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December 6, 2024

नैनीताल: होटल में अंगीठी की गैस से दम घुटकर एक युवक की मौत, बड़ा भाई भी गंभीर

Angithi Alaw Carbon Mono Oxide Gas se Maut

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 नवंबर 2024 (Nainital-Young Man died due to suffocation ofGas) नैनीताल जनपद के रामगढ़ विकास खंड के झुतिया-सुनका ग्रामसभा में अंगीठी की गैस से दम घुटने से एक युवक की मौत हो गई। साथ ही उसका भाई गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

(Nainital-Young Man died due to suffocation ofGas)निर्माणाधीन होटल में हुई यह घटना (Nainital-Young Man died due to suffocation ofGas)

प्राप्त जानकारी के मुताबिक 33 वर्षीय जहीर अहमद व 35 वर्षीय रफीक अहमद पुत्र जमील अहमद निवासी ज्वालापुर तहसील बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश गांव में पांच दिन पहले यहाँ एक निर्माणाधीन होटल में चल रहे निर्माण कार्य में बढ़ई का काम करने आये थे। शुक्रवार रात ठंड बढ़ने पर वह कमरे में अंगीठी में आग जलाकर सो गए थे। सुबह दोनों के नहीं उठने पर अन्य साथियों ने उनका दरवाजा खटखटाया। लेकिन भीतर से कोई प्रत्युत्तर न मिलने पर ग्राम प्रधान सुरेश मेर व अन्य ग्रामीणों को सूचना दी।

बलपूर्वक दरवाजा खोलने पर छोटा भाई जहीर अहमद मृत अवस्था में मिला, जबकि बड़ा भाई रफीक बेसुध मिला। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्ला रामगढ़ पहुँचाया गया। वहां से उपचार के बाद उसे उच्च केंद्र हल्द्वानी संदर्भित कर दिया गया। भवाली के कोतवाल डीआर वर्मा ने बताया कि एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दूसरे का उपचार कराया जा रहा है। उनके परिवार को सूचना दे दी गई है। (Nainital-Young Man died due to suffocation ofGas)

अंगीठी जलाने से होता है ये नुकसान

ठंड के मौसम में अंगीठी, हीटर या ब्‍लोअर जलाने से ठंड से राहत मिल जाती है लेकिन थोड़ी सी लापरवाही जान भी ले लेती है। बता दें कि कोयले या लकड़ी की अंगीठी जलाने का इस्तेमाल होता है। इससे जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है।

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दरअसल, अगर तेल, कोयला या लकड़ी पूरी तरह से ना जले और धुआं बनने लगे तो कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है। यह गैस कमरे में ऑक्‍सीजन की कमी, सांस लेने में दिक्‍कत, सांस की बीमारियां, त्‍वचा से जुड़ी बीमारियां और सिर दर्द की समस्‍या का कारण बनती है। इसके अलावा आपकी आंखों को भी नुकसान हो सकता है।

बता दें, आंखों के स्वस्थ रहने के लिए उनका गीला रहना बहुत जरूरी होता है, लेकिन अंगीठी की वजह से हवा में मौजूद नमी सूख जाती है, जिसकी वजह से आंखें भी सूखने लगती हैं। ऐसे में आंखों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। वहीं बच्‍चों और पालतू जानवरों के सीधे संपर्क में आने पर जलने का खतरा भी बना रहता है। अगर कमरे में वेंटिलेशन की सही व्‍यवस्‍था नहीं है तो अंगीठी ही नहीं हीटर और ब्‍लोअर भी घातक साबित हो सकते हैं।

अंगीठी से होता है एस्फिंक्सिया

बता दें, अंगीठी जलाने या हीटर, ब्‍लोअर चलाने पर वेंटिलेशन की सही व्‍यवस्‍था ना होने पर कमरे में ऑक्‍सीजन कम होने लगती है। ऐसे में वहां मौजूद लोगों के शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने के बाद व्यक्ति को एस्फिंक्सिया होता है। एस्फिंक्सिया दिल, दिमाग और दूसरे हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई घटा देता है।

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जब दिल को खून की आपूर्ति कम होने लगती है तो दूसरे टिशू सही मात्रा में ब्लड पंप करने में अयोग्य होने लगते हैं। इससे दिल का गंभीर दौरा पड़ता है। सामान्‍य तौर पर ऐसे व्‍यक्ति को तुरंत इलाज मिलना चाहिए, लेकिन बंद कमरे में बेहोश पड़े या दिल के दौरे के शिकार व्‍यक्ति को इलाज मिलना संभव नहीं हो पाता और इस कारण शख्स की मौत हो जाती है।

दम घुटने पर करें ये काम

कई बार लोग दम घुटने का अहसास होने पर घबरा जाते हैं। घबराहट में सांसें और धड़कन तेज हो जाती है। ऐसे में सांस लेना मुश्किल हो जाता है और बेहोशी छाने लगती है। अगर ऐसा हो तो उस जगह से फौरन खुली जगह चले जाना चाहिए। घबराहट में रेस्पिरेटरी और हार्ट रेट तेजी से बढ़ जाती है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है, इससे बेहोशी की स्थिति हो जाती है। ये सिचुएशन रिस्की है। ऐसे में उस जगह से निकलकर खुली हवा में चले जाना चाहिए।

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ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है तो डॉक्टर से तुंरत मिलें। वहीं, अस्‍थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, स्किन एलर्जी की समस्‍या वाले लोगों के साथ ही बुजुर्ग और बच्‍चों को अंगीठी से दूर ही रहना चाहिए।

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