जिम कॉर्बेट पार्क में निगरानी कैमरों से महिलाओं की बनाई जा रही हैं आपत्तिजनक वीडियो, फिर किए जा रहे वाइरल, खतरनाक खुलासा, ग्रामीणों में आक्रोश..!
नवीन समाचार, नैनीताल, 29 नवम्बर 2024 (Obscene Videos of Women in Jim Corbett Park)। जी हाँ, एक शोध के आधार पर छपी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में जंगलों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरे, ड्रोन और अन्य डिजिटल उपकरणों का दुरुपयोग हो रहा है। इन उपकरणों के जरिये आसपास के गांवों में रहने वाली महिलाओं की जासूसी, गोपनीय तस्वीरें खींचने और आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड करने की घटनाएं सामने आई हैं।
यह चौंकाने वाला अनावरण कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं त्रिशांत सिमलाई और क्रिस सैंडब्रुक द्वारा किए गए अध्ययन “जेंडर्ड फॉरेस्ट: डिजिटल सर्विलांस टेक्नोलॉजीज़ फॉर कंजर्वेशन एंड जेंडर-एनवायरनमेंट रिलेशनशिप” में हुआ है। अध्ययन में बताया गया कि इन निगरानी उपकरणों से महिलाओं की गोपनीयता का उल्लंघन हो रहा है। यह शोध गत 24 नवंबर को प्रकाशित हुआ है।
महिलाओं की निजता में सेंध (Obscene Videos of Women in Jim Corbett Park)
शोध के दौरान एक घटना में एक महिला की अर्धनग्न तस्वीर कैमरे में कैद हो गई थी, जो सीटीआर के जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। यह महिला विशेष आवश्यकता (ऑटिज्म) से पीड़ित थी और वंचित समुदाय से संबंधित थी। इस घटना ने गांववालों में आक्रोश भर दिया। आरोपित अस्थायी वन कर्मियों ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गये।
गांववालों का आक्रोश
इस घटना से नाराज गांववालों ने जंगल में लगे निगरानी कैमरों को तोड़ दिया और वन अधिकारियों के स्टेशन को आग लगाने की धमकी दी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कैमरा ट्रैपों से हो रही निगरानी से महिलाएं जलाऊ लकड़ी और घास, साथ ही जड़ी-बूटियों और शहद जैसी चीजों को इकट्ठा करने से भी डरने लगे हैं। ” बताया जा रहा है कि यह हरकत उन युवा कर्मियों ने की है जिन्हे हाल ही में अस्थायी वन कर्मियों के रूप में तैनात किया गया था।
पारंपरिक प्रथाओं पर प्रभाव
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि निगरानी उपकरणों के डर से ग्रामीण अब जंगल में गाने या ऊंची आवाज में बातचीत करने जैसी पारंपरिक प्रथाओं से बच रहे हैं। इन प्रथाओं का न केवल सांस्कृतिक महत्व है बल्कि जंगली जानवरों से बचाव के लिए भी यह आवश्यक है।
शोध के दौरान एक महिला ने बताया कि “हमारे जंगल के इस हिस्से में शावकों के साथ एक ‘बाघिन’ है. अगर हम गाते नहीं या ऊंची आवाज में बात नहीं करते, तो उसके हम पर हमला करने की संभावना बनी रहती है.” शोध के दौरान 2019 में 14 महीने में कॉर्बेट के पास की बस्तियों में 270 लोगों से बात की। दुर्योग से शोध के दौरान इंटरव्यू की गई एक महिला की तब से बाघ के हमले में मौत हो चुकी है.
वन विभाग ने शुरू की जांच
इस अनावरण के बाद उत्तराखंड वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव वार्डन रंजन मिश्रा ने कहा, “कॉर्बेट के निदेशक मामले की जांच करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके, और हम जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहेंगे।” घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर फैलने के बाद लोग इसे लेकर चिंतित हैं। वन विभाग से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है। (Obscene Videos of Women in Jim Corbett Park)
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