कहीं आप भी तो निकाय चुनाव में मतदान करने-चुनाव लड़ने के बाद पंचायत चुनाव लड़ने या वोट देने की तो नहीं सोच रहे…

निकाय चुनाव में भागीदारी के बाद पंचायत चुनाव में नहीं कर सकते भाग, जानें पूरी प्रक्रिया, हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव प्रक्रिया जारी
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जून 2025 (Rules For Contesting-Voting Panchayat Election)। उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद को छोड़कर राज्य के सभी 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया गतिमान है। इस दौरान अनेक लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि वे नगर निकाय चुनाव में मतदान कर चुके हैं या प्रत्याशी रह चुके हैं, तो क्या अब वे ग्राम पंचायत चुनाव में भी मतदान कर सकते हैं अथवा प्रत्याशी बन सकते हैं।
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
इस विषय में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत करते हुए कहा है कि कुछ जनपदों में पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने नगर निकाय चुनाव में मतदान किया या चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को नियम विरुद्ध बताते हुए निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की है।
सोशल मीडिया में वायरल पत्र को बताया फर्जी
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी टिहरी गढ़वाल के हवाले से दावा किया गया कि नगर निकाय चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति का नाम यदि पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल है, तो उसका नामांकन रद्द हो सकता है। हालांकि इस पर टिहरी की मुख्य विकास अधिकारी व उप जिला निर्वाचन अधिकारी वरुणा अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस पत्र को भ्रामक व फर्जी बताया है।
निर्वाचन आयोग की स्पष्टता
इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष सुशील कुमार ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव में वही व्यक्ति भाग ले सकता है, जिसका नाम पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में हो। वहीं आयोग के सचिव राहुल गोयल की ओर से सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 के तहत नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
नामांकन निरस्त हो सकता है
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का नाम एक ही समय में निकाय व पंचायत दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसे नियमविरुद्ध माना जाएगा। यदि विरोधी प्रत्याशी इस पर आपत्ति दर्ज कराता है, तो जांच उपरांत ऐसे व्यक्ति का नामांकन निरस्त किया जा सकता है।
यह है समाधान (Rules For Contesting-Voting Panchayat Election)
जो लोग गांव में पंचायत चुनाव लड़ना या मतदान करना चाहते हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका नाम नगर निकाय की मतदाता सूची से कट चुका हो। केवल पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य है। ऐसे में जो लोग निकाय चुनाव में मतदान कर चुके हैं या प्रत्याशी रहे हैं, उन्हें निकाय क्षेत्र से नाम कटवाए बिना पंचायत चुनाव में भागीदारी से बचना होगा। (Rules For Contesting-Voting Panchayat Election)
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