पंतनगर विवि की इस गलती से हजारों युवाओं की सांसें अटकीं
देश के प्रतिष्ठित पंतनगर विश्वविद्यालय की एक लापरवाही से उत्तराखंड सहित देश भर के हजारों युवाओं की सांसें अटक गयी हैं। पंतनगर विवि ने आगामी तीन जून को स्नातक एवं एमसीए की परीक्षा की तिथि नियत कर दी है, जबकि इसी दिन देश के एक अन्य प्रतिष्ठित जिपमर यानी जवाहर लाल नेहरू मेडिकल इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा पहले से तय है। हास्यास्पद एवं पंतनगर विवि के स्तर के विवि के लिए चिंताजनक बात यह भी है कि पंतनगर विवि के कुलपति को इस बात की जानकारी ही नहीं है, और जानकारी दिये जाने पर छात्रों के समक्ष बनी इस बड़ी दुविधा की स्थिति को लेकर कोई संवेदनशीलता नजर नहीं आ रही है। बताया गया है कि जिपमर की परीक्षा में करीब 3 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। जबकि दो परीक्षाओं का एक ही दिन होना इतना गंभीर विषय है कि प्रभावित हो रहे दुविधाग्रस्त छात्र मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के कुलाधिपति राज्यपाल तक से गुहार लगा रहे हैं।
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- हल्द्वानी के एमबी डिग्री कालेज तथा पिथौरागढ़ व बागेश्वर महाविद्यालयों को लोक सभा चुनाव के संचालन को लंबे समय के लिए लेने के कारण देर से हो पाई परीक्षाएं
- पंतनगर विवि ने कुमाऊं विवि की परीक्षाओं से पहले ही करा दी काउंसिलिंग, और पहले प्रोविजनल और बाद में ऑरिजिनल मार्कशीट लाने को कहा, लेकिन पहले ही भर दी पूरी सीटें
उल्लेखनीय है कि कुमाऊं विवि ने मूलतः अपने शैक्षणिक कलेंडर के आधार पर अप्रैल माह में वार्षिक परीक्षाएं निर्धारित की थीं, और लोक सभा चुनावों के मद्देनजर व्यवस्था करते हुए परीक्षा दो चरणों में, पहले चरण में दो अप्रेल से 19 अप्रैल तक और चुनाव के लिए समय छो़कर 22 मई से दूसरे चरण में कराने का कार्यक्रम जारी भी कर दिया था। इस कार्यक्रम पर भी परीक्षा हो जाती तो परिणाम समय पर आ सकते थे, लेकिन केवल हल्द्वानी के एमबी डिग्री कॉलेज तथा पिथौरागढ़ व बागेश्वर महाविद्यालयों को परीक्षा संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा विवि की ‘नां’ के बावजूद संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के द्वारा संविधान की धारा 160 का प्रयोग करते हुए 28 मार्च से 20 मई यानी करीब दो माह के लिए अधिगृहीत कर लिए जाने, और इस विकट स्थिति का पता होने के बावजूद पंतनगर विवि ने कुमाऊं विवि की परीक्षाएं 24 जुलाई तक होने से पहले ही 20, 21 व 22 जुलाई को अपने यहां काउंसिलिंग करा दीं। इस कारण काउंसिलिंग के लिए आवेदन करने वाले कुमाऊं विवि के सैकड़ों छात्र काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाए। इस पर कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी ने पंतनगर विवि के कुलपति प्रो. मैथ्यू प्रसाद से बात की और पत्र भी भेजा, जिसके जवाब में पंतनगर विवि के कुलपति ने लिखित तौर पर प्रो. धामी के सुझाव को माना कि कुविवि 31 जुलाई तक प्रवेश के इच्छुक छात्रों को ‘सील्ड कवर’ में प्रोविजनल अंकपत्र उपलब्ध करा दे तो यहां के छात्रों को आठ-नौ अगस्त को दूसरी काउंसिलिंग में मौका दे दिया जाएगा। कुविवि ने वादा निभाते हुए अपने यहां आवेदन करने वाले 63 छात्रों को 31 जुलाई को ‘सील्ड कवर’ में प्रोविजनल अंकपत्र उपलब्ध भी करा दिए, लेकिन पंतनगर विवि अपने वादे से मुकर गया। फिर कुलसचिव के हस्ताक्षरों को गलत बता दिया गया। इस पर कुविवि के सहायक कुलसचिव डा. दिनेश चंद्रा स्वयं पंतनगर जाकर हस्ताक्षरों की पुष्टि कर आए। बाद में नियम विरुद्ध अंकपत्रों में कुलपति के हस्ताक्षर भी आवश्यक बताए गए, और प्रोविजनल की बजाय वास्तविक अंकपत्र ही जारी कर उपलब्ध कराने को कहा गया। इस पर कुविवि ने मंगलवार को इन छात्रों के परीक्षा के केवल 20 दिन के भीतर अंकपत्र भी जारी कर दिए हैं, लेकिन अब पंतनगर विवि की ओर से कहा जा रहा है कि वहां कुविवि के छात्रों के लिए सीट ही रिक्त नहीं हैं। इससे यहां के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। कुलपति ने राज्यपाल एवं शासन से की शिकायत
नैनीताल। पंतनगर और कुमाऊं विवि के राज्य विवि होने के बावजूद पंतनगर विवि द्वारा कुविवि की परीक्षाओं से पहले ही अपनी कांसिलिंग की तिथि जारी करने और पहले अनंतिम अंकपत्र मांगने और बाद में उन्हें न मानने तथा अब अंतिम अंकपत्र जारी करने के बावजूद यहां के छात्रों को कांसिलिंग में शामिल न करने की कुलपति प्रो. एचएस धामी ने कुलाधिपति प्रदेश के राज्यपाल एवं शासन से शिकायत की है। प्रो. धामी ने बताया कि उन्होंने इस बाबत प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा सचिव को भी पत्र लिखकर प्रकरण की जानकारी दी है। पंतनगर विवि की आंतरिक राजनीति बताई जा रही है कारण
नैनीताल। भरोसेमंद सूत्रों पर यकीन करें तो पंतनगर विवि की वादाखिलाफी के पीछे वहां की अंदरूनी राजनीति और मत्वाकांक्षा बड़ा कारण है। बताया गया है कि पंतनगर विवि के कुलपति भी वादा निभाना चाहते हैं, पर प्रवेश समिति में शामिल पूर्व में कुमाऊं विवि में कुलपति बनने के इच्छुक एक सदस्य मामले में कुविवि और अपने कुलपति को नीचा दिखाने की कोशिस में हैं, इस कारण कुमाऊं विवि के छात्रों के भविश्य से खिलवाड़ कर दिया गया है। अखिल भारतीय तीसरी रेंक का छात्र भी पंतनगर में प्रवेश से वंचित
नैनीताल। पंतनगर विवि की वादाखिलाफी से कुमाऊं विवि का ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग’ देरादून के लिए हुई परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर देश में तीसरी रेंक हासिल करने वाले और इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले प्रदेश के एकमात्र छात्र राजकुमार को भी पंतनगर विवि में प्रवेश से वंचित रहना पडा है। इससे साफ हो जाता है कि पंतनगर विवि ने अपनी जिद के आगे अच्छी रेंक वाले कुमाऊं विवि के छात्रों को प्रवेश न देकर अपेक्षाकृत कमजोर छात्रों से अपनी सीटें भर ली हैं। गदरपुर निवासी राजकुमार ने बताया कि उसे कुमाऊं विवि से मिले अनंतिम अंकपत्र के कारण पंतनगर विवि की कांसिलिंग में शामिल नहीं किया गया, जबकि इसी अनंतिम अंकपत्र से उसने आईआईआरसी देरादून में प्रवेश ले लिया है। राजकुमार अब वहां ‘फारेस्ट रिसोर्सेज एंड ईको सिस्टम एनालिसिस’ विषय में एमटेक करने जा रहा है।