राष्ट्रीय सम्मेलन में फॉरेंसिक साइंस के विद्यार्थियों की स्वर्णिम सफलता, ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कुमाऊँ विवि ने किया नवाचार

फॉरेंसिक साइंस में राष्ट्रीय स्तर की चमक (Success of Forensic Science-Kumaon University)
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 जून 2025। कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के फॉरेंसिक साइंस विभाग के एमएससी द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल कर विश्वविद्यालय व जनपद की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। अल्मोड़ा स्थित सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल साइंसेज एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित ‘भारतीय फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी कांग्रेस’ के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आईसीएफएमटी-मिडकॉन 2025’ में गौरव मठपाल ने स्वर्ण, लता बोरा ने रजत तथा संजना ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
अतिथि व्याख्याता डॉ. नगमा परवीन के निर्देशन में अर्जित यह उपलब्धि फॉरेंसिक साइंस में न केवल उनकी शैक्षणिक दक्षता का परिचायक है, बल्कि नैनीताल व कुमाऊँ विवि की शैक्षणिक प्रतिष्ठा को भी सुदृढ़ करती है। इस सफलता पर कुलपति प्रो. दीवान रावत ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए इसे विभाग की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान निष्ठा और विद्यार्थियों की मेहनत का प्रतिफल बताया है।
कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, संकायाध्यक्ष डॉ. महेंद्र राणा, प्रो. संतोष कुमार, डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा तथा जनसंपर्क अधिकारी डॉ. रीतेश साह ने भी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने की ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की पहल (Success of Forensic Science-Kumaon University)
उधर, कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी उल्लेखनीय पहल करते हुए अपने प्रशासनिक और विभागीय भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर पर्यावरण संरक्षण एवं नवाचार के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
विश्वविद्यालय ने उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के सहयोग से प्रशासनिक भवन में 150 किलोवाट, हरमिटेज भवन में 152 किलोवाट, डीएसबी परिसर में 393 किलोवाट, भूविज्ञान विभाग में 40 किलोवाट, नैनो साइंस विभाग में 25 किलोवाट तथा रसायन विभाग में 20 किलोवाट क्षमता के संयंत्रों की स्थापना की है। अनुमान के अनुसार, एक सामान्य संयंत्र 500 वॉट विद्युत उत्पन्न करता है, और 150 किलोवाट के संयंत्र के लिए लगभग 300 सौर पैनल की आवश्यकता होती है।
परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा विद्युत विभाग की ग्रिड को प्रदान की जा रही है, जिससे विश्वविद्यालय को विद्युत शुल्क में छूट मिल रही है। यह दीर्घकालिक रूप से विश्वविद्यालय की ऊर्जा आवश्यकता को पूर्ण करने की दिशा में ठोस कदम है, जो आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।
इस नवाचार के पीछे कुलपति प्रो. दीवान रावत की पर्यावरणीय दृष्टिकोण, तकनीकी नवाचारों के प्रति आग्रह एवं ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की भावना प्रेरणास्रोत रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह परियोजना विश्वविद्यालय को न केवल ऊर्जा व्यय से मुक्ति दिलाएगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा व सतत विकास के क्षेत्र में भी कुमाऊँ विवि को अग्रणी बनाएगी। (Success of Forensic Science-Kumaon University)
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे थ्रेड्स चैनल से, व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।
(Success of Forensic Science-Kumaon University, Nainital News, Kumaun University, Forensic Schience, Innovation, Kumaun University News, Forensic Science Students Win Medals, ICFMT Midcon 2025, National Forensic Conference, Gold Medal Winner Forensic India, Solar Energy Kumaun University, Renewable Energy Uttarakhand, Kumaun University Solar Plant, Rooftop Solar Installation Campus, MSC Forensic Students Achievement, Dr. Diwan S Rawat Kumaun University, Kumaun University Green Initiative, UREDA Solar Project, Indian Forensic Congress 2025, Students Awards Kumaun University, Uttarakhand University News, Energy Self Reliance University, Sustainable Development In Campuses, Solar Power In Education Institutions, Environmental Awareness University India, Golden success of Forensic Science students in the national conference, Kumaon University innovated towards energy self-sufficiency, energy self-sufficiency,)