-घर जाकर संक्रमित लोगों का पता लगाया जाएगा।
इसके अलावा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार राज्य के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के आवागमन का फैसला राज्य सरकार को स्वयं लेना होगा। केंद्र सरकार ने यहां साफ कर दिया है कि राज्य अपने से तय करें कि क्या प्रदेश के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलने चाहिए या नहीं। राज्य सरकार को ये अधिकार दिया है कि वो तय करें कि उनके प्रदेश में कौन सा इलाका किस जोन में आएगा। यानी कंटेनमेंट जोन, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन को अब प्रदेश सरकारें तय करेंगी। उसके बाद इन जोनों में किस तरह की रियायतें होंगी वो केंद्र सरकार तय करेंगी। सभी तरह के जोन की सीमाओं के बारे में सीमांकन करने की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होगी। वो तय करेंगे कि जिले की सीमाएँ खोली जाएं या नहीं। कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी कामों के लिए आप घर से बाहर आ सकते हैं। इन जोनों में किसी तरह की आवाजाही नहीं होगी। न तो इन इलाकों के भीतर कोई आ सकता है और न ही कोई इससे बाहर जाएगा। हालांकि मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी सामान लाने के लिए आप निकल सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार ही छूट मिलेगी। शाम को सात बजे से सुबह के सात बजे तक आवाजाही पर रोक रहेगी। लोकल प्रशासन इसके लिए जरूरी आदेश दे और अपने अधिकार क्षेत्रों पर धारा 144 को लागू करे और सख्ती से पालन कराए। 65 साल के ज्यादा उम्र वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है। अगर कोई बहुत जरूरी काम जैसे कोई मेडिकल इमरजेंसी या फिर कोई बेहद जरूरी सामान लेना हो तभी घर से बाहर आएं। आरोग्य सेतु ऐप का प्रयोग करने के लिए कहा गया है। जिसके कि आपके आस-पास कोई भी कोरोना संदिग्ध हो तो ऐप के जरिए आपको पता चल जाए और फिर आप उस इलाके में न जाए। दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए ये ऐप बहुत जरूरी है ताकि वो अपने आसपास के इलाके से अवगत रहें। जिला प्रशासन आरोग्य सेतु ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों को परिचित कराए और लगातार इससे अपडेट रहने की सलाह दे। कार्यालयों और कार्य स्थलों पर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कर्मचारियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। मेडिकल प्रफेशनल, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और एंबुलेंस के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। सभी तरह के गुडस और कार्गो के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।

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-बिना मास्क पहने बाजार में घूमने पर डेढ़ दर्जन अन्य का चालान
नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मई 2020। तल्लीताल थाना पुलिस को आज होम क्वारन्टाइन यानी गृह एकांतवास में भेजा गया एक व्यक्ति अपनी दुकान खोले हुए मिला। पुलिस ने उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। साथ ही बाजार में बिना मास्क पहने घूमने वाले एक दर्जन लोगों का चालान किया गया है।
तल्लीताल थाना प्रभारी विजय मेहता ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से हल्द्वानी के चिकित्सालय द्वारा होम क्वारन्टाइन में भेजे गये व्यक्ति द्वारा दुकान खोलने की सूचना मिली। इस पर उप निरीक्षक पुलिस आरक्षी शिवराज राणा के साथ मौके पर पहुंचे। वहां उन्हें पिछाड़ी बाजार में शाकिर हुसैन पुत्र सादिर हुसैन नाम का दुकानदार शमा इंटरप्राइजेज नाम की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान खोले मिला। बताया गया है कि इस बीच वह बीती 9 मई को दिल्ली भी हो आया था। इस पर उसके विरुद्ध लॉक डाउन के उल्लंघन में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं दूसरों के लिए असुरक्षा बनाने पर धारा 269 व 270 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अलबत्ता सात वर्ष से कम की सजा के प्राविधान के कारण उसे मौके पर नोटिस देेकर छोड़ भी दिया गया। वहीं लॉक डाउन के बाावजूद लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बिना मास्क पहले बाजार में घूमने वाले लगभग डेढ़ दर्जन लोगों का चालान कर राजस्व वसूला गया। मोटर यान अधिनियम के तहत भी एक चालान तक 2750 रुपए का जुर्माना वसूला गया है।

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-लॉक डाउन में ढिलाई के साथ आपे से हुए बाहर हुए लोग, पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ की निरोधात्मक कार्रवाई
नवीन समाचार, देहरादून, 8 मई 2020। शुक्रवार को कोतवाली मल्लीताल पुलिस ने लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन कर उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर से बिना अनुमति के नैनीताल आने पर फारूक अहमद पुत्र मोहम्मद हनीफ निवासी मेट्रोपोल कंपाउंड मल्लीताल नैनीताल के विरुद्ध अंतर्गत धारा 188 269 270 आईपीसी व 51 डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया है। उसे थाने से जमानत देकर 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया है।
इधर लॉक डाउन में ढिलाई के साथ मुख्यालय में लोग आपे से बाहर होते नजर आ रहे हैं। इस पर कोतवाली पुलिस ने भी शुक्रवार को कड़ा रुख अपनाते हुए कई लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की। कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक मो. यूनुस ने बताया कि इसके अलावा एक अन्य मामले में केबल के तार को लेकर दो पक्षों में कहासुनी होने पर एक पक्ष के शादाब, इमरान, फिरोज, मोहसिन, आरिफ पुत्र गण रफीक के विरुद्ध उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81 पुलिस एक्ट के तहत चालान कर 1250 रुपए वसूल किए। साथ ही भविष्य में शांति व्यवस्था भंग ना हो इसलिए दोनों पक्षों के विरुद्ध धारा 107, 116 के तहत चालानी कार्रवाई भी की गई है। इसी तरह अंडा मार्किट बेकरी कंपाउंड में शराब पीकर आपस मे झगड़ा करने पर दो लोगों का भी 81 पुलिस एक्ट में 1000 रुपए का चालान किया गया है। साथ ही उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की रिपोर्ट भी अलग से भेजी जा रही है। इसी तरह एक अन्य मामले में कोतवाली पुलिस ने चार्टन लॉज चूना धारा के पास रहने वाली एक महिला ने शिकायत की कि उसका पति शराब पीकर उससे एवं उसके बच्चों के साथ मारपीट करता है। उसे थाने लाकर समझा-बुझाकर एवं हिदायत देकर कोतवाली से छोड़ा गया। इसी तरह अन्य घटना में नगर के मेट्रोपोल कंपाउंड में दो पक्षों नावेद सिद्दीकी व सरफराज अहमद के बीच मकान की दीवार पर त्रिपाल डालने को लेकर विवाद हो गया था जिस संबंध में जांच की जा रही है। वहीं बीती देर रात्रि भी पुलिस ने मेलरोज कंपाउंड के सुरेश राम पुत्र खेम राम द्वारा शराब पीकर अपनी पत्नी को घर से बाहर निकाल कर मोहल्ले में हुड़दंग मचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे बाद में पुलिस एक्ट की धारा 81 में 500 रुपए का चालान कर चेतावनी देकर छोड़ा।
इसके अलावा यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर कोतवाली पुलिस ने आज दो वाहन चालकों का मोटर यान अधिनियम में चालान कर न्यायालय को रिपोर्ट भेजी गई। साथ ही होटल आरिफ कैसल से प्राप्त 80 लंच पैकेटों को गरीब व असहाय व्यक्तियों को वितरित किया गया तथा बाजार में सामान खरीद रहे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर खरीदारी करने हेतु अपील की गई तथा बिना आवश्यकता के घर से बाहर न निकलने हेतु अनुरोध किया गया।

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 3 मई 2020। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन छूट देते हुए ऑरेंज जोन से संबंधित नियमों पर एक नया स्पष्टीकरण जारी किया है। शुक्रवार के दिशा-निर्देश में भ्रम होने के कारण शनिवार को गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 4 मई से शुरू होने वाले लॉकडाउन-3.0 के दौरान ऑरेंज और ग्रीन जोन में नाई की दुकानें खुली रहेंगी। ऑरेंज और ग्रीन जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को भी अनुमति दे दी गई है। इसके अनुसार ओरेंज जोन में केवल बसों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। ऑरेंज जोन में जिलों के अंदर या एक जिले से दूसरे जिले के अंदर कोई बस नहीं चलेगी। टैक्सी या कैब चलने की छूट होगी लेकिन उसमें ड्राइवर के अलावा केवल दो लोग बैठ सकेंगे। एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए भी यही नियम होगा और निजी कार में भी ड्राइवर के अलावा दो लोग बैठ सकेंगे। लोग घरों मंे काम करने वाली महिलाओं को भी बुला सकते हैं।

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नवीन समाचार, देहरादून, 2 मई 2020। उत्तराखंड में लॉकडाउन-3.0 के तहत सोमवार चार अप्रैल से पिछले 21 मार्च से चली आ रही लॉक डाउन की पाबंदियों में काफी छूटों के साथ व्यवस्थाएं बदल जाएंगी। इस संबंध में शनिवार को काफी कुछ बातें साफ हो गई हैं, और कुछ अभी भी होनी शेष हैं। आज साफ हो गया है कि राज्य के ग्रीन और ऑरेंज जिलों यानी हरिद्वार को छोड़कर शेष जनपदों में चार मई से सैलूनों, मॉल, शॉपिंग कॉंम्पलेक्स व सिनेमाघर आदि को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानें सुबह सात बजे से चार बजे तक खुलेंगी। वहीं रेड जोन के ग्रामीण इलाकों में भी सभी प्रकार की दुकानें चार बजे तक खोली जा सकेंगी। रेड जोन के शहरी क्षेत्रों में आवश्यक और गैर आवश्यक दुकानें खुल सकेंगी लेकिन इनका समय पूर्व की भांति ही सबुह सात बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक रहेगा। वहीं शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा। छूट के बावजूद मास्क, फेस कवर का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना होगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा रेड जोन में हरिद्वार, ऑरेंज जोन में देहरादून और नैनीताल तथा ग्रीन जोन में अल्मोड़ा, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग को रखा गया है। प्रदेश सरकार ने ग्रीन और ऑरेंज जोन में सुबह सात से शाम चार बजे तक सभी प्रकार की दुकानों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की है। इसके अलावा अन्य उद्योग, कृषि आदि की अन्य गतिविधियां पहली ही शुरू की जा चुकी है। हालांकि, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दुकानों में केवल 50 फीसद स्टाफ मौजूद होगा और यहां सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का पूरी तरह अनुपालन करना होगा। रेड जोन के शहरी क्षेत्र में गली और मोहल्लों में दुकानें खुल सकेंगी हालांकि, इनका समय पूर्व की भांति ही सुबह सात बजे से लेकर एक बजे तक होगा। इस दौरान ज्यादा भीड़-भाड़ न हो इसके लिए दुपहिया और चौपहिया वाहनों के संचालन के लिए पूर्व में जारी किए गए नियम ही लागू रहेंगे।
सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक सरकारी कार्यालय खुलेंगे
प्रदेश में सोमवार से करीब डेढ़ महीने से बंद चल रहे ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में सभी सरकारी कार्यालय सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक खुलेंगे। अलबत्ता ग्रीन जोन में 50 फीसद और ऑरेज-रेड जोन में 33 फीसद कर्मचारी आएंगे। सचिवालय के कार्यालय सुबह 9.30 बजे से शाम चार बजे तक खुलेंगे। लेकिन शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी, अलबत्ता जरूरत पड़ने पर शिक्षक-कर्मचारी बुलाए जा सकेंगे। गर्भावस्था के दौरान और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों की माता कार्मिकों तथा 55 वर्ष से अधिक आयु या एक से अधिक बीमारी से ग्रसित कार्मिकों को नहीं बलाया जाएगा। खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ के लक्षण वाले अधिकारी-कर्मचारी को नहीं बुलाया जाएगा, ऐसे कर्मचारी अपनी बीमारी की सूचना अनिवार्य रूप से देंगे। कार्यालय परिसरों में गुटखा, पान, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट का सेवन और थूकना पूर्ण प्रतिबंधित होगा। इस दौरान कैंटीनंे बंद रहेगी, किचन के माध्यम से कार्यालय कक्षों में डिलीवरी की इजाजत होगी। कार्यालयों के दरवाजे खुले रखे जाएंगे, ताकि बार-बार छूना न पड़े। चाय, कॉफी, पानी के लिए कार्ड बोर्ड के डिस्पोजल कप का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी कार्मिकों के लिए आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। ग्रीन जोन में स्थित सभी कार्यालयों में समूह क व ख के शत प्रतिशत अधिकारी, समूह ग और घ के कर्मचारियों की 50 फीसद उपस्थिति रहेगी। वहीं रेड और ऑरेंज जोन के जिलों में चार मई से अगले एक हफ्ते तक सरकारी दफ्तरों में समूह क और ख के सभी अधिकारी, समूह ग और घ के सिर्फ 33 फीसद कर्मचारी रोटेशन के आधार पर आएंगे। एक हफ्ते के बाद उनकी उपस्थिति ग्रीन जोन की तर्ज पर करने पर विचार किया जाएगा। सचिवालय सुबह 9.30 बजे से शाम चार बजे तक खुला रहेगा। शिक्षण संस्थाएं बंद रहेंगी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर न्यून संख्या में शिक्षक व स्टाफ को बुलाने जा सकता है। कार्यालयों को खोलने के साथ ही उनमें कोरोना संक्रमण को रोकने व सेनिटाइजेशन के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। कार्यालयों, प्रवेश द्वारों, दरवाजों, फर्श, खुला क्षेत्र, सीढ़ियों, रेलिंग, गलियारों, कुर्सियों, मेजों, कैश काउंटर्स, दीवारों, लिफ्ट, सभागारों, बरामदों, कैंटीन, शौचालयों, वाटर प्वाइंट में हफ्ते में न्यूनतम दो बार अनिवार्य सेनिटाइजेशन करना होगा। प्रत्येक दिन न्यूनतम एक बार उपयुक्त कीटाणुनाशक से कार्यालयों के फर्श, शौचालयों समेत विभिन्न स्थानों को किटाणुनाशक से सैनिटाइज करना होगा। एयर कंडीशनिंग के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना होगा। शारीरिक दूरी के मानक अनिवार्य रूप से पालन किए जायेंगे। लिफ्ट का उपयोग दो या चार से अधिक व्यक्ति नहीं करेंगे। दो कुर्सियों के बीच छह फीट की दूरी रखी जाएगी। कार्यालयों में मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्केनिंग की पूरी व्यवस्था की जाएगी। गैर जरूरी आगंतुकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। कार्मिकों के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य किया गया है।

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 1 मई 2020। विश्वव्यापी कोरोना की महामारी से सफलतापूर्वक लड़ते हुए देश अब आगामी चार मई से तीसरे चरण के लॉक डाउन 3.0 में प्रवेश करने जा रहा है। इस दिन से देश में बड़े स्तर पर ‘जान भी-जहान भी’ के सूत्र वाक्य के साथ पिछले करीब 40 दिनों के बाद कुछ राहत के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का चरण भी शुरू होने जा रहा है। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस चरण में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में लोगों को क्या छूटें मिलेंगी और क्या पाबंदियां जारी रहेंगी।
इस बारे में गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में हवाई यात्रा, सामान्य रेल, मेट्रो और सड़क मार्ग से अंतर्राज्यीय परिवहन के साथ ही स्कूल, कॉलेज और शैक्षिक संस्थानों का संचालन बंद रहेगा। इसके अलावा कोचिंग संस्थान, रेस्टोरेंट, होटल, पूजा स्थल और लोगों के एक जगह एकत्र होने पर रोक जारी रहेगी। इस दौरान देश में हवाई यात्रा, रेल परिचालन, मेट्रो परिचालन, सड़कों से एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश पर पाबंदी लागू रहेगी। स्पष्ट है कि 17 मई तक प्लेन, ट्रेन, मेट्रो और रोड ट्रांसपोर्ट का परिचालन शुरू नहीं होगा। वहीं, स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान, ट्रेनिंग-कोचिंग इंस्टिट्यूट आदि बंद रहेंगे। गृह मंत्रालय की ओर से आदेश में कहा गया है कि ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। रेड, ऑरेंज और ग्रीन यानी सभी जोन में दवा की दुकानें खुली रहेंगी। अलबत्ता, इस दौरान इनको सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। राजनीतिक, सांस्कृतिक आयोजन स्थल तथा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि सभी धार्मिक स्थल 17 मई तक नहीं खुलेंगे। ध्यान रहे कि रमजान का महीना चल रहा है जो इस दौरान खत्म नहीं होगा। सभी जोनों में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों और डाइबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों का बाहर निकलना मना रहेगा। ये सिर्फ जरूरी काम या स्वास्थ्य जरूरतों के लिए ही घर से निकल पाएंगे।लेकिन कंटेनमेंट जोन में दवा की दुकानें बंद रहेंगी। होटल, रेस्त्रां समेत आतिथ्य सेवा के सारे संस्थान बंद रहेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भीड़भाड़ वाली जगहों को लॉकडाउन से छूट नहीं दी जा रही है। सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों को 17 मई तक बंद रखा जाएगा। यह आदेश रेड, ऑरेंज और ग्रीन, तीनों जोनों के लिए लागू है।
सरकारी आदेश के अनुसार, शाम को 7 बजे से सुबह सात बजे तक सभी प्रकार की गैर जरूरी यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। स्थानीय प्रशासन लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत कर्फ्यू की घोषणा भी कर सकता है। सभी जोन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल के अधिक आयु के बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहना जरूरी होगा।
लेकिन इस दौरान रेड जोन घोषित किए गए जिलों में साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की गतिविधियां पूर्णत प्रतिबंधित होंगी। रेड जोन में नाई की दुकानें भी बंद रहेंगी। रेड जोन के अंदर और कंटेनमेंट जोन के बाहर रिक्शा, ऑटो रिक्शा का परिचालन बंद रहेगा।
अलबत्ता, ग्रामीण क्षेत्रों में सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां और विनिर्माण के कार्य, मनरेगा के कार्य, फूड प्रोसेसिंग यूनिट व ईंट-भट्ठों पर काम जारी रहेंगे। शहरी क्षेत्रों में भी शॉपिंग मॉल को छोड़कर दुकानें खुलेंगी। इसके अलावा रेड जोन में कृषि कार्य, पशुपालन, मछली पालन के लिए भी अनुमति दी गई है। रेड जोन घोषित शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्लांटेशन का कार्य, सभी प्रकार के स्वास्थ्य सेवाएं, मरीजों को एयर एंबुलेंस से ले जाने की भी छूट दी गई है।
वहीं आरेंज जोन में टैक्सी और कैब को संचालन की अनुमति होगी। लेकिन, इसमें ड्राइवर के अलावा एक यात्री से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए। इसके अलावा छूट प्राप्त सेवाओं में शामिल लोगों और वाहनों को जिले के बाहर आने-जाने की अनुमति होगी। चार पहिया गाड़ियों में चालक के अलावा दो यात्री ही बैठ सकते हैं। वहीं, बाइक पर पीछे एक सवारी के बैठने की अनुमति होगी। सभी गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही पर शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक सख्त पाबंदी रहेगी। ग्रीन जोन में भी सुबह 7 से शामल 7 बजे तक फालतू में घूमना-फिरना मना रहेगा।
सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि, न्यूनतम छह फुट की दूरी ग्राहकों के बीच सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान, तंबाकू की बिक्री करने की इजाजत होगी तथा दुकान पर एक समय में पांच से अधिक लोग नहीं होंगे।
ग्रीन जोन घोषित जिलों में पूरे देश में प्रतिबंधित सेवाओं और एक्टिविटी को छोड़कर अन्य सभी एक्टिविटी को अनुमति दी गई है। ग्रीन जोन में 50 फीसदी लोगों के साथ बसें चल सकती हैं और डिपो में भी 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी। गृह मंत्रालय के नए निर्देशों में ग्रीन जोन में शराब और पान की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन एक दूसरे से दो गज की दूरी रखनी होगी और एक समय में पांच से ज्यादा लोग मौजूद नहीं रह सकते हैं।
रेड जोन में वाणिज्यिक संस्थान भी खुले रहेंगे। इनमें बैंक, गैर बैंकिंग इकाइयां, इंश्योरेंस और कैपिटल मार्केट एक्टिविटी और क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी शामिल हैं। वहीं आंगनवाड़ी, बिजली, पानी, सैनिटेशन, वेस्ट मैनेजमेंट, टेलिकम्यूनिकेशन और इंटरनेट कोरियर और पोस्टल सर्विस भी जारी रहेगी। रेड जोन में अधिकतर कॉमर्शियल और प्राइवेट स्टेब्लिशमेंट को छूट दी गई है। इसमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और डॉटा और कॉल सेंटर्स, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस, प्राइवेट सिक्योरिटी और जो स्वयं बिजनेस चलाते हैं उन्हें छूट दी गई है।
देश में 319 जिले ग्रीन जोन, जबकि 130 जिले रेड जोन में
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। वहीं, देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। बता दें कि यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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नवीन समाचार, देहरादून, 1 मई 2020। नया माह कोरोना संक्रमण के भय के बीच उत्तराखंड के लिए राहत भरा समाचार लेकर आया है। केंद्र सरकार ने राज्य के दो प्रमुख जनपदों देहरादून और नैनीताल को रेड जोन से बाहर कर ऑरेंज जोन में डाल दिया है। इसके बाद राज्य का केवल एक जनपद हरिद्वार ही रेड जोन में है, जबकि पूर्व में मामले आने वाले ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा व पौड़ी सहित शेष नौ पर्वतीय जनपद पहले ही ग्रीन जोन में आ चुके हैं। बताया गया है कि पिछले 14 दिनों में समाज में कोरोना का प्रसार न होने के कारण नैनीताल एवं देहरादून जिलों को रेड से ऑरेंज जोन में लाया गया है। यहां जो मरीज आ रहे हैं, वे पहले से अलग किये गये वो पहले से कंटोनमेंट जोन से आ रहे हरिद्वार को रेड जोन में रखा गया है। वहीं देहरादून और नैनीताल ऑरेंज जोन में हैं और राज्य के बाकी जिले ग्रीन जोन में हैं।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 30 अप्रैल 2020। लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने भी कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने बाहर फंसे लोगों के लिए पंजीकरण कराने हेतु वेबसाइटें http://smartcitydehradun-uk-gov-in/http://dsclservices-org-in/uttarakhand&migrant&registration-php भी जारी कर दी हैं। 

नोडल अधिकारी शैलेश बगोली बताया कि वापस लौटने के इच्छुक लोगों की सहायता के लिए साथ ही 15 नए हेल्पलाइन मोबाइल नंबर (9557194828, 8476824218, 7017082637, 7983129119, 8279577133, 7906434586, 8979376382, 9045394752, 9045184752, 9389930624, 9389939866, 9410103292, 9045014752 व 9389919096) भी जारी किए गए हैं। जो मोबाइल से आवेदन को ज्यादा सुविधाजनक समझते हैं, वो मोबाइल से फोन कर अपना ब्योरा दर्ज करा सकते हैं। इन विशेष नंबर के साथ ही पुलिस लाइन कोविड कंट्रोल रूम के नंबर-0135-2722100 और एसडीआरएफ कंट्रोल रूम के नंबर-0135 2410197 और 9456596190 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

इन मोबाइल नंबर पर दर्ज कराए अपना ब्योरा:


उल्लेखननीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाहर फंसे लोगों को उनके घर भेजने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। नए दिशा-निर्देशों के तहत अब फंसे हुए लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में कुछ शर्तों के साथ भेजा जा सकेगा। गृह मंत्रालय के द्वारा बुधवार को जारी नये निर्देशों के अनुसार इस हेतु सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने होंगे और एक मानक प्रोटोकॉल तैयार करना होगा। नोडल अधिकारी अपने राज्य में फंसे लोगों को पंजीकृत करेंगे। नए दिशा-निर्देशों के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के इच्छुक लोगों के लिए संबंधित राज्य सरकारों को आपस में बात करनी होगी। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि फंसे हुए लोगों को केवल सड़क मार्ग से ही उनके गंतव्य पर भेजा जाएगा।
लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने से पहले उनकी जांच की जायेगी। जब ये लोग अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के जरिए उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा। साथ ही इन सभी लोगों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अप्रैल 2020। जी हां। जनपद में रेड या ऑरेंज जोन से आने वाले लोगों के साथ कोरोना विषाणु कोविद-19 का संक्रमण न आने पाये, इस हेतु सावधानी बरतने के लिए नैनीताल जनपद में रेड या ऑरेंज जोन से आने वाले लोगों को अब 14 दिन के लिए क्वारन्टाइन किया जाएगा। डीएम सविन बंसल ने रविवार की रात ऐसे आदेश जारी किये हैं। आदेश में कहा है कि रेड व ऑरेेंज जोन से जिले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण होगा और फिर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। उनके वाहन चालक के लिए भी यही प्रक्रिया अपनायी जाएगी।
डीएम ने कहा कि ऐसे यात्री, जो उपचार के बाद जिले में लौट रहे हैं, उन्हें भी हॉस्पिटल या क्वारंटाइन सेंटर में रख दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति जिले से रेड व ऑरेेंज जोन में अनुमति लेकर अपने रिश्तेदार को लेने जा रहा है, तो भी उन्हें जांच व क्वारंटाइन प्रक्रिया का पालन करना होगा। अगर कोई व्यक्ति दूसरी जगह से इस जिले से होकर कहीं और जा रहा है तो उसे जांच के बाद जाने दिया जाए। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को इन नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं डीएम का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति ग्रीन जोन से जिले में आ रहा है तो भी उसकी भी जांच होगी, लेकिन उसके बाद उसे अपने घर जाने दिया जाएगा।

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नवीन समाचार, देहरादून, 25 अप्रैल 2020। शनिवार को भारत सरकार द्वारा दुकानों को खोले जाने के संबंध में जारी गाइडलाइन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार-विमर्श किया। बैठक में तय किया गया कि राज्य के ग्रीन जोन वाले 9 पर्वतीय जिलों में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दुकानों को खोला जाएगा। यहां दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेंगी। शराब एवं नाई आदि प्रतिबंधित श्रेणी की दुकानें अब भी बंद रहेंगी। वहीं चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में वर्तमान की स्थिति बरकरार रहेगी। अंतरजनपदीय एवं अंतरराज्यीय स्तर पर आवागमन की पहले की तरह ही रोक रहेगी। अलबत्ता इस दौरान निजी निर्माण कार्य हो सकेंगे। इन सबके चलते पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि नागरिकों द्वारा सामाजिक दूरी का अनुपालन आवश्यक रूप से हो। वहीं मुख्यमंत्री ने ग्रीन जिलों के नागरिकों से विशेष अपील की है कि वे दी जा रही छूट को केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही प्रयोग करें, और सामाजिक दूरी का अनुपालन करें। बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करें। देखें इस संबंध में मुख्यमंत्री की पोस्ट :


बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा राजकीय मेडिकल कालेज, देहरादून में वाइरोलाजी लैब का लोकार्पण किया। इससे राज्य में कोरोना की जांच की क्षमता में वृद्धि होगी। 
इसके अलावा उत्तराखंड के ग्रीन जोन में शामिल नौ जिलों में रविवार से अस्पताल आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, कि जन जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज नहीं हैं, वहां अस्पतालों को खोला जाएगा। सीएम रावत के मुताबिक प्रदेश में अब केवल मेला अस्पताल हरिद्वार, दून हॉस्पिटल देहरादून, निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर और सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में ही अब कोविड-19 अस्पताल के रूप में कोरोना वायरस का इलाज होगा। बाकी अन्य अस्पताल पहले की तरह ही अपना काम करेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया जाएगा, जो ये देखेगी कि कोरोना वायरस की वजह से जो अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। उसकी राज्य कैसे भरपाई कर सकता हैं, कैसे राज्य में स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा किये जा सकते हैं और अपने नौजवानों को काम दे सकते हैं। इसके साथ ही इस पर भी ध्यान दिया जाएगा कि हम गरीबों की आर्थिकी को कैसे मजबूत कर सकते हैं। मंत्रिमंडलीय उप समिति में राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत और रेखा आर्य सदस्य के रूप में रहेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह परावत ने इसके साथ ही कहा कि रैबार 3 के तहत प्रवासियों से परामर्श करेंगे।

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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 24 अप्रैल 2020। हल्द्वानी के कर्फ्यूग्रस्त बनभूलपुरा क्षेत्र के सभी सेक्टरों में आगामी आदेशों तक ढील जारी रहेगी। जानकारी देते हुये डीएम सविन बंसल ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र मे बनाये गये 5 सेक्टरों में दो चरणों में तीन-तीन घंटे की छूट दी गई थी। विगत दिनों में बलभूलपुरा के निवासियों ने शांतिपूर्वक एवं अनुशासित ढंग से खरीददारी की और दैनिक आवश्यताओं की वस्तुयें खरीदी। मुल्यांकन अवधि में शांति व्यवस्था बनी रही जिसको दृष्टिगत रखते हुये यह निर्णय लिया गया कि बनभूलपुरा के सभी पांचों सेक्टरों में शनिवार से तीन घंटे की ढील प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि ढील के दौरान खदीददारी व अन्य कार्यो के लिए हर घंटे घर से एक ही सदस्य बाहर आये और घर के जरूरी काम निपटाये। उन्होंने बताया कि पूर्व की भांति प्रशासन द्वारा खाद्यान, फल, सब्जी एवं दूध की आपूर्ति यथावत जारी रहेगी। उन्होने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र के बैंक तयशुदा समय पर कार्य करेंगे। लोगों को नगदी की दिक्कत ना हो इसलिए क्षेत्र के सभी एटीएम खोल दिये गये है। उन्होने बनभूलपुरा क्षेत्र मे तैनात किये गये सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों व अन्य अधिकारियों से कहा है कि क्षेत्र मे सौंपे गये दायित्यों का निर्वहन पूरी तत्परता एवं समर्पण भाव से करें।

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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 21 अपै्रल 2020। हल्द्वानी के कर्फ्यूग्रस्त बनभूलपुरा क्षेत्र में बुधवार से सेक्टर वार प्रातः 8 बजे से 11 बजे के बीच तीन घंटे की छूट दी जाएगी। डीएम सविन बंसल तथा एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने मंगलवार को कर्फ्यूग्रस्त बनभूलपुरा इलाके के इमामों, मौलवियों, उलेमाओं तथा अन्य गणमान्य लोगोें के साथ क्षेत्र के हालातों तथा आने वाले पवित्र रमजान माह के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक करते हुए यह बात कही। बताया कि 22 अप्रेल (बुधवार) को सेक्टर 3 व 5 में तथा 23 अप्रेल (गुरूवार) को सेक्टर 1, 2 व 4 में कर्फ्यू मे ढील दी जायेगी। यदि 22 व 23 अप्रेल को सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 24 अप्रैल से सभी सेक्टरों में प्रातः 8 बजे से 11 बजे के बीच ढील दी जायेगी। ढील के दौरान लाकडाउन के सभी नियम कायदे व कानून सभी को मानने होंगे। सामाजिक दूरी एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से हर किसी को करना होगा। उन्होंने क्षेत्र में बैंक एवं राशन की सुविधाएं बहाल करने की बात भी कही। वहीं अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने कहा कि बनभूलपुरा की सभी 37 सस्ते गल्ले की दुकानों से गरीबो के लिए निशुल्क खाद्यान प्राथमिकता पर वितरित कराने और रोजे से सम्बन्धित सभी आवश्यक वस्तुयें भी उपलब्ध कराने की प्रशासन से मांग की।

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-कई मामलों में छूट, पर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने व बिना मास्क के आने पर प्रतिबंध, आने-जाने के लिए लेनी होगी एसडीएम से अनुमति

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 अप्रैल 2020। लॉक डाउन के दौरान जनपद में सोमवार से कुछ नयी व्यवस्थाएं लागू होने जा रही हैं। डीएम सविन बंसल ने बताया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा लाकडाउन की 3 मई तक विस्तारित की गई अवधि में सोमवार 20 अप्रैल से सार्वजनिक स्थान पर थूकना, उत्तराखंड कूडा फेंकना एवं थूकना निषेध अधिनियम 2016 के प्राविधानों के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। साथ ही शराब, गुटका, तम्बाकू एवं इससे बने उत्पादों की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी। सभी सार्वजनिक स्थलों एवं कार्यालयों में सभी अधिकारियों एव कर्मचारियों तथा आम लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। कार्यालयांे मे भोजन अवकाश के दौरान सहित किसी सार्वजनिक स्थान या कार्य स्थल पर आने, पर सामाजिक दूरी एवं बचाव के उपायों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। कटाई एवं बुवाई से संबंधित मशीनों तथा दूध एवं दुग्ध उत्पादों के संग्रह, प्रसंस्करण, वितरण एवं बिक्री व आपूर्ति तथा पशुपालन, मुर्गीपालन व अन्य पशुपालन की गतिविधियांे का संचालन सहित हर तरह के आवागमन के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने बताया कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर 5 या उससे अधिक व्यक्तियों का एकत्रित होना प्रतिबंधित होगा। शादी समारोह के लिए अधिकतम पांच एवं अंत्येष्टि के लिए अधिकतम 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति संबंधित एसडीएम लेनी आवश्यक होगी। अन्य किसी भी प्रकार के बडे समारोह, बैठक, गोष्ठियां व प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिबन्धित रहेंगे। लेकिन सभी कृषि मशीनरी, स्पेेयर पार्टस तथा इनकी मरम्मत, कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज विक्रय नियमों के प्रतिबंधों के साथ तथा ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार द्वारा अनुमोदित कॉमन सर्विस सेंटर निर्धारित अवधि में खुले रहेंगे। मनरेगा के समस्त कार्यो का संचालन किया जा सकेगा। जिले के सभी सिनेमा हॉल, मॉल, शापिंग काम्पलैक्स, व्यायामशाला, स्पोर्टस काम्लैक्स, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार और ऑडिटोरियम, एसेम्बली हॉल, धार्मिक स्थल, पूजा स्थल एवं धार्मिक समारोह तथा सभी सामाजिक राजनैतिक खेल, मनोंरजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यो तथा अन्य समारोह जनता के लिए प्रतिबंधित रहेंगे।

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नवीन समाचार, देहरादून, 19 अप्रैल 2020। उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार और नैनीताल जिलों में गत दिनों नये मामले आने के बाद देहरादून के साथ हरिद्वार व नैनीताल जिलों को भी रेड जोन में रख दिया है। इसके बाद इन दोनों जिलों में सोमवार 20 अप्रैल से लॉक डाउन में किसी तरह की छूट मिलने की उम्मीद लगभग समाप्त हो गई है।
अपर सचिव स्वास्थ्य, युगल किशोर पंत ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि कोरोना संक्रमित मामलों के आधार पर प्रदेश को तीन जोन में बांटा गया है। प्रदेश में अब तक कुल कोरोना वायरस संक्रमित मामलों में से 80 फीसदी मामले देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार में सामने आए हैं। इसलिए इन तीनों जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है। वहीं, ऊधमिसंह नगर, अल्मोड़ा और पौड़ी को ऑरेंज जोन में और अन्य सात जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया हैं।

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नवीन समाचार, देहरादून, 16 अप्रैल 2020। सरकार ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत प्रदेश के जिलों को तीन श्रेणियों-लाल, नारंगी और हरे में बांट दिया है। 18 कोरोना पॉजिटिव मामलों वाले देहरादून जिले को लाल श्रेणी में, इससे कम मामलों वाले हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों को नारंगी श्रेणी में तथा शेष अन्य जिलों-बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी व टिहरी को हरी श्रेणी में रखा गया है।
इन श्रेणियों के हिसाब से ही नारंगी व हरी श्रेणी में शामिल जिलों को 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में आंशिक छूट दी जाएगी, लेकिन लाल श्रेणी के जिलों को कोई छूट नहंी मिलेगी। इसके साथ ही यह साफ किया गया है कि अगर लगातार 14 दिन तक किसी जिले में कोई कोरोना पॉजिटिव मामला सामने नहीं आता है तो उस जिले की श्रेणी स्वतः परिवर्तित हो जाएगी। यानी, अगर देहरादून जिले में लगातार 14 दिन कोई कोरोना पॉजिटिव मामला नहीं सामने आया तो यह नारंगी श्रेणी में चला जाएगा। इसके उलट अगर हरी श्रेणी के किसी जिले में कोई कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आता है तो वह जिला नारंगी श्रेणी में चला जाएगा। वहीं नारंगी श्रेणी के जिले आंकड़ा 18 तक पहुंचने पर वह लाल श्रेणी में चले जाएंगे।

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नवीन समाचार, जसपुर, 15 अप्रैल 2020। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के अफजलगढ़ क्षेत्र के ग्राम मनियावाला में एक कोरोना पॉजीटिव केस मिला है। इसके बाद उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन ने इस गांव से लगे जसपुर के सात सीमावर्ती गांवों-आनंदपुर, धर्मपुर, आसपुर, रायपुर, पूरनपुर, गूलरभोजी व किशनपुर को ऐहतियात के तौर पर सील करते हुए क्वारंटाइन कर दिया है। इन गांवों के लोग बाहर नहीं आ सकेंगे। आगे इन गांवों के लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी तथा उनमें कोरोना के प्राथमिक लक्षण पाए जाने पर उनका इलाज कराया जाएगा। इन गांवों में पुलिस बल भी तैनात कर दिये गये हैं। साथ ही ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से जरुरत की चीजें उपलब्ध कराने के प्रबंध भी किये गये हैं।

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-बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाने के मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और गृह सचिव को दिये निर्देश
– पुलिस महानिदेशक ने देहरादून के डीआईजी को दिये लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर रासुका लगाने के निर्देश
नवीन समाचार, देहरादून, 13 अप्रैल 2020। नैनीताल जनपद के हल्द्वानी के 10 जमातियों के पाये जाने पर सील किए गए बनभूलपुरा क्षेत्र में रविवार को हुए बवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लेते हुए इस क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और गृह सचिव को इसके निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर बनभूलपुरा क्षेत्र में एक उलेमा की स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने पर यहां हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए थे।
इसके अलावा एक अन्य गतिविधि के तहत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने देहरादून के डीआईजी अरुण मोहन जोशी को लॉकडाउन का उल्लंघन करके दूसरों की जान को जोखिम में डालने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि यह कानून राज्य और केंद्र सरकार को एक ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार देता है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका हो। रासुका में यह प्रावधान भी है कि सरकार, किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है। साथ ही सम्बंधित अधिकारी को संदिग्ध व्यक्ति को बिना कारण बताये पांच दिनों तक कैद में रखने की शक्ति भी है, जबकि विशेष परिस्थितियों में यह अवधि 10 दिन तक हो सकती है। इसके बाद उसे राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होती है।

यह भी पढ़ें : महत्वपूर्ण: उत्तराखंड में 30 अप्रैल तक बढ़ सकता है लॉक डाउन, केंद्र सरकार से किया आग्रह

नवीन समाचार, देहरादून, 10 अप्रैल 2020। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कोरोना विषाणु (कोविड 19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु जारी लॉक डाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस बारे में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में सूबे के आला अफसरों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। फिलहाल 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिग में उत्तराखंड की ओर से यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से क्या दिशा-निर्देश मिलते हैं, तदनुरूप राज्य सरकार आगे बढ़ेगी। देखें मुख्यमंत्री की पोस्ट :

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सीएम आवास में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना वायरस के संबंध में आगे की रणनीति पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इसमें कार्य योजना बनाई गई जो केन्द्र सरकार को भेजी जाएगी। इसमें केन्द्र सरकार से लॉकडाउन को प्रदेश के सभी जिलों में 30 अप्रैल तक बढ़ाने का आग्रह किया जाएगा जबकि सोशल डिस्टेंसिंग 31 मई तक जारी रखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर मॉस्क पहनने को अनिवार्य किया जाएगा। चिह्नित हॉट-स्पॉट में आवाजाही पर पूरी रोक रहेगी। इस दौरान सभी सरकारी और प्राइवेट कार्यालय, दुकानें और कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट पूरी तरह से बंद रहेंगे। सिर्फ आवश्यक जरूरी वस्तुओं की दुकानों को ही खोलने की अनुमति होगी होगी। जिन जिलों में 14 अप्रैल से एक पखवाड़ा पहले तक कोविड-19 का कोई भी केस रिपोर्ट नहीं होगा, वहां (कैटेगरी ए) पर कुछ ढील दी जा सकती है। हालांकि उसके बाद अगर उस इलाके में एक भी केस अगले पखवाड़े में आता है तो उस इलाके को पुनः कैटेगरी-बी में डाल दिया जाएगा। कैटेगरी-बी जिलों में जो हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं, वहां पर सभी तरह की आवाजाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। वहां पर जरूरी चीजें पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन सुनिश्चित करेगा।

राज्य में निषेधाज्ञा (धारा 144) को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग पॉलिसी भी 31 मई तक लागू रहेगी। इसके अंतर्गत सभी लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर मॉस्क पहनना अनिवार्य होगा। इंडो नेपाल और अंतर राज्यीय आवाजाही के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश 30 अप्रैल तक पूर्ववत लागू रहेंगे। जिले के भीतर और एक से दूसरे जिले में आवाजाही के लिए जिला अधिकारी की अनुमति के बाद ही जा सकेंगे। जिलों में प्रवेश करने वाले लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सीमा पर रहेगी, जो उनके रिकॉर्ड भी रखेगी। औद्योगिक, निर्माण और खनन कार्यों की अनुमति उन सभी जिलों में होगी, जिनमें कोविड-19 के हॉटस्पॉट नहीं है। होटल, लॉज, होम-स्टे, धर्मशाला होटल, मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, रेस्टोरेंट, बार और धार्मिक संस्थान पूरे राज्य में बंद रखे जाएंगे। इस दौरान कोई भी व्यक्ति बिना जिला अधिकारी की अनुमति के इन्हें छोड़कर इधर उधर नहीं आ जा सकेगा। निजी वाहन सुबह 7 से अपराह्न 1 बजे तक चल सकेंगे लेकिन पीछे कोई सवारी बिठाने पर प्रतिबंध रहेगा।

बागवानी, मधुमक्खी पालन, पशु पालन, डेयरी, मत्स्य पालन और इससे संबद्ध क्रियाकलाप कोविड-19 के हॉटस्पॉट को छोड़कर अन्य इलाकों में अनुमन्य रहेगा। इसी तरह फसलों की कटाई और निपटान का काम भी कोविड-19 हॉटस्पॉट को छोड़कर अन्य इलाकों में अनुमन्य होगा। कंबाइन हार्वेस्टर और अन्य मशीनरी की इन जिलों में या राज्य में आने जाने के लिए गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट अनुमति देंगे। इसके बावजूद मजदूरों को दूसरे राज्यों या बी कैटेगरी के जिलों में जाने की अनुमति नहीं होगी। राज्य में सभी तरह के शैक्षणिक संस्थान 15 मई तक बंद रहेंगे। किसी भी गवर्नमेंट कमर्शियल इंडस्ट्रियल बिल्डिंग या पब्लिक अथवा कमर्शियल ट्रांसपोर्ट में राज्य के अंदर 15 मई तक एयर कंडीशनर का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। क्वॉरेंटाइन किए गए लोग उस स्थान से इधर-उधर आ-जा नहीं सकेंगे, वरना उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। प्राइवेट मेडिकल क्लिनिक नर्सरी होम्स और हॉस्पिटल राज्य में खुले रहेंगे। इस दौरान वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसी तरह मनरेगा के कार्यों को भी कुछ शर्तों के साथ अनुमन्य किया गया है।

यह भी पढ़ें : लॉक डाउन जारी रहेगा, पर नहीं घटेगा छूट का समय

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए किया स्पष्ट इशारा
नवीन समाचार, देहरादून, 10 अप्रैल 2020। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लॉक प्रदेश में लॉक डाउन के जारी रहने परंतु लॉक डाउन के दौरान सुबह सात से अपराह्न एक बजे तक आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए दी जा रही छूट का समय नहीं घटाने का इशारा किया है। शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन आगे बढ़ाने व छूट करने के बारे में काफी सुझाव आ रहे हैं। राज्य में कोरोना स्टेज-1 से आगे नहीं बढ़ा है। राज्य में आए 35 में से 33 मामले चार मैदानी जिलों के हैं और पर्वतीय जिलों में केवल दो मामले बाहर से आए लोगों में हैं, फिर भी सीमावर्ती प्रदेशों में कोरोना की संवेदनशीलता एवं राज्य में सामाजिक दूरी के सिद्धांत को देखते हुए छूट बढ़ाने पर निर्णय नहीं हुआ है।
देखें मुख्यमंत्री का वीडियो :

 

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नवीन समाचार, नैनीताल, 9 अप्रैल 2020। डीएम सविन बंसल ने हल्द्वानी बनभूलपुरा तथा उसके आसपास के क्षेत्र को कोरोना विषाणु से संक्रमित लोगों के मिलने के बाद 72 घंटे के लिए पूरी तरह से सील कर दिया गया है। रात 12 बजे के बाद कोई भी बनभूलपुरा निवासी घर से बाहर नही आयेगा। पूरे इलाके की निगरानी पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा की जा रही है। बेरिकेटिंक लगाकर सम्पूर्ण बनभूलपुरा क्षेत्र मे सभी प्रकार का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। 
साथ ही क्षेत्र वासियों को जरूरी सुविधायंे मिलती रहें इसके लिए प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा गुरूवार को ललित आर्य महिला इन्टर कालेज प्रांगण मे बनभूलपुरा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों मौलाना, मौलवियों तथा विभिन्न राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र को पंाच सेक्टरों में बांटा गया है। पहला सेक्टर किदवई नगर होगा जिसमें केमू स्टेशन, रेलवे बाजार, किदवई नगर तथा गफूरबस्ती को शामिल किया गया है। इसी प्रकार चोरगलिया रोड दूसरा सेक्टर होगा जिसमे लाईन नम्बर- 12 से 18 तक का क्षेत्र नई बस्ती, गौलापुल तक का एरिया शामिल है। इसी प्रकार तीसरा सेक्टर इन्दिरा नगर होगा जिसमे गौलापुल, इन्दिरा नगर से शनिबाजार रोड से मण्डी गेट तक का क्षेत्र शामिल किया गया है। चौथे सेक्टर के तौर पर बरेली रोड होगा जिसमें उजाला नगर तथा गांधीनगर शामिल किये गये है, ताज चौराहा पांचवे सेक्टर के तौर पर चिन्हित किये गये है, चौकी मंगल पडाव, मछली बाजार, लाइन नम्बर -1 से 11 तक का क्षेत्र तथा ताज चौराहा क्षेत्र शामिल किया गया है। प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर आफिसर तथा सेक्टर पुलिस आफिसर की तैनाती की जा रही है। इनकी निगरानी में सेक्टर वाइज सभी व्यवस्थायें एवं आवश्यक वस्तुआंें की आपूर्ति के अलावा क्षेत्र की समस्याओ का निराकरण भी किया जायेगा। प्रत्येक सेक्टर में पार्षद तथा उनके साथ दो सहयोगी कार्य करेंगे। एसडीएम विवेक राय ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र मे सरकारी सस्ते गल्ले का वितरण  के साथ ही खाद्यान व राशन की आपूर्ति जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा करायी जायेगी। प्रत्येक सेक्टर मे एक-एक मेडिकल स्टोर तथा एक-एक जनरल स्टोर खोला जायेगा। इन दुकानों से कॉल करने पर दवाईयां तथा रोजमर्रा की वस्तुआंे लोगों के घरों तक दुकानदार द्वारा पहुचायी जायेंगी। किसी भी सामान व दवाई की बिक्री दुकानों से नही होगी, जल्द ही इन दुकानदारों के नंबर सार्वजनिक किये जायेंगें। किसी भी आवश्यकता व समस्या के लिए लोग अपने क्षेत्र के पार्षद को भी कॉल कर सकते है। साथ ही क्षेत्र के सभी सेक्टरों मे गैस की होम डिलीवरी और सचल वाहनों के माध्यम से सब्जी आदि की भी आपूर्ति की जायेगी। किसी भी समस्या के लिए कोरोना कन्टोल रूम 05946-281234 पर कॉल कर सकते है। एएसपी अमित श्रीवास्तव तथा सीओ डीसी ढौडियाल ने कहा कि इस संकट के दौर मे हम सबको सामूहिक जिम्मेदारी समझते हुये अपने फर्ज को निभाना होगा, हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि घर मे रह रहे हर आदमी का स्वास्थ्य परीक्षण हो यदि कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसक सरकार की तरफ से पूरा इलाज निशुल्क किया जा रहा है ऐसे समय मे घबराने की कोई जरूरत नही है ना ही लोग अफवाहों पर ध्यान दें। उन्होने पार्षदो एवं धर्म गुरूओं से अपील की कि वह रहनुमा बनकर लोगो के बीच जायें और कोरोना वायरस के बारे मे जानकारी दें तथा हर हाल मे प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन सभी की सुरक्षा एंव स्वास्थ्य के प्रति सजग एवं संवेदनशील है। बैठक में उपाध्यक्ष राज्य अल्पसंख्याय आयोग मजहर नईम नवाब ने कहा कि हम सभी को प्रशासन का सहयोग करना चाहिए तथा सभी मिलकर प्रशासन का हाथ जुटाये तथा गरीबों एव मजलूमों के घर तक  राशन और दूसरी जरूरत की चीजें पहुचाने मे मदद करें। नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने बताया कि नगर निगम द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र के सभी वार्डो मे युद्व स्तर पर सेनेटाइजेशन तथा सफाई का काम किया जायेगा इस कार्य में अनुरोध है कि सभी नगर निगम के कर्मचारियो ंका सहयोग करें।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन खुलने की स्थितियों के लिए उच्चाधिकारियों से की चर्चा

नवीन समाचार, देहरादून, 4 अप्रैल 2020। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविद-19) के संक्रमण की स्थिति के शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाऊन खुलने की स्थिति में भीड़ को रोकने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली जाए। कोरोना वायरस से बचाव कार्यों में जो लोग सहयोग नहीं करते हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। लोग सरकार का साथ दें, इसके लिए सभी धर्मगुरूओ और समाज के प्रबुद्धजनों का सहयोग लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा व एडीजी वी विनय कुमार उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : मुख्यमंत्री ने ‘लॉक डाउन’ और साफ की बात, साथ ही दी अधिक ऐहतियात बरतने की हिदायत

नवीन समाचार, देहरादून, 2 अप्रैल 2020। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में नियत समय पर ‘लॉक डाउन’ हटने का इशारा किया है। निश्चित ही यह तब संभव होगा, जब राज्य वासी अधिक कोरोना के प्रति अधिक ऐहतियात बरतेंगे। बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर के मुख्यमंत्रियों के साथ किये गए संवाद के बाद प्रतिदिन की भांति राज्यवासियों को अपना वीडियो संदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने अपने फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिये गए निर्देशों के हवाले से लिखा है, ‘लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी हमें लंबे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। तभी जाकर कोरोना के प्रभाव को समूल रूप से खत्म किया जा सकता है।’ साथ ही उन्होंने साफ किया कि प्रदेश के कई लोग लॉक डाउन की अवधि 1 बजे से कम करने की मांग कर रहे हैं। आगे इस पर निर्णय लेंगे, लेकिन अभी एक बजे तक ही लॉक डाउन जारी रहेगा।

देखें मुख्यमंत्री का सन्देश :

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा है कि आगामी 15 अप्रैल को लॉक डाउन खुलेगा, उसके बाद भविष्य के लिए भी हम रणनीति बनाएं। हम एनसीसी-एनएसएस के युवा कैडेटों को प्रशिक्षण देंगे ताकि उनकी सेवाओं का लाभ प्रभावित लोगों को दे सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि हम मिलकर कोरोना संक्रमण को केवल और केवल ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का ख्याल रख कर हरा सकते हैं। इसमें यदि हमने जरा भी लापरवाही की तो हमारी 21 दिन की तपस्या का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। हमें सतर्क रहना है, सावधान रहना है और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन करना है।

यह भी पढ़ें : केंद्र सरकार ने साफ की लॉक आउट को आगे बढ़ाने की अफवाहों पर स्थिति..

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 30 मार्च 2020। देश मे 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की चर्चाओं पर केंद्र सरकार ने फिलहाल विराम लगा दिया है। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि कोरोना विषाणु के कारण पूरे देश में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार की ओर से कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सोमवार को साफ किया कि सरकार की लॉकडाउन बढ़ाने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं लॉकडाउन बढ़ाने की रिपोर्ट देखकर चौंक रहा हूं। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।’
उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसी रिपोर्ट आ रही थीं कि सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। हालांकि सरकार के स्पष्टीकरण के बाद लॉकडाउन पर संशय खत्म हो चुका है। भारत में कोरोना के अब तक 1,024 मरीज सामने आए हैं जबकि 27 लोगों की इस घातक बीमारी से मौत हुई है। देश मे 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की चर्चाओं पर केंद्र सरकार ने फिलहाल विराम लगा दिया है। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि कोरोना विषाणु के कारण पूरे देश में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार की ओर से कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सोमवार को साफ किया कि सरकार की लॉकडाउन बढ़ाने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं लॉकडाउन बढ़ाने की रिपोर्ट देखकर चौंक रहा हूं। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।’
उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसी रिपोर्ट आ रही थीं कि सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। हालांकि सरकार के स्पष्टीकरण के बाद लॉकडाउन पर संशय खत्म हो चुका है। भारत में कोरोना के अब तक 1,024 मरीज सामने आए हैं जबकि 27 लोगों की इस घातक बीमारी से मौत हुई है।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री ने दिया स्पष्टीकरण, बताया केवल कौन लोग 31 को कर सकेंगे आवागमन

नवीन समाचार, देहरादून, 29 मार्च 2020। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगामी 31 मार्च को लॉक डाउन में छूट को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। उन्होंने साफ किया है कि 31 मार्च को लॉकडाऊन के कारण अपने घर से बाहर दूसरे जिले में फंस गए लोग ही सुबह 7 बजे से सांय 8 बजे तक अपने घर जा सकेंगे। मुख्यमंत्री रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जगह-जगह से ऐसी बातें आ रही थी कि बहुत से लोग अपने काम से आए हुए थे और लॉकडाऊन के कारण अपने घर से बाहर फंसे हैं। इसलिए केवल मंगलवार 31 मार्च के लिए ही यह विंडो खोली जाएगी। इस दौरान कहीं जाने के लिए लोगों को वाजिब कारण बताना होगा। हर किसी को इसकी छूट नहीं होगी। यात्री को यह साबित करना होगा कि वह दूसरी जगह से आया हुआ है। ऐसा न करने पर अनुमति नहीं दी जाएगी। सही कारण न पाए जाने एवं गलत तथ्य देने पर संबंधित के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस दौरान बसों व टैक्सियों को सेनेटाइज करवाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा। यात्रा ‘पॉइन्ट टू पॉइन्ट’ ही की जा सकेगी। बीच में कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं होगी। यात्री को अपना भोजन व पानी साथ लेकर ही चलना होगा। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर मेडिकल चेकअप किया जाएगा। यदि कोई संदिग्ध या संक्रमित पाया जाता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में ले जाया जाएगा। कहा है कि व्यक्ति को अपना परिचय पत्र साथ रखना होगा और यात्रा पर डिक्लेरेशन यानी घोषणा पत्र भी देना होगा।

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-1 की जगह 10 बजे ही लौट गए लॉक डाउन पर..

डीएसए मैदान में सब्जियां लेने के लिए सामाजिक दूरी बनाते हुए गोलों में खड़े लोग।

खुर्शीद हुसैन @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2020। कोरोना (कोविड -19) महामारी से लड़ने के लिये पूरे देश में हुये लॉक डाउन के दौरान उत्तराखंड में सुबह सात बजे से एक बजे तक मिल रही छूट के दौरान सरोवरनगरी में दूसरे दिन बेहतरीन प्रशासनिक व्यवस्थाएं देखने को मिलीं। शनिवार को यहां जनता ने फ्लैट्स मैदान में सब्जियां व घरेलू गैस खरीदते हुए गोल घेरों में खड़े होकर सोशल डिस्टैन्सिंग यानी सामाजिक दूरी बनाने के नियम का पूरा अनुपालन किया, साथ ही चेहरों पर मास्क भी पहने। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को माइक के माध्यम से सब्जियों के दाम भी बताये जा रहे थे, जिससे पारदर्शिता बनी रही और जनता को सस्ती सब्जी उपलब्ध हुई। साथ ही लोग एक बजे की जगह 10 बजे ही पहले अपने घरों को लौट भी गए। सब्जियों के लिए आज केवल एक ही लाइन भी लगानी पड़ी। उधर राशन की खरीद में समस्या बनी हुई है। मैदानी क्षेत्रों से राशन न आने अथवा महंगा आने की शिकायतों के बीच नगर में भी राशन की सामग्री महंगी तथा सीमित मात्रा में ही मिल रही है।
ऐसे में जनता ने बिना किसी आपाधापी के शांति व तसल्ली से सब्जियां खरीदीं और खुशी- खुशी अपने घर लौटे। व्यवस्था बनाने में डीएम सविन बंसल के निर्देशन एवं एसडीएम विनोद कुमार के नेतृत्व में तहसीलदार भगवान सिंह व उनकी टीम ने तथा एसएसपी सुनील कुमार मीणा के निर्देशन व एएसपी राजीव मोहन के नेतृत्व में सीओ सिटी विजय थापा, यूनुस खान व कोतवाल अशोक कुमार सिंह तथा उनकी पुलिस टीम ने उल्लेखनीय योगदान दिया। साथ ही नगर के प्रथम नागरिक नगर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के नेतृत्व व निर्देशन में नगर पालिका के सुरेश चंद्र, पुष्कर बोरा, मनोज साह जगाती, सागर आर्या, गजाला कमाल, निर्मला चंद्रा, दया सुयाल, रेखा आर्या आदि सभासदों ने भी जनता व प्रशासन का भरपूर सहयोग किया, वहीं टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष नीरज जोशी तथा भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष मनोज जोशी, हरीश राणा व मोहित साह सहित अन्य कई समाजसेवियों ने भी मल्लीताल फ्लैट्स में सुबह से आकर शासन-प्रशासन तथा जनता का भरपूर सहयोग कर व्यवस्था को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह भी पढ़ें : खुशखबरी : कल से भी लगातार एक बजे तक खुलेंगी दुकानें, 5 में से 3 रोगी हुए कोरोना मुक्त…

नवीन समाचार, देहरादून, 27 मार्च 2020। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं लॉक डाउन की अवधि को लेकर मुख्य सचिव उत्तराखंड उत्पल कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने बताया कि अग्रिम आदेशों तक आवश्यक सेवाओं की दुकानें प्रातः सात से एक बजे तक ही खुली रहेंगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ ही इस दौरान केवल दोपहिया वाहन केवल एक व्यक्ति के साथ आवाजाही कर सकेंगे, जबकि चार पहिया वाहन पूर्णतया वर्जित रहेंगे।

देखें मुख्यमंत्री का ताज़ा विडियो संबोधन : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राज्य के पांच में से तीन कोरोना संक्रमित रोगियों की रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। चिकन-मटन आदि की दुकानें खुलेंगी। मोहल्लों में विक्रेता भी आ सकेंगे।

यह भी पढ़ें : बाजार ‘एक तक’ खोलने से सब्जी की व्यवस्थाएं सुधरीं, राशन में भी सुधार की जरूरत…

-अधिक समय मिलने के बावजूद 10 बजे तक ही लोगों ने निपटा ली खरीददारी
-आढ़तियों के अलावा प्रशासन ने भी उपलब्ध कराईं सब्जियां, लोगों ने आराम से खरीदीं सब्जियां

सुबह बारिश के दौरान छाते पकड़कर लाइन में सब्जियों के लिए खड़े लोगों की लाइन

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2020। शासन द्वारा सुबह आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए सात से 10 बजे की जगह एक बजे तक का समय दिया गया तो व्यवस्थाएं काफी हद तक सामान्य हो गईं। लोगों ने बिना किसी आपाधापी के आराम से खरीददारी की। लोग सुबह हल्की बारिश के बावजूद सब्जियां लेने पहुंच गए थे, लेकिन प्रशासन द्वारा बनाए गए गोलों में खड़े होकर आगे बढ़ते रहे और आराम से फलों व सब्जियों की खरीददारी की तथा एक बजे तक का समय होने के बावजूद सुबह 10 बजे तक ही अधिकांश लोग खरीददारी कर के घर को लौट गए। यहां तक कि नगर के डीएसए फ्लैट्स मैदान में जहां सब्जी मंडी लग रही है, 10 बजे ही व्यवस्थाओं में लगे पुलिस कर्मी भी वापस लौट गए। सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग भी काफी हद तक सफल होती दिखाई दी। हालांकि लोग सफल डिस्टेंसिंग के प्रति उतने सजग नहीं दिखे, लेकिन प्रशासन एवं पुलिस के लोग तथा स्वयं सेवी युवा लोगों को लगातार दूर-दूर रहने के लिए प्रेरित करते रहे। इस प्रकार व्यवस्थाएं बेहतर करने में पुलिस एवं प्रशासन की बड़ी भूमिका रही है।

फल-सब्जियां मिलीं सस्ती, पर कम राशन की किल्लत
नैनीताल। नगर में आढ़तियों के साथ ही पुलिस-प्रशासन के द्वारा भी सब्जियां उपलब्ध कराईं गईं। ऐसे में आलू व प्याज 30 रुपए प्रति किग्रा। मटर व संतरे 40 रुपए प्रति किग्रा, केले 40 रुपए प्रति दर्जन जैसी सामान्य दरों पर उपलब्ध हुए। वहीं बाजार में खासकर राशन की सभी दुकानें न खुलने से जरूर लोगों को समस्या हुई। यहां तक कि सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें भी बंद नजर आईं। जो दुकानें खुलीं उनमें 5-10 किलो के चावल-आटे के पैक भी खत्म हो चुके हैं।

यह भी पढ़ें : खुशखबरी : शुक्रवार को एक बजे तक खुलेंगी आवश्यक वस्तुओं की दुकानें

नवीन समाचार, देहरादून, 26 मार्च 2020। राज्य में कल यानी शुक्रवार को सुबह सात से एक बजे तक दुकानें खुलेंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार देर शाम इस बारे में वीडियो कांफ्रेंस से इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। बताया गया है कि इस दौरान राशन, सब्जी व मेडिकल सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी। इस दौरान केवल दो पहिया वाहन केवल एक सवारी के साथ चल सकते हैं। चार पहिया वाहनों को बिल्कुल भी नहीं चलने दिया जाएगा। ऐसा सुबह सात से 10 बजे तक की छूट के दौरान अत्यधिक भीड़ बढ़ जाने के कारण किया गया है।

यह भी पढ़ें : हम नहीं सुधरेंगे ! हमें कोरोना से नहीं-सिर्फ पुलिस से है डर !

नवीन समाचार, नैनीताल, 26 मार्च 2020। जी हां, देश-प्रदेश, शहरवासी अब भी कोरोना की भयावहता को नहीं समझ रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों हाथ जोड़कर किये गए निवेदन पर भी उनके ज्ञान चक्षु नहीं खुले हैं। उन्हें अब भी कोरोना से कोई डर नहीं है। डर है तो सिर्फ पुलिस के डंडे से। वे अपने कृत्यों से साफ कह रहे हैं, ‘हम नहीं सुधरेंगे।’ वे सुबह सात से 10 बजे की ढील में एक-दूसरे से ऐसे चिपक कर चल रहे हैं, मानो उन्हें कोरोना ने इस दौरान संक्रमण न करने कीे कोई गारंटी दे दी हो।
जिला-मंडल मुख्यालय में बृहस्पतिवार को सुबह सात से 10 बजे तक दिखी तस्वीर यही बयां करती नजर आई। लोग इस तरह सब्जी व राशन आदि खरीदने को एक-दूसरे से चिपक कर पहले सामान लेने की होड़ में नजर आए, जैसे आज ही पूरी जिंदगी का सामान खरीद लेंगे। जबकि ऐसा कभी भी संभव नहीं है। लोगों ने डीएसए फ्लैट्स मैदान में अलग-अलग खड़े होने के लिए पुलिस, प्रशासन व पत्रकारों द्वारा बनाए गए गोलों की व्यवस्था को बिल्कुल भी नहीं माना। उन्हें समझना चाहिए, यह कठिन समय है। आपातकाल है। भले आज सामान न मिल पाया हो, कल मिलेगा। ना भी मिल पाए, एक समय भूखे भी रहना पड़े तो भी वह इतना घातक नहीं होगा, जितना कोरोना का संक्रमण होने पर जानलेवा हो सकता है। सुरक्षित रहेंगे तो लंबा जीवन जिएंगे, और बहुत बेहतर खा सकेंगे। लेकिन यदि संक्रमण हो गया तो कितना अच्छा भोजन भी जान नहीं बचा पाएगा। चीन, अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस, स्विटजरलेंड व ईरान जैसे दुनिया के विकसित व अच्छी जीवन शैली वाले देशों के उदाहरण सामने हैं, जहां सब कुछ होने के बावजूद लोग और वहां की सरकारें कोरोना के आगे लाचार हो चुकी हैं। जबकि हम भारत में अभी इससे बचे हुए हैं, और चाहें तो प्रधानमंत्री के आह्वान पर सिर्फ अपने घर पर रहने और रोड पर न निकलने का कार्य करके खुद को ही नहीं पूरी मानव सभ्यता को बचा सकते हैं।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री ने कहा लगातार आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए खरीददारी के लिए भीड़ न बढ़ाएं…

नवीन समाचार, देहरादून, 24 मार्च 2020। देखें मुख्यमंत्री का ताज़ा वीडियो :

नवीन समाचार, देहरादून, 24 मार्च 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को अगले 21 दिन यानी 14 अप्रैल तक ‘लॉक डाउन’ घोषित करने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की जनता के लिए अपना संदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री ने अपने वीडिया संदेश में साफ किया है कि 25 मार्च को भी 23 व 24 मार्च की तरह आवश्यक वस्तुओं की दुकानें व मेडिकल स्टोर खुलेंगे। कहा कि वह आगे भी अपने संदेश इसी तरह से देते रहेंगे।

देखें मुख्यमंत्री का वीडियो संदेश :

वहीं लिखित संदेश में श्री रावत ने प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अगले 21 दिनों के सम्पूर्ण लॉकडाऊन के आह्वान में पूरा सहयोग देने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से इस लङाई में हम सभी भारतवासी अपने प्रधानमंत्री के साथ हैं। जब-जब भी देश पर और मानवता पर संकट आया है, हम सभी की एकजुटता से संकट को दूर करने में कामयाब हुए हैं। आईये हम संकल्प लें कि अगले तीन सप्ताह अर्थात 21 दिनों तक हम अपने घर में ही रहेंगे। प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कोई कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं। राज्य सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शासन-प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। तमाम कोशिशों के बाद भी हमें कुछ कष्ट उठाना पङ सकता है, परन्तु हम सभी के सामने आए इस भयावह संकट के सामने ये कष्ट कुछ भी नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प है। घर की लक्ष्मण रेखा को न लांघकर कोरोना वायरस के संक्रमण की चौन को तोङना है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों की सबसे बडी प्राथमिकता अपने नागरिकों के जीवन को बचाना है। चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, दूसरे अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया के साथियों के योगदान में सहयोग देने के लिये घर पर रहें।

यह भी पढ़ें : जरा संभल कर.. तीन घंटे की छूट भी बढ़ा सकती है कोरोना के संक्रमण की संभावनाएं..

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2020। मुख्यमंत्री एवं शासन के निर्देशों पर मंगलवार को आवश्यक वस्तुओं-राशन, दूध एवं सब्जी की की दुकानें व मंडी सुबह सात से 10 बजे तक तीन घंटे ही खुलीं। इस दौरान बाजारों में लोग काफी हद तक कोरोना के संक्रमण के फैलने के प्रति उदासीन व लापरवाह नजर आए। इस दौरान बैंक भी तीन घटे ही खुले। पुलिस एवं नगर पालिका प्रशासन की व्यवस्थाओं के बावजूद लोग बिना मास्क का प्रयोग किये भी एक-दूसरे के करीब नजर आए। गौरतलब है कि ऐसा करना भी कोरोना के संक्रमण को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

यह भी पढ़ें : तीन घंटे खुले बैंक, आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, मंडी, अब पूर्ण लॉक आउट लागू

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2020। मुख्यमंत्री एवं शासन के निर्देशों पर मंगलवार 24 मार्च से बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, दूध डेयरी व मंडी के साथ ही बैंक भी सुबह सात से 10 बजे तक केवल तीन घंटे ही खुले। इसके बाद लोगों से अपील की जा रही है कि कोरोना विषाणु के संक्रमण के प्रति पूरी ऐहतियात बरतते हुए, घर पर ही मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए रहें, और पूरे दिन लॉक आउट का सख्ती से प्रयोग करें। इस दौरान पैदल अथवा निजी वाहनों से भी अत्यावश्यक व आपातकाल होने के अतिरिक्त कहीं भी आने-जाने से बचें। घरों से बाहर भी पांच या पांच से अधिक की संख्या में न रहें। याद रखें धारा 144 लागू है। इस पर न केवल आपके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई हो सकती है, वरन आप स्वयं के साथ ही जिनके साथ आप खड़े हैं, उनकी एवं दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डाल सकते हैं। ध्यान रखें कि आपकी कुछ दिन की सावधानी, केवल आपके व आपके परिवार के लिए ही नहीं पूरी मानव सभ्यता के लिए बहुत बड़ा योगदान होगी।
उल्लेखनीय है कि पुलिस-प्रशासन भी लॉक आउट का सख्ती से पालन कराने के लिए सोमवार शाम से ही अधिक सक्रिय हो गए हैं। साफ संदेश दे दिया गया है कि अब लॉक आउट में किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। बेवजह घर से बाहर निकलने वाले लोगों के बड़ी धनराशि के चालान किये जा रहे हैं। एसएसपी सुनील कुमार मीणा स्वयं सुबह सात बजे से सड़क पर उतर कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। नैनीताल पुलिस पूरी तरह से लॉक आउट का सख्ती से पालन कराने के लिए मुस्तैद हो गई है।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग : नैनीताल में धारा 144 लागू, 5 या अधिक लोग एकत्र न हो सकेंगे

नवीन समाचार, नैनीताल, 23 मार्च 2020। जनपद मुख्यालय से संबद्ध नैनीताल तहसील में धारा 144 लागू कर दी गई है। एसडीएम विनोद कुमार ने नैनीताल परगना क्षेत्र में धारा 144 लागू करते हुए अपने आदेश में कहा है कि एक स्थान पर अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने से कोरोना विषाण के संक्रमण एवं उसके दुष्प्रभाव के बढ़ने तथा स्थिति के नियंत्रण से बाहर हो जाने की प्रबल संभावना है। इसलिए जान माल की क्षति, सामाजिक विद्वेष, विरोध-प्रदर्शन तथा शांति भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए नैनीताल परगना क्षेत्र में अगले आदेशों तक धारा 144 लागू की जा रही है। इस दौरान पांच या पांच से अधिक लोग समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होंगे, ना ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति कोरोना विषाणु के संबंध में किसी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाएगा और न ही किसी प्रकार के ऐसे पर्चे वितरित करेगा जिससे तनाव, विवाद एवं भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती हो। साथ ही कोई ऐसा कृत्य नहीं करेगा जिससे कोरोना विषाणु के संक्रमण के प्रसार में मदद मिलती हो। ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों पर इनमें से कुछ प्राविधान लागू नहीं होंगे। आदेशों का किसी भी प्रकार का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय है। इन प्रतिबंधों में किसी प्रकार का शिथिलीकरण 24 घंटे पूर्व लिखित अनुरोध पर सक्षम अधिकारी द्वारा ही किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : क्या है कोरोना लॉक डाउन: शासन एवं मुख्यमंत्री ने साफ की स्थिति

जानें कोरोना की सच्चाई, कितना भयावह है कोरोना और कब तक इसका खौफ निकल जायेगा : 

नवीन समाचार, देहरादून, 22 मार्च 2020। उत्तराखंड में आगामी 31 मार्च तक घोषित ‘लॉक डाउन’ को लेकर शासन ने विधिवत निर्देश जारी कर दिए हैं। इस दौरान सार्वजनिक यातायात पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। अलबत्ता हवाई सेवाएं सुचारू रहेंगी। एयरपोर्ट और हॉस्पिटल जाने वाली टैक्सी को छूट मिलेगी। जरूरी कागजात दिखाने पर ही लोग एयरपोर्ट जा सकेंगे। सभी प्रकार की दुकानें व्यावसायिक प्रतिष्ठान वर्कशॉप और गोदाम पूर्णतया बंद रहेंगे। विदेश या अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों को ‘होम क्वॉरेंटाइन’ यानी घर पर ही सख्ती से एकांतवास में रहना होगा। राज्य के सभी निवासियों को भी सख्त तौर पर घर पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अंतरराज्यीय व्यवसायिक परिवहन भी पूर्णतया बंद रहेगा।

लॉक डाउन के दौरान अपराध एवं कानून व्यवस्था से जुड़े सभी मजिस्ट्रेट, पुलिस, मेडिकल सेवाएं, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, अग्निशमन, विद्युत, पेयजल आदि सेवाएं, सभी बैंक, एटीएम, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया संस्थान, टेलीकॉम और इंटरनेट व डाक सेवाएं, खाद्य आपूर्ति और खाद्य आपूर्ति से जुड़ा परिवहन, ई-कॉमर्स से संबंधित कोरियर आदि की आपूर्तियां, खाद्य, दूध, ब्रेड, फल, सब्जी, मीट व मछली से संबंधित परिवहन और इनके वेयरहाउस, सभी चिकित्सालय, मेडिकल स्टोर, फार्मास्यूटिकल कंपनियां और इनसे संबंधित परिवहन गतिविधियां, सभी पेट्रोल पंप एलपीजी गैस व तेल एजेंसियां तथा इन सभी के गोदाम और मंडी उत्पादों से जुड़ी उत्पादन इकाइयां और परिवहन गतिविधियां खुली रहेंगी।

वहीं सभी निर्माण एवं उत्पादन इकाइयों को जिलाधिकारी की अनुमति के बाद जारी रखा जा सकता है। निजी परिवहन हो सकेगा, किंतु इसके लिए कारण बताना पड़ सकता है। पांच से अधिक लोग एक स्थान पर खड़े नहीं रहेंगे। आपस में ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ यानी दूरी बरतनी होगी। किसी भी व्यक्ति द्वारा नियमों को तोड़ने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि वे प्रदेश में 31 मार्च तक प्रस्तावित लॉक डाउन से बिल्कुल भी न घबराएं। उन्होंने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार की खाद्यान्न व औषधियों की कमी नहीं होने देंगे और अगर आवश्यकता पड़ी तो घर-घर जाकर खाद्यान्न व औषधियों पहुंचाने की व्यवस्था भी करेंगे। सरकार रोजमर्रा की कमाई करके अपना जीवन यापन करने वाले मजदूर वर्ग के लिए जल्द फैसला लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुचारू रहेगी। लोगों को स्वास्थ्य, खाद्य रसद व अन्य चीजों की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। इनकी दुकानें खुली रहेंगी। जरूरत पड़ी तो शहरों, मोहल्लों में मोबाइल वाहनों से ये चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी। अलबत्ता उन्होंने जोड़ा कि सामान्यतौर पर लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। लेकिन बीमार व्यक्तियों को अस्पताल भर्ती कराने, उनके लिए दवाइयां लाने जैसे जरूरी काम के लिए कोई भी आ-जा सकता है। इसके लिए दवाई का रैपर साथ में रखना जरूरी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि लॉक डाउन से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। यह सबकी सुविधा एवं सुरक्षा के लिए है। ताकि कोई भी कोरोना विषाणु से प्रभावित ना हो। लोग भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र से दूर रहें और खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें। कोशिश करें कि घरों से बाहर न निकला जाए। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि वे अपने शहर व गांव को न छोड़े। जो जहां हैं, वहीं रहें। जरूरी हो तभी घर से निकलें। कोरोना विषाणु से लड़ने का सबसे सरल तरीका यही है। आपस में सामाजिक दूरियां जरूर बना कर रखें। ऐसा करके ही देश और प्रदेशवासियों के साथ ही घर-परिवार को इस महामारी से बचा पाएंगे।

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