अब हिंदी-अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली, उर्दू, पंजाबी व गुजराती से कुमाउनी और कुमाउनी से इन भाषाओं को सीखने के लिये आ गयी वेबसाइट और ऐप
नवीन समाचार, नैनीताल, 28 जून, 2024 (New Website and App to learn and Speak-Kumauni)। उत्तराखंड में चंद शासनकाल में राजभाषा रही प्रदेश की प्रमुख भाषा कुमाउनी को सिखाने के लिए एक नई वेबसाइट और ऐप ‘स्पीक कुमाउनी’ बनाई गयी है।
यह सीख सकते हैं (New Website and App to learn and Speak-Kumauni)
यह पूरी तरह से निःशुल्क वेबसाइट https://www.speakkumaoni.com/ और ऐप के माध्यम से हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, बंगाली, उर्दू, पंजाबी व गुजराती आदि 10 भारतीय भाषाओं के लोग कुमाउनी भाषा के बारे में सामान्य जानकारी, शब्दों, वाक्यों, क्रियाओं, सर्वनामों, दैनिक जीवन में प्रायः दो मित्रों के बीच में, या पुलिस से, बिरादरी में, चाय की दुकान पर, मंदिर में, निमंत्रण, प्रीतिभोज, सफर में, सब्जी की दुकान पर, पड़ोसी से या बैंक, थाने आदि में प्रयोग किये जाने और खेती, रसोई,
खाद्य पदार्थों, शरीर के अंगों, शारीरिक रोगों व उपचार, साग-सब्जी, फल, खेतीबाड़ी, नदियों, जलाशयों, जंगल, वृक्ष व वनस्पतियों, पशु, पक्षी, घर-मकान, गौशाला व इनसे संबंधित सामान, परिधानों, जेवर, सजावट की वस्तुओं, वैवाहिक कार्यक्रमों आदि के बारे में और शोक, दुःख व खुशी की परिस्थितियों में बोले जाने वाले शब्दों व संवादों को न केवल पढ़ने के माध्यम से बल्कि बोलकर भी सिखाती है। चाहें तो इस भाषा से कुमाउनी भाषी लोग हिंदी-अंग्रेजी सहित 10 भाषाओं को भी सीख सकते हैं।
इनकी रही है निर्माण में भूमिका (New Website and App to learn and Speak-Kumauni)
बताया गया है कि यह पहल डॉ. आरके ठुकराल की है, जो पंजाबी मूल हैं और रुद्रपुर में रहते हैं। उनका नैनीताल जिले के मनाघेर-सुंदरखाल गांव में भी घर है। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है और वर्तमान में दिल्ली में 24 साल पुरानी आईटीईएस कंपनी के संस्थापक-निदेशक हैं।
प्लेटफॉर्म की सामग्री हल्द्वानी स्थित शिक्षाविद्, संगीतकार और कुमाउनी लोक विशेषज्ञ हेमा हरबोला की पुस्तक ‘कुमाउनी पहाड़ी बोली’ से ली गई है। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में ‘हेलो हल्द्वानी’ की रेडियो पत्रकार सुनीता भास्कर ने इसमें कुमाउनी भाषा में स्वर दिये हैं, जबकि एआई तकनीक ने अन्य दस भाषाओं के लिए ऑडियो उपलब्ध है। पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस ऐप का ऑपचारिक शुभारंभ किया।
कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति समिति के महासचिव सुरेंद्र रावत, पिथौरागढ़ से प्रकाशित कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘आदलि कुशलि’ की संपादक डॉ.सरस्वती कोहली, नैनीताल जिले के खेड़ा गौलापार हल्द्वानी से प्रकाशित उत्तराखंडी लोक भाषाओं की एकमात्र मासिक ‘कुमगढ़’ के संपादक दामोदर जोशी, पूर्व में रामनगर से व वर्तमान में नई दिल्ली से प्रकाशित कुमाउनी त्रैमासिक पत्रिका दुदबोलि के संपादक चारु तिवारी,
क्रिएटिव उत्तराखंड और किताब कौतिक के संयोजक हेम पंत, हिमांशु पाठक और दयाल पांडे, कुमाउनी लोकगीत-गायक जोड़ी गोविंद दिगारी और खुशी जोशी, कुमाऊं गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष राजीव घई, बिजनेस उत्तरायणी के नीरज बवाड़ी तथा अन्य लोगों और संस्थाओं ने भी कुमाउनी भाषा को बढ़ावा देने के इस प्रयास में मदद एवं डॉ. ठुकराल के प्रयास की सराहना की है। (New Website and App to learn and Speak-Kumauni)
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