बरसात के मौसम में मैदानी क्षेत्रों में बारिश न हो तो जबर्दस्त उमस भरी गर्मी पड़ती है। इस दौरान मच्छर-मक्खी तो परेशान करते ही हैं, अनेक मौसमी बीमारियां भी डराती रहती हैं। यहाँ हम आपको बताएंगे कि बरसात के मौसम में कैसे और कहां सुरक्षित तरीके से यात्रा की जा सकती है और पूरा आनंद भी लिया जा सकता है।

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इस मौसम में जहां हिमांचल व उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में जबर्दस्त बारिश हो रही है, वहीं उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में औसत से भी कम बारिश हो रही है। इसलिए कुमाऊं मंडल के आगे बताए जा रहे स्थान आपके सुरक्षित गंतव्य हो सकते हैं...

बरसात के मौसम में पूरी प्रकृति नहाई हुई सी और धुल कर साफ-स्वच्छ प्रतीत होती है। गर्मियों के दिनों छाने वाला कुहासा दूर हो जाता है। वातावरण में दृश्यता बढ़ जाती है, यानी काफी दूर तक देखा जा सकता है

1. नैनीताल: यदि आप गर्मियों के मौसम में नैनीताल में यातायात की पाबंदियों व होटलों के महंगे किराये की वजह से चाह कर भी न आ पाए हों तो हल्की बारिश के बीच नैनीताल बरसात के मौसम में आपके लिए सुरक्षित गंतव्य हो सकता है। इस मौसम में यहां होटलों के किराये सस्ते हो चुके होते हैं।

2. मुक्तेश्वर: मुक्तेश्वर नैनीताल जनपद में ही स्थित है। यहां घने बांज-बुरांश व देवदार के दरख्तों के बीच से झरती बरसात के बीच छाते लेकर घूमने का अपना अलग ही आनंद रहता है।

3. रामनगर: जिम कॉर्बेट पार्क के नगर रामनगर में जंगल के बीच बने रिजॉर्ट्स में सुकून भरा समय बिताकर भी बरसात के मौसम का आनंद लिया जा सकता है। हालांकि इन दिनों यहां जिम कॉर्बेट पार्क में सफारी की सुविधा बंद होती है।

4. रानीखेत: अल्मोड़ा जनपद का रानीखेत, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है, बरसात के मौसम में सुरक्षित पर्यटन और प्रकृति का आनंद लेने का बेहतर गंतव्य हो सकता है।

5. अल्मोड़ा व जागेश्वरः रानीखेत के रास्ते बरसात के मौसम में अल्मोड़ा जाते हैं तो आप की यात्रा सुरक्षित तो होगी ही, इसका एक अलग ही स्तर का आनंद भी आप उठा सकते हैं। जागेश्वर में देवदार के जंगल के बीच भी बरसात का अलग भी आनंद है। 

6. चंपावत, लोहाघाट व पिथौरागढ़: अच्छा डबल लेन हाईवे बन जाने के बाद बरसात के मौसम में टनकपुर से चंपावत, लोहाघाट व पिथौरागढ़ तक जाकर और इन स्थानों पर भी  बरसात के मौसम का अलग ही आनंद उठा सकते हैं। 

फोटो सौजन्य-'नवीन समाचार' एवं गूगल