मेजबान उत्तराखंड के लिए घर में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल-पदकों के बन रहे रिकॉर्ड, 2 खिलाड़ियों ने 3 मिनट में धराशाई किए प्रतिद्वंद्वी, कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी कर रहे घर वापसी

नवीन समाचार, नैनीताल, 1 फरवरी 2025 (National Games Host Uttarakhand Creating History)। मेजबान उत्तराखंड के लिए घर में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल प्रदर्शन के लिहाज से भी ऐतिहासिक साबित हो रहे हैं। शुक्रवार को भी राज्य को वुशु में दो पदक मिले हैं और चार खेलों में पदक मिलने की संभावना मजबूत हो गई। वुशु खिलाड़ी हर्षित शर्मा ने रजत पदक अर्जित किया, जबकि अंकिता ने कांस्य पदक जीता। अब तक वुशु में कुल पांच पदक उत्तराखंड के खाते में आ चुके हैं।
बैडमिंटन में भी उत्तराखंड ने सेमीफाइनल मुकाबले जीतकर इतिहास रच दिया (National Games Host Uttarakhand Creating History)
दूसरी ओर बैडमिंटन में पुरुष और महिला दोनों टीमों ने अपने-अपने सेमीफाइनल मुकाबले जीतकर उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया। पुरुष टीम ने कर्नाटक को 3-1 से हराया, जबकि महिला टीम ने हरियाणा को 3-1 से मात दी। दोनों टीमें पहली बार फाइनल में पहुंचीं और शनिवार को स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।
मुक्केबाजी में शानदार प्रदर्शन-3 मिनट में धराशायी किए प्रतिद्वंद्वी
उत्तराखंड के मुक्केबाजों ने भी राष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। पवन बर्थवाल और बबीता बिष्ट ने स्पोर्ट्स कॉलेज पिथौरागढ़ में खेले गए अपने मुकाबले नॉकआउट जीतकर प्रदेश के लिए पदक की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। प्रतियोगिता में पुरुष 57 किलोग्राम भार वर्ग के तीसरे मुकाबले में पवन बर्थवाल और उड़ीसा के अक्षय के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। पवन ने अपने तेज पंचों से अक्षय को तीन मिनट में हराकर मुकाबला जीत लिया।
महिला 75 किलोग्राम भार वर्ग के आठवें मुकाबले में बबीता बिष्ट और उड़ीसा की सुनीता जीना आमने-सामने थीं। बबीता ने आक्रामक शुरुआत करते हुए सुनीता पर तेज प्रहार किए। मुकाबला तीन मिनट के भीतर समाप्त हो गया, क्योंकि सुनीता उनके पंचों का सामना नहीं कर सकीं। इस शानदार जीत के साथ बबीता अगले दौर में पहुंच गईं।
आरती धरियाल की हार से टूटी पदक की उम्मीद (National Games Host Uttarakhand Creating History)
अलबत्ता उत्तराखंड की मुक्केबाज आरती धरियाल 57 किलोग्राम भार वर्ग में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। उन्होंने प्रदेश के लिए पदक जीतने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी विपक्षी, तीन बार की यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन साक्षी, उन पर भारी पड़ीं। मुकाबले के दौरान आरती की नजरें बार-बार विपक्षी से हटती रहीं, जिससे वह साक्षी के हमलों का सामना नहीं कर सकीं और 5-0 से हार गईं। इस हार के साथ ही वह प्रतियोगिता से बाहर हो गईं और प्रदेश के लिए पदक लाने की उनकी उम्मीद समाप्त हो गई।
खिलाड़ियों के विचार (National Games Host Uttarakhand Creating History)
“यह जीत मेरे और पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश को पदक दिलाने के लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं। सभी की शुभकामनाएं मेरे साथ हैं, और मैं राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का गौरव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” – पवन बर्थवाल, मुक्केबाज, उत्तराखंड।
“राष्ट्रीय खेलों में पहली जीत से आत्मविश्वास बढ़ा है। प्रदेशवासियों का आशीर्वाद मेरे साथ है, और मैंने पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत की है। उम्मीद है कि मैं इसमें सफल रहूंगी।” – बबीता बिष्ट, मुक्केबाज, उत्तराखंड।
“उत्तराखंड के मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। दो मुक्केबाजों ने नॉकआउट जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया। प्रदेश के सभी मुक्केबाजों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण दिया गया है और निश्चित रूप से वे पदक जीतेंगे। यह शुरुआत बहुत अच्छी रही है।” – भाष्कर भट्ट, मुख्य कोच, उत्तराखंड।
कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की हो रही उत्तराखंड (घर) वापसी (National Games Host Uttarakhand Creating History)
38वें राष्ट्रीय खेलों से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की उत्तराखंड वापसी हो रही है। उत्तराखंड मूल के ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो पहले अन्य राज्यों से खेल रहे थे, लेकिन इस बार उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध होने और सरकार की खेल नीति में प्रोत्साहन को देखते हुए राज्य की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने हैं। वहीं, कई शामिल होने के इंतजार में हैं।
इनमें एक प्रमुख चेहरा शूटिंग के खिलाड़ी अंकुल गोयल का है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘रैपिड फायर’ के खिलाड़ी हैं, भारत में उनकी चौथी रैंकिंग है। पैरा ओलंपिक कोच और द्रोणाचार्य अवॉर्ड प्राप्त सुभाष राणा ने बताया कि अंकुल पहले उत्तर प्रदेश से खेल रहे थे। इस बार राष्ट्रीय खेलों के लिए देहरादून में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज तैयार होने और खेल नीति में संशोधन के बाद अंकुल उत्तर प्रदेश से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर उत्तराखंड की शूटिंग टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ. डीके सिंह ने बताया कि वॉलीबाल में उत्तराखंड की टीम से रजत और अनुराग खेल रहे हैं। दोनों राज्य मूल के हैं, लेकिन अनुराग दिल्ली से और रजत रेलवे से खेल रहे थे। सरकार की ओर से पुरस्कार राशि दोगुनी होने के साथ उच्च पदों पर नौकरी की बढ़ती संभावनाएं भी खिलाड़ियों को आकर्षित कर रही हैं, जिसके कारण अंकुल गोयल वापस आ चुके हैं। उनके अलावा भी कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी राज्य टीम से खेलने के लिए संपर्क कर रहे हैं। (National Games Host Uttarakhand Creating History)
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