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June 14, 2025

हाईकोर्ट से नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित के पुत्र को राहत, स्थानांतरण आदेश में विभागीय टिप्पणियां हटाने के निर्देश…

(Divorced Woman Mother of Children-Love Married)

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 मई 2025 (Relief to Son of Accused of Raping Minor by HC)उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में एक 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के अभियोग में आरोपित ठेकेदार उस्मान अली के पुत्र और लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड में कार्यरत अपर सहायक अभियंता मो. रिजवान को उच्च न्यायालय ने कुछ हद तक राहत दी है। न्यायालय ने उनके स्थानांतरण आदेश में की गई ‘प्रतिकूल’ विभागीय टिप्पणियों को हटाने के निर्देश दिये हैं।

न्यायालय की खंडपीठ ने पारित किया आदेश

(Relief to Son of Accused of Raping Minor by HC) (Accused of 12-year Girl Rape Usman Ali Bail Plea) (Son of Rape Accused did not get Relief by Court) (BJP Leader Mukesh Bora ke viruddh NBW jaariप्राप्त जानकारी के अनुसार मो. रिजवान ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय में अपने स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी थी। इधर उनके अधिवक्ता का कहना था कि वह एक सरकारी अधिकारी के रूप में स्थानांतरण का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उनके विरुद्ध “कार्य में शिथिलता” तथा “वरिष्ठों के आदेशों की अवहेलना” जैसे दावे बिना किसी प्रमाण के विभागीय टिप्पणियों में दर्ज किये गये हैं, जो उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार किया। 

स्थानांतरण आदेश को बताया उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम 2017 का उल्लंघन

मो. रिजवान को लोक निर्माण विभाग के निर्माण प्रभाग खटीमा से अस्थायी प्रभाग घनसाली स्थानांतरित किया गया था। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि यह स्थानांतरण आदेश उत्तराखंड स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 18(4) का उल्लंघन है। उनके विरुद्ध किया गया स्थानांतरण आदेश प्रशासनिक आधार पर किया गया था, परंतु उसमें प्रतिकूल टिप्पणियां जोड़ दी गईं, जो कि न केवल गलत हैं बल्कि दुर्भावनापूर्ण भी प्रतीत होती हैं।

न्यायालय ने दी याचिका को अनुमति

खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभागीय स्तर पर याचिकाकर्ता के विरुद्ध स्थानांतरण आदेश में दर्ज प्रतिकूल टिप्पणियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाये। इससे याचिकाकर्ता के भविष्य में होने वाले मूल्यांकन या पदोन्नति में कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। अलबत्ता न्यायालय ने किसी तरह की अवहेलना किए जाने पर कार्रवाई की छूट भी दी है। 

प्रकरण से जुड़ी पृष्ठभूमि (Relief to Son of Accused of Raping Minor by HC)

ज्ञात हो कि मो- रिजवान नैनीताल में पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज अभियोग में आरोपित 70 वर्षीय ठेकेदार उस्मान अली के पुत्र हैं। हालांकि यह अभियोग उनके पिता से संबंधित है, किन्तु विभाग द्वारा स्थानांतरण आदेश में अप्रत्यक्ष रूप से इसे आधार बनाने का प्रयास किया गया, जिससे याचिकाकर्ता ने न्यायालय की शरण ली।

इस निर्णय को उत्तराखंड के शासन-प्रशासन में व्यक्तिगत आचरण और दायित्व की निष्पक्षता के सिद्धांत की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि स्थानांतरण आदेश प्रशासनिक प्रक्रिया है, किंतु उसके माध्यम से किसी अधिकारी की छवि को बिना प्रमाण धूमिल नहीं किया जा सकता। (Relief to Son of Accused of Raping Minor by HC)

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