‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2 करोड़ यानी 20 मिलियन बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिये यहां देखें और अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर।

 

यहां आपके विज्ञापन को कोई फाड़ेगा नहीं-बारिश से गलेगा भी नहीं, और दिखेगा ही : जी हां, हमें पता है कि आप अपने विज्ञापनों के पोस्टरों-होर्डिंगों के विरोधियों व प्रशासन के द्वारा फाड़े जाने और बारिश से गलने से परेशान हैं। तो यहां ‘नवीन समाचार’ पर लगाइये अपना विज्ञापन। यहां प्रतिदिन आपका विज्ञापन लगभग एक लाख बार लोगों को दिखाई देगा, और इस विश्वसनीय माध्यम पर आपको भी गंभीरता से लिया जाएगा । संपर्क करें: 8077566792 या 9412037779 पर।

October 4, 2024

इस वर्ष माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियों के निर्माण के लिये रोखड़ से लाया जाएगा पवित्र कदली दल

Nanda Sunanda Navin Samachar

नवीन समाचार, नैनीताल, 25 अगस्त 2024 (Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad)। नैनीताल में आयोजित होने जा रहे 122वें श्रीनंदा देवी महोत्सव-2024 के लिए इस वर्ष कदली दल यानी केले के वृक्षों के जोड़े को निकटवर्ती ग्राम रोखड़ मंगोली से लाया जाएगा। यह पवित्र वृक्ष रोखड निवासी बीरेंद्र जीना और ग्राम प्रधान योगेश्वर जीना के खेत से चुना गया है। आयोजक संस्था के कदली दल चयन दल ने आज धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए कदली दल का चयन किया।

इसलिये और इस तरह होता है कदली दलो का चयन (Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad)

(Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad)
ग्राम रोखड़ में कदली दल के चयन के मौके पर ग्रामीण एवं आयोजक संस्था के लोग।

उल्लेखनीय है कदली यानी केले का वानस्पतिक नाम मूसा परडिसीएका व इसका कुल म्यूजिशियाई है। इसे देव गुरु वृहस्पति का प्रिय माना जाता है और इसमें लक्ष्मी का वास होता है। पारिस्थितिक रूप से यह घुलनशील होता है। इसलिये माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियों के निर्माण के लिये इस वृक्ष के चयन की परंपरा है। और परंपरा के अनुसार जगह साफ-सुथरी और शुद्ध होनी चाहिए, साथ ही वृक्ष में फूल नहीं आया होना चाहिए और वह कटा नहीं होना चाहिए। चयन प्रक्रिया के दौरान सर्वप्रथम चावल डालकर विधि संपन्न की जाती है।

वृक्ष चयन में राम सिंह बिष्ट ने विशेष योगदान दिया। गांव से वृक्ष चयनित होने पर पूरे रोखड़ ग्राम के वासी प्रफुल्लित एवं हर्षित हुए। कदली दल में विमल चौधरी, हीरा रावत, गोधन सिंह, और भुवन बिष्ट शामिल रहे। बताया गया है कि आगे श्री नंदा महोत्सव के उद्घाटन के दिन 8 सितंबर को कदली वृक्ष को रोखड़ से लाने के लिये आयोजक संस्था का दल रवाना होगा और अनुष्ठान के बाद 9 सितंबर को पूजन के पश्चात यह पवित्र वृक्ष नैनीताल लाया जाएगा, और इसे माता नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा। (Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad)

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..। (Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad, Nainital News, Nanda Devi Mahotsav, Sacred Banana Trees will be brought from Rokhad, Village Rokhad, Sacred Banana Trees, Mata Nanda-Sunanda, Rokhad Village, Mangoli Village,)

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page