नैनीताल के एक दर्जन होटलों पर कार्रवाई की तलवार !

-हाईकोर्ट ने नैनीताल झील को प्रदूषित करने के मामले में होटल स्वामियों पर कसी लगाम, यूकेपीसीबी व एनजीटी के नियमों के उल्लंघन पर न्यायालय सख्त, अगली सुनवाई 11 जुलाई तक मांगी नियमों के उल्लंघन की अलग-अलग रिपोर्ट (Sword of action on a dozen Hotels in Nainital)
नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जून 2025। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद मुख्यालय के एक दर्जन होटलों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई लगती है। नैनीताल की नैनी झील की शुद्धता व पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर गहरी चिंता के बीच नैनीताल उच्च न्यायालय ने झील में सीवरेज का गंदा पानी प्रवाहित करने वाले होटलों पर कड़ा रुख अपनाया है। देखें संबंधित वीडिओ-नैनीताल में सीवर लाइनों की ऐसी स्थिति :
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) को निर्देश दिए हैं कि जिन 1 दर्जन होटलों को नोटिस जारी किए गये हैं, उनके विरुद्ध नियमों के उल्लंघन की अलग-अलग रिपोर्ट अगली तिथि तक न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।
होटलों की सीवरेज प्रणाली में पाई गई गंभीर खामियां
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूकेपीसीबी ने झील के आसपास स्थित कुल 16 होटलों को नोटिस जारी किए थे। जांच में पाया गया कि अधिकांश होटलों ने सीवरेज प्रणाली को यूकेपीसीबी व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं सुधारा है। इन होटलों को पर्यावरण को क्षति पहुँचाने पर जुर्माना लगाया गया था। हालांकि 4 होटल स्वामियों ने निर्धारित धनराशि जमा कर अपनी सीवरेज लाइनें ठीक कर ली हैं, लेकिन शेष होटल स्वामियों ने अब तक न तो राशि जमा की और न ही लाइनों को दुरुस्त किया है।
होटल स्वामियों ने बताया स्वयं को निर्दोष
आज की सुनवाई में होटल स्वामियों की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि उन्होंने पीसीबी व एनजीटी के सभी नियमों का पालन किया है। उनके होटल सीवरेज लाइनों से विधिवत जुड़े हैं और नालों में गंदा पानी उनके द्वारा नहीं छोड़ा जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि पर्यावरण मानकों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं हुआ है, अतः लगाया गया जुर्माना हटाया जाए।
न्यायालय ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यूकेपीसीबी को यह सुनिश्चित करना होगा कि होटल स्वामियों की क्षमता व वास्तविक स्थिति के अनुसार अलग-अलग विवरण सहित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। न्यायालय ने 11 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है।
कोहिनूर, राज महल कंपाउंड सहित कई होटल विवाद में (Sword of action on a dozen Hotels in Nainital)
प्रकरण में नैनीताल के कोहिनूर होटल, राज महल कंपाउंड, न्यू पायल, गोल्डन नेस्ट, फॉरेस्ट यूनिट सहित अन्य होटलों के विरुद्ध आरोप हैं कि उन्होंने सीवरेज को नालों में बहा कर झील को प्रदूषित किया है। हालांकि कुछ याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि उन्हें सीवर लाइन से जुड़ने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया गया था, और उन्होंने इस अवधि में आवेदन भी प्रस्तुत कर दिया था, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत दी जानी चाहिए।
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