April 20, 2024

इस बारिश (Barish) के मौसम में घूमने निकलने की सोच रहे हों तो इन 9 जगहों पर जाएं, यहां बरसात होती है लाजवाब….

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Barish : a guide on how to safely and joyfully travel during the rainy season. While the plains endure humid heat without rainfall, exploring the mountains becomes an appealing option. The article shares tips on visiting Uttarakhand’s scenic mountains with caution. Witnessing rain showers from afar, getting drenched in the rain, and enjoying hot tea or coffee in the drizzle create a unique experience. The rainy season revitalizes nature, clearing the fog and offering enhanced visibility. ‘London Fog,’ a mist that envelops Nainital, adds to the charm, creating an illusion of passing through clouds. Waterfalls are abundant, and tourists can relish their beauty. Safety precautions include monitoring weather warnings and avoiding travel during heavy rain and lightning. However, light rain in destinations like Nainital, Mukteshwar, Ramnagar, Ranikhet, Almora, and Jageshwar can be enjoyed while exploring the mountains. The article provides insights into hotel availability, open roads, and discounted fares during this season.

Rain

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 जून 2023। बरसात (Barish) के मौसम में मैदानी क्षेत्रों में बारिश न हो तो जबर्दस्त उमस भरी गर्मी पड़ती है। इस दौरान मच्छर-मक्खी तो परेशान करते ही हैं, अनेक मौसमी बीमारियां भी डराती रहती हैं। इस आलेख में हम आपको बताएंगे कि बरसात के मौसम में कैसे और कहां सुरक्षित तरीके से यात्रा की जा सकती है और पूरा आनंद भी लिया जा सकता है।

Rain Barishपानी हमेशा मनुष्य को प्रिय होता है। हर कोई बरसात के मौसम में प्रकृति के बीच पानी में भीगना चाहता है। पहाड़ों पर जाना चाहता है, लेकिन लोग बरसात के मौसम में पहाड़ों पर बरसात के दौरान भूस्खलन की घटनाओं के समाचारों से डरकर पहाड़ों की यात्रा करने से डरते हैं। लेकिन हम जानते हैं कि आपको बताएंगे कि ऐसे मौसम में जरा सी सावधानी बरतते हुए कैसे उत्तराखंड के पहाड़ों की सैर की जा सकती है।

पहाड़ों पर दूर से आती बारिश (Barish) का अपना अलग ही मजा

Barish6बरसात के मौसम में पहाड़ों पर सैर का अपना अलग ही आनंद होता है। इस दौरान यहां पहाड़ों पर दूर से आती हुई बारिश को देखना एक अलग ही आनंद देता है, जब आपके आसपास बारिश नहीं होती और दूर से आती हुई बारिश नजर आती है। कई बार यह बारिश आपके पास तक आ भी जाती है, और कई बार पास से बिन भिगोये निकल भी जाती है। इस दौरान पहाड़ों पर रंग-बिरंगे छातों के साथ, खासकर अपने साथी के साथ पैदल घूमने का मजा भी कुछ और ही आनंद देता है। हल्की रिमझिम बारिश के बीच या बारिश के बाद खुले में गरमागरम चाय-कॉफी पीने का भी अपना अलग ही मजा होता है।

Barish1यह भी होता है कि बरसात के मौसम में पहाड़ों पर बारिश सामान्यतया खंड-खंड में होती है। इसका अर्थ यह है कि यदि आप वाहन से गुजर रहे हों तो बीच-बीच में बारिश होती और बंद होती रहती है। ऐसे में आप कुछ देर बारिश और फिर दरख्तों से झरती बारिश का आनंद ले सकते हैं। इस दौरान चूंकि पहाड़ों पर अधिक ठंड भी नहीं होती, इसलिए बारिश में भीगने से कोई नुकसान भी नहीं होता है, बल्कि आनंद आता है।

(Barish) धुली-धुली प्रकृति का आनंद

इसके अलावा बरसात के मौसम में पूरी प्रकृति नहाई हुई सी और धुल कर साफ-स्वच्छ प्रतीत होती है। गर्मियों के दिनों छाने वाला कुहासा दूर हो जाता है। वातावरण में दृश्यता बढ़ जाती है, यानी काफी दूर तक देखा जा सकता है।

Barish2‘लंदन फॉग’ संग धरती पर रहते आसमान में उड़ते बादलों के बीच गुजरने का आनंद लिया जा सकता है।
इसके अलावा पहाड़ों पर खासकर नैनीताल में बरसात के मौसम में छाने वाला कोहरा ‘लंदन फॉग’ कहा जाता है। इसे दूर से गुजरते हुए देखने और इसके पास आकर आगोश में लेने और फिर गुजर जाने का भी एक अलग ही आनंद होता है। ऐसा भी लगता है कि आप धरती पर होते हुए भी बादलों के बीच से गुजर रहे होते हैं, क्योंकि मैदानी क्षेत्रों के हिसाब से तो बादल अपनी पूरी ऊंचाई पर होते हैं, और चूंकि पहाड़ आसमान की ऊंचाई पर होते हैं, इसलिए एक तरह से पहाड़ों पर आकर आप आसमान में उड़ते हुए बादलों के बीच से गुजरने का आनंद ले सकते हैं।process-aws

(Barish) झरनों का अलग ही आनंद

बरसात के मौसम में पहाड़ों पर अनेकों झरने दिखाई देते हैं। हल्द्वानी-काठगोदाम से नैनीताल आते हुए ही रास्ते में पहाड़ी गधेरों के पास साफ-सफेद पानी के एक दर्जन से अधिक झरने मन को मोह लेते हैं। ऐसे ही दूसरे स्थानों पर ही और वर्ष भर झरने वाले झरनों को इस मौसम में देखने का भी अलग ही आनंद होता है।

Barish4बरसात (Barish) के मौसम में बरती जाने वाली सावधानियां

  1. पहाड़ों पर बारिश के बारे में सामान्यतया मौसम विभाग समय-समय पर चेतावनी जारी करता है। इन चेतावनियों को जानकर और बिना चेतावनी वाले समय में पहाड़ों पर बरसात के मौसम में पर्यटन का आनंद लिया जा सकता है।
  2. इसके अलावा अपने पहाड़ों पर रहने वाले स्थानीय संपर्कों, पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों, मीडिया के लोगों व होटल वालों आदि से भी मौसम की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली जा सकती है। इन लोगों के फोन नंबर इंटरनेट पर भी उपलब्ध हो जाते हैं।Barish
  3. तेज गरज-चमक व आंधी-तूफान के साथ हो रही बारिश के दौरान यात्रा से बचें। तीन-चार दिन से लगातार बारिश हो रही हो, तो भी यात्रा करने से बचें। तीन-चार दिन की बारिश के बाद यदि धूप निकल रही हो, तो भी यात्रा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान पहाड़ों से पत्थर चटक कर गिर सकते हैं। इस दौरान सड़क किनारे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के बारे में दी गई जानकारियों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित यात्रा की जा सकती है। तेज बारिश के दौरान सड़क किनारे रुककर और बारिश बंद होने का इंतजार करते हुए चाय-कॉफी का आनंद भी लिया जा सकता है।

Barishबरसात (Barish) के मौसम में कहां जाएं

1. नैनीताल: यदि आप गर्मियों के मौसम में नैनीताल में यातायात की पाबंदियों व होटलों के महंगे किराये की वजह से चाह कर भी न आ पाए हों तो हल्की बारिश के बीच नैनीताल बरसात के मौसम में आपके लिए सुरक्षित गंतव्य हो सकता है। इस मौसम में यहां होटलों के किराये सस्ते हो चुके होते हैं। यातायात की पाबंदियां भी हट चुकी होती है। यहां की सड़कें भी बारिश के मौसम में सामान्यतया खुली रहती हैं। उन्हें बंद होने पर जल्दी खोल भी दिया जाता है। नैनीताल में ‘लंदन फॉग’ के बीच मॉल रोड पर चाय-कॉफी की चुस्कियां लेते हुए बारिश का आनंद लेने और हल्की बारिश के दौरान नौकायन करने व मॉल रोड पर रंग-बिरंगे छातों के साथ टहलने का भी अपना अलग ही मजा होता है।

2. मुक्तेश्वर: मुक्तेश्वर नैनीताल जनपद में ही स्थित है। यहां घने बांज-बुरांश व देवदार के दरख्तों के बीच से झरती बरसात के बीच छाते लेकर घूमने का अपना अलग ही आनंद रहता है।

3. रामनगर: जिम कॉर्बेट पार्क के नगर रामनगर में जंगल के बीच बने रिजॉर्ट्स में सुकून भरा समय बिताकर भी बरसात के मौसम का आनंद लिया जा सकता है। हालांकि इन दिनों यहां जिम कॉर्बेट पार्क में सफारी की सुविधा बंद होती है।

Barish34. रानीखेत: अल्मोड़ा जनपद का रानीखेत, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है, बरसात के मौसम में सुरक्षित पर्यटन और प्रकृति का आनंद लेने का बेहतर गंतव्य हो सकता है।

5. अल्मोड़ा व जागेश्वरः खैरना से सीधे अल्मोड़ा जाने की जगह यदि आप रानीखेत के रास्ते बरसात के मौसम में अल्मोड़ा जाते हैं तो आप की यात्रा सुरक्षित तो होगी ही, इसका एक अलग ही स्तर का आनंद भी आप उठा सकते हैं। जागेश्वर में देवदार के जंगल के बीच भी बरसात का अलग भी आनंद रह सकता है। यहां सावन के महीने में बड़ा मेला भी लगता है। अलबत्ता पैदल चलने पर यहां जोंक से सतर्क रहने की जरूरत होती है।

6. चंपावत, लोहाघाट व पिथौरागढ़: अच्छा डबल लेन हाईवे बन जाने के बाद बरसात के मौसम में टनकपुर से चंपावत, लोहाघाट व पिथौरागढ़ तक जाकर और इन स्थानों पर रात्रि विश्राम करके भी आप बरसात के मौसम का अलग ही आनंद उठा सकते हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..

 

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