सरोवरनगरी में ग्रीष्मकालीन पर्यटन सत्र के समापन के साथ झील का जल स्तर मापने का नया पैमाना लागू

पर्यटन सत्र शांत, झील में वर्षा से नये जीवन की उम्मीद
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 जुलाई 2025 ( New Scale for measurment Naini Lakes Water Level)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के प्रसिद्ध पर्यटन नगर सरोवरनगरी नैनीताल में जुलाई माह की वर्षा के साथ ग्रीष्मकालीन पर्यटन सत्र शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया है। बीते सप्ताहांत तक नगर की सड़कों पर दिन-रात वाहनों की कतारें और पर्यटकों की चहल-पहल बनी हुई थी, लेकिन अब नगर में शांति का वातावरण लौट आया है।
वर्तमान में नगर में सीमित संख्या में ही पर्यटक हैं, जो नगर के प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, शांत जलवायु और नैनी झील की मनोरमता का सच्चे अर्थों में आनंद उठा पा रहे हैं। नगर के पर्यटन व्यवसायियों का मानना है कि वर्षा के बावजूद आगामी सप्ताहांतों में भी पर्यटकों की आमद बनी रह सकती है।
बारिश से उम्मीद
इस बीच नगर में बुधवार को दिनभर बादलों की आवाजाही के बीच कई बार तेज धूप खिली, और अपराह्न होते-होते वर्षा का क्रम आरंभ हो गया, जो समाचार लिखे जाने तक रुक-रुक कर जारी रहा। इस मानसूनी वर्षा से एक ओर जहां नगरवासियों को भीषण गर्मी व धूल से राहत मिली, वहीं नैनी झील की पारिस्थितिकी में भी सकारात्मक परिवर्तन की संभावना जतायी जा रही है। जल विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा के जल से झील की ऑक्सीजनयुक्त परत को लाभ मिलेगा, जिससे झील में जल जीवों की स्थिति में सुधार होगा।
झील का जल स्तर नये पैमाने से मापा जा रहा, घटी जलधारण क्षमता बनी चिंता का विषय
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनी झील में अब जल स्तर की माप अंग्रेजी शासनकाल से प्रयुक्त पुराने मापक यंत्र के साथ-साथ नये तकनीकी मानकों से भी की जा रही है। तल्लीताल सिरे पर स्थित झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार पुराने पैमाने से बुधवार को जल स्तर 2 फीट 3 इंच था, जबकि नये मापक से इसे 79 फीट 3 इंच आंका गया है। यह माप झील की सबसे गहरी सतह से लिया गया है।
जानकारी के अनुसार यदि झील में जल स्तर शून्य भी दर्शाया जाए, तब भी उसमें लगभग 77 फीट जल होता है। इस दृष्टि से झील की पूर्ण भराव स्थिति में जल स्तर 89 फीट तक पहुंच सकता है।
2005 में थी यह स्थिति
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 के एक विस्तृत सर्वेक्षण में नैनी झील की जलधारण क्षमता 90 फीट या लगभग 30 मीटर आंकी गई थी। उस समय झील के लगभग एक तिहाई हिस्से में ऑक्सीजन समाप्त होने की स्थिति चिन्हित की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2007 में कृत्रिम ऑक्सीजन आपूर्ति की योजना भी क्रियान्वित की गई।
2018 में इतनी घटी झील की जल धारण क्षमता (New Scale for measurment Naini Lakes Water Level)
इसके बाद वर्ष 2018 में सिंचाई विभाग द्वारा कराए गए एक अन्य सर्वेक्षण में झील की अधिकतम जलधारण क्षमता 89 फीट ही मापी गई, जिससे स्पष्ट होता है कि लगभग 13 वर्षों में झील की क्षमता एक फीट तक घटी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह ह्रास मुख्यतः झील की तलहटी में गाद व मलबा भरने के कारण हुआ है। हालांकि यह क्षरण प्रतिवर्ष औसतन 1 सेंटीमीटर के आसपास ही रहने की संभावना बताई जा रही है।
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