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December 6, 2024

घोषणा के डेढ़ वर्ष के बाद क्या है कैंची धाम के बाइपास की स्थिति, कितना दूर-कितना पास ?

Pahadi Road Sadak

डॉ. नवीन जोशी: नवीन समाचार, नैनीताल, 7 नवंबर 2024 (Status of Kainchi Dham Bypass after 1-5 Year) नैनीताल जनपद का कैंची धाम बीते करीब दो वर्षों में श्रद्धालुओं की बेतहाशा बढ़ रही भीड़ के साथ प्रदेश के सर्वाधिक समस्याओं युक्त धार्मिक स्थल के रूप में भी बदल गया है। नैनीताल जनपद से अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जनपदों को जोड़ने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109 पर स्थित होने के कारण यहां भवाली से पाडली तक यानी 10 से 14 किलोमीटर क्षेत्र में जाम लग रहा है।

(Status of Kainchi Dham Bypass after 1-5 Year)इस समस्या के समाधान के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 अप्रैल 2023 को हल्द्वानी में कुमाऊं महोत्सव के दौरान कैंचीधाम के लिये भवाली से रातीघाट तक बाइपास के निर्माण सहित अन्य घोषणाएं की थीं। लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष का समय बीतने के बावजूद अभी भी कैंची धाम का बाइपास दूर की कौड़ी ही नजर आ रहा है।

इस बारे में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता पीसी उप्रेती ने बताया कि भवाली सेनिटोरियम से पाडली तक की लगभग 15 किमी की दूरी के लिये सेनिटोरियम से दूनीखाल, सिरोड़ी होते हुए पाडली तक वैकल्पिक मार्ग के बाइपास के रूप में निर्माण प्रस्तावित है। इस मार्ग में पहले से मौजूद सेनिटोरियम सिरोड़ी तक 8 किमी का एक लेन का मार्ग पहले से मौजूद है, जिसे 8 मीटर चौड़े डेढ़ लेन मार्ग में बदलने के लिये दूनीखाल तक चौड़ीकरण व सुधारीकरण का कार्य चल रहा है। इस कार्य के मार्च-अप्रैल 2025 तक पूरा होने की संभावना है।

जबकि इससे आगे यानी दूनीखाल से पाटली तक 11 किमी लंबी आठ मीटर चौड़ी सड़क और पाडली में 70 मीटर लंबे पुल के निर्माण के लिये 26.3 लाख रुपये की प्रथम चरण की स्वीकृति मिली थी। इस मार्ग के बनने से लगभग 15 की जगह 19 किमी में सेनिटोरियम से पाडली पहुंचा जा सकेगा। इस धनराशि से सर्वेक्षण व नयी सड़क के अलाइनमेंट और भूवैज्ञानिकों के सर्वेक्षण के कार्य हो चुके है।

इसके बाद इन दिनों वन विभाग की ओर से मार्ग निर्माण में बाधक बन रहे पेड़ों की गिनती का कार्य अंतिम स्थिति में है। इसके बार ऑनलाइन आवेदन प्रभागीय वनाधिकारी को भेजा जाएगा। अलबत्ता समझा जा सकता है कि वन विभाग से इस 11 किमी मार्ग के लिये वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने, धनराशि स्वीकृत होने और मार्ग के निर्माण होने तथा इस पर यातायात स्वीकृत होने में कम से कम भी डेढ़ वर्ष का समय लगना तय है।

कार्यों की गति की स्थिति

उल्लेखनीय है कि भवाली के बाइपास के लिये पहले से लोनिवि के अस्थायी खंड भवाली के द्वारा सेनिटोरियम से अल्मोड़ा रोड पर पेट्रोल पंप से आगे तक मात्र 1.95 किमी सड़क और पुल का काम एक वर्ष से भी अधिक समय से चल रहा है और अभी भी सड़क भी ठीक से नहीं बन पायी है, जबकि पुल का कार्य पूरी तरह से क्षेत्र है।

इसी तरह भवाली के ही नैनी बैंड से सेनिटोरियम तक के अन्य बाइपास का निर्माण भी पिछले 3-4 वर्षों से चल रहा है, और पिछले दो वर्षों में तो इस मार्ग के कच्चा बनने के बाद 15 जून को कैंची धाम में लगने वाले मेले के दौरान अस्थायी पार्किंग के रूप में हो चुका है, लेकिन अभी भी यह मार्ग वाहन चलाने की स्थिति में नहीं है। इस पर डामरीकरण का कार्य भी होना शेष है।

हरतपा वाले अन्य वैकल्पिक मार्ग में केवल बजट बढ़ाने की कोशिश (Status of Kainchi Dham Bypass after 1-5 Year)

नैनीताल। इधर कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री एवं अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैंची धाम के बाइपास के लिये हरतपा मार्ग से एक वैकल्पिक मार्ग बनाने की बात हुई है। बताया गया है कि इस मात्र 1.9 किमी मार्ग पर एक 325 मीटर सुरंग का निर्माण भी प्रस्तावित कर दिया गया था, जिसे लेकर लोनिवि के अधिकारी भी तैयार नहीं थे।

क्योंकि इस सुरंग पर ही 60-70 करोड़ का खर्च आता और यह मार्ग बन भी जायेगा तो इसके बावजूद भवाली से पाडली के बीच जाम में केवल कैंची धाम के 1-2 किमी क्षेत्र को छोड़कर कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। इधर बताया गया है कि इस सुरंग का प्रस्ताव लगभग निरस्त हो गया है और इसकी जगह केवल घुमावदार सड़क बनने की ही संभावना बताई गयी है। उल्लेखनीय है इस क्षेत्र में पहले से भूस्खलन भी होता रहता है। (Status of Kainchi Dham Bypass after 1-5 Year)

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