उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद भी जनजातीय लोग कर सकेंगे बहु विवाह…. जानें क्यों…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 जनवरी 2025 (UCC in Uttarakhand-Polygamy Leagel for Tribals)। उत्तराखंड सरकार ने सोमवार 20 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मैनुअल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने यूसीसी का अंतिम नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ऐसा संकेत देते हुए UCC को प्रदेश के विकास और सामाजिक समानता की दिशा में बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के शुभ अवसर के बाद से यूसीसी को लागू करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।
समान नागरिक संहिता : उद्देश्य
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने और भरण-पोषण जैसे मुद्दों पर सभी धार्मिक समुदायों के लिए एक समान कानून लागू करना है। भारत में वर्तमान में एक समान आपराधिक कानून है, लेकिन नागरिक कानून विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए भिन्न हैं। यूसीसी के तहत मुस्लिम पर्सनल लॉ से जुड़ी हलाला, इद्दत और बहुविवाह जैसी प्रथाएं-गैर कानूनी घोषित हो जाएंगी। हालांकि, आदिवासी समुदायों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा गया है।
मुस्लिम समुदाय पर प्रभाव
यूसीसी लागू होने के बाद मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह की अनुमति समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, निकाह हलाला और इद्दत जैसी प्रथाएं गैरकानूनी घोषित होंगी। वर्तमान में भारत में मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह की संख्या अन्य धार्मिक समुदायों से अधिक है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बहुविवाह करने वालों में मुस्लिम समुदाय का प्रतिशत 1.9 है, जबकि हिंदुओं का प्रतिशत 1.3 है।
जनजातीय परंपराओं पर प्रभाव
उत्तराखंड की जौनसारी और भोटिया जनजातियों में पारंपरिक रूप से बहुविवाह की प्रथाएं प्रचलित हैं। जौनसारी जनजाति में महिलाएं एक से अधिक पुरुषों के साथ विवाह करती हैं, जबकि भोटिया जनजाति में पुरुषों को बहुविवाह की अनुमति है। यूसीसी के दायरे से इन जनजातियों को बाहर रखा गया है, जिससे उनकी परंपराएं अप्रभावित रहेंगी। इन जनजातियों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाना उनकी पारंपरिक मान्यताओं और परंपराओं के प्रति सम्मान को दर्शाता है। यह इसलिए भी किया गया है कि उनकी विशिष्टता बनी रहे।
उत्तराखंड की जनजातीय संरचना
उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियों में जौनसारी, थारू, राजी, बुक्सा और भोटिया शामिल हैं। इन जनजातियों में थारू जनजाति 33.4% जनसंख्या के साथ सबसे बड़ा समूह है। जौनसारी जनजाति 32.5%, बुक्सा जनजाति 18.3%, और भोटिया जनजाति 14.2% की जनसंख्या के साथ क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। राजी और बुक्सा जनजातियां सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी मानी जाती हैं और इन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है।
पारंपरिक शिल्प और संस्कृति (UCC in Uttarakhand-Polygamy Leagel for Tribals)
उत्तराखंड की जनजातियों ने अपनी पारंपरिक जीवनशैली को संरक्षित रखा है। इनमें हस्तशिल्प और परंपरागत कौशल का विकास हुआ है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहा है। इन जनजातियों की सांस्कृतिक विविधता राज्य की धरोहर है। समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन उत्तराखंड सरकार का ऐतिहासिक कदम है। यह समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा। (UCC in Uttarakhand-Polygamy Leagel for Tribals)
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे थ्रेड्स चैनल से, व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।
(UCC in Uttarakhand-Polygamy Leagel for Tribals, Uttarakhand News, UCC in Uttarakhand, UCC, Rules for Polygamy in UCC Uttarakhand, Uniform Civil Code, UCC in Uttarakhand, Tribal Traditions, Polygamy in Tribes, Uttarakhand Government, Pushkar Singh Dhami, Women’s Rights, Muslim Personal Law, Halala Ban, Tribal Population, Jonsari Tribe, Bhotiya Tribe, Uttarakhand News, UCC Implementation, Tribal Exemption, Even after the implementation of UCC in Uttarakhand, tribal people will be able to do polygamy, Know why, Even after Uniform Civil Code UCC is implemented in uttarakhand, these people can marry more than one Spouse, More than 1 Marriage,)