April 24, 2024

रानीबाग-नैनीताल रोप-वे पर आयोजित हुई पहली बैठक, हवाई सेवा से अधिक हो सकता है किराया ! जानें कितने होंगे स्टेशन ?

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Ranibagh-Nainital Roap way

नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जुलाई 2023। जिलाधिकारी वंदना ने सोमवार को जिला कार्यालय नैनीताल में नैनीताल जनपद के अन्तर्गत स्वीकृत रानीबाग-नैनीताल रोप-वे (Ranibagh-Nainital Roap way) परियोजना के संबंध मे संबंधित कार्यदायी संस्था एवं अधिकारियों से विस्तार से जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बताया कि रानीबाग-नैनीताल रोप-वे पर 2027 से आवाजाही आरंभ होगी।https://navinsamachar.com/tenderprocess-for-ropeway-for-kathgodam-nainital/

पर्यटक बिना किसी जाम के रानीबाग से नैनीताल का सफर 60 मिनट में पूरा कर लेंगे। इस रोपवे से 2027 में सालभर में 33 लाख, 2030 में 39 लाख, 2045 में 60 लाख से अधिक यात्रियों के परिवहन का अनुमान है।

Update on Holiday, Ranibagh-Nainital Roap way,बैठक में कार्यदायी संस्था द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अब तक किये गये प्री-फिजीबिलिटी सर्वे की जानकारी डीएम को दी। बताया कि सर्वें में रानीबाग से नैनीताल तक प्रस्तावित रोप-वे की लम्बाई 11.45 किमी होगी एवं इसमें रानीबाग, ज्योलीकोट व हनुमानगढ़ी में तीन स्टेशन स्थापित किये जायेंगे। इसके लिये डीपीआर निर्माण की निविदा कर दी गयी है।

बैठक में यह बात भी सामने आई कि रानीबाग से नैनीताल तक रोपवे का किराया 1000 रुपए हो सकता है, यानी किराया हवाई सेवा से भी अधिक हो सकता है। बैठक में यह बात भी उभर कर आई कि कार्यदायी संस्था द्वारा किया गया प्री-फिजीबिलिटी सर्वे हवा-हवाई है। उसमें नैनीताल आने वाले सैलानियों की संख्या पहले पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार बताई गई। इस पर पर्यटन व्यवसायियों द्वारा यह बताए जाने पर कि पर्यटकों के आंकड़े पर्यटन विभाग को नहीं, बल्कि व्यापार कर विभाग को दिए जाते हैं। इस पर कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने बाद में पर्यटकों की संख्या अनुमान के आधार पर बताई गई। इस पर डीएम ने तीन माह के भीतर सही आंकलन करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा डीएम ने कार्यदायी संस्था को निर्देश दिये कि रोप-वे निर्माण के लिए स्टेशनों व टावरों के साथ होटल, रिजॉर्ट, पार्किंग आदि अवस्थापना सुविधाओं की स्थापना हेतु भूमि हस्तांतरण, रास्ते में आने वाले विद्युत पोलों को हटाने आदि के संबंध मे संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए तीन माह के भीतर समयबद्ध तरीके से कार्य करना सुनिश्चित करें।

इसके अलावा रानीबाग में आवश्यक वाहन पार्किंग के निर्माण हेतु भविष्य की आवश्यकता का आंकलन-वाहनों की संख्या का सर्वे करने के निर्देश दिये। उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रस्तावित रोप-वे के निर्माण हेतु आवश्यक भूमि का भंली-भांति निरीक्षण करें। बैठक में व्यापार मंडल एवं होटल एसोशिएशन के पदाधिकारियों के साथ भी रोप-वे के संबंध में विस्तार से चर्चा-परिचर्चा की गई। 

बैठक में एसडीएम राहुल साह, कुमाऊँ मण्डल विकास निगम के महाप्रबंधक एपी बाजपेई, महाप्रबन्धक उद्योग सुनील पंत, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल, कार्यदायी संस्था एनएचआई के विकास मित्तल, जितेश गुप्ता, व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट, वेद साह के साथ पर्यटन व परिवहन विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

बताया गया कि रानीबाग स्थित एचएमटी भवन में रोपवे का मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा। इसके बाद आम पड़ाव-ज्योलिकोट में दूसरे सब स्टेशन और नैनीताल के हनुमानगढ़ क्षेत्र में तीसरा मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा। जहां से पर्यटक नैनीताल शहर के अंदर प्रवेश कर सकेंगे। इस दौरान एनएचएआई के विकास मित्तल ने बताया कि रोपवे निर्माण के लिए डीपीआर निर्माण के टेंडर जारी कर दिए गए हैं।

जुलाई माह तक डीपीआर निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। दिसंबर माह से रोपवे निर्माण की कवायद प्रारंभ की जाएगी। 2027 तक रोपवे निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि रोपवे निर्माण के दौरान काठगोदाम से लेकर नैनीताल तक करीब तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर विद्युत लाइनों और पोलों को विस्थापित किए जाने की आवश्यकता है। 

बताया गया कि रानीबाग और ज्योलीकोट क्षेत्र में रोप-वे स्टेशन बनाए जाने को लेकर वन भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है। जो रोपवे निर्माण के मामले पर बड़ा अड़ंगा साबित हो रही है। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि करीब 60 नाली भूमि रानीबाग व ज्योलीकोट में वन विभाग से हस्तांतरित होनी है।

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यह भी पढ़ें : Ranibagh-Nainital Roap way : नैनीताल-रानीबाग रज्जु मार्ग रोप वे परियोजना की कवायद शुरू, जानें क्या होगा….

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जुलाई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय से याचिका निस्तारित होने के बाद अब नैनीताल जनपद मुख्यालय के लिए रानीबाग से प्रस्तावित रोपवे यानी रज्जु मार्ग (Ranibagh-Nainital Roap way) परियोजना पर कवायद एक बार फिर से शुरू होने जा रही है।

आगामी 10 जुलाई सोमवार को अपराह्न 12 बजे से जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक तय हो गई है एडीएम शिवचरण द्विवेदी ने सम्बन्धित अधिकारियों से बैठक में परियोजना से संबंधित विवरण सहित स्वयं प्रतिभाग करने के निर्देश दिए हैं।

Ranibagh-Nainital Roap wayऐसे बनेगा नैनीताल-रानीबाग रोप वे

नैनीताल। नैनीताल-रानीबाग रोपवे प्रोजेक्ट का प्रस्ताव शुरुआती दौर में 12 किलोमीटर का था। केंद्र सरकार ने पीपीपी मोड में इसके निर्माण का कार्य जर्मन-आस्ट्रेलियन कंपनी को दिया गया है। प्रारंभिक तौर पर इसके निर्माण में लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस रोपवे में रानीबाग व नैनीताल के अलावा डोलमार व रानीबाग में कुल चार स्टेशन बनेंगे। इनमें होटल, रिजॉर्ट, बहुमंजिली कार पार्किंग, रेस्टोरेंट व दुकानों सहित अन्य आधारभूत सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी।

प्रारम्भिक योजना के अनुसार पहला स्टेशन काठगोदाम से लगभग दो-तीन किमी दूर रानीबाग में होगा। यहां से यात्री नैनीताल के लिए ट्रॉली में सवार होंगे। उसके बाद डोलमार और ज्योलीकोट में दो स्टेशन और बनाए जाएंगे। नैनीताल से लगभग दो किमी पहले हनुमानगढ़ी में बनाए जाने वाले स्टेशन में यात्रियों को उतारा जाएगा। वहां से सैलानी सिटी बस या टैक्सी से नैनीताल तक की यात्रा करेंगे। हालांकि कंपनी की ओर से नये सिरे से इसका सर्वे कराने की बात भी कही गई है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में नगर के पर्यावरणविद डॉ. अजय रावत ने वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सरकार के रानीबाग से हनुमानगढ़ी तक रज्जु मार्ग के निर्माण के प्रस्ताव का विरोध किया था। याचिका में कहा गया था कि इस रज्जु मार्ग के टावर का निर्माण हनुमानगढ़ी के पहाड़ पर प्रस्तावित है जो बेहद कमजोर पहाड़ी है। पूर्व में यहां से नगर के लिए यहां के टूटे पत्थरों का रेत के रूप में प्रयोग होता है। इसके एक पार्श्व में हुए भूस्खलन के स्थान पर बमुश्किल सीवर लाइन बनी थी।

वहीं एनएचएआई की ओर से कहा गया कि 11 से 12 किलोमीटर के रज्जु मार्ग के लिए जर्मन ऑस्ट्रेलियन कंस्लटेंसी के माध्यम से पुराने की जगह नया प्रस्ताव बनाया जा रहा है। वहीं सीएससी चंद्रशेखर रावत की ओर से बताया गया कि आईआईटी रुड़की और एनएचएआई की एजेंसी के भूगर्भीय सर्वे में हनुमानगढ़ी की भूमि रज्जु मार्ग के निर्माण के लिए सही पाई गई थी। अब अंतिम भूगर्भीय सर्वे में भी सही रिपोर्ट आने पर रज्जु मार्ग के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।

(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें, यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर हमारे टेलीग्राम पेज से जुड़ें और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें।

यह भी पढ़ें : रानीबाग से नैनीताल के लिए रज्जु मार्ग के निर्माण की राह से बड़ी बाधा हटी ! हाईकोर्ट ने विरोध वाली याचिका को किया निस्तारित (Ranibagh-Nainital Roap way)

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जून 2023। (Ranibagh-Nainital Roap way) उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने ने रानीबाग से नैनीताल के हनुमानगढ़ी तक रोपवे यानी रज्जु मार्ग के निर्माण के लिए हनुमानगढ़ की पहाड़ी के कमजोर होने से संबंधी जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। 

माना जा रहा है कि इससे रानीबाग-नैनीताल के बीए रोपवे के निर्माण के लिए उच्च न्यायालय के स्तर से लगी रोक हट गई है और निर्माण की राह खुल गई है। खंडपीठ ने इस मामले में एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को जिम्मेदार संस्था मानते हुए उसे रज्जु मार्ग के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाने को भी कहा है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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यह भी पढ़ें : रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे के निर्माण की संभावना बढ़ी, हाईकोर्ट ने 45 दिन के भीतर प्रस्ताव मांगा (Ranibagh-Nainital Roap way)

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 जून 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के निर्माण हेतु एनएचएआई यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 45 दिन के भीतर शपथ पत्र के रूप में प्रस्ताव पेश करने को कहा है।

बुधवार को खंडपीठ ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के निर्माण पर नगर के पर्यावरणविद् डॉ. अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से कहा गया कि उसने मार्च 2022 में जर्मन-ऑस्ट्रेलियन कम्पनी को सर्वे के लिए 9 करोड़ का ठेका दे दिया है।

एनएचएआई इस प्रोजेक्ट का नए सिरे से सर्वे करेगी। साथ ही पूरे प्रोजेक्ट का भूगर्भीय सर्वेक्षण भ्ज्ञी किया जाएगा। पुराने प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाने का प्रस्ताव था। अगर बेस स्टेशन के लिए पक्की भूमि नहीं मिलती है तो दूसरी जगह बेस स्टेशन बनाया जा सकता है, चाहे कितने भी स्टेशन क्यों न बनाने पड़ें। यह भी बताया कि शुरुआती दौर में यह प्रोजेक्ट 12 किलोमीटर का है। नए सिरे से डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके लिए उन्हें प्रस्ताव व शपथ पत्र पेश करने के लिए समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने एनएचएआई को 45 दिन का समय दिया।

उल्लेखनीय है कि डॉ. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है, जबकि ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

पूर्व में उच्च न्यायालय ने भी हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। याची का यह भी कहना है कि वह रोपवे के विरोध में नहीं हैं, बल्कि रोपवे के निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जांच कराए जाने के पक्षधर हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : रानीबाग से नैनीताल के बीच प्रस्तावित रोप-वे के मामले में एनएचएआई की इंट्री…. (Ranibagh-Nainital Roap way)

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अप्रैल 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे केबल कार चलाने की योजना के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सुनवाई की अगली तिथि 18 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वर्तमान समय में एनएचएआई भी रोपवे बना रही है। इस रोपवे के सम्बंध में एनएचएआइ का क्या कहना है, उनका मत भी जानना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि नैनीताल निवासी इतिहासकार-पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पर्यटन विकास परिषद और राज्य सरकार की ओर से रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है।

वह इस प्रस्ताव के विरुद्ध नहीं हैं, पर रोपवे के लिए निहाल नाला और बलियानाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है। यह दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहा किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। इसलिए इस स्थान की विस्तृत भूगर्भीय जांच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी उच्च न्याालय ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल के लिए रोप-वे निर्माण पर सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश (Ranibagh-Nainital Roap way)

नवीन समाचार, नैनीताल, 7 दिसंबर 2019। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश के टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए बनाए जाने वाली रोपवे निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। शनिवार को पर्यटन विभाग की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया जिसमें कहा गया है कि रोपवे बनाने की यह पहली सर्वे है और रोपवे कहीं भी बनाये जा सकते है। इनके निर्माण से किसी भी तरह का खतरा होने की आशंका नहीं है।

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोप-वे का निर्माण प्रस्तावित है। रोप-वे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है। ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नही किया जा सकता।

पूर्व में भी उच्च न्यायालय ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। न्यायालय ने पूर्व में उनकी इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड एवं राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था परंतु राज्य सरकार के के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए अतरिक्त समय की मांग की जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पर्यटन सचिव ने बताया-रानीबाग से 30 मिनट में नैनीताल पहुंचने का हो रहा है इंतजाम, 600 करोड़ होंगे खर्च..

-पर्यटन सचिव दिलीप जावलेकर ने मुख्यालय में रोप-वे निर्माण को लेकर हुई बैठक में दी जानकारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जुलाई 2019। सरोवर नगरी को वाहनों के प्रदूषण एवं दबाव से बचाने के साथ ही संतुलनीय पर्यावरण बनाए रखने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार रानीबाग से हनुमानगढ़ी एवं देहरादून से मसूरी के बीच रोपवे बनाने की कवायद में जुटी है। इन दोनों रोपवे प्रोजेक्टों का नेतृत्व कर रहे सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि कहा कि इन रोपवे के निर्माण से पर्यटकों को खासी सुविधा होगी, सैलानी केवल 30 मिनट में नैनीताल की यात्रा कर पाएंगे तथा वाहनों का दबाव भी नैनीताल व मसूरी में कम होगा, तथा पार्किंग की समस्या का समाधान भी होगा। बताया कि इस रोपवे के निर्माण पर लगभग 600 करोड़ की धनराशि व्यय होगी। रोपवे प्रोजेक्ट का कार्य देश-विदेशों में कई रोपवे बना चुकी पोमा प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।

रानीबाग से हनुमानगढ़ी तक आने वाले रोपवे में एचएमटी रानीबाग, डोलमार, ज्योलीकोट तथा हनुमानगढ़ी मंदिर के समीप स्थित पार्क की भूमि की आवश्यकता होगी। भूमि के चयन एवं परीक्षण तथा स्थानान्तरण एवं सर्वे का कार्य इन दिनों किया जा रहा है। कहा कि प्रस्तावित रोपवे पारिस्थितिकी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, इससे पर्यावरण भी दूषित होने से बचेगा। इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को कुमाऊं मंडल के आयुक्त राजीव रौतेला से एलडीए सभागार में महत्वपूर्ण बैठक की।

बैठक में आयुक्त श्री रौतेला ने रोपवे निर्माण के लिए भूमि से सम्बन्धित कार्यों में तेजी लाने के लिए नैनीताल के एडीएम वित्त एवं राजस्व एसएस जंगपांगी को नोडल अधिकारी तथा एसडीएम नैनीताल को प्रभारी अधिकारी नामित किया, और उनसे चिन्हित भूमि-क्षेत्र का नजरिया नक्शा तैयार कराने तथा सभी राजस्व नक्शों को मिलाकर एक नक्शा बनवाने तथा भूमि की मालिकाना स्थिति का भी विस्तृत ब्यौरा तैयार करने, ज्योलीकोट में स्थित उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग की भूमि के हस्तान्तरण के लिए शीघ्र पत्राचार करने तथा प्रस्तावित रोपवे मार्ग में यदि कोई कार्य स्वीकृत है तो उसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कराने के भी निर्देश दिए।

पोमा तथा सीबीआरई साउथ एशिया संस्था के प्रतिनिधियों शारिक खान, आरोहन मेंहदीरत्ता ने बताया कि रोपवे निर्माण के लिए चिन्हित क्षेत्र का कम्पनी द्वारा टोपोग्राफिकल सर्वे किया जा चुका है। पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है तथा विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है जो जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी। बैठक में डीएम सविन बंसल, केएमवीएन के एमडी रोहित मीणा, डीएफओ टीआर बीजुलाल, एडीएम एसएस जंगपांगी, प्राधिकरण सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार, जिला पर्यटन विका अधिकारी अरविंद गौड़ सहित सैयद उसमान व डीएस बसनाल आदि अधिकारी भी मौजूद रहे। ‘नवीन समाचार’ पर अन्य ताज़ा समाचार पढ़ने को यहां क्लिक करें।

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