सरोवरनगरी को यूं ही प्रकृति का स्वर्ग नहीं कहा जाता। भले ही एक ओर प्रकृति यहां रोज ही सोमवार जैसी भयानक बारिश व ओलावृष्टि जैसी भीषण स्थितियों से यहां रहने वाले लोगों की परीक्षा लेती है, दूसरी ओर ऐसी विकट स्थितियों में भी नगर एक नई खूबसूरती के साथ निखर उठता है। सोमवार अपराह्न आई डरावनी बारिश व ओलावृष्टि के बाद जहां एक ओर नैनी झील पूरी तरह से गंदगी-मलवे से पटकर मटमैली हो गई, वहीं सूर्यास्त के आखिरी पलों में नगर में सूर्यदेव ने दर्शन दिए और इस दौरान कुछ पलों के लिए नगर के आकाश में एक नहीं दो-दो सुंदर सतरंगे इंद्रधनुष ऐसी खूबसूरती के साथ तने, मानो प्रकृति ने फिर संदेश दिया कि सरोवरनगरी वाकई प्रकृति की स्वर्ग है।
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