-हिमालयी वर्गीकरण शास्त्री स्वर्गीय डा. पांगती को वेबीनार आयोजित कर दी श्रद्धांजलि
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 29 अगस्त 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के मुख्यालय स्थित डीएसबी परिसर के वनस्पति विज्ञान विभाग में पूर्व प्रोफेसर तथा हिमालयी वर्गीकरण शास्त्री स्वर्गीय डा. यशपाल सिंह पांगती की तृतीय पुण्यतिथि पर डॉ. वाईपीएस पांगती रिसर्च फाउंडेशन सोसायटी द्वारा वेबीनार आयोजित कर और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर स्वर्गीय पांगती की स्मृति में हिमालयी पर्यावरण एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा कि प्रो. वाईपीएस पांगती एक समर्पित प्राध्यापक तथा शोधार्थी रहे। कहा कि हिमालय विश्व की जैव विविधता को ‘हॉट स्पॉट’ है। यहा की 80 फीसद ग्रामीण आबादी औषधीय पौधो पर अपनी आजिविका के लिए निर्भर है। यह औषधीय पौधे राज्य में रोजगार के जरिए पलायन को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। संस्था के महासचिव प्रो. ललित तिवारी ने संचालन करते हुएं स्व प्रो. पांगती के जीवन वृत्त तथा पादप जगत में उनके द्वारा किये गए योगदान पर प्रकाश डाला। बताया कि कि उन्होंने 150 शोध पत्र, 12 पुस्तक लिखी तथा 40 शोधार्थियों ने उनके निर्देशन में शोध कार्य किये।
वन्य जीव संस्थान देहरादून के पूर्व निदेशक प्रो. जीएस रावत, सीएसआईआरएआईएचवीटी के निदेशक डॉ. संजय कुमार, आईसीएफआरई वुड सांइस संस्थान बैगलरू के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केके पांडे, एचआरडीआई गोपेश्वर के पूर्व निदेशक डॉ. एनसी साह, एचएफआरआई शिमला के निदेशक डॉ. एसएस सांमत आदि ने वेबीनार में विचार रखे। सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. बीएस कालाकोटी ने अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत व अभिनंदन तथा डॉ. नीलू लोधियाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार में 143 प्रतिभागियों द्वारा पंजीकरण करवाया गया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : कोरोना महामारी के उपरांत उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों पर हुई आनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी
डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अगस्त 2021। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर के अर्थशास्त्र विभाग डीएसबी परिसर में कोरोना महामारी के उपरांत उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों पर आनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किय गयाा। संगोष्ठी का उद्घाटन कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन जोशी ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. भगवान सिंह बिष्ट ने प्राकृृतिक एवं मानवीय साधनों का सतत विकास के साथ उपयोग करते हुए स्वतः रोजगार सृृजन, ग्रामीण उद्यमिता आदि पर जोर देते हुए अपने विचार रखे। प्रो. केएन भट्ट ने पर्यावरणीय विकास के साथ रोजगार को जोड़ने और रोजगार के साथ ही पर्यावरण को भी संरक्षित रखने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि राज्य में कृृषि, पर्यटन व एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
प्रो. धनेश पांडे ने अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र को बढ़ावा देने, फल संरक्षण को बढ़ावा देने, विपणन पक्ष की कमियों को दूर करने, पर्यटन के नये आयामों को रोजगार के लिये खोजने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव व्यक्त किये। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी के संयोजक प्रो. पदम एस बिष्ट ने तथा संचालन डॉ. ऋचा गिनवाल व डॉ. सारिका वर्मा ने किया। संगोष्ठी को सफल बनाने में आयोजक सचिव डॉ. जितेन्द्र कुमार लोहनी, संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. रजनीश पांडे, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. ऋचा गिनवाल, डॉ. दलीप कुमार, डॉ. नवीन राम, कैलाश बिष्ट, रमेश पांडे आदि मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।