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October 11, 2024

उत्तराखंड के कुमाऊं में दूसरा जोशीमठ तैयार, आदि गुरु शंकराचार्च द्वारा स्थापित मंदिर सहित 2 दर्जन से अधिक घरों में दरारें, 131 परिवार प्रभावित..

Kanda Khadiya Khanan Prabhavit Sadasya Navin Samachar

नवीन समाचार, बागेश्वर, 8 सितंबर 2024 (Second Joshimath ready in Kumaon-Kanda-Bageshwar)  मानव की मां रूपी पृथ्वी का सीना चीर कर भी न मिट रही भूख ने अब स्थितियों को अस्तित्व का संकट उत्पन्न करने की स्थिति तक पहुंचा दिया है। राज्य के कुमाऊं की काशी कहे जाने वाले बागेश्वर जनपद का एक बड़ा क्षेत्र मां के दूध सी ही सफेद खड़िया-सोप स्टोन के अत्यधिक खनन से पिछले वर्ष घरों में आयी दरारों से कराहते जोशीमठ की स्थिति में पहुंच गया है।

यहां कांडा क्षेत्र में लगभग दो दर्जन घरों की छतों और दीवारों में दरारें पड़ने से यहां के लोग गहरे चिंतित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि खड़िया खनन से जुड़े लोगों और ठेकेदारों द्वारा किए गए गड्ढों को यूं ही छोड़ दिये जाने के कारण हुए भूधंसाव से यहां यह स्थिति बनी है।

आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा कांडा स्थापित मां कालिका मंदिर बागेश्वर के कांडा की कालिका मां ने दूर किया था काल का आंतक, जगदगुरु आदि  शंकराचार्य ने की मंदिर की स्थापना - Kalika maa of Kanda in Bageshwar had  removed the terror
आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा कांडा स्थापित मां कालिका मंदिर

फलस्वरूप उनके खेतों के साथ-साथ गौचर, पनघट, रास्ते और प्राकृतिक जल स्रोतों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। यहां तक कि खनन के कारण आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा कांडा स्थापित मां कालिका मंदिर, गैस गोदाम और राजकीय बालिका इंटर कालूज कांडा को भी खतरा उत्पन्न हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने एक खड़िया खान को बंद कर दिया था, परंतु अन्य खानों में अवैज्ञानिक तरीके से खनन होता रहा।

131 खड़िया खानें, 80 प्रभावित परिवार

After Joshimath cracks in more than 50 houses in Karnprayagयह मामला गत दिवस जिलाधिकारी के जनता दरबार में ग्रामीणों द्वारा की गयी शिकायत के बाद सामने आया, जिसके बाद जिला अधिकारी अनुराधा पाल ने खनन विभाग और तहसील प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा और खनन अधिकारियों ने भूवैज्ञानिकों के साथ क्षेत्र का दौरा किया। जिला खनन अधिकारी जिज्ञासा बिष्ट ने बताया कि यहां 20 से 25 परिवार प्रभावित हैं, लेकिन अधिकांश गांव खाली हो चुके हैं। क्षेत्र की तकनीकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। एनजीटी के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। प्रशासन ने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हालात इससे कहीं भयावह

उत्तराखंड: बागेश्वर के कांडा में खनन के कारण हो सकती है जोशीमठ जैसी तबाही,  कई घरों में आई दरार - Rampant chalk mining leads to Joshimath like  catastrophe in Bageshwar Kanda ntc -कांडा क्षेत्र खड़िया खनन के गंभीर परिणाम भुगतने की स्थिति में खड़ा है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार वर्तमान में भूस्खलन की चपेट में 131 परिवार हैं, जिनमें से 80 परिवार खनन क्षेत्र से प्रभावित हैं। कांडा तहसील के 25 मकानों में दरारें आ चुकी हैं और मां कालिका मंदिर भी खतरे में है। जिले में 131 खड़िया खानें स्वीकृत हैं, जिनमें से 59 वर्तमान में कार्यरत हैं।

स्थानीय निवासियों की समस्या की अनदेखी

(Second Joshimath ready in Kumaon-Kanda-Bageshwar) गांव के निवासी हेम कांडपाल व भाष्कर कांडपाल ने बताया कि दरारें पिछले वर्ष से ही दिखाई देनी शुरू हो गई थीं। जब मां कालिका मंदिर में दरारें आईं, तो जांच के लिए एक टीम आई थी, परंतु ग्रामीणों की समस्या को नजरअंदाज कर दिया गया। स्थिति गंभीर होने पर कई परिवार पलायन को मजबूर हो गए हैं, जिसके बाद प्रशासन ने अब टीम भेजी है।

एनजीटी के संज्ञान लेने से उम्मीदें बढ़ीं (Second Joshimath ready in Kumaon-Kanda-Bageshwar) 

एनजीटी द्वारा कांडा क्षेत्र में खनन से घरों और मंदिर में आई दरारों का संज्ञान लेने से ग्रामीणों की उम्मीदें बढ़ी हैं। पीड़ित परिवारों को अब एनजीटी से न्याय मिलने की उम्मीद है और वे अवैध खनन के बंद होने और नुकसान की भरपाई की आशा कर रहे हैं। (Second Joshimath ready in Kumaon-Kanda-Bageshwar, Uttarakhand News, Bageshwar News, Land Slide, Joshimath, Kumaon News, Uttarakhand, Kanda News, cracks in more than 2 dozen houses, Cracks in Temple established by Adi Guru Shankaracharya, 131 families affected, Gharon men Dararen,)

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