क्या गुल खिलाएगा उत्तराखंड में दो ‘धामियों’ का मिलन
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 अगस्त 2024 (Politics-Harish Dham-Pushkar Singh Dhami Meeting)। उत्तरांचल को उत्तराखंड नाम देने वाली कांग्रेस पार्टी की राजनीति एक बार फिर खंड-खंड में नजर आ रही है। राज्य में हरीश रावत, हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह व गणेश गोदियाल के सुर पहले से ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले यानी अलग-अलग नजर आते रहे हैं, जबकि अब एक बार फिर एक और कांग्रेसी विधायक हरीश धामी का नाम इस श्रेणी में जुड़ गया है, या यूं कहें कि हरीश धामी अपनी पुरानी रौ में या पुरानी राह पर लौट आये हैं। अब वह इस राह पर कहां तक जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। देखें वीडिओ :
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दरअसल हुआ यह है कि धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है। धामी ने मानसून सत्र के दौरान प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर अपनी बात रखने के अवसर न मिलने पर अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरुद्ध नाराजगी व्यक्त की और इसे पहाड़ के खिलाफ साजिश करार दिया। धामी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के यानी उनकी ही पार्टी के सदस्यों ने उन्हें आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बोलने का अवसर नहीं दिया। इससे वह अत्यधिक आहत हैं। इस मुद्दे को लेकर वह कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी शिकायत करने करेंगे।
विधायक हरीश धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सत्रावसान के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर अपनी पीड़ा को साझा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र खासकर उनका विधानसभा क्षेत्र आपदा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील हैं और इस समय राज्य के कई इलाके आपदाग्रस्त हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस गंभीर विषय पर सदन में चर्चा अत्यंत आवश्यक थी, लेकिन उन्हें विपक्ष को मिले समय में बोलने का अवसर नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायक हरीश धामी की बातों को गंभीरता से सुनकर उन्हें आश्वासन दिया कि उनके क्षेत्र सहित अन्य आपदाग्रस्त स्थानों पर संबंधित प्रकरणों को प्राथमिकता पर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सभी व्यवस्थाएं सामान्य करने के लिए जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखा जाए।
साथ ही हरीश धामी की समस्याओं को बताने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन सचिव और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के साथ बैठक कर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाए। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों के विस्थापन की आवश्यकता होने पर, इसे प्राथमिकता दी जाए। इस प्रकार राज्य के दो धामियों का मिलन दोनों ओर से एक-एक कदम करीब आना माना जा रहा है।
राजनीतिक निहितार्थ (Politics-Harish Dham-Pushkar Singh Dhami Meeting)
विदित हो कि हरीश धामी ने पूर्व में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते उपचुनाव लड़ने के लिये अपनी धारचूला सीट हरीश रावत के लिये छोड़ दी थी। तब दो हरीशों की यह करीबी हरीश धामी को उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष की कुर्सी दिला गयी थी। इसके बाद जब पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री रहते उपचुनाव लड़ने की जरूरत पड़ी तो तब भी हरीश धामी ने कांग्रेस विधायक होते हुए पुष्कर धामी के लिये अपनी धारचूला सीट खाली करने की पेशकश की थी।
अलबत्ता तब पुष्कर सिंह धामी ने धारचूला की जगह चंपावत को चुना और वहां सीट छोड़ने वाले तत्कालीन विधायक कैलाश गहतोड़ी को उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष की कुर्सी मिली। अब एक बार फिर दो धामियों की मुलाकात क्या गुल खिलाएगी, यह देखने वाली बात होगी। (Politics-Harish Dham-Pushkar Singh Dhami Meeting)
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