March 28, 2024

नैनीताल में 95.12-90.06 की दर पर आए डीजल-पेट्रोल

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 मई 2022। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बाद नैनीताल जिला मुख्यालय में शनिवार को पेट्रोल 95.12 एवं डीजल 90.06 रुपए प्रति लीटर की दर पर मिलने लगा है। वहीं जनपद के हल्द्वानी में पेट्रोल 94.42 और डीजल 89.55 रुपए प्रति लीटर की दर पर उपलब्ध हो रहे हैं। इससे पूर्व हल्द्वानी में पेट्रोल 102.91 व नैनीताल में 103.21 और डीजल हल्द्वानी में 96.60 व नैनीताल में 97.5 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: डीजल-पेट्रोल LPG गैस सिलेंडर के दामों पर बड़ी कमी, पड़ेगा सभी पर असर !

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 21 मई 2022। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल व LPG गैस सिलेंडर की कीमतों पर अभी-अभी बड़ा फैसला लिया है। इसके बाद पेट्रोल रुपए 9.50 और डीजल 7 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई दरें आज रात 12 बजे से लागू होंगी। इसके बाद देश में अमूमन सभी जगह दाम 100 रुपए से नीचे आने की उम्मीद है।

इसके अलावा 9 करोड़ से अधिक उज्जवला योजना के लाभान्वितों को LPG गैस सिलेंडर के दामों में भी वर्ष में 12 सिलेंडरों तक 200 रुपए प्रति सिलेंडर की कटौती की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ऐलान किया कि शनिवार रात से पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर के नए दाम लागू हो जाएंगे। सिलेंडर पर 200 रुपये की कटौती अनुदान के तौर पर दिया जाएगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

पीसीआरए की रैली का शुभारंभ करती विधायक सरिता आर्या।

यह भी पढ़ें : विधायक ने किया पेट्रोलियम पदार्थ बचाने को पैदल चलने के लिए प्रेरित करने वाली रैली का शुभारंभ

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 24 अप्रैल 2022। विधायक सरिता आर्या ने रविवार को पेट्रोलियम पदार्थ बचाने को पैदल चलने के लिए प्रेरित करने वाली एक रैली का शुभारंभ किया। पीसीआरए यानी पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ नई दिल्ली के द्वारा आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोग तल्लीताल डांठ से ‘पेट्रोलियम बचाओ-पैदल चलो’ के नारे के साथ शामिल हुए।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस रैली के माध्यम से स्वास्थ्य, पर्यावरण और ईधन संरक्षण के लिए पैदल चलने, हरित और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के बारे में नगर वासियांे को जागरूक किया गया। रैली में पीसीआरए के अधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी, तल्लीताल व्यापार मंडल के महासचिव अमनदीप सिंह, सभासद गजाला कमाल, विक्की राठौर व विश्वकेतु वैद्य सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 6 दिनों में पांचवी बार और लगातार तीसरे दिन बढ़ीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें, नैनीताल में फिर 100 के करीब आया पेट्रोल

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2022। देश-प्रदेश में 6 दिनों में पांचवी बार और रविवार को लगातार तीसरे दिन पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई है। रविवार को पेट्रोल के दामों में 49 और डीजल के दामों में 55 पैसे की वृद्धि हुई है। इसके साथ नैनीताल में पेट्रोल 97 रुपए 46 पैंसे और डीजल 90 रुपए 86 पैंसे प्रति लीटर हो गया है।

इससे पूर्व 22 और 23 मार्च को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई 80-80 पैसे की बढोतरी के बाद 25 मार्च को पेट्रोल में 82 पैसे और डीजल 80 पैसे पैसे तथा 25 मार्च को 80-80 पैंसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। 24 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे थे।

इससे पहले नवंबर 2020 में 100 रुपए से ऊपर चढ़ने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत पिछले वर्ष छह नवंबर से स्थिर थी। पिछले साल तीन नवंबर को केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर तेल की कीमत कम कर दी थी। नगर के सूखाताल स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा संचालित इंडियन ऑइल के पेट्रोल पंप पर छह नवंबर 2021 को पेट्रोल 93 रुपए 95 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल 97 रुपए 53 पैंसे व डीजल 87 रुपए 10 पैंसे के दाम पर मिल रहा था।

जबकि इससे पहले तीन नवंबर को पेट्रोल 105 रुपए 89 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल 109 रुपए 79 पैंसे व डीजल 99 रुपए 15 पैंसे के दाम पर मिल रहा था। जबकि दो नवंबर, 2021 को हल्द्वानी में पेट्रोल 105.18 रुपये व डीजल 98.65 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था, जबकि पांच नवंबर को कीमतें घटकर हल्द्वानी में पेट्रोल 98.64 रुपये व डीजल 86.83 रुपये प्रति लीटर हो गई थीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वैट घटाने के बाद यह रहे नैनीताल में पेट्रोल, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल व डीजल के दाम

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 6 नवंबर 2021। पिछले दो दिनों से डीजल-पेट्रोल के दामों में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वैट कम किए जाने के बाद से कमी आई है। लेकिन कमी कितनी आई है, इस पर संशय बना हुआ है। हम यहां नैनीताल की बात करेंगे। यहां डीजल-पेट्रोल व एक्सट्रा प्रीमियम पेट्रोल के दामों में औसतन 12 रुपए की कमी आई है।

नगर के सूखाताल स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा संचालित इंडियन ऑइल के प्रभारी कृष्ण चंद्र खोलिया ने बताया कि गत तीन नवंबर से आज छह नवंबर के बीच 4 दिनों में पेट्रोल के दामों में 11 रुपए 94 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल पर 12 रुपए 26 पैंसे व डीजल पर 12 रुपए पांच पैंसे की कमी आई है, और आज पेट्रोल 93 रुपए 95 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल 97 रुपए 53 पैंसे व डीजल 87 रुपए 10 पैंसे के दाम पर मिल रहा है।

जबकि इससे पहले तीन नवंबर को पेट्रोल 105 रुपए 89 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल 109 रुपए 79 पैंसे व डीजल 99 रुपए 15 पैंसे के दाम पर मिल रहा था। चार व छह नवंबर को दामों में कमी आई है। पेट्रोल के दामों में इन दो तिथियों में 6 रुपए 57 पैंसे व 5 रुपए 37 पैंसे, एक्स्ट्रा प्रीमियम पेट्रोल के दामों में 6 रुपए 66 पैंसे व 5 रुपए 60 पैंसे तथा डीजल के दामों में 11 रुपए 82 पैंसे व 23 पैंसे की कमी आई, जबकि 5 नवंबर को 4 नवंबर के ही दाम बने रहे। उन्होंने बताया कि हर रोज सुबह 6 बजे दरें बदलती हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल इतना घट गया, बढ़ता है तो शोर-पर घटने पर चर्चा ही नहीं..

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 7 फ़रवरी 2020। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रविवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल तीन महीने तथा डीजल दो महीने के निचले स्तर पर आ गया।देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल शुक्रवार को २१ पैसे सस्ता होकर ७२.६८ रुपये प्रति लीटर पर आ गया जो ०७ नवंबर २०१९ के बाद का निचला स्तर है।

यहाँ डीजल की कीमत भी २४ पैसे घटकर ६५.६८ रुपये प्रति लीटर रह गयी। यह पिछले साल 7 दिसंबर के बाद का निचला स्तर है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल २१-२१ पैसे सस्ता होकर क्रमश: ७५.३६ रुपये, ७८.३४ रुपये और ७५.५२ रुपये प्रति लीटर के भाव बिका। डीजल की कीमत कोलकाता में २५ पैसे घटकर ६८.०४ रुपये प्रति लीटर रह गयी। मुंबई और चेन्नई में डीजल २५-२५ पैसे सस्ता हुआ। एक लीटर डीजल रविवार को मुंबई में ६८.८४ रुपये और चेन्नई में ६९.३८ रुपये का बिका।

अपने शहर में क्या हैं आज के भाव, ऐसे जानें
पेट्रोल-डीजल के भाव रोजाना बदलते हैं और सुबह 6 बजे अपडेट हो जाते हैं। पेट्रोल-डीजल का रोज़ का रेट आप SMS के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल के उपभोक्ता RSP लिखकर 9224992249 नंबर पर और बीपीसीएल उपभोक्ता RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज जानकारी हासिल कर सकते हैं। वहीं, एचपीसीएल उपभोक्ता HPPrice लिखकर 9222201122 नंबर पर भेजकर भाव पता कर सकते हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में डीज़ल-पेट्रोल के दामों में देश में सबसे बड़ी 5 रुपये की कमी का एलान

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2018। पेट्रोल-डीजल की कीमतों का लगातार बढ़ना जारी है। गुरुवार को भी इनके दामों में क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए हैं। इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डीज़ल व पेट्रोल के दामों में 2 .50 रुपये की कमी की घोषणा की। वहीँ इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी उत्तराखंड में अलग से 2 .50 रुपये की कमी की घोषणा की। इस प्रकार उत्तराखंडवासियों को देश में सर्वाधिक 5 रुपये सस्ते पेट्रोल-डीज़ल मिल सकेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस बारे में ट्वीट किया-पेट्रोल,डीजल के दामों में प्रति लीटर 2.5 रुपये /ली. की कटौती के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। उत्तराखंड की जनता को राहत देते हुए राज्य सरकार ने भी पेट्रोल, डीजल में 2.5 रुपये /ली. की अतिरिक्त कटौती का फैसला लिया है। उत्तराखंड की लोगों को पेट्रोल,डीजल में 5 रुपयेप्रति ली.की राहत मिलेगी।

साथ ही बताया कि इस फैसले से राज्य सरकार को पेट्रोल में 100 करोड़ और डीजल में 225 करोड़ यानी कुल 325 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। लेकिन आम जनता के हित को ध्यान मे रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। यह फैसला आज आधी रात से मान्य होगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

देश के किसी भी शहर में ताज़ा व पुराने पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि के दाम इस लिंक पर देखें : https://www.mypetrolprice.com/170/Petrol-price-in-Nainital

  • वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल के दाम ढाई रुपये कम करने का ऐलान किया
  • महंगाई दर 4 फीसदी के भीतर है: अरुण जेटली
  • भारतीय बाजार पर अमेरिकी बाजार का असर है: अरुण जेटली
    पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से चिंतित सरकार इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को रोकने के विकल्पों पर विचार कर रही है। सूत्रों ने जानकारी दी की कि इस संबंध में बुधवार शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आज थोड़ी देर में वित्तमंत्री कुछ रियायतों की घोषणा कर सकते हैं।ईंधन के बढ़ते दाम से किसानों की पहले से बदहाल स्थिति और खराब होने की आशंका है। विशेषकर रबी फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ने का अनुमान है। डीजल अभी रिकॉर्ड उच्च कीमत पर बेचा जा रहा है। यह कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर सिंचाई के पंपसेट तक डीजल से ही चलते हैं। अत: डीजल के महंगा होने से किसानों पर इसका असर पड़ना अवश्यंभावी है।
    ऐसा माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने कच्चा तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरते जाने के प्रभावों को दूर करने पर चर्चा की। साथ ही सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी पहली बार 500 रुपये प्रति सिलिंडर को पार कर गया है।

यह भी पढ़ें: एनडीए के चार वर्ष में पेट्रोल के दामों में मात्र 6.74 रुपए यानी 9.4 फीसद की ही वृद्धि

पेट्रोल व डीजल की कीमतों में पिछले पांच दिनों से मामूली सी ही सही किंतु कटौती जारी है। कभी 1 पैसा तो कभी 6 पैसे की कटौती के साथ देश भर में पिछले छह दिनों में पेट्रोल की कीमत में 43 पैसे की कटौती हुई है। वहीं, डीजल की कीमत में 32 पैसे की कमी आई है। राजधानी दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल की कीमत में 9 पैसे और रविवार को 8 पैसे की कटौती हुई, जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 78.24 रुपये और डीजल की कीमत 69.11 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि रविवार को पेट्रोल 78.15 और डीजल 69.15 की कीमत पर स्थिर रहा। यह अलग बात है कि अभी भी पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का ही हल्ला है।

इधर नैनीताल की बात करें तो यहाँ पेट्रोल की कीमतें विभिन्न तिथियों को इस प्रकार रहीं :

4 जून 2018 : 79.11 (-0.11) रुपये/लीटर

3 जून 2018 : 79.23 (-0.08) रुपये/लीटर

2 जून 2018 : 79.31 रुपये/लीटर

14 मई 2018 : 76.63 रुपये/लीटर

5 मार्च 2018 : 74.67 रुपये/लीटर

5 दिसंबर 2017 : 72.28 रुपये/लीटर

16 जून 2017 : 69.28 रुपये/लीटर

मालूम हो कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के दौरान मई 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चे तेल का भारतीय खरीद मूल्य 106.85 डॉलर प्रति बैरल तथा पेट्रोल का दाम 71.41 रुपये प्रति लीटर था। इस प्रकार एनडीए के चार वर्ष के कार्यकाल में पेट्रोल के दामों में 2 जून 2018 को 78.15 रुपये के मूल्य होने तक मात्र 6.79 रुपए की ही वृद्धि हुई है, जो कि महज 9.4 फीसद ही अधिक है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 30 मई से कटौती शुरू हुई है। 30 मई को 1 पैसा की कटौती हुई, जिससे सरकार की काफी आलोचना भी हुई। इसके बाद 31 मई को 7 पैसे तथा 1 जुलाई को 6 और 2 जुलाई को 9 पैसे की कटौती की गई। ऐसा ही डीजल की कीमत में भी हुआ है। डीजल की कीमत में 30 मई को 1 पैसा, 31 मई और 1 जून को 5-5 पैसे और 2 जुलाई को 9 पैसे की कटौती हुई।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 2016 में एनडीए के 20 महीने के शासनकाल में पेट्रोल के दाम 16 प्रतिशत घटकर 60 रुपये प्रति लीटर पर आ गये थे। अलबत्ता इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 106.85 डॉलर प्रति बैरल से दो-तिहाई तक गिर कर 29.80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये थे।

इन तिथियों को नियंत्रण मुक्त हुए पेट्रोलियम पदार्थों के दाम

सरकार ने हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एटीएफ) की कीमतें अप्रैल 2001 को व पेट्रोल के दाम 26 जून 2010 को नियंत्रणमुक्त कर दिये थे जबकि डीजल के दाम 19 अक्टूबर 2014 को बाजार पर छोड़ दिये गये थे। उसके बाद से तेल विपण कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय मूल्य और अन्य बाजार परिस्थितियों के अनुरूप तय करते रहे हैं।

इसलिये केवल कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों से सीधे नहीं जुड़तीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

पेट्रोल-डीजल की कीमतें वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों से कदम ताल नहीं मिला सकतीं, इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं-
1. रुपये की कीमत: भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 80 प्रतिशत आयात से पूरा करता है। इसलिए देश में पहुंचने तक ईंधन की लागत क्या होगी, यह बहुत हद तक एक्सचेंज रेट पर निर्भर करती है। जून 2014 में डॉलर की कीमत करीब 60 रुपये के बराबर थी, लेकिन धीरे-धीरे रुपया कमजोर होता गया और इधर लंबे समय से इसका भाव डॉलर के मुकाबले करीब-करीब 68 रुपये पर स्थिर सा है। रुपए की कमजोरी की वजह से भारत पहुंचने तक कच्चे तेल की कीमत बढ़ जाती है।
2. टैक्स: केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लग रहे करों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर दी है, ताकि राजस्व बढ़ाया जा सके। मई 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी दोगुने से भी ज्यादा हो गई है। अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रूपए प्रति लीटर थी जो छह बार में ही बढ़ते-बढ़ते अभी 19.36 रूपए प्रति लीटर पर पहुंच गई थी। इसी तरह, डीजल पर अप्रैल 2014 में 3.65 रूपए प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी तय थी। इसमें भी छह बार बढ़ोतरी हुई और अब यह आंकड़ा 11.83 रूपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर राजनितिक लगाम के लिए जीएसटी लगाने की तैयारी में है सरकार

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर बढ़ रही राजनीति पर लगाम लगाने के लिए अब केंद्र सरकार के पास जीएसटी ही एकमात्र रास्ता बचा है। वैसे जीएसटी के तहत इन उत्पादों को लाने के बावजूद ग्राहकों को इनकी कीमतों में कोई भारी राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इन उत्पादों के लिए जीएसटी की ऐसी दर (रेवेन्यू न्यूट्रल रेट) तलाशनी होगी जिससे केंद्र व राज्यों के खजाने को कोई भारी चपत न लगे। इस मुश्किल से निकलने के लिए सरकार पेट्रोलियम उत्पादों के लिए अब तक लागू चार तरह की दरों (5,12, 18, 28 फीसद) से इतर कोई नई दर लाने पर विचार कर रही है, ताकि इनसे भविष्य में जो राजस्व संग्रह हो, वह मौजूदा संग्रह से कम नहीं हो। हालांकि जानकार मानते हैं कि जीएसटी के तहत आने के बावजूद ग्राहकों को खुदरा कीमत में कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी। वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों के मुताबिक भी यह कोई अच्छी अर्थनीति नहीं होगी कि एक झटके में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी कटौती कर दी जाये। हालांकि ग्राहकों को इससे तात्कालिक राहत जरूर मिलेगी।

अभी पेट्रोल-डीजल से इतना मुनाफा कमा रहे हैं राज्य

आंकड़े गवाह है कि केंद्र व राज्य पेट्रो उत्पादों से खूब कमाई कर रहे हैं। 28 राज्यों में पेट्रोल पर 25 से 35 फीसद के बीच जीएसटी की दर है। डीजल की भी यही स्थिति है। 13 राज्यों में वैट की दर 20 फीसद से ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में केंद्र ने तमाम पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगा कर 1,97,715 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया जबकि राज्यों के लिए यह राशि 1,50,916 करोड़ रुपये थी। इसका मतलब यह हुआ कि जीएसटी में शामिल करने के बाद इन पर लगाई जाने वाली दर इतनी होनी चाहिए कि कुल संग्रह केंद्र व राज्य की तरफ से इनसे वसूले जाने वाले संग्रह से कम न हो। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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